Parent Teacher Meeting 2025-26 : पालक-शिक्षक बैठक के क्या हैं निर्देश

Parent Teacher Meeting (पालक शिक्षक बैठक ) :- एक ऐसा अवसर होता है जहां विद्यालय के शिक्षक और विद्यार्थियों के माता-पिता या अभिभावक एक साथ मिलते हैं। इस PTM बैठक का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थी की शैक्षिक प्रगति, व्यवहार, और अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा करना होता है।

पालक-शिक्षक बैठक 2025-26

PTM आदेश दिनांक
15/07/2025
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Parent Teacher Meeting
क्र.पालक-शिक्षक बैठकआयोजन का स्तरआयोजन दिनांक/अवधि
01.प्रथम मेगा बैठकविद्यालय स्तर परमाह अगस्त प्रथम सप्ताह
02.द्वितीय बैठकविद्यालय स्तर परतिमाही परीक्षा पश्चात्
10 दिवस के भीतर
03.तृतीय बैठकविद्यालय स्तर परछःमाही परीक्षा पश्चात्
10 दिवस के भीतर
Parent Teacher Meeting
  • प्रथम पालक-शिक्षक बैठक का आयोजन पूरे राज्य में अगस्त प्रथम सप्ताह में किये जाने का निर्णय शासन द्वारा लिया गया है।
  • इस बैठक को भव्य स्वरूप में विद्यालय स्तर पर आयोजित करने हेतु कलेक्टर/जिला शिक्षा आभिकारीयों को अपने जिले के लिये कार्य योजना तैयार करने का निर्देश है।
  • जिसमें जिले के सभी अधिकारियों को प्रभारी बनाते हुए सफल क्रियान्वयन करने का निर्देश है।
  • जिससे इस पालक-शिक्षक बैठक के सफल आयोजन से पूरे राज्य में पढ़ाई के प्रति एक सकारात्मक माहौल तैयार हो सके।
  • इसके साथ ही पालक अपने बच्चे की पढ़ाई प्रगति के प्रति जागरूक हो सके।
  • सभी संयुक्त संचालकों को निर्देश है कि है अपने नियंत्रणाधीन जिलों में सधन मॉनीटरिंग सुनिश्चित करते हुए पालक शिक्षक बैठक का सफल क्रियान्वयन करें।
  • द्वितीय एवं तृतीय बैतक का आयोजन विद्यालय स्तर पर तिमाही एवं छःमाही परीक्षा/आकलन के 10 दिवस के भीतर करने का निर्देश है।
  • जिसमें प्रत्येक पालक को उनके बच्चों की अकादमिक एवं पाठ्‌येतर उपलब्धियों से व्यक्तिगत रूप से अवगत कराते हुए उनके प्रगति के संबंध में आवश्यक विचार विमर्श करने का निर्देश है।

01.घर का वावावरण –

  • बच्चों की पढ़ाई के लिए उचित वातावरण हेतु घर में ही पढ़ाई का कोना या एक निश्चित स्थान तय करना है |
  • जहां उचित प्रकाश एंव रोशनी हो जिससे बच्चों में पढ़ाई के प्रति रूचि विकसित की जा सके।
  • संभवतः यह स्थान घर के प्रवेश द्वार से दूर हो ताकि घर में आने-जाने वाले व्यक्तियों से बच्चों को पढ़ाई के समय कोई बाधा न हो।
  • जहां छात्र पढता है वहां पर समय सारणी चस्पा करना ताकि बच्चा पढ़ाई के लिए अनुशासित हो।

02.छात्र दिनचर्या –

  • पालक को अपने बच्चों की दिनचर्या सुनिश्चित करने हेतु प्रेरित किया जाना होगा |
  • इसके साथ ही पालकों को ध्यान रखना होगा की रहे हैं या नहीं।

03.बच्चे ने आज क्या सीखा-

  • बच्चे जब विद्यालय से घर पहुंचें, तब अभिभावक उनसे जरूर यह पूछे कि उन्होने आज विद्यालय में क्या पढ़ा और आज क्या सीखा इसकी जानकारी बच्चो से अनिवार्य रूप से प्राप्त करने को कहें ।
  • इससे अभिभावको की बच्चों की शिक्षा में सहभागिता बढ़ेगी एवं बच्चों के साथ बेहतर संवाद स्थापित हो पाएगा।

04.बच्चा बोलेगा बेझिझक

  • राज्य के प्रत्येक प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय में प्रतिदिन छात्र-छात्राओं की प्रार्थना के समय आगे आकर उन्हें बोलने का अवसर प्रदान किया जाना है,
  • जिससे छात्रोंमें सार्वजनिक रूप से अपने विचारों को व्यक्त करने का अवसर प्राप्त होगा है, और उनके संकोच को दूर करने में मदद मिलेगी।

05.बच्चों की अकादमिक प्रगति एवं परीक्षा पर चर्चा समय-

  • समय पर छात्रों के अकादमिक प्रगति के संबंध में एवं परीक्षा के समय अभिभावक बच्चों से चर्चा करें ताकि उनका परीक्षा संबंधी तनाव दूर हो सके |
  • साथ ही उन्हें बेहतर तैयारी कर अच्छे अंक लाने के लिए प्रोत्साहित करें।
  • बच्चों को संतुलित आहार तथा पर्याप्त नींद लेने व परीक्षा का तनाव न लेने के बारे में बताना।

06.बस्ता रहित शनिवार-

  • शनिवार को बच्चों को शाला में बिना बस्ता के उपस्थित होना होता है |
  • शनिवार Bagless Day Activities के बारे में जानना |
  • इस दिन विभिन्न गतिविधियों यथा कबाड़ से जुगाड़, पानी बचाओ, धरती बचाओ, उर्जा संरक्षण, एकल प्लास्टिक कोना, पेड़ पौधों का सरंक्षण, प्राकृतिक संपदाओं का सपयोग करना, नैतिक शिक्षा की जानकारी, योगा एवं शारीरिक क्रियाएं, स्वच्छता पर विशेष ध्यान, व्यक्तिगत साफ-सफाई, किचन गार्डन, खेल-कूद, सांस्कृतिक कार्यकम आदि विभिन्न आयोजन बिना बस्ता के स्कूल दिवस में किया जाना है।

07.विद्यार्थियों के आयु / कक्षा अनुरूप स्वास्थ्य परीक्षण एवं पोषण की जानकारी

  • छात्रों का समय-समय पर स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है |
  • स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयु अनुसार दवाई उपलब्ध कराई जाती है |
  • स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक निर्देश दिये जाते हैं।
  • इस संबंध में पालको को जानकारी देना ताकि पालक जागरूक हो सकें।

08.जाति/आय/निवास प्रमाण पत्र-

  • विद्यार्थियों के लिए जाति/आय/निवास प्रमाण पत्र आदि बनाने के बारे में बताना।
  • अनु.जाति/अनु.जनजाति/पिछडा वर्ग के समस्त विद्यार्थियों का जाति प्रमाण पत्र के बनाने बारे में बताना।
  • सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके इस कार्य हेतु अभिभावकों को अवगत कराना।

09.न्योता भोज –

  • न्योता भोज की अवधारणा के बारे में बताना।
  • विभिन्न अवसरों पर शाला के बच्चों को पौष्टिक व रूचिकर भोजन उपलब्ध कराने के बारे में बताना।
  • यह आयोजन किसी भी व्यक्ति / समुदाय द्वारा अपनी इच्छा से संस्था प्रमुख के अनुमति के बाद किया जा सकता है।

10.विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं/छात्रवृत्ति एवं विभागीय योजनाओं की जानकारी पर चर्चा

11.पॉक्सो एक्ट 2012 का व्यापक प्रचार प्रसार करना

  • छात्रों के विरुद्ध लैंगिक अपराधों को रोकने के लिए व्यापक यौन शिक्षा कार्यक्रमों को लागू किये जाने जैसे:- Good Touch व Bad Touch आदि के नैतिक प्रभावों के बारे में शिक्षक-पालक बैठक में चर्चा।

पुस्तक की उपलब्धता सुनिश्चित करना-

  • पुस्तक दान महाअभियान के माध्यम से पालकों को अवगत करायें कि पुस्तक की उपयोगिता कभी खत्म नहीं होती है,
  • वह पुस्तक अन्य लोगों के लिए उपयोगी हो सकती है।
  • इस अभियान के तहत जन प्रतिनिधियों एवं आम नागरिकों सहित अधिकारी-कर्मचारी से अपने पास रखे/पढ़ने लायक विभिन्न प्रकार के किताबों को भी दान करने की अपील की जा सकती है।
  • दीक्षा एप- (डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर फोर नॉलेज शेयरिंग) इस मोबाईल ऐप में न केवल शिक्षकों बल्कि छात्रों और अभिभावकों के लिए भी पर्याप्त मात्रा में कक्षावार आकर्षक एवं नवाचारी शिक्षण सामग्री उपलब्ध है। जिसे असानी से देखा एवं समझा जा सकता है।
  • ई जादुई पिटारा- जादुई पिटारा ऐलीमेन्ट्री लेवल के बच्चों में पढ़ाई के प्रति दिलचस्पी एवं रूझान बढाने के लिए है। जिसमें बच्चों के लिये एनीमेशन एवं कार्टुन चलचित्रों के माध्यम से शिक्षाप्रद कहानियां दिखाई जाती है।
  • डिजिटल लाइब्रेरी- डिजिटल लाइब्रेरी E-Book के रूप में उपलब्ध है, जिसे ऑनलाईन पढ़ा जा सकता है।
  1. TLM दिवस – शिक्षकों को स्थानीय सामग्री के प्रदर्शन एवं कक्षा में इनके उपयोग हेतु प्रोत्साहित करना ।
  2. FLN दिवस – FLN के क्रियान्वयन हेतु सभी हितधारकों के मध्य जागरुकता विकसित करना।
  3. खेल दिवस – खेल और फिटनेस के महत्व हेतु प्रतियोगिताओं का आयोजन करना।
  4. सांस्कृतिक दिवस – विद्यार्थियों में विविधता में एकता की भावना विकसित करने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम।
  5. कौशल एवं डिजिटल पहल दिवस – विभिन्न कौशलों को बढ़ावा देना, सीखने में डिजिटल पहल को प्रोत्साहित करना।
  6. मिशन लाइफ/इको क्लब दिवस – स्कूलों में इको क्लब का गठन, एक पेड़ मां के नाम का आयोजन, स्कूलों में वृक्षारोपण।
  7. सामुदायिक भागीदारी दिवस – स्थानीय समुदाय, जन-प्रतिनिधि, पालक, SMC, PTA, पंचायती राज संस्थाओं से मिलकर अधिकतम भागीदारी, न्यौता भोज का आयोजन करना।

Parent Teacher Meeting

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