विद्यांजलि योजना (Vidyanjali Yojana )

विद्यांजलि योजना :-

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने एक विशेष कार्यक्रम शिक्षक पर्व के उपलक्ष में विद्यांजलि पोर्टल योजना की घोषणा की है। नई शिक्षा नीति को आगे बढ़ाने और इसकी उपयोगिता को सभी तक पहुंचाने के लिए यह विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी जी विद्यांजलि योजना के साथ साथ अन्य योजनाओं की भी घोषणा की है जिसके अंतर्गत देश भर के लाखों छात्राओं के साथ साथ शिक्षकों को भी ढेर सारे लाभ मिलेंगे। चलिए जानते हैं कि विद्यांजलि योजना क्या है ? क्या हैं इसके लाभ, लाभार्थी सूची, उद्देश्य आदि।

विद्यांजलि योजना क्या है ?

विद्यांजलि योजना – मौलिक  रूप  से  विद्यांजलि  योजना  मानव  संसाधन  विकास  मंत्रालय  द्वारा  प्रारंभ  किया  गया  एक  विद्यालय  स्वयं – सेवी  कार्यक्रम  हैं,  जिसका  उद्देश्य  सरकारी  विद्यालयों  में  निजी  क्षेत्रों  एवं  समाज  की  मदद  से   शिक्षा  की  गुणवत्ता  को  सुधारना  हैं।  चाहे  आप  एक  सेवा – निवृत्त  सरकारी  कर्मचारी  हो,  NRI  हो,  सेना  से  सम्बंधित  व्यक्ति  हो  अथवा  चाहे  आप  गृहणी  हो,  यह  कार्यक्रम  आपको  किसी  भी  सरकारी  विद्यालय  में  अपना  मनचाहा  विषय  पढ़ाने की  अनुमति  देता  हैं।

विद्यांजलि योजना (Vidyanjali Yojana )

नामविद्यांजलि योजना
किसने लांच कीप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
कब लांच हुई7 सितम्बर 2021
कार्यक्रम का नामशिक्षक पर्व
आधिकारिक पोर्टलhttps://vidyanjali.education.gov.in/
हेल्पलाइन नंबर01123765602

विद्यांजलि योजना का उद्देश्य (Vidyanjali Yojana Objective)

विद्यांजलि योजना को शुरू करने के अनेक उद्देश्‍य हैं जिन्‍हें पूरा करने के लिए इसका संचालन किया जा रहा है। आज भी देश में ऐसे बहुत से लोग मौजूद हैं जो अपने हुनर को दूसरों तक फ्री में पहुँचाना चाहते हैं। अब उनके पास मौका हैं वो अपने हुनर को इस योजना के माध्‍यम से दूसरों तक पहुँचा सकते हैं। जैसा कि ये हम सभी जानतें हैं कि हमारे देंश में प्राथमिक स्‍तर के विद्यालयों में शिक्षा का स्‍तर बहुत ही दयनीय हैं।

इस स्थिति को सुधारने के लिए सरकार इस योजना का संचालन किया हैं ताकि स्‍वयं सेवी लोगो को इस योजना के माध्‍यम से जोडकर उन क्षेंत्रों में लगाया जा सके जहॉं शिक्षा का स्‍तर आज भी निम्‍नस्‍तर पर हैं, व जहॉं पर शिक्षा की अधिक जरूरत हैं। आज भी जो क्षेंत्र शिक्षा के क्षेंत्र में पिछडें हुए हैं वहा ऐसे शिक्षकों को लगाकर शिक्षा के स्‍तर को सुधारना ही इस योजना का मुख्‍य लक्ष्‍य हैं।

विद्यांजलि योजना की विशेषताएं व लाभ (Vidyanjali Yojana Features)

  • योजना का उद्देश्य आम लोगों को सरकारी स्कूल से जोड़ना है ताकि सरकारी स्कूल के छात्रों का विकास हो सके।
  • आज भी बहुत से लोग निस्‍वार्थ भाव से अपने हुनर को दूसरों तक पहुचाने के उत्‍सुक हैं।
  • वो इस योजना के माध्‍यम से स्‍कूली बच्‍चों को अपने ज्ञाान को आसानी से दे सकते हैं।
  • इससे देंश में शिक्षा के स्‍तर में सुधार होगा। जोकि देंश के विकास में सहायक हैं।
  • मोदी जी ने कार्यक्रम के दौरान यह भी कहा कि टोक्यो ओलंपिक एवं पैराओलंपिक में भारत की तरफ से खिलाड़ियों ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है. मोदी जी ने सभी खिलाड़ियों से अनुरोध किया है कि वह अपने अनुभव को स्कूल के बच्चों के साथ बांटे। मोदी जी ने खिलाड़ियों से आग्रह किया है कि प्रत्येक खिलाड़ी कम से कम 75 स्कूलों में जाएं और वहां अपना अनुभव शेयर कर बाकी बच्चों को भी आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें।
  • योजना के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति चाहे वो पेशे से शिक्षक हो या सेवानिवृत्त, कोई कर्मचारी या कोई गृहणी या कोई भी पढ़ा लिखा व्यक्ति अपनी इच्छा से किसी भी सरकारी स्कूल में जाकर योगदान दे सकता है। 
  • योजना के अंतर्गत कोई भी स्वयंसेवक सरकारी और गैर सरकारी व्यक्ति स्कूलों से सीधे जुड़कर बच्चों को पढ़ा सकता है और उन्हें भविष्य में आगे बढ़ने की प्रेरणा दे सकता है। 
  • इस योजना के माध्यम से सरकारी स्कूल के बच्चों को समाज के तरह-तरह के लोगों के बारे में जानकारी मिलेगी और उनके अनुभव से वे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित होंगे। 
  • जो लोग अपनी इच्‍छानुसार बच्‍चों को पढाना चाहते हैं वो बच्‍चों को बेहतर शिक्षा देने की कोशिश करेगे।
  • जिससे बच्‍चों को अच्‍छी शिक्षा व ज्ञान प्राप्‍त होगा जाकि उनके भविष्‍य के लिए उपयोगी हैं।
  • ये शिक्षा बिना पैसे के प्रदान की जाएगी जिससे सरकार पर भी आर्थिक बोंझ नही पडेंगा।
  • अलग – अलग क्षेंत्र का मिलने से बच्‍चों को आगे रोजगार में मदद मिलेंगी। 

विद्यांजलि  योजना  की  मुख्य  बातें  (Vidyanjali Yojana Important Points)-

विद्यांजलि  योजना  की  कुछ  मुख्य  बातें  हैं,  जो  इसे  खास  बनाती  हैं  :-

  • योग्यता (Eligibility) – इस योजना  में  हिस्सा  लेने  के  लिए  योग्यता  का  कठोर  मापदंड  नहीं  हैं,  जैसा  कि  नियमित सरकारी  शिक्षकों  की  नियुक्ति  के  लिए  होता  हैं.
  • नियमित शिक्षकों  की  भर्ती  पर  कोई  असर  नहीं (Does it affect the normal teacher jobs in country)- चूँकि  इस  योजना  के  अंतर्गत  लोग  अपनी  इच्छा  से  स्वयं – सेवक  के  रूप  में  कार्य  करते  हैं,  परन्तु  इससे  नियमित  शिक्षकों  की  भर्ती  पर  कोई  असर  नही  पड़ेगा. सरकार  द्वारा  यह  पहले  ही  स्पष्ट  किया  जा  चुका  हैं  कि  कक्षा  के पाठ्यक्रम  को  पूरा  कराने  की  जिम्मेदारी  नियमित  शिक्षकों  की  ही  होगी,  इस  कार्य  के  लिए  इस  योजना  द्वारा  जुड़े  स्वयंसेवी  शिक्षक  जिम्मेदार  नहीं  होंगे.  इस  योजना  में  जुड़े  स्वयंसेवी  शिक्षक  नियमित  शिक्षकों  के  साथ  ही  काम  करते  हैं,  परन्तु  वे  नियमित  शिक्षकों  का  प्रतिस्थापन्न  नहीं  हैं.
  • विषय एवं  विद्यालय  की  स्वतंत्रता इस  योजना  के  अंतर्गत  कार्यरत  स्वयंसेवी  शिक्षक  मनचाहे  विद्यालय  में  अपनी  रूचि  का  विषय  पढ़ा  सकते  हैं  और  अपनी  सुविधा  के  अनुसार  इन्हें  विद्यालय  और  विषय  चुनने  की  स्वतंत्रता  होती  हैं.
  • ऐसे विद्यालयों को किया जाएगा शामिल अब तक इस योजना के तहत देश के 21 जिलों के 2200 सरकारी स्‍कूलों को जोडा जा चुका हैं। इसके तहत प्राथमिक कक्षाओं ( कक्षा 1 से 8वीं) को शामिल किया जाता हैं। इस योजना के तहत निम्‍न शर्तो को पूरा करने वाले विद्यालयों को शामिल किया जाता हैं :-
  1. वह विद्यालय जहॉं पक्‍की इमारत व प्रसाधन की पूरी सुविधा हो।
  2. जिसमें पूर्ण कालिक प्रधानाध्‍यापक हो।
  3. विद्यालय में इन्‍टरनेंट की सुविधा होनी चाहिए।
  4. यदि विद्यालय लडकियो का हो या सह शिक्षा प्रणाली वाला तो वहा एक महिला शिक्षक जरूर हो।
  5. RTE नॉर्म्‍स के अनुसार PTR होना आवश्‍य‍क हैं।

इन  विशेषताओं  को  देखते  हुए  ये  कहा  जा  सकता  हैं  कि  लोगों  को  इस  योजना  से  जुड़ने  में  कोई  परेशानी  नहीं  होगी  और  वे  अपनी सेवाएँ  आसानी  से  दे  पाएँगे।

विद्यांजलि योजना में जुडनें के लिए मापदंड

विद्यांजलि योजना में जो स्‍वयंसेवी जुडना चहते हैं उनके लिए भी कुछ मापदंड निर्धारित किए गए हैं जिन्‍हें हम यहॉं नीचें देखेंगे।

श्रेंणीन्‍यूनतम योग्‍यता
गृहणीउच्‍च शिक्षा (12वी पास)
भारतीय प्रवासी के लोग12वीं पास
सेवाविवृत / पेंशेवरस्‍नातक
NRIOCI कार्ड

इससे ये तो पता चल ही जाता हैं कि इसमें जुडनें के लिए किसी विशेष योग्‍यता की आवश्‍यकता नही हैं। जैंसा कि सरकारी अध्‍यापक बनने के लिए कठोर नियम हैं।

कैसे जुडें विद्यांजलि योजना में

यदि आप विद्यांजलि योजना में अपनी सेवा देने के लिए शामिलद होना चाहता हैं व उपर बताई गई सभी योग्‍यताओं को पूरा करते हैं तो आप इसमें नीचें बताए अनुसार जुड सकते हैं।

  • आपको सबसे पहले स्‍वयं को रजिस्‍टर्ड करना होगा।
  • रजिस्‍टर्ड करने के निए आप https://vidyanjali.education.gov.in/ पोर्टल पर जाए।
  • MyGov.in पोर्टल पर आप यहॉं से भी जा सकते हैं।

आपको इस पोर्टल पर उन विद्यालयों के नाम मिलेंगे जिनमें स्‍वयंसेवी शिक्षको की आवश्‍यकता हैं। आप अपनी इच्‍छानुसार विद्यालय का चयन कर सकते हैं। इसके बाद आपके द्वारा जमा किए गए आवेदन को जिस क्षेत्र का आपे चयन किया हैं उस क्षेत्र का BEO देखेगा। उसके बाद वो विचार करके आपको वहा पढानें के लिए आमंत्रित कर सकते हैं। आपको पढाने के लिए बुलाने पर कम से कम 12 दिन तक पढाना हैं जिसे आप 12 हफ्तों में पूरा कर सकते हैं।

विद्यांजलि योजना  में  चयन  प्रक्रिया  (Vidyanjali yojana registration process)-

आपके  द्वारा  जमा  किये  गये  आवेदन  को  BEO  ( विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी )  देखेगा  और  वह  उस  क्षेत्र  का  होगा,  जहाँ  विद्यालय  स्थित  हैं। BEO  तथा  शाला  प्रधान  अध्यापक  आवेदन  पर  विचार  करने  के  पश्चात्  आपको  एक  स्वयंसेवी  शिक्षक  के  रूप  में  वहाँ  पढ़ाने  की  अनुमति  दे  सकते  हैं।

विद्यांजलि योजना  में  स्वयंसेवी  शिक्षकों  की  जिम्मेदारी :

चूँकि  यह  योजना  सेवा – भाव  को  ध्यान  में  रखते  हुए  बनाई  गयी  हैं,  जिसके  लिए  स्वयंसेवकों  को  किसी  भी  प्रकार  से  आर्थिक  रूप  से  कोई  भुगतान  नही  किया  जाता  हैं, बल्कि  उनकी  जिम्मेदारियाँ  हैं,  जिनमे  बच्चों को  शिक्षित  करने  के  साथ  ही  उन्हें  सभी  या  निम्न  में  से  कोई  भी  विषय  में  अपनी  रूचि  के  अनुसार   बच्चों  को  ज्ञान  देना  होता  हैं –

  • लोगों के सामने  अपने  विचार व्यक्त  करने  की  कला, अभिनय, सर्जनात्मक  और  रचनात्मक  हस्तलेखन  की  कला,  संगीत,  नृत्य  एवं  अन्य  रचनात्मक  गतिविधियाँ।
  • खेल – कूद या कोई  अन्य  मनोरंजक  गतिविधि।
  • कसरत, योग और  कोई  अन्य  स्वास्थ्य  सम्बन्धी  गतिविधियाँ।
  • शैक्षणिक और पेशेवर  जीवन  के  लिए  काउंसलिंग  करना,  आदि।

इसकी अधिक जानकारी के लिए संबंधित विभाग में सम्‍पर्क करे। सभी फैसले विभाग के ही मान्‍य होगे।

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