निःशक्तता के प्रकार और उनकी पहचान (Types Of Disabilities And Their Identities)

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निःशक्तता के प्रकार (Types of disabilities )

निःशक्तता के प्रकार
  1. दृष्टि बाधित
  2. अल्प दृष्टि
  3. कुष्ठ रोग से मुक्त
  4. श्रवण बाधित
  5. चलने नि: शक्तता
  6. बौनापन
  7. बौद्धिक नि: शक्तता
  8. मानसिक रोगी
  9. ऑटिज्म
  10. सेरेब्रल पाल्सी
  11. क्रोनिक न्यूरोलोजिकल
  12. स्पेसिफिक लर्निंग डिसऐबिलिटी
  13. मल्टीपल स्क्लेरोसिस
  14. वाक् एवं भाषा नि:शक्तता
  15. थैलेसिमिया
  16. हिमोफिलिया/अधि रक्तस्राव
  17. सिकल सैल डिजीज
  18. बहु नि:शक्तता
  19. तेजाब हमला पीड़ित
  20. पार्किसन्स रोग

निःशक्तता के प्रकार और उनकी पहचान (Types of disabilities and their identities)

दृष्टि बाधित

  • आँखों की पलके बंद होती है
  • कांच पूर्ण सफेद होता है
  • आँखों की पुतली न होना
  • पलकों का स्थिर रहना या तेजी से झपकना
  • आखों का न होना
  • आँखों का लाल होना, लगातार पानी आना
  • परिवार में कोई सदस्य है जिसे देखने में कठिनाई होती है।
  • रंगो को पहचान नहीं पाना
  • रंग के प्रति आकर्षण नहीं होना
  • चलते समय रास्ते में पड़ी वस्तु से टाकराना
  • दृष्टिहीन है
  • वस्तुओं की पहचान हाथ में लेकर स्पर्श क्षमता द्वारा करना
  • दृश्यात्मक वस्तुओं के प्रति कोई प्रतिक्रिया न होना

अल्प दृष्टि

  • आंख की पुतलियों का आकार सामान्य से कम होना
  • रास्ते का सही अनुसरण नहीं कर पाना
  • प्रकाश के अति संवेदनशील होना
  • सिर दर्द की लगातार शिकायत करना
  • कम दिखता है (60 वर्ष से कम आयु की स्थिति में)
  • रंगों की पहचान नहीं कर पाता है (60 वर्ष से कम आयु की स्थिति में)
  • आस – पास के वातावरण में चलने फिरने में कठिनाई होती है।

कुष्ठ रोग से मुक्त

  • हाथ, पैर या अंगुलियों में विकृति/टेढ़ापन है।
  • शरीर की त्वचा पर रंगहीन धब्बे है
  • हाथ, पैर या अंगुलियां सुन्न हो जाती है
  • चेहरे का अकार विकृत हो जाता है

श्रवण बाधित

  • बच्चा ऊँची आवाज में बोलता है या बिल्कुल धीरे बोलता है
  • टी.वी. / रेडियो की आवाज अधिक रखता है
  • बच्चों में ध्यान एवं एकाग्रता की कमी होती है
  • बच्चे प्राय: निर्देशों को नहीं समझ पाते हैं
  • बच्चे श्रूतिलेख सही प्रकार से नहीं लिख पाते है।
  • बच्चे कक्षा में शांत बैठे रहते है।
  • बालक के कान में दर्द होता है एवं कान से द्रव रिसता है
  • परिवार के किसी भी सदस्य को बहरापन है, ऊँचा सुनना या कम सुनना
  • आवाज देने पर/नाम से बुलाने पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं करता है।
  • ताली/घंटी/घूँघरू की आवाज पर कोई प्रतिक्रिया नहीं करता है
  • इशारों में बातें करता है, सांकेतिक भाषा का प्रयोग करता है

चलने में नि: शक्तता

  • व्यक्ति को हाथ, पैर अथवा दोनों की नि: शक्तता है
  • लकवा है
  • हाथ या पैर कट गया है
  • पोलियो से ग्रसित है
  • शरीर की गति एवं मांसपेशियों के समन्वय की कमी दिखाई देती है।

बौनापन

  • व्यक्ति का कद व्यस्क होने पर भी 4 फुट 10 इंच /147 सें मी. या इससे कम होना

बौद्धिक नि: शक्तता

  • माता पिता के आदेश की अवहेलना करना, ध्यान केन्द्रित करने में कमी
  • दिशाओं को समझने में भ्रम होता है
  • बोलचाल की भाषा का विकास देरी से होता है
  • हम उम्र बच्चों के समान कार्य नहीं कर पाता है
  • हम उम्र बच्चों के सामान कार्य नहीं कर पाता है
  • सीखने, समस्या समाधान, कार्यों, एवं अनुकूलन व्यवहार में कमी होती है
  • दैनिक जीवन की क्रियाएँ जैसे कपड़े पहनना, बटन बंद करना, मंजन करना, खाना खाना आदि भी स्वयं नहीं कर पाता है।
  • बोलने, स्वयं की आवश्यकता को अभिव्यक्त करने में कठिनाई होती है
  • पढ़ने लिखने व समझने में कठिनाई होती है
  • समस्याजनक व्यवहार से ग्रसित होता है
  • मंगोलिज्म के लक्षण दिखाई देते हैं आँखों और हाथों के समन्वय में कमी होती है

मानसिक रोगी

  • अस्वाभाविक व्यवहार करता है (खुद से बातें करना, भ्रम जाल, मतिभ्रम, व्यसन (नशे का आदि), अधिकतम डर/भय, किसी भी वस्तु या इंसान से अत्यधिक लगाव इत्यादि)
  • व्यक्ति को बिना किसी कारण से जल्दी गुस्सा आ जाता है या गुमसुम अथवा अकेलापन अच्छा लगता है
  • व्यक्ति अपनी स्वच्छता या दुनियाभर से अंजान होता है
  • व्यक्ति के मन विचार आता है कि उसको कोई भगवान/भूत या बाहरी शक्ति नियंत्रित करती है
  • व्यक्ति के मन में बारबार आत्महत्या के विचार आते है एवं डरता है
  • अन्य व्यक्ति को बातें करता देख समझता है कि ये मेरे बारे में बात कर रहे है (संदेह करना)
  • बार – बार मूड बदलना
  • व्यक्ति को आत्मा गिलानी होती है

ऑटिज्म – गुमसुम

  • अपने वातावरण में परिवर्तन नहीं चाहते हैं
  • बच्चों में सोचने एवं समझने की क्षमता कम होती है
  • एक ही शब्द को बार – बार बोलते हैं, जो इनसे कहते हैं उसे दोहराते हैं
  • इन बच्चों में समस्या व्यवहार पाये जाते हैं जैसे आक्रामकता, आत्मघाती व्यवहार
  • व्यक्ति को किसी कार्य पर ध्यान केन्द्रित करने में कठिनाई होती है
  • आंखे मिलाकर बात न कर पाना/गुमसुम/खोया हुआ रहता है
  • व्यक्ति को अन्य लोगों से घुलने – मिलने में कठिनाई होती है, अकेला रहना पसंद करता है
  • अति संवेदनशीलता/ निम्न संवेदनशीलता से ग्रसित होता है
  • वस्तुओं से खेलने.इकट्ठा करने में असामान्य रुचि दिखाता है
  • शरीर/हाथों को हिलाते रहता हैं

सेरेब्रल पाल्सी – प्रमस्तिष्क अंगघात

  • बालक अपने दोनों हाथों का प्रयोग एक साथ नहीं कर पाता है
  • गोद में लेते समय, कपड़े पहनाते समय, नहलाते समय बच्चे का शरीर अकड़ जाता है।
  • बालक में एकग्रता की कमी होती है
  • व्यक्ति को पैरों में जकड़न/चलने में कठिनाई, हाथ से काम करने में कठिनाई होती है।
  • व्यक्ति को चलने में कृत्रिम अंग, बैशाखी, केलिपर इत्यादि का उपयोग करता है
  • आँखों में विकृति पाई जाती है
  • पावों, आँखों और हाथों का समन्यव एवं संतुलन कमजोर होता है
  • मुंह खुला रहता है और लार गिरती है
  • खाना, काटना, चबाना एवं निगलने में कठिनाई होती है
  • इसमें एक या एक से अधिक अंग प्रभावित होते हैं यह न्यूरोलोजीकल स्थिति है

मांसपेशी दुर्विकास

  • मांसपेशियों कमजोर होती हैं
  • मांसपेशियों में विकृति होती हैं
  • इसमें विकृति बढ़ती हुई होती है, जकड़न आ जाती है
  • व्यक्ति पंजों के बल चलता है
  • व्यक्ति को दौड़ने/कूदने में परेशानी होती है
  • यह वंशानुगत बीमारी हैं

क्रोनिक न्यूरोलोजिकल

  • मस्तिष्क और स्पाईनल कोड में असंतुलन होता है
  • यह स्थिति न्यूरोन की क्षति के कारण होती हैं

स्पेसिफिक लर्निंग डिसऐबिलिटी

  • बोलने समझने, श्रूतिलेख वर्तनी, लेखन, पढ़ने में समस्या, वर्तनी में समस्या साधारण जोड़, बाकी, गुणा, भाग में कठिनाई होती है
  • व्यक्ति को आकार, भार, दूरी आदि को समझने में कठिनाई होती है।
  • व्यक्ति को बार बार निर्देश देने की आवश्यकता पड़ती है एवं भाषा समझने या शब्दों का अर्थ समझने में कठिनाई होती है।
  • व्यक्ति को दिशा, चिन्ह समझने में एवं वस्तुओं का बोध करने में कठिनाई होती है
  • समस्या समाधान में कठिनाई होती है, एकग्रता में कमी, याद न रख पाना होती है
  • वाक्य एवं गद्यांश को समझने में मुश्किल होती है
  • बालक का पठन – पाठन में, प्रस्तुतीकरण एवं उम्र से मेल नहीं खाता है
  • मौखिक अभिव्यक्ति अच्छी होती है लेकिन लिखने में कठिनाई आती है

मल्टीपल स्क्लेरोसिस

  • व्यक्ति के दिमाग एवं रीढ़ की हड्डी के समन्यव में परेशानी होती है
  • ब्रेन और रीढ़ की हड्डी में क्षति हो जाती है

वाक् एवं भाषा नि:शक्तता

  • परिवार का कोई सदस्य गूंगा है या बोलने में कठिनाई होती है
  • सामान्य बोली से अलग बोलता है (जिसे कि परिवार के सदस्यों के अलावा अन्य लोग नहीं समझ पाते है)
  • स्पष्ट नहीं बोल पाता है
  • बोली/भाषा में निरंतरता नहीं होती है
  • यह स्थाई नि:शक्तता है इसमें समझने वाली भाषा तो ठीक होती है, परंतु अभिव्यक्त भाषा में कठिनाई होती हैं

थैलेसिमिया

  • डॉक्टर के अनुसार खून में हीमोग्लोबिन की विकृति होती है
  • खून की मात्रा कम होती है
  • हीमोग्लोबिन की कमी पाई जाती है
  • ईलाज चल रहा हो तो चिकित्सक की पर्ची आवश्यक देखनी हैं
  • खून की जाँच रिपोर्ट आवश्यक देखनी है

हिमोफिलिया/अधि रक्तस्राव

  • चोट लगने पर अत्यधिक रक्तस्राव होता है
  • घाव से रक्त बहना बंद ही नहीं होता है
  • यह बीमारी पुरूषों में मिलती है और औरत से पुरूष में स्थानांतरित होती है
  • इस बीमारी में खून का थक्का बनने की सामान्य योग्यता नहीं होती है
  • खून जांच रिपोर्ट आवश्यक देखनी है

सिकल सैल डिजीज

  • चिकित्सक द्वारा खून की अत्याधिक कमी (रक्त अल्पता) बताई गई है
  • खून की कमी से शरीर के अंग/अव्यव ख़राब हो गये है
  • चिकित्सक के ईलाज की पर्ची से ही पहचाना जा सकता है
  • खून की जाँच रिपोर्ट आवश्यक देखनी है

बहु नि:शक्तता

  • व्यक्ति दो या दो से अधिक तरह की नि:शक्तता से ग्रसित होता है जैसे बधिरता के साथ अंधापन
  • मानसिक मंदता/सेरेब्रल पल्सी/मानसिक रोगी/चलन नि:शक्तता/मूक नि:शक्तता/दृष्टि बाधित/ कुष्ठ रोग/श्रवण नि:शक्तता/ऑटिज्म
  • उपरोक्त नि:शक्तता में से 2 या 2 से अधिक नि:शक्तता से ग्रसित जैसे मानसिक मंदता के साथ

अंधापन

  • संप्रेक्षण अत्यधिक प्रभावी होता है विकासात्मक, शैक्षणिक कठिनाई अधिक होती हैं
  • तेजाब हमला पीड़ित
  • तेजाब हमले की वजह से व्यक्ति के अंग असामान्य/प्रभावित होते है
  • शरीर के अंग हाथ/पैर/आंख/गला और चेहरा आदि असामान्य/प्रभावित होते है

पार्किसन्स रोग

  • हाथ/पांव/मांसपेशियों में जकड़न, तंत्रिका तंत्र प्रणाली संबंधी कठिनाई होती है
  • व्यक्ति की कमर झुक जाती है साथ लटके हुए रहते है
  • व्यक्ति छोटे छोटे कदम भरकर चलता है (साथ में हाथ नहीं हिलते है)
  • व्यक्ति के हाथों के कम्पन्न होता हैं
  • घुमने एवं चलने – फिरने में कठिनाई होती है
  • चिकित्सक की रिपोर्ट/पर्ची आवश्यक देखनी है

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