मुस्कान पुस्तकालय
बच्चों के शैक्षिक स्तर को बढाने हेतु शासन स्तर पर कई प्रयास किये गए हैं।समय-समय पर शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण का आयोजन भी किया जाता है ताकि बच्चों के सीखने सिखाने का स्तर बढ़े। मुस्कान पुस्तकालय योजना भी इसी तरह के कार्य का एक अहम हिस्सा है। शासन द्वारा जिले के प्राथमिक एवम माध्यमिक विद्यालयों में पुस्तकें प्रदान कर मुस्कान पुस्तकालय का संचालन करते हुए विविध गतिविधियों के आयोजन का निर्देश विद्यालयों को दिया गया था। मुस्कान पुस्तकालय में उपलब्ध पुस्तकों का सदुपयोग बच्चों को सिखाने के लिए किया जाना है।
मुस्कान पुस्तकालय उपयोग निर्देश-
- पुस्तकालय का उपयोग किस तरह से करना है इस हेतु उन्होंने बच्चों को ही जिम्मेदारी सौंप दी जाये जिससे वे सीख सकें।
- बच्चे बारी बारी से नेतृत्व करते हुए पुस्तकालय का संचालन कर सकें।
- पुस्तक वितरण, रजिस्टर का संधारण बच्चे ही कर सकें।
- समूह में गतिविधि, समूह शिक्षण,पीयर लर्निंग,ग्रुप डिस्कशन कर सकें।
- इससे एक दूसरे को सीखने सिखाने में भी मदद कर सकें।
- बच्चों को ज्यादा से ज्यादा गतिविधि आधारित शिक्षण कराने से वातावरण भय मुक्त तैयार होता है |
- बच्चे बिना झिझक के शिक्षकों से न केवल सवाल कर सकते हैं अपितु सीखी हुई बातों को बता भी सकते हैं।
- कहानी का वाचन कराकर उस पर चर्चा कराई जा सकती है।
- पुस्तकालय का उपयोग प्रतिदिन उनकी रुचि एवम समय के अनुरूप किया जा सकता है।
- विषय पुस्तक का भय समाप्त कर अंग्रेजी एवम हिंदी पर विशेष जोर दिया जा सकती है।
- पाठ्य पुस्तक के अतिरिक्त पुस्तक पढ़ने की आदत के लिए सभी तरह की पुस्तकें दी जा सकती है।
- इस तरह से स्कूल के बच्चे मुस्कान पुस्तकालय की मदद से पढ़ना सीख सकते हैं।