दिव्यांग अधिकारियों/कर्मचारियों के लिए भत्ता
दिव्यांग अधिकारियों/कर्मचारियों के लिए भत्ता एक प्रकार का विशेष भत्ता होता है जो दिव्यांग व्यक्तियों को उनकी आवश्यकताओं को संतुष्ट करने और उनके साथ न्यायपूर्ण रूप से व्यवहार करने के लिए प्रदान किया जाता है। यह भत्ता विभिन्न संगठनों, सरकारी विभागों, और कंपनियों द्वारा अपनी नीतियों के तहत प्रदान किया जाता है।
दिव्यांग अधिकारियों/कर्मचारियों के लिए भत्ता के रूप में विभिन्न विधाओं में शामिल हो सकते हैं:
- विशेष कार्यस्थल संबंधी व्यवस्थाएँ: उन्हें कार्यस्थल में सुगमता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न सुविधाएं, जैसे कि विशेष कार्यस्थल निर्माण, संशोधन या विशेष उपकरण प्रदान किए जा सकते हैं।
- विशेष यात्रा सुविधाएँ: यदि विशेष यात्रा की आवश्यकता होती है, तो उन्हें यात्रा के लिए विशेष सुविधाएं प्रदान की जा सकती हैं, जैसे कि कार सेवा, टैक्सी सेवा, या अन्य सामाजिक परिवहन सुविधाएं।
- आदर्श कार्यकाल: कुछ संगठन और कंपनियाँ विशेष कार्यकाल योजनाएं प्रदान करती हैं ताकि दिव्यांग कर्मचारी अपनी आवश्यकतानुसार अपने कार्यस्थल का समय स्वतंत्रता से निर्धारित कर सकें।
- विशेष छुट्टियाँ: कुछ संगठन दिव्यांग कर्मचारियों को विशेष छुट्टियाँ प्रदान करते हैं जो उन्हें अपनी चिकित्सा, देखभाल, या अन्य आवश्यकताओं के लिए समय देने की स्वतंत्रता प्रदान करती हैं।
यह सभी योजनाएं उन्हें समाज में समावेशित करने और उनके साथ समान अवसर प्रदान करने के लिए होती हैं। इसके अलावा, इसे उनकी स्वतंत्रता और सम्मान को बढ़ावा देने का माध्यम भी माना जाता है।
दिव्यांग अधिकारियों/कर्मचारियों के लिए वाहन भत्ता में वृद्धि
पत्र क्र/स.क./2017/1866, दिनांक 17.05.2017 विषयांतर्गत विभागीय आदेश क्र. 977/116/2010/सक/26, दिनांक 16.09.2010 द्वारा दिव्यांग अधिकारियों/कर्मचारियों के लिए वाहन भत्ता दिनांक 01.09.2010 से न्यूनतम रूपये 300/- एवं अधिकतम रूपये 500/- प्रतिमाह की दर से स्वीकृत किया गया है।
विभागीय समसंख्यक आदेश दिनांक 18.02.2015 द्वारा दिव्यांग कर्मचारियों के वाहन भत्तों की दरों में दिनांक 01.01.2015 से 50 प्रतिशत वृद्धि की स्वीकृति प्रदान की गई है। भत्ते की न्यूनतम दर रूपये 450/- तथा अधिकतम दर 750/- रूपये प्रतिमाह स्वीकृत है।