Charcha Patra [चर्चा पत्र सितम्बर 2022]

charcha patra : हर माह में शाला में विभिन्न गतिविधियाँ होते रहते हैं । तो उन सब कार्यक्रमों, गतिविधियों व शाला संबंधी योजनाओं को चर्चा पत्र पर जगह दिया जाता है | Edudepart.com द्वारा चर्चा पत्र का विश्लेष्ण कर आसान तरीके से उपलब्ध कराया जा रहा है । जिससे कि विभाग के हर गतिविधि से हर कोई अपडेट रहें । तो देखें और अपने आपको Update रखें।

चर्चा पत्र सितम्बर-2022 में क्या है खास?

[Charcha Patra]

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Charcha Patra

एजेंडा एक- सेवानिवृत्त शिक्षकों/ अधिकारियों द्वारा विद्यादान

  • सेवानिवृत्ति के बाद भी कई शिक्षक अपनी सेवा दे रहे जिनके कार्य चर्चा पत्र में पढ़ सकते हैं |
  • सेवानिवृत्ति के पश्चात भी ये शिक्षक तन्मयता से काम कर रहे हैं।
  • इस अंक में कुछ सेवानिवृत्त व्यक्तियों द्वारा दिए जा रहे योगदान से आपका परिचय करवा गया है।
  • ऐसे सभी सेवानिवृत्ति शिक्षक का विवरण हमें विद्यान्जली के वेबसाईट में अपलोड करना चाहिए।
  • इनकी सेवाएं हम शिक्षकों के क्षमता विकास में भी ले सकते हैं।
  • ऐसा करने से शालाएं प्रभावित नहीं होंगी।

एजेंडा दो: चित्र पर चर्चा

  • प्रतिमाह बच्चों का आकलन करने मात्र से स्थितियां में सुधार संभव नहीं हैं |
  • हमें आकलन को औपचारिकता न मानकर बच्चे एवं कक्षा के परिणाम सुधारने हेतु योजना बनाना होगा |
  • इस पर हमें चिंतन व कार्य करने कि आवश्यकता है |

एजेंडा तीन: बच्चे कहाँ हैं ?

  • हमारी शालाओं में शाला त्यागी एक प्रमुख समस्या है।
  • बच्चे विभिन्न कारणों से हमारी शालाओं से विलग हो जाते हैं।
  • कुछ बच्चे विशेष मौसम में अपने परिवार के साथ पलायन कर जाते हैं और फिर वापस स्कूल में आकर प्रवेश ले लेते हैं।
  • ऐसे बच्चों कि पढाई पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है।
  • वे न तो आगे की समझ पाते हैं और न ही पिछला सीख पाते हैं।
  • अत: हमें ऐसे बच्चे का सर्वे करके वर्तमान में क्या कर रहे जानना जरुरी है |

एजेंडा चार: चिंतनशील शिक्षक की डायरी

  • शिक्षकों को अपने प्रदर्शन में निरंतर सुधार हेतु चितनशील होना अत्यंत आवश्यक है।
  • चर्चा पत्र के माध्यम से इन विचारों को साझा कर सुधार कि योजना बना सकते हैं।
  • जिसके तहत बच्चों को सिखाने के लिये बेसिक रूप से अध्ध्यापन शुरू कर सकते हैं ।
  • कोर्स कम्लीट करने के बारे में हमें नहीं सोच सोचना होगा।
  • बच्चों को एक कक्षा से अगली कक्षा में तभी प्रवेश मिले जब अगली कक्षा में प्रवेश योग्य हो।
  • शाला समय से अतिरिक्त समय में कुछ काम देकर आप सीखने के time on task को बढ़ा सकते हैं|
  • कक्षा एवं बाहर पियर लर्निंग, छोटे समूह में ग्रुप लर्निंग व पालकों के मोबाइल में प्रतिदिन कार्य दिए जा सकते हैं|
  • जिससे बच्चों को स्कूल और घर दोनों स्थानों में सीखने के अवसर मिल सकेंगे।
  • इन सबसे बच्चों के लर्निंग लॉस में सुधार ला सकते हैं|

एजेंडा पांच: पीएम श्री स्कूल

  • केंद्र सरकार द्वारा अत्याधुनिक पीएम श्री स्कूल स्थापित करने की योजना प्रस्तावित है |
  • ये स्कूल नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) की प्रयोगशाला के रूप में काम करेंगे |
  • इस योजना के अंतर्गत लगभग 15000 स्कूलों के खोले जाने की योजना है|
  • प्रत्येक विकासखंड में एक एलीमेंट्री एवं एक सेकन्डरी स्कूल को सभी सुविधाओं से लैस किया जाएगा|
  • इन शालाओं में नवाचारी शिक्षण प्रविधियों को लागू करवाना अनिवार्य होगा |
  • पीएम श्री स्कूल कि अधिक जानकारी के लिये पढ़ें |

एजेंडा छः समुदाय के नेतृत्व में मूलभूत कौशल सीखना

  • हमारी शालाओं में शाला त्याग एक प्रमुख समस्या है।
  • इस संबंध में शाला प्रबन्धन समिति एवं समुदाय का सहयोग लेना है ।
  • इसके तहत माह नवंबर में होने वाले असर में प्रदर्शन अच्छा हो ।
  • माह अगस्त से अक्टूबर तक सभी बच्चों को उनके आयु-अनुरूप वर्णमाला, अक्षर, शब्द, वाक्य एवं कहानी पढ़ पाना, अंक पहचानना, गिनती, सर जोड़-घटाव-गुणा-भाग का अभ्यास करना होगा|
  • मूलभूत दक्षताओं के विकास पर कार्य कर आगामी तीन माह तक फोकस से आयु अनुरूप दक्षताओं पर विशेष कार्य करने हेतु शाला समय एवं शाला समय से अतिरिक्त समय में विशेष कोचिंग दिलवाना|
  • बच्चों को शिक्षकों या विशेषज्ञ स्थानीय समुदाय के सहयोग से स्पोकन अंग्रेजी में साधारण बोलचाल में अभ्यास के अवसर देते हुए बच्चों में शुरुआत से ही भाषाई कौशल का विकास करना|
  • प्रत्येक बच्चे के साथ इस प्रकार से मेहनत करवाई जाए कि प्रत्येक बच्चे को मूलभूत दक्षताएं अच्छे से हासिल करना|
  • स्थानीय स्तर पर जिले / विकासखंड एवं संकुल में इस प्रायोजना को स्थानीय स्वरूप देते हुए इसके माध्यम से सभी 6-14 आयु वर्ग के बच्चों को इसका लाभ अवश्य दिलवाएं।

एजेंडा सात: हमर तिरंगा

  • हमर तिरंगा कार्यक्रम के तहत विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के बारे में बताया गया |
  • जिसके तहत हर घर तिरंगा कार्यक्रम के बैग लैस शनिवार के तहत स्कूल में फैन्सीड्रेस प्रतियोगिता किया गया।
  • घर घर तिरंगा कार्यक्रम के दौरान एक विशाल रैली का आयोजन किया गया।
  • हमर तिरंगा कार्यक्रम के दौरान कैसे तिरंगा की फोल्डिंग कर उसे घर में रखना है सिखाया गया।
  • हमर तिरंगा कार्यक्रम से समुदाय एवं स्कूल के बीच जुड़ाव मजबूत हुआ।
  • इस कार्यक्रम को ग्रामवासियों, जनप्रतिनिधियों एवं ग्राम विकास समिति का व्यापक समर्थन मिला।
  • कोरोना काल के कारण काफी समय से कुछ कार्यक्रम न होने के कारण बच्चो के साथ साथ शिक्षको में भी उत्साह जगा|
  • हमर तिरंगा के अंतर्गत बच्चों को दिखाई जा रही फिल्म गांधी को देखने थियेटर आ रहे बच्चों में गजब का उत्साह दिखाई दिया।

एजेंडा आठ: उपचारात्मक शिक्षण

  • लाकडाउन की वजह से सीखने में हुए लर्निंग लॉस की रिकव्हरी के लिये उपचारात्मक शिक्षण की व्यवस्था की जा रही है।
  • जिसमें मूलभूत दक्षताओं (FLN) की प्राप्ति के लिये लर्निंग आउटकम पर विशेष ध्यान देना होगा |
  • इस हेतु उच्च प्राथमिक स्तर पर प्रतिदिन बच्चों से घर पर हस्तलेखन का अभ्यास करा सकते हैं | एवं हाई-हायर सेकन्डरी स्तर पर जीवन कौशल के अभ्यास पुस्तिकाओं पर कार्य करवाया जा सकता है ।
  • विद्यार्थियों को नियमित रूप से पुस्तकालय एवं प्रयोगशालाओं का उपयोग करते हुए समझ के साथ सीखने के अवसर प्रदान किये जा सकते हैं।
  • शिक्षकों को अपने विषयवस्तु के अध्यापन करते समय सहायक सामग्री के उपयोग हेतु शाला अनुदान से बजट उपलब्ध करवाया जा सकते हैं।
  • शिक्षकों को स्मार्ट कक्षाओं के उपयोग एवं टेक्नोलोजी का कक्षा में उपयोग हेतु NIC एवं TISS के माध्यम सेप्रशिक्षित किया जाएगा। ये प्रशिक्षण कार्यक्रम On demand होंगे, आप इसकी मांग कर सकते हैं।
  • विद्यार्थियों को एक दूसरे से सीखने हेतु पियर लर्निंग (Peer Learning) पद्धति का उपयोग किया जाएगा।
  • बेहतर समझ हेतु अनुभव आधारित शिक्षण (Experiential Learning) का भी उपयोग किया जाएगा ।
  • कार्यक्रम के प्रारंभ में विद्यार्थियों का बेसलाइन एवं अंत में एंडलाइन टेस्ट का आयोजन किया जाएगा।
  • इन परीक्षाओं में पूछे जाने वाले प्रश्न मुख्य रूप से फाउंडेशनल/ दो कक्षाओं के पूर्व के एवं वर्तमान कक्षाओं के लर्निंग आउटकम पर आधारित होंगे।
  • प्रश्नों का स्वरुप राष्ट्रीय उपलब्धि परीक्षण के अनुसार उसी पैटर्न में आयोजित किया जाएगा।
  • प्राचार्यो / प्रधानपाठकों को बच्चों के लिए उनकी आवश्यकतानुसार विशेष कोचिंग कक्षाओं के आयोजन की सुविधा दी जाएगी।

एजेंडा नौ: क्या इन्हें आजमा सकते हैं ?

  • FLN के लक्ष्य प्राप्त करने विशेष योजना बनाकर उसका क्रियान्वयन कर सकते हैं|
  • हर कक्षा की जिम्मेदारी बांटकर निर्धारित लर्निंग आउटकम को हासिल कर सकते हैं।
  • संतोषप्रद प्रदर्शन नहीं किया तो शिक्षक पुनः अतिरिक्त प्रयास कर सकते हैं ।
  • साथ ही हम आंगनबाडी के अंतिम वर्ष से लेकर कक्षा तीन तक इस व्यवस्था को लागू कर सकते हैं |
  • समयबद्ध तरीके से इसे लागू इन बिन्दुओं का निर्धारण कर लर्निंग आउटकम को हासिल कर सकते हैं।

एजेंडा दसः इस माह के फोकस कार्य

  1. इस माह समुदाय के साथ मिलकर माइक्रो इम्प्रूवमेंट प्लान बनाकर मूलभूत भाषाई एवं गणितीय कौशलों पर नियमित काम करना है।
  2. सभी शिक्षकों को टेलीग्राम के अकादमिक चैनल में जोड़ें ताकि प्रत्येक महत्वपूर्ण सूचना सीधे उन्हें मिले |
  3. संकुल के सभी शिक्षकों को चर्चा पत्र डाउनलोड कर पढने हेतु प्रेरित करना है |
  4. स्कूल रेडीनेस के लिए साझा किए गए 90 दिवसीय गतिविधि वाले आनलाइन मोड्यूल को लागू करना है |
  5. अंगना म शिक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत मेलों का आयोजन अच्छे से लागू करवाना है।

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