विश्व साक्षरता दिवस से विभिन्न पठन कार्यक्रम।

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विश्व साक्षरता दिवस से विभिन्न पठन कार्यक्रम।

राज्य में बच्चों के मूलभूत भाषाई एवं गणितीय कौशल विकास हेतु विगत कुछ वर्षों से विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस हेतु इस सत्र में 08 सितंबर, 2022 को विश्व साक्षरता दिवस के अवसर पर निम्नलिखित कार्यक्रम सभी प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक शालाओं प्रारंभ होने जा रहा है।

  1. गढ़बो नवा भविष्य कार्यक्रम के तहत प्राप्त पठन सामग्री का वाचन |
  2. सौ दिन सौ कहानियां प्रारंभ करना।
  3. मुस्कान पुस्तकालय का नियमित उपयोग।
  4. शाला प्रबन्धन समिति के नेतृत्व में गाँव के सभी बच्चों में मूलभूत कौशल विकास।
  5. शुरुआती कक्षाओं में अंग्रेजी बोलचाल पर कार्य करना

उपरोक्त कार्यक्रमों के संबंध में नोट जारी किया गया है। प्रत्येक कार्यक्रम के लिए विकासखंड एवं संकुल स्तर पर नोडल अधिकारी का चयन कर पूर्ण गुणवत्ता के साथ आयोजित करवाने का निर्देश दिया गया है।

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विश्व साक्षरता दिवस

01.गढ़बो नवा भविष्य कार्यक्रम के तहत प्राप्त पठन सामग्री का वाचन –

सभी प्राथमिक शालाओं को विगत वर्ष “गढ़बो नवा भविष्य” नामक पठन सामग्री बच्चों को पढ़ने हेतु उपलब्ध करवाई गई है | बच्चों द्वारा इसे पढ़वाकर पुस्तक को वापस पुस्तकालय में रखे जाने के निर्देश दिए गए थे | इस सामग्री को इस सत्र में कक्षा तीन से पांच के बच्चों को देते हुए उनसे इन्हें पढ़ने हेतु प्रेरित करें | कहानियों को पढ़कर उन्हें अपनी छोटी कक्षाओं के बच्चों को पढ़कर सुनाए जाने का अवसर प्रदान करें।

इस सामग्री को रूचि लेकर पढ़ने से बच्चों को उनके आसपास उपलब्ध विभिन्न व्यवसायों की जानकारी मिल सकेगी। इस पुस्तक के आधार पर प्रत्येक बच्चे को कम से कम तीस विभिन्न रोजगारों की जानकारी समझने एवं प्रत्यक्ष देख सकने का अवसर भी प्रदान करें। बच्चों को पढ़-लिखकर अपने पैरों पर खड़ा होने हेतु प्रेरित करते हुए अपने लिए किसी व्यवसाय के प्रति रूचि विकसित कर सकने का अवसर भी देवें।

02.सौ दिन सौ कहानियां प्रारंभ करना-

राज्य के समस्त उच्च प्राथमिक शालाओं में केन्द्रीय भारतीय भाषा संस्थान, मैसूरू द्वारा विकसित द्विभाषी कहानी की पुस्तकों का वितरण किया गया है। प्रत्येक उच्च प्राथमिक शाला में सौ से अधिक कहानी पुस्तकों का वितरण किया गया है। पुस्तकालय के उपयोग एवं रख-रखाव के लिए विद्यार्थियों का एक सक्रिय दल का गठन कर उन्हें इन पुस्तकों के वितरण, वापस सुरक्षित जमा करने, सभी बच्चों द्वारा नियमित रूप से पुस्तकें लेने एवं पढ़ने आदि के लिए जिम्मेदारी देवें । उन्हें पुस्तक वितरण एवं वापसी के रिकार्ड रखने हेतु एक पंजी भी उपलब्ध करवाएं।

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प्रत्येक बच्चे को एक कहानी की पुस्तक एक दिन में पढ़ने का लक्ष्य देंवे। बच्चे को पहले अंग्रेजी में एवं कहानी ठीक से समझ में नहीं आने पर उसका हिन्दी में अनुवाद पढ़कर पुनः उस कहानी को अंग्रेजी में पढ़ने का अवसर देवें | अंग्रेजी के विभिन्न नए शब्दों को पहले अनुमान लगाकर फिर हिन्दी अनुवाद देखकर अर्थ समझने का प्रयास करें। यदि फिर भी सही अनुमान लगाने में दिक्कत हो तो शब्दकोष देखकर अंग्रेजी के शब्दों का अर्थ देखने की आदत विकसित करें |

बच्चों को इन कहानियों को पढ़ने के बाद इन्हें पूरे हाव-भाव के साथ अपने छोटी कक्षाओं अर्थात प्राथमिक के बच्चों को पढ़कर सुनाने का अवसर देवें । समय समय पर बच्चों के पढ़ने की गति एवं समझ का आकलन भी करें | बच्चेति मिनट कितने शब्द पढ़ पा रहे हैं और पूरी कहानी पढ़ने के बाद कहानी के अंत में पूछे गे सवालों के जवाब समझ के साथ दे पा रहे हैं अथवा नहीं, इसकी जानकारी लेते रहें।

03.मुस्कान पुस्तकालय का नियमित उपयोग-

सभी प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक शालाओं में मुस्कान पुस्तकालय संचालित किए जा रहे हैं। इन पुस्तकालयों में प्रति वर्ष पुस्तकें प्रदाय की जाती हैं। बच्चों को नियमित रूप से इन पुस्तकों के उपयोग कर पठन कौशल विकसित करने हेतु निम्नलिखित गतिविधियों का आयोजन करवाएं।

  • स्कूल के समय सारिणी में पुस्तकालय का एक कालखण्ड अनिवार्य रूप से सभी कक्षाओं में उपलब्ध करवाया जाए।
  • प्रत्येक विद्यार्थी की मुस्कान पुस्तकालय से अपनी पसंद की पुस्तकें निकालकर पढ़ने का अवसर मिले।
  • पुस्तकें पढ़ने के बाद उसमें दिए गए मुख्य बिन्दुओं को एक दूसरे को सुनाए जाने का अवसर देवें।
  • प्रति माह सबसे अधिक पुस्तक पढने वाले विद्यार्थी को प्रेरित करने उसे “माह का सबसे बढ़िया पाठक” का खिताब देते हुए उसका विवरण एवं फोटो शाला के नोटिस बोर्ड में प्रदर्शित करें।
  • मुस्कान पुस्तकालय को आकर्षक रूप से सजाकर उनके नियमित एवं अधिकाधिक उपयोग हेतु प्रेरित करने वाली शालाओं के मध्य प्रतिस्पर्धा का आयोजन कर उन्हें पुस्तकालय को आकर्षक बनाने हेतु प्रेरित करना

04.शाला प्रबन्धन समिति के नेतृत्व में गाँव के सभी बच्चों में मूलभूत कौशल विकास

दिनांक 10 अगस्त, 2022 को आयोजित शाला प्रबन्धन समिति एवं समुदाय की बैठक में शामिल एजेंडा के अनुसार सभी शाला प्रबन्धन समिति अपने अपने क्षेत्र में सभी बच्चों को मूलभूत भाषाई एवं गणितीय कौशल हासिल करवाए जाने आगामी तीन माह तक मिलकर काम करेंगे इस कार्यक्रम के अंतर्गत उन्हें-

  • अपने अपने क्षेत्र में ऐसे बच्चों की पहचान करनी होगी जिनमें मूलभूत कौशलों का विकास करना आवश्यक हो।
  • ऐसे बच्चे शाला के भीतर या शाला के बाहर के भी हो सकते हैं, उनकी आयु 6-14 आयु वर्ग की होनी चाहिए।
  • समुदाय में से किसी इच्छुक व्यक्ति का चयन कर उन्हें ऐसे बच्चों में अपेक्षित कौशल विकास की जवाबदेही देवें।
  • बच्चों में आयु अनुरूप वर्ण, शब्द, वाक्य एवं अनुच्छेद अच्छे से पढ़ना आ जाना चाहिए।
  • इसी प्रकार बच्चों को आयु अनुरूप 1 से 99,999 तक की गिनती, जोड़, घटाना, गुणा एवं भाग के सवाल सिखाएं।
  • गाँव का कोई भी बच्चा इन कौशलों से वंचित न रहें एवं माह नवंबर, 2022 तक सभी बच्चे इसे हासिल कर लेवें।

05.शुरुआती कक्षाओं में अंग्रेजी बोलचाल पर कार्य करना-

राज्य में भाषाई सर्वे में यह बात प्रमुखता से उभर कर सामने आई है कि शुरुआती वर्षों में बच्चों द्वारा आसानी से भाषा सीखा जा सकता है। इसी बात को ध्यान में रखकर छोटी कक्षाओं विशेषकर बालवाडी एवं कक्षा पहली से तीसरी तक के बच्चों को प्रतिदिन अंग्रेजी में आमतौर पर बोलचाल में इस्तेमाल में आने वाले शब्दों को बोलने का वास्तविक परिस्थितियों में अभ्यास करवाया जाना सुनिश्चित करें | इस हेतु-

  • जिले एवं विकासखंड में अंग्रेजी बोलचाल में विशेषज्ञ शिक्षकों की पहचान कर उन्हें इसके लिए पीएलसी बनाएं।
  • इस प्रकार चयनित पीएलसी द्वारा बच्चों को बोलने के अभ्यास हेतु सामग्री विकसित की जाए।
  • पीएलसी द्वारा सभी शालाओं के शिक्षकों को आनलाइन आफलाइन मोड़ में प्रशिक्षित किया जाए।
  • बच्चों को छोटे छोटे वाक्य सही उच्चारण के साथ बोलने का पर्याप्त अभ्यास करवाएं।
  • बच्चों द्वारा फरटेदार अंग्रेजी बोलते हुए वीडियो लेकर उसे विभिन्न ग्रुप में साझा करें।

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