चर्चा पत्र नवम्बर-2022 में क्या है खास?
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एजेंडा एक:- हिंदी विषय पर कक्षा में कार्य कैसे करें?
- शुरुआती कक्षाओं में लिखित पाठ केन्द्रित होने के साथ अध्यापन करवाते हुए पढ़ना है|
- यही प्रक्रिया माध्यमिक कक्षाओं में पढ़ने वाले ऐसे बच्चे जो शुरुआती स्तर पर हैं, उन्हें पढ़ना और लिखना सीखने में मदद करती है।
- इस माह के चर्चा पत्र में प्रिंट समृद्ध वातावरण के निर्माण व उसके उपयोग को शामिल किया गया है।
- प्राथमिक कक्षाओं के लिए मुख्य रूप से चार कौशल मौखिक अभिव्यक्ति, डिकोडिंग, पठन और लेखन पर कार्य किया गया है।
- इस पाँच दिवसीय पाठ योजना में लिखित समृद्ध माहौल के निर्माण की प्रक्रिया भी शामिल है।
- माध्यमिक कक्षाओं में कक्षा छह का पाठ नाचा के पुरखा दाऊ मंदरा जी की पाठ योजना दी गई है।
- सीखने के प्रतिफलों पर कार्य करने की प्रक्रिया पर कार्य करना है।
एजेंडा दो :- सीखने के नुकसान की भरपाई के लिए गणित विषय पर कक्षा में कार्य कैसे करें?
- बच्चों के साथ उपचारात्मक शिक्षण करते हुए प्रारम्भिक साक्षरता और गणित (FLN) के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए शिक्षकों को गणित विषय पर कैसे कार्य करना है?
- साथ ही संकुल समन्वयकों के लिए संकुल बैठक को अकादमि रूप से संचालित करने के लिए दिशा निर्देश के विचारणीय बिन्दु साझा किये गये थे। इन मुद्दों में माह वार दिए गए पाठ्यक्रम को लेकर सुनियोजित तरीके से बच्चों के अधिगम स्तर को बढ़ाने के लिए विशेष योजना बन कर क्रियान्वयन करना एवं अनुभव साझा करना |
- आगामी नवम्बर माह में सभी शिक्षक अपनी कक्षा के सभी बच्चों को स्तरानुसार सीखने-सिखाने हेतु निम्न कार्य करेंगे – माह नवंबर में कक्षा 1 से 8 तक शनम्न पाठों का अध्ययन करवाया जाना है :-
पिछले माह की भांति ही इस माह भी संकुल बैठकों में चर्चा करें कि उपरोक्त पाठों की पाठ योजना बनाते समय शिक्षकों को कुछ बातों पर विशेष ध्यान देना होगा जैसे- नवंबर माह में जो पाठ निर्धारित उनमें से कक्षा 5 के एक पाठ ” धारिता” को लेकर एक शिक्षक को किन-किन बातों को ध्यान में रखकर और कैसे सभी बच्चो के साथ कार्य करना चाहिए? उसका एक विवरण लिंक – 1 के माध्यम से दिया गया है जिसमें शिक्षक के लिए जरूरी है कि वह –
- दिए गए पाठ से सम्बंधित सीखने के प्रतिफल
- उससे सम्बंधित पूर्व ज्ञान परीक्षण
- पाठ आधारित दिनवार गतिविधियों का चयन
- सीखने के प्रतिफल आधारित समेकित / इकाई आकलन हेतु प्रपत्र आदि बातों का अवश्य ध्यान रखे। योजना बनाते समय ध्यान दिये जाने वाले सभी बिन्दुओं को विस्तृत रूप से समझने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक करके पढ़ें।
संकुल बैठक में लिंक -1 में दी गई पाठ योजना पर चर्चा के बाद सभी कक्षाओं में पढ़ाये जाने वाले पाठ पर आधारित कक्षावार विस्तृत कार्य योजना बनाने के कार्य को संकुल में विकसित करें। संकुल समन्वयक योजना बनवाने में सहयोग करें और अकादमिक मॉनिटरिंग के दौरान संकुल में विकसित पाठ और कार्य योजना का अपने अकादमिक भ्रमण के दौरान अवलोकन करते हुए उस पर आधारित अपना प्रतिवेदन जमा करें।
Link : –
- कक्षा 7 – चतुर्भुज
- कक्षा 4 – परिमाप
- कक्षा 3 – ज्यामितीय
- कक्षा 2 – लंबाई
- कक्षा 1- संख्याएँ
- कक्षा 8 – – प्रतिशत
एजेंडा तीन : विकासखंड स्रोत समन्वयकों द्वारा किये गए कुछ नवाचार
राज्य के समस्त विकासखंड स्रोत समन्वयकों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण धमतरी के अज़ीम प्रेमजी स्कूल में 30-30 के बेच में चल रहा है। इस दौरान बीआरसीसी द्वारा निम्नलिखित प्रमुख कार्यों को किया जाना सूचित किया गया –
बीआसीसी दरभा, बस्तर – स्थानीय स्तर पर बिग बुक बनाकर बच्चों के लिए कहानियों की पुस्तक तैयार कर उपयोग में लाया जा रहा है |
बीआरसीसी भोपालपटनम, बीजापुर – जन-प्रतिनिधियों का सहयोग लेकर बंद स्कूलों को पंद्रह वर्षो बाद पुनः खोलने की दिशा में कार्य किया गया |
बीआरसीसी गीदम, दंतेवाडा – एकल शिक्षकीय शालाओं को स्मार्ट कक्षाओं में बदल जा रहा है ताकि बच्चे स्मार्ट क्लास के सहयोग से सीखना जारी रख सके |
बीआरसीसी चारामा, कांकेर –शाला अनुदान के अंतर्गत प्राप्त राशि में से विभिन्न व्यय में कटौती करते हुए प्रोजेक्टर का प्रबंध करवाया गया है |
बीआरसीसी नगरी, धमतरी – समुदाय के सहयोग से शालाओं में आवश्यकतानुसार संसाधन सुलभ करवाते हुए उनका विवरण विद्यान्जली में दर्ज करवाया |
बीआरसीसी बस्तर – विकासखंड के सभी शिक्षकों को एलिमेंटरी एवं सेकन्डरी स्तर के अनुसार टेलीग्राम ग्रुप में सफलतापूवाक शामिल करवाया गया |
बीआरसीसी गौरेला, जीपीएम – 52 ग्राम पंचायतों में सामुदायिक पुस्तकालयों कीस्थापना की गयी है ताकि सभी पढने में रूचि ले सकें |
बीआरसीसी डोंगरगढ़, राजनांदगााँव – बच्चों का सीखना-सिखाना रुचिकर बनाए जाने हेतु सभी प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक शालाओं में स्मार्ट टीवी लगाये जाने की योजना है
बीआरसीसी करतला, कोरबा – सारे शालाओं में विद्यार्थी विकास सूचकांक का उपयोग करते हुए प्रत्येक बच्चे की एल ओ पर प्रगति देखी जा रही है |
बीआरसीसी बेरला, बेमेतरा – शिक्षकों को एक दूसरे की शालाओं में क्या चल रहा है यह जानने समझने का अवसर देने सेल्फी विथ सक्सेस चलाया जा रहा है |
बीआरसीसी अंबिकापुर – सभी शिक्षकों को अपनी शाला के बच्चों को अपने बच्चे जैसा मानते हुए “मेरा बच्चा है” कहते हुए उनसे जुडाव स्थापित करेंगे |
एजेंडा चार :- रचनात्मक लेखन का अनुभव करवाना
हम सभी को अपने मन से, अपनी कल्पना से लिखने की आदत एवं कौशल को निखारने की अवसर मिलना चाहिए | लेखन की विभिन्न विधाओं में अपनी पहचान बनाने की दिशा में कार्य करना चाहिए | अपनी लिखी रचनाओं को किसी अखबार या पत्र-पत्रिकाओं में स्थान मिलने से जो खुशी मिलती है, उसका बयान नहीं किया जा सकता । ऐसे प्रोत्साहित करते रहने से लिखने की इच्छा और अधिक जागृत होती है। लिखते रहने से आपकी कल्पनाशीलता का भी बहुत अच्छा विकास होता है । राज्य में शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की रचनाओं को शामिल कर प्रकाशित करने का बीड़ा किलोल पत्रिका ने उठाया है । प्रतिमाह निकलने वाले आनलाइन संस्करण में सभी प्राप्त आलेखों को स्थान दिया जाता है । इसके मुद्रित प्रति में कुछ चुनिन्दा आलेख ही स्थान पा सकते हैं। आप स्वयं, अपने सगे-संबंधियों, विद्यार्थियों को गीत – कविता – कहानियाँ-चुटकुले-लोकोक्तियाँ आदि लिखने हेतु प्रेरित करें एवं उसे स्वच्छ स्पष्ट त्रुटिरहित यूनीकोड में टंकित कर ईमेल से [email protected] पते पर भेज देवें आपकी रचना को पत्रिका में स्थान मिल सकेगा और छपने पर और लिखने हेतु प्रोत्साहन भी मिलेगा | अधिक से अधिक साथियों को इस कार्य हेतु प्रेरित करें |
लेखन हेतु विषय अपने आसपास से लिए जा सकते हैं। आपको लिखने हेतु प्रोत्साहित करने एवं कविता “किवाड़” अवलोकनार्थ, आस्वादनार्थ एवं प्रोत्साहनार्थ उपलब्ध करवाई जा रही है। संकुल की बैठक में शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को कुछ टोपिक देकर उन्हें लिखने हेतु प्रेरित किया जा सकता है ! कोशिश करें –
एजेंडा पाँच :- बेसलाइन आकलन के बाद
आप सभी के मेहनत एवं योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने की वजह से उपचारात्मक शिक्षण हेतु मिशन लर्निंग आउटकम कम्प्लीशन का बेसलाइन का कार्य सफलतापूर्वक संपन्न हुआ अब उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के बाद आपके द्वारा भरे गए ओएमआर शीट के अनुसार डाटा प्रविष्टि का कार्य संपन्न किया जाएगा। इस प्रकार भरे हुए डाटा का जिले स्तर पर क्रोस वेरिफिकेशन करना होगा। राज्य स्तर पर भी सेम्पल उत्तर पुस्तिकाएं एवं उनकी प्रविष्टि की जांच कर क्रोस-वेरिफिकेशन किया जाएगा। इसके बाद हमें निम्नलिखित कार्य करने होंगे ताकि बच्चों की उपलब्धि में अपेक्षित सुधार दिखाई दे सके ।
- डाटा विश्लेषण के आधार पर शुरुआती स्तर ( beginner level-BL) पर आए बच्चों के साथ मूलभूत दक्षताओं पर समुदाय के सहयोग से शाला समय से अतिरिक्त समय में कार्य किया जाना होगा । अपनी कक्षा से कुछ स्तर पीछे (Below Class Level – BCL) के बच्चों को कक्षा अनुरूप स्तर तक लाने शिक्षकों का प्रशिक्षण एवं कक्षा में पियर लर्निंग को बढावा देना होगा । कक्षा के अनुरूप स्तर (Class Appropriate Level- CAL) के बच्चों की पढाई पर ध्यान देते हुए उन्हें प्रोत्साहित कर आगे बढ़ाना होगा ।
- (जिले एवं विकासखंड स्तर पर विषय आधारित प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी बनाकर उनके माध्यम से विषय शिक्षण को रोचक एवं प्रभावशाली बनाने हेतु जिले के सभी शिक्षकों को उनके साथ टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ना आवश्यक होगा।
- विषय में प्रवीणता रखने वाले शिक्षकों के माध्यम से परीक्षा की तैयारी हेतु आनलाइन कक्षाओं का आयोजन भी करना होगा जिसे सभी शालाएं अपने अपने स्मार्ट कक्षाओं के माध्यम से देख सकेंगे ।
- प्राचार्य / प्रधानाध्यापक द्वारा विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों में विशेष कोचिंग कक्षाओं के आयोजन हेतु संकुल के भीतर के कुछ शिक्षकों अथवा समुदाय से शिक्षक चयन कर उनके माध्यम से शाला समय से अलग विशेष कोचिंग कक्षाओं का आयोजन करना होगा ।
- बच्चों को अभ्यास हेतु गत वर्षों में उपलब्ध करवाई गयी अभ्यास पुस्तिकाएँ देते हुए उन पर अभ्यास करवाएं।
- हस्तलेख सुधारने हेतु भी कक्षा में प्रतिदिन बच्चों को अभ्यास देते हुए उनके हस्तलेख में हो रहे सुधार पर नजर रखें (vii) शिक्षकों को टेक्नोलोजी के उपयोग हेतु प्रशिक्षित करते हुए टेली- प्रेक्टीज एवं निक्लट एप्प का सभी कक्षाओं में उपयोग सुनिश्चित करें एवं सभी शालाओं में इंटरनेट रिचार्ज हेतु उपलब्ध राशि का बेहतर उपयोग करें ।
एजेंडा छ :- सभी बच्चों में मूलभूत दक्षताओं का विकास
माह नवंबर में होने वाले असर सर्वे में इस बार हमारे राज्य को बेहतर प्रदर्शन करना है । गत वर्ष आयोजित असर सर्वे में आपके जिलों की स्थिति बहुत ही खराब थी । बीजापुर, बस्तर, सूरजपुर आदि ऐसे जिले हैं जिनका प्रदर्शन राज्य के औसत प्रदर्शन से कम है। असर सर्वे के अनुसार केवल 19.8% छात्र बीजापुर जिले के ऐसे पाए गए जिनकों वर्णमाला और संख्या का ज्ञान है। गत सर्वे में बेहतर प्रदर्शन करने वाले जिलों का प्रदर्शन भी देखा जाए तो बहुत ही कमजोर था । बहुत वर्ष हो गए हमारे राज्य को स्कूली शिक्षा में देश में कुछ बेहतर कर दिखाने का चाहे राष्ट्रीय उपलब्धि परीक्षण हो या कोई और परीक्षण, हमारा राज्य हमेशा आख़िरी से पहले नंबर पर आ रहा है। सभी इस मुद्दे पर सोचें ! हम नवंबर में आयोजित होने वाले असर सर्वे में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं और अपने राज्य की स्थिति देश में प्रथम पांच तक पहुंचा सकते हैं ?
जिले के कुछ चयनित गाँवों में कुछ सेम्पल घरों में जाकर बच्चों का भाषा एवं गणित में टेस्ट लिया जाता है। यह टेस्ट स्कूल जाने वाले या न जाने वाले किसी भी बच्चे का सेम्पल के आधार पर हो सकता है। बच्चों को एक पैराग्राफ पढने दिया जाता है। यदि वह उसे पढ़ नहीं पाए तो वाक्य, नहीं तो शब्द और अंत में वर्ण पढने देते हुए उसके स्तर की जाँच होती है। इसी प्रकार गणित में भी भाग के सवाल नहीं कर पाने पर जोड़, घटाव और फिर अंकों की पहचान करने का अवसर दिया जाता है हमारी तैयारी ऐसी होनी चाहिए कि हमारे सभी बच्चे उच्च स्तर पर रहें ।
सभी गाँवों में प्रत्येक बच्चे के साथ मिलकर उन्हें पढने एवं गणित से संबंधित सवाल देकर उन पर अधिक से अधिक अभ्यास करवाया जाना चाहिए | बच्चों को अंग्रेजी पढने का भी पर्याप्त अभ्यास करवाएं। कई बार किसी नए व्यक्ति द्वारा सवाल पूछे जाने पर भी बच्चे झिझक जाते हैं अतः समुदाय से अधिक से अधि व्यक्तियों को इस कार्य हेतु प्रेरित कर बच्चों को अधिक से अधिक अभ्यास करवाएं। इसके लिए जिले स्तर से टूल बनाकर भेजें |
एजेंडा सात :- मूलभूत दक्षताओं में हितग्राहियों का विकास
स्कूल शिक्षा मंत्रालय द्वारा समीक्षा किए जाने वाले नियमित सूचकांकों में से एक है- FLN के क्रियान्वयन हेतु मेंटर-मेंटी तय कर FLN लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में मिलकर कार्य करना और इसके लिए सभी हितग्राहियों का क्षमता विकास | इस कार्य को संपादित किए जाने हेतु निम्नलिखित तैयारियां करनी होगी
- राज्य स्तर पर एक कुशल टीम का गठन कर कार्यक्रम डिजाइन करना (31 अक्टूबर तक )
- संभाग मुख्यालयों में प्रत्येक विकासखंड से दो दो कुशल मेंटर (भाषा एवं गणित) का चार दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम (नवंबर प्रथम सप्ताह तक )
- जिला मुख्यालयों में प्रत्येक संकुल से दो दो कुशल मेंटर (भाषा एवं गणित) का चार दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम (नवंबर द्वितीय सप्ताह तक)
- संकुल स्तर पर शिक्षकों का चार दिवसीय उन्मुखीकरण (नवंबर अंतिम सप्ताह तक )
- विभिन्न स्तरों पर अधिकारियों विशेषकर शाला संकुल प्राचार्यों का एक दिवसीय उन्मुखीकरण (नवंबर अंतिम सप्ताह तक)
संभाग के मुख्यालय वाले जिले में संभाग के सभी विकासखंडों से दो दो कुशल स्रोत व्यक्तियों के आवास एवं प्रशिक्षण की बेहतर व्यवस्था करनी होगी । इसी प्रकार सभी विकासखंडों को अपने सभी संकुल से दो दो स्रोत व्यक्तियों के चार दिवसीय प्रशिक्षण की व्यवस्था करनी होगी संकुल स्तर पर कम से कम दो से तीन संकुलों को मिलाकर बच्चों के सीखने को कम से कम प्रभावित कर शिक्षकों का चार दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित करना होगा | ये प्रशिक्षण एक साथ आयोजित न करते हुए शनिवार एवं कुछ दिनों की आड़ में कर सकते हैं। प्रत्येक प्रशिक्षण केंद्र में वहां के ऐसे स्थानीय शिक्षकों का चयन करें जो
- खिलौनों का उपयोग कर सिखाने में सहयोग दे सके
- FLN पर आधारित TLM बनाकर उनके उपयोग में दक्ष हो
- स्थानीय भाषा में बिग बुक बनाने में दक्ष हो
- गणित एवं अंग्रेजी में बेहतर क्वालिटी के TLM बनाकर प्रशिक्षण दे सके
प्रशिक्षण में शामिल होने वाले शिक्षकों को शामिल होने से पूर्व निम्नलिखित असाइनमेंट को पूरा करके लाना होगा
- निपुण भारत के लक्ष्यों का अध्ययन कर उनकी प्राप्ति के लिए विभिन्न गतिविधियों के बारे में समझ विकसित कर आना
- आपकी शाला में बच्चों द्वारा बोले जाने वाली भाषा और आपके द्वारा कक्षा में बच्चों का सीखना आसान करने तु किए जा रहे विभिन्न उपायों की जानकारी
- आपकी शाला में बच्चों के पढने के कौशल के विकास के संबंध में वस्तुस्थिति एवं उनमें सुधार हेतु लाए जा रहे विभिन्न प्रयास
- बच्चों को रचनात्मक लेखन के अवसर देते हुए उनके द्वारा लिखे गए कुछ नमूने
- कक्षाओं में गणित सिखाने हेतु उपयोग में लाए जा रहे कुछ नवाचारी उपाय |
- बच्चों द्वारा गणित में विभिन्न सवालों को हल करने के नमूने एवं बच्चों द्वारा की जा रही विभिन्न गलतियों से सीख लेते हुए उन्हें सुधारे जाने हेतु सीखने-सिखाने की गतिविधियों में अपेक्षित बदलाव हेतु कुछ सुझाव (vii) बच्चों की स्थानीय भाषा में कक्षा में वार्तालाप हेतु वार्तालाप पुस्तिका तैयार कर उसकी नमूना प्रति साथ में लाना (संकुल/ विकासखंड स्तर पर मिलकर बनाएं) ।
एजेंडा आठ :- एक शिक्षक का दर्द [ और जानें ]
एजेंडा नौ :- विभिन्न अनुदान राशियों का उपयोग
समग्र शिक्षा से पहले जो राशि स्कूलों को जाती थी उसे कई स्कूल उस वित्तीय वर्ष में व्यय न कर अपने खाते में जमा रखते थे | इससे उस वित्तीय वर्ष में प्राप्त राशि का स्कूलों के विकास एवं आवश्यकताओं में उपयोग नहीं हो पाता था | इस कमी को दूर करने अब पीएफ़एमएस प्रणाली लागू की गई है। इसके तहत आपको बजट व्यय करने की सीमा एवं प्रक्रिया संबंधी आदेश जारी किया जाता है और आपको उसी कार्य के लिए उसी सीमा के भीतर बजट का व्यय करना होता है । राशि राज्य के एक ही खाते में होती है और आपके द्वारा व्यय करने पर उसी में से कम होती है या निकलती है। आपको स्वीकृत बजट समय पर व्यय नहीं करने की स्थिति में लेप्स हो जाता है और वह किसी के उपयोग का नहीं रह जाता। ऐसे में आपको जो भी बजट स्वीकृत होता है, उसे समयसीमा के भीतर व्यय किया जाना सुनिश्चित कर लेवें । अभी तक मुख्य रूप से इन कार्यों के लिए बजट जारी किया गया है
- शाला अनुदान :- बच्चों की दर्ज संख्या के अनुसार इसे शाला के दिन-प्रतिदिन के कार्यों पर होने वाले व्यय के लिए जारी किया गया है। इसका 10% स्वच्छता पर व्यय करना है
- गणित एवं विज्ञान क्लब के संचालन हेतु बजट :- सभी हाई-हायर सेकन्डरी स्कूलों एवं चुनिन्दा एलिमेंटरी स्तर के स्कूलों को पांच हजार रुपए का बजट स्वीकृत किया गया है। गणित एवं विज्ञान क्लब के संचालन हेतु विस्तृत दिशानिर्देश cgschool.in के मुखपृष्ठ पर डाउन लोड करने हेतु उपलब्ध हैं
- व्यवसायिक शिक्षा से परिचय हेतु जिलों के 30-30 उच्च प्राथमिक शालाओं को प्रति शाला दस हजार रुपए जारी किए गए हैं जिसके माध्यम से उन्हें बस्ताविहीन कक्षा, शैक्षिक भ्रमण एवं प्रदर्शनी आयोजित करनी है
- प्राथमिक शालाओं में प्रिंट-टिच वातावरण तैयार करने रुपए 2500 /- एवं इंटरनेट रिचार्ज हेतु प्रति प्राथमिक शाला रुपए 1000/- जारी किया जा रहा है।
- बालवाडी के साथ संचालित प्राथमिक शालाओं को बालवाडी संचालन हेतु समुदाय के साथ मिलकर बोटम अप प्लानिंग के आयोजन हेतु ऐसे प्रति प्राथमिक शाला को रुपए 400 /- जारी किया गया है
- प्रारंभिक स्तर पर शाला प्रबन्धन समिति के प्रशिक्षण एवं निर्धारित तिथियों में तीन बैठकों के आयोजन हेतु प्रति शाला रूपए 2280/- जारी किया गया है। इसी प्रकार हाई एवं हायर सेकन्डरी शालाओं को SMDC की तीन बैठकों के आयोजन एवं उनके प्रशिक्षण हेतु 3000 /- का बजट सभी शालाओं को जारी कर दिया गया है
- सामुदायिक सहभागिता सुनिश्चित किए जाने हेतु सभी शालाओं को रुपए 800/- जारी किया गया है जिसके माध्यम से माताओं का उन्मुखीकरण एवं शिक्षक पालक बैठकों का आयोजन कर सकते हैं
- उपचारात्मक शिक्षण हेतु उच्च प्राथमिक एवं हाई-हायर सेकन्डरी स्कूल को इंटरनेट रिचार्ज हेतु रुपए 2500/, विशेष कोचिंग कक्षाओं के संचालन हेतु मानदेय देने रुपए प्रति विद्यार्थी 150/- प्रतिमाह तीन माह के लिए, निक्लर एवं टेली- प्रेक्टीज के नियमित उपयोग हेतु प्रति विद्यार्थी 20/- जारी किया जा रहा है । इस योजना में परीक्षा की तैयारी के लिए आनलाइन कक्षाएं लेने वाले शिक्षकों को प्रति कक्षा 450/- का मानदेय दिया जाएगा
- बालिकाओं को आत्मरक्षा पर आधारित प्रशिक्षण देने हेतु उच्च प्राथमिक शालाओं एवं हाई-हायर सेकन्डरी शालाओं को रुपए 5000/- की दर से बजट स्वीकृत किया गया है।
- बच्चों के शैक्षणिक भ्रमण एवं अन्य कई योजनाओं में भी शीघ्र बजट जारी किया जाएगा। बजट के जारी होने के संबंध में विवरण आपको टेलीग्राम चेनल में दिया जा सकेगा अतः उससे जुड़ें स्वीकृत बजट समय रहते व्यय करें अन्यथा आपको स्वीकृत बजट लैप्स हो जाएगा
एजेंडा दस :- सभी शालाओं में प्राथमिकता से किए जाने हेतु कुछ महत्वपूर्ण कार्य
माह जनवरी, 2023 में सभी राज्यों के मुख्य सचिवों की समीक्षा बैठक में स्कूली शिक्षा से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर जानकारी ली जाएगी। इस बैठक में पूर्व में हुई बैठक में दिए गए सुझावों के शालाओं में क्रियान्वयन की अद्यतन स्थिति के संबंध में सूचना देनी होगी । ऐसी जानकारियों को सीधे स्कूलों से आपके माध्यम से लेने हेतु आपके जिले के सभी स्कूल टेलीग्राम से जुड़े होने चाहिए | जिले की सभी शालाओं में निम्नलिखि कार्यों को प्रमुखता एवं प्राथमिकता से पूरा कर लेवें एवं इसे आगे भी नियमित जारी रखें ताकि बच्चों की उपलब्धि में सुधार लाया जा सके –
- पालकों को जागरूक करते हुए उनकी सक्रिय सहभागिता हेतु पालक जागरुकता अभियान एवं शाला प्रबंधन समितियों का प्रशिक्षण आयोजित करवाना
- निजी और सरकारी स्कूलों के बीच द्विनिंग (Twinning of private & Govt. Schools)
- स्कूलों और आंगनबाडी के बीच बेहतर एकीकरण एवं स्कूल द्वारा आंगनबाडी में जाकर वहां की पढाई में सहयोग देना एवं आवश्यक मार्गदर्शन देना (Greater Integration between Schools & Anganbadi Centre)
- मध्याह्न भोजन के साथ समुदाय के सहयोग से किसी विशेष व्यक्ति की स्मृति में बच्चों के लिए मध्याहन भोजन के साथ अतिरिक्त स्वादिष्ट एवं पौष्टिक भोजन का वितरण – विशेष अवसरों पर गाँव में समुदाय के सहयोग से तिथि भोजन का आयोजन स्कूलों में किया जाना
- शिक्षकों द्वारा किसी अन्य व्यक्ति को अपने साथ पर प्रतिनिधि या एवजी के रूप में रखने की समस्या के हल के लिए प्रत्येक शाला के बाहरी दीवार पर शिक्षकों को फोटो लगाए जाने संबंधी निर्देशों का पालन शालाओं में सेवानिवृत्त शिक्षकों द्वारा मेंटर के रूप में अध्यापन हेतु सहयोग देना
- कक्षाओं में बच्चों को एक दूसरे से सीखने हेतु पियर लर्निंग का अवसर नियमित रूप से दिया जाना
- शिक्षकों ने भी एक दूसरे से सीखने हेतु प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी का गठन कर सक्रिय रोल स्कूलों में पुराने विद्यार्थियों को जोड़ने हेतु एलुमिनी बनाकर उन्हें एकत्र करते हुए स्कूल में बैठक एवं स्कूल के विकास के सहयोग देने हेतु प्रेरित किया जाना है
- शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की उपस्थिति को एकत्र कर उनका आकलन करने की व्यवस्था संकुल स्तर पर चर्चा पत्र के आधार पर मासिक अकादमिक बैठकों का आयोजन
- सभी शाला के शिक्षकों द्वारा आन – डिमांड प्रशिक्षण में अपनी आवश्यकतानुसार रुचि दिखाना
- आपकी शाला को विद्यान्ज्ली पोर्टल में दर्ज करना और शाला को इसके माध्यम से सहयोग लेना स्कूल में आगामी राष्ट्रीय उपलब्धि परीक्षण के परिणामों के सुधार के लिए आवश्यक विशेष प्रयास
- कक्षा पहली में शाला के लिए तैयारी का 90 दिनों के मोड्यूल पर कार्य जारी रखना
- शुरुआती कक्षाओं में स्थानीय भाषा का उपयोग किया जाना
- बच्चों के पढने के स्पीड पर ध्यान दिया जाना उच्च प्राथमिक स्तर पर व्यवसायिक शिक्षा से परिचय हेतु बस्ताविहीन कक्षाएं आयोजित करना
- दीक्षा का अधिक से अधिक उपयोग किया जाना
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