Charcha Patra [चर्चा पत्र मार्च 2023]

charcha patra : हर माह में शाला में विभिन्न गतिविधियाँ होते रहते हैं । तो उन सब कार्यक्रमों, गतिविधियों व शाला संबंधी योजनाओं को चर्चा पत्र पर जगह दिया जाता है | Edudepart.com द्वारा चर्चा पत्र का विश्लेष्ण कर आसान तरीके से उपलब्ध कराया जा रहा है । जिससे कि विभाग के हर गतिविधि से हर कोई अपडेट रहें । तो देखें और अपने आपको Update रखें।

पोस्ट विवरण

चर्चा पत्र मार्च 2023 में क्या है खास ?

[Charcha Patra]

चर्चा-पत्र Charcha Patra
चर्चा-पत्र Charcha Patra
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Charcha Patra

एजेंडा एक:-सीखने के प्रतिफल की उपलब्धि में आकलन की भूमिका

समेटिव परीक्षाएँ हमारी स्कूली शिक्षण प्रक्रियाओं का एक महत्वपूर्ण अंग हैं। ये परीक्षाएँ एक निश्चित समय सीमा के अंतर्गत छात्रों के साथ विभिन्न अवधारणाओं और अध्यायों पर किए गए कार्य की समीक्षा भी करती हैं। छात्रों की समझ को जाँचने, आवश्यकताओं को चिन्हित करने, स्वयं शिक्षक के अध्यापन करवाए जाने के तरीकों में बदलाव लाने एवं आगामी रणनीतियाँ विकसित करने में निर्णायक भूमिका निभाती हैं। जो इस चर्चा पत्र Charcha Patra में दिया गया है |

  • एक निश्चित समय सीमा (तीन महीने, छह महीने के अंतर्गत कक्षा में विभिन्न अवधारणाओं / अध्यायों को छात्र कितना और क्या- क्या समझ पाए इसे जाँचना ।
  • कक्षा में अधिकांश छात्रों को सीखने में आ रही सामान्य चुनौतियों का पता लगाना ।
  • कक्षा में अधिकांश छात्र कौन से सीखने के प्रतिफल को प्राप्त कर पाए एवं कौन से सीखने के प्रतिफल को प्राप्त नहीं किया जा सका ? इसका विश्लेषण करना ।
  • शिक्षण प्रक्रियाओं की गुणवत्ता की जांच करना एवं उसमें यथासंभव परिवर्तन लाना।
  • सभी विषयों में सीखने के प्रतिफल, कक्षा प्रक्रिया एवं आकलन में रचनात्मक जुड़ाव होना जरुरी है :

एजेंडा दो:-विश्व मातृभाषा दिवस पर MLE कोर्स

कोर्स का उद्देश्य(Charcha Patra)-

  • बच्चों को जब उनकी भाषा में सीखने के अवसर देना |
  • बच्चों को उनकी स्कूल की और मातृभाषा में सीखने के अवसर देना |
  • इस कोर्स को जिले के DEO/DIET/DMC/BEO / ABEO / BRCC कर सकेंगे|
  • इसके लिए लेंगुएज एंड लर्निंग फाउंडेशन द्वारा यूनिसेफ के सहयोग से कोर्स तैयार किया गया है|
  • इस कोर्स में अधिकारी बहुभाषा शिक्षा को समझ पाएँगे और अपने क्षेत्र में इसे प्रभावी रूप से लागू कर पाएँगे|
  • यह कोर्स कुल 6 आनलाइन इकाइयों से मिलकर बनाया गया है|
  • इस कोर्स को सफलतापूर्वक करने हेतु लगभग 8-10 घंटे का समय देना होगा|
  • सीटें सीमित संख्या में है और इस कोर्स को करने हेतु छह सदस्यों के मध्य एक मेंटर होगा जो कोर्स को सफलतापूर्वक करवाने में सहयोग प्रदान करेगा|

कोर्स में उपलब्ध 6 इकाइयों-

  • इकाई एक- शिक्षा में बच्चों की भाषा का महत्व,
  • इकाई दो- संवैधानिक और कानूनी प्रावधान,
  • इकाई तीन- बहुभाषी शिक्षा क्या है,
  • इकाई चार- कक्षा में बहुभाषी शिक्षा,
  • इकाई पांच- शिक्षा अधिकारियों की भूमिका-1 एवं
  • इकाई छ:- अधिकारियों की भूमिका-II

एजेंडा तीनः सुघ्घर पढवईय्या व डाईट के माध्यम से विभिन्न कार्य

  • जिले के एलिमेंटरी एवं सेकन्डरी टेलीग्राम ग्रुप में शत- प्रतिशत सक्रिय उपस्थिति सुनिश्चित करना |
  • जिले में समस्त एलिमेंटरी स्कूलों द्वारा सुघ्घर पोर्टल में चुनौती लेने हेतु पंजीयन करना
  • प्रत्येक विकासखंड से डाईट द्वारा टीम के साथ मिलकर पांच-पांच शालाओं का थर्ड पार्टी आकलन कर पोर्टल में प्रविष्टि करना |
  • अन्य शिक्षक प्रशिक्षण संस्थाओं के जिला प्रभारियों द्वारा उनको प्रदत्त जिले में कम से कम एक शाला का थर्ड पार्टी आकलन करना |
  • शाला संकुल प्राचार्यों का उन्मुखीकरण करते हुए उनके माध्यम से प्रत्येक संकुल में इस कार्यक्रम के प्रति जागरूक करना |
  • साथ ही नियमित मासिक बैठकों का आयोजन कर सभी शिक्षकों द्वारा चर्चा पत्र डाउनलोड कर अध्ययन कर लागू करना|

एजेंडा चार: संकुल स्तर पर मेंटर-मेंटी के माध्यम से सुधार कार्य

इस वर्ष सभी संकुलों में भाषा एवं गणित में एक एक मैटर तैयार किए गए हैं, उन्हें 2026-27 तक कक्षा तीन तक के सभी लर्निंग आउटकम अच्छे से सिखाकर लक्ष्य हासिल करवाने का प्रयास करना होगा|

(Charcha Patra) मेंटर और मेंटी के कार्य-

  • बच्चों को कैसे सीखने के अवसर प्रदान किए जाए जिससे वे भाषा एवं गणित में निपुण हो सके |
  • बच्चों के सीखने के समय को कैसे बढाया जाए कि समय पर सीखा जा सके|
  • माह अप्रेल में कैसे परीक्षा एवं मूल्यांकन में से समय निकालकर बच्चों को सीखने हेतु अवसर दिया जाए|
  • माह मई एवं जून में कैसे समुदाय के सहयोग से ग्रीष्मकालीन शिविर के माध्यम से सीखने के अवसर दिए जाएँ|
  • बच्चों के लिए समुदाय के सहयोग से स्थानीय सामग्री तैयार कर कैसे पढ़ने के लिए दिया जाए |
  • आगनबाड़ी में जाने वाले बच्चों को कैसे शुरुआती भाषा एवं गणित में काम के अवसर दिए जाएँ |
  • बच्चों को रीडिंग स्पीड एवं मौखिक गणित में दक्षता हासिल करने की दिशा में कैसे काम करें|
  • मुस्कान पुस्तकालय का नियमित उपयोग कैसे किया जाए कि बच्चे पढ़ने में रूचि लेने लगे|
  • शिक्षकों को कैसे एक दूसरे से सीखने के लिए अवसर उपलब्ध करवाया जाए|
  • अपने संकुल को कैसे FLN में शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने वाला संकुल बनाया जाए

एजेंडा पांच:- हमारे नायक की आगामी श्रंखला पर कार्य

  • राज्य में कोरोना लाकडाउन के समय से शिक्षकों को प्रोत्साहित करने एवं उनके द्वारा किए जा रहे बेहतर कार्यों को सामने लाने की दृष्टि से “हमारे नायक” की श्रंखला प्रारंभ की गयी है|
  • इसकी आगामी कड़ी में उनके द्वारा “सुघ्घर पढवैय्या” के अंतर्गत चुनौती स्वीकार कर अपने स्कूल को इसके लायक बनाने की दिशा में मिलकर बेहतर प्रयास प्रारंभ करने वाले शिक्षकों को अवसर दिया जायेगा|

एजेंडा छह: बच्चों के लिए पोडकास्ट टीम का गठन

  • राज्य में भाषाई सर्वे के उपरान्त स्थानीय भाषा में बच्चों को सीखने के अवसर प्रदान किए जाते है|
  • इसी कड़ी में बच्चों के लिए स्थानीय कहानियों पर आधारित पोडकास्ट बनाया जाना है,

(Charcha Patra) पोडकास्ट तैयार करने हेतु शिक्षक निम्नलिखित काम में सहयोग दे सकते हैं-

  • राज्य में हुई भाषाई सर्वे के आधार पर आपके जिले में उपयोग में लाई जाने वाले भाषाओं का चयन कर उनका हिन्दी में अनुवाद रूप से करवाना|
  • बड़े-बुजुगों को स्थानीय कहानियाँ सुनाने हेतु प्रेरित करना|
  • जिले में पोडकास्ट बनाने हेतु इस कार्य में सहयोग लेना |
  • स्थानीय कहानियों का दस्तावेजीकरण कर उसमें संबंधित चित्र आलेख तैयार करना|
  • राज्य में पोडकास्ट निर्माण के लिए एक ग्रुप में जुड़कर एक दूसरे को तकनीकी सहयोग एवं कहानियों का आदान-प्रदान कर अधिक से अधिक पोडकास्ट बनाने हेतु लक्ष्य निर्धारित करना
  • जिले में कार्यरत गैर-शासकीय संस्थाओं को भी इस कार्य में जोड़ते हुए उनसे आवश्यक सहयोग लिया जाना |
  • पोडकास्ट के माध्यम से इन कहानियों को कक्षाओं में सुनाए जाने हेतु ट्रायल लेकर सुधार करना एवं समय समय पर जमीनी स्तर से फीडबैक लेना|

(Charcha Patra) पोडकास्ट टेलीग्राम ग्रुप में लिंक- https://t.me/+Dxv0-JAZuk9mYzdl

एजेंडा सात: बच्चों के साथ मार्च से जून तक कार्य

  • कैसे बच्चों को माह मार्च में परीक्षाओं एवं मूल्यांकन कार्य के बीच भी सक्रिय रखा जा सके ?
  • कैसे धीरे-धीरे ग्रीष्मावकाश में समुदाय के साथ मिलकर बच्चों का सीखना जारी रखा जा सके ?
  • बच्चों को एक दूसरे से छोटे-छोटे समूह बनाकर आपस में सीखने के लिए कैसे व्यवस्थाएं की जाएं ?
  • कैसे बच्चों को अवकाश के दौरान मुस्कान पुस्तकालय की पुस्तकों को पढ़ने हेतु दिया जाए ?
  • कैसे ग्रीष्मावकाश में हम अपने क्षमता संवर्धन की दिशा में काम करें ताकि अगले सत्र में हम एक नए स्वरूप में दिखें ?
  • कैसे बच्चों को अभ्यास पुस्तिकाएं, अगली कक्षा की उपयोग की गयी पुस्तकें आदि पहले से उपलब्ध करवा सकेंगे ?

एजेंडा आठः मध्याह्न भोजन में मिलेट का उपयोग

  1. कोदो मिलेट का पुलाव-
  2. दलिया
  3. कोदो की खीर बनाने की विधि
  4. बाजरे की खिचडी
  5. बाजरा के आटे का हलवा

इन चीजों के साथ इसे बना सकते हैं | विवरण चर्चा पत्र(Charcha Patra) में देखें |

एजेंडा नौ: पोस्ट FLS अध्ययन माइक्रो इम्प्रूवमेंट प्रोजेक्ट

  • प्रत्येक शाला को अनिवार्य रूप से एक माइक्रो इम्प्रूवमेंट प्रोजेक्ट लेकर उस पर सुधार कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं,
  • इस बार हमें माह अप्रेल से लेकर जुलाई प्रथम सप्ताह तक एक प्रोजेक्ट लेकर क्रियान्वित करना है,
  • ग्रीष्मावकाश के दौरान इस परियोजना के अधिकांश भाग को क्रियान्वित करना है,
  • फाउंडेशनल लर्निंग स्टडी का फोलो-अप करते हुए फाउंडेशनल लर्निंग स्टडी 2022 का आयोजन किया गया है,

एजेंडा दसः आकलन से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर शिक्षण निर्देश

आकलन अपने आप में कोई अलग प्रक्रिया नहीं हैं, बल्कि यह शिक्षण कार्य का ही अभिन्न अंग हैं। सीखने को सुनिश्चित करने के लिए दक्षता के अनुसार सतत आकलन करना शिक्षण प्रक्रिया को प्रभावशाली बनाता है।

(Charcha Patra) आकलन के उद्देश्य-

  1. बच्चों की प्रगति को जानना
  2. सीखने में आ रही कठिनाईयों को जानना
  3. बच्चों की मदद के लिए प्रभावी रणनीतियाँ बनाना
  4. आगे की शिक्षण योजना बनाना
  5. आकलन और शिक्षण को एकीकृत प्रक्रिया के रूप में देखना,
  6. शिक्षण प्रक्रिया में आवश्यकता के अनुसार बदलाव और नई-नई गतिविधियों को योजना में शामिल करना|

इन चीजों के विस्तृत विवरण के लिये चर्चा पत्र में देखें |

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