OPS vs NPS में पेंशन या पुरानी और नई पेंशन में क्या है अन्तर? इस पोस्ट को ध्यान से पूरा पढने के बाद आपको पता चलने वाला है यदि कोई संदेह फिर भी बाकी रहे तो आप कमेंट कर पूछ सकते हैं
पोस्ट विवरण
OPS vs NPS में पेंशन, GPF व Gratuity गणना
यह गणना शिक्षक (वर्ग-2), नियुक्ति वर्ष-2008, संविलियन वर्ष-2018 व रिटायरमेंट वर्ष- 2050 के आधार पर किया गया है ।आप भी अपने मूल वेतन के आधार पर OPS पेंशन, GPF व Gratuity की गणना कर सकते हैं ।नीचे चार्ट संलग्न है जिसके अनुसार-
OPS vs NPS तुलनातमक चार्ट | Click Here |
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OPS कैलकुलेशन चार्ट | Click Here |
NPS कैलकुलेशन चार्ट | Click Here |
पेंशन FAQ PPF CG Raipur | Click Here |
पेंशन फ़ार्मूला- अंतिम माह का मूल वेतन/2 X कुल सेवा का छःमाहीX2/66 की दर से गणना करने पर ।
OPS में पेंशन -1,28,247
GPF Calculation-चार्ट अनुसार 7% ब्याज की दर से प्रति वर्ष की गणना करने पर ।
OPS में GPF – 76,49,485
Gratuity केल्कुलेशन फ़ार्मूला-(अंतिम माह का मूल वेतन+DA) X कुल सेवा वर्षX15/26 दर से गणना करने पर ।
OPS में Gratuity – 48,88,791
👉NPS में 60% राशि – 1,94,42,000 (एक मुश्त राशि रिटायरमेंट के समय मिलेगा )
👉NPS में 40% राशि – 1,29,64,000 (Annuity खरीदी पर 65,000 मासिक पेंशन + अंत में पूरी राशि बच्चों को देय)
👉NPS में ग्रेच्युटी – 44,88,791 [Gratuity in NPS वित्त निर्देश]
अभी तक से राशि देय नहीं है क्योंकि हमारा प्रथम नियुक्ति 1 जुलाई 2018 मानी जा रहा है पर वित्त विभाग से इस संबंध में निर्देश जारी हुआ है जिसे आप ऊपर देख सकते हैं । और इसकी गणना OPS के समान ही होना है तो इसकी गणना हम यहाँ अनुमानित रुप से किये हैं ।
अनुग्रह राशि- 50,000
शासकीय कर्मचारी चाहे वह NPS ले या OPS उसकी असामयिक मृत्यु की दशा में अनुग्रह राशि 50,000/-देय होता है। जो मृत कर्मचारी के परिवार को दिया जाता है | मूल रुप से अनुग्रह राशि किसी व्यक्ति को किसी संगठन, सरकार या बीमाकर्ता द्वारा नुकसान या दावों के लिए राशि का भुगतान किया जाता है।
परिवार पेंशन
OPS में 7 साल पूरा होने पर 30% या 7750 रु. न्यूनतम पेंशन दिया जाता है जो NPS में 5 लाख से कम कि स्थिति में पूरी राशि व उससे अधिक होने पर 20%+80% के हिसाब से पेंशन तय होता है |
समूह बीमा योजना
GIS (समूह बीमा) अंतर्गत कर्मचारियों के वेतन से हर माह एक राशि कटौती होती है जिसके चलते किसी दुर्घटना के चलते मृत्यु पर एक निश्चित बीमा का लाभ मिलता है। ऐसे में नियोक्ता ही पॉलिसी धारक होता है, तथा कर्मचारीगण पॉलिसी प्रावधानों एवं लाभों के लिए लाभार्थी बन जाते हैं। समूह बीमा योजना के अन्तर्गत आने वाले सभी समूह सदस्य एकसमान जोखिम के विरुद्ध कवर्ड रहते हैं। रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित ब्याज के साथ राशि वापस लौटा दी जाती है | दुर्घटना पर बिमा राशि की दर-
प्रथम श्रेणी | ₹480 प्रति माह | ₹4,80,000 |
द्वितीय श्रेणी | ₹360 प्रति माह | ₹3,60,000 |
तृतीय श्रेणी | ₹300 प्रति माह | ₹3,00,000 |
चतुर्थ श्रेणी | ₹180 प्रति माह | ₹1,80,000 |
अवकाश नगदीकरण
अवकाश नगदीकरण वित्त निर्देश | Click Here |
शासकीय कर्मचारी को 300 दिन या 10 माह का अर्जित अवकाश का नगदीकरण मिलता है | जो कि रिटायरमेंट के समय के वेतन के अनुसार देय होता है | मृत कर्मचारी के मामले में उसकी कुल अर्जित अवकाश के आधार पर यह गणना होती है |
अनुकंपा नियुक्ति
चाहे आप NPS लें या OPS अनुकंपा नियुक्ति के लिये आपको राज्य शासन के नियमानुसार अनुकंपा की पात्रता होगी । अनुकंपा नियुक्ति मृतक शासकीय सेवक के परिवार को शासन द्वारा प्रदान करने का प्रावधान है। अनुकंपा नियुक्ति हेतु दिवंगत शासकीय सेवक मृतक की पत्नि अथवा कर्मचारी द्वारा नामांकित नामिनी में से किसी एक व्यक्ति को अनुकंपा नियुक्ति शैक्षणिक योग्यता के आधार पर ग्रेड-3 या भृत्य पद पर 7 वर्ष की समय सीमा में रिक्त पद की उपलब्धता पर प्रदान किये जाने का प्रावधान किया गया है।
वेतन से की जानी वाली कटौती
OPS में-
- मूल वेतन का न्यूनतम 12% GPF राशि कर्मचारी के वेतन से कटौती की जाती है जिसे GPF खाते में अंतरित कर एक निश्चित ब्याज के साथ दिया जाता है ।
- 12% GPF राशि के अतिरिक्त सामान्य भविष्य निधि में अतिरिक्त कटौती कर्मचारी द्वारा किया जा सकता है।
NPS में-
- 01 अप्रैल 2022 से कर्मचारी के मूल वेतन + मंहगाई भत्ते का 10% राशि की कटौती की जाती है |
- साथ ही मूल वेतन + मंहगाई भत्ते का 14% अंशदान शासन द्वारा की जाती है |
- इस 24% के अतिरिक्त स्वैच्छिक अंशदान PRAN खाते में जमा किया जा सकता है।
NPS व OPS में आंशिक आहरण
OPS में-
- GPF में 12 साल की सेवा के बाद 75% राशि को एडवांस में निकाल सकते हैं ।
- साथ ही इस निकाली गयी राशि को वापस भी नहीं लौटाना होता है ।
- इसी तरह सेवा निवृत्ति से 2 साल पहले बिना कारण बताये 90% राशि निकाल सकते हैं ।
- GPF अग्रिम में 12 महिने का सेलेरी या GPF राशि का 75% निकाल सकते हैं ।
- कर्मचारी GPF से कितनी बार भी चाहे अग्रिम राशि निकाल सकता है ।
- अग्रिम को 60 महिने के किस्त में जमा कर सकते हैं ।
NPS में-
- न्यूनतम 03 वर्ष की सेवा पूर्ण होने के उपरांत NPS से आंशिक आहरण कर सकते हैं।
- पूरी सेवा अवधि के दौरान अधिकतम 03 बार आंशिक आहरण कर सकते हैं ।
- आंशिक आहरण केवल कर्मचारी अंशदान का अधिकतम 25% ही कर सकता है ।
- आंशिक आहरण में लाभांश राशि को नहीं निकाल सकते ।
NPS व OPS सेवानिवृत्ति में पेंशन निर्धारण
OPS में-
- पेंशन हेतु न्यूनतम सेवा अवधि 9 वर्ष 9 माह अनिवार्य है।
- पूर्ण पेंशन के लिये सेवा 33 वर्ष होना अनिवार्य है ।
- पेंशन का निर्धारण अंतिम मूल वेतन का 50 प्रतिशत+DA से होता है ।
- सेवा 33 वर्ष से कम होने पर अनुपातिक पेंशन देय होगा ।
- पेंशन फ़ार्मूला- (अंतिम माह का मूल वेतन X कुल सेवा का छःमाही में)2X66
- निर्धारित पेंशन पर समय-समय पर जारी शासन द्वारा महंगाई भत्ता भी दिया जाता है।
- 10 वर्ष पूर्ण होने से पहले कर्मचारी के रिटायरमेंट पर पेंशन का निर्धारण NPS के तहत ही होगा ।
- तो इस स्थिति में क्लीयर है कि 10 वर्ष पूरा होने से पहले ही रिटायरमेंट हो जाता है तो OPS का लाभ मिलेगा ही नहीं । क्योंकि OPS पेंशन हेतु न्यूनतम सेवा अवधि 9 वर्ष 9 माह अनिवार्य है।
NPS में-
- PRAN खाते में कुल जमा अंशदान लाभांश सहित का अधिकतम 60% राशि एक मुश्त प्राप्त होता है।
- शेष राशि न्यूनतम 40% का Annuity खरीदना अनिवार्य है ।
- Annuity क्रय किये जाने पर निर्धारित ब्याज दर (अपरिवर्तनीय) के अनुसार प्रतिमाह निश्चित वार्षिकी (पेंशन) प्राप्त होता है |
- PRAN खाते में कुल जमा अंशदान लाभांश सहित राशि रू. 5 लाख या उससे कम होने पर पूर्ण आहरण कर सकते हैं।
- इस स्थिति में Annuity खरीदने की आवश्यकता नहीं होती ।
NPS व OPS में मृत्यु पर पेंशन निर्धारण
OPS में-
- न्यूनतम 07 वर्ष की लगातार सेवा पूर्ण कर लेने पर व सेवा में रहते शासकीय सेवक के दिवंगत होने पर ।
- या सेवानिवृत्त होने के बाद शासकीय सेवक के दिवंगत होने पर, दोनो स्थितियों में, उसकी मृत्यु तिथि के अगले दिन से 07 वर्ष तक या उस दिवंगत शासकीय सेवक के 67 वर्ष की आयु तक, (यदि वह जीवित रहता तो 67 वर्ष पूर्ण करता) जो भी तिथि पहले हो, परिवार पेंशन की उच्च दर (अंतिम मूल वेतन का 50% ) देय होगी।
- तत्पश्चात आगामी तिथि से परिवार पेंशन की निम्न दर (अंतिम वेतन का 30% ) प्राप्त होगी ।
- 7 वर्ष से कम की सेवा होने पर परिवार पेंशन ₹7750 या अन्तिम वेतन का 30% देय होगा।
- निर्धारित पेंशन पर मंहगाई भत्ता शामिल कर पेंशन देय होगा ।
NPS में-
- PRAN खाते में कुल जमा अंशदान लाभांश सहित का अधिकतम 20% एकमुश्त प्राप्त होता है।
- शेष राशि (न्यूनतम 80% ) का Annuity के आधार पर निश्चित पेंशन प्रतिमाह देय होगा।
- प्रान खाते में कुल जमा अंशदान लाभांश सहित राशि रू.5 लाख या उससे कम होने पर एकमुश्त पूर्ण निकासी कर सकते हैं ।
- NPS में नॉमिनी को जीवन पर्यन्त पेंशन प्राप्त होगी।
- तत्पश्चात नामचीन के जीवित बच्चों को एकमुश्त Annuity राशि वापस कर दी जाती है ।
NPS व OPS में TAX में छुट
OPS में-
- GPF खाते से अंतिम आहरण पर कोई Tax नहीं देना होगा ।
- मासिक GPF कटौती पर 80C के तहत 1,50,000 की सीमा में छूट की पात्रता होगी ।
- OPS में मासिक पेंशन पर Tax देना होगा ।
- GPF आंशिक आहरण पर किसी भी प्रकार का Tax नहीं देना होगा ।
NPS में-
- सेवानिवृत्ति पर प्राप्त एकमुश्त 60% राशि पर किसी भी प्रकार का Tax नहीं देना होगा ।
- NPS मासिक पेंशन पर Tax देना होगा ।
- कर्मचारी अंशदान पर 80C के तहत ₹1,50,000 की सीमा में छूट की पात्रता होगी ।
- 80CCD(1B) के तहत ₹1,50,000 तक की सीमा के अतिरिक्त ₹50,000 छूट की पात्रता होगी ।
- NPS के 25% आंशिक आहरण पर किसी भी प्रकार का Tax नहीं देना होगा ।
NPS व OPS में LB संवर्ग की सेवा गणना
OPS में-
- छ.ग.शासन स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक F 12/03/2018 / 20 – 2, दिनांक 30.06.2018 के अनुसार “शिक्षक (एल.बी.) संवर्ग को देय समस्त लाभ के लिये सेवा की गणना संविलियन दिनांक 01 जुलाई 2018 से की जायेगी ।”
- अतः संविलियन दिनांक से ही पेंशन के लिये सेवा की गणना की जायेगी ।
- सेवा अवधि 9 वर्ष 9 माह से कम होने पर पेंशन की पात्रता नहीं होगी।
NPS में-
- 10 वर्ष पूर्ण होने से पहले कर्मचारी के रिटायरमेंट पर पेंशन का निर्धारण NPS के तहत ही होगा ।
- अब तक के कई शिक्षकों के रिटायरमेंट पर पेंशन निर्धारण से स्पष्ट हो गया है कि NPS में जितनी राशि है उससे ही पेंशन तय किया गया है
- तो इस स्थिति में क्लीयर है कि 10 वर्ष पूरा होने से पहले ही रिटायरमेंट हो जाता है तो OPS का लाभ मिलेगा ही नहीं ।
- मृत्यु के प्रकरण में न्यूनतम पेंशन की पात्रता होगी ।
NPS में पेंशन कम क्यों बन रहा?
हम लोग आये दिन देखते सुनते रहके हैं कि NPS में पेंशन किसी का 2000 बना तो किसी का 3000 तो इतना कम क्यों बन रहा और इसके पिछे के कारण क्या है? क्या आगे आने वाले दिनों मे भी इस प्रकार से ही पेंशन तय होगा या इसके कुछ बेहतर परिणाम निकल सकते हैं ? आइये तथ्यों पर आधारित वास्तविकता को समझते हैं पेंशन कम होने के फैक्टर को समझते हैं ।
वेतन पे लेवल कम होने पर
चूँकि NPS खाते में Employee का अंशदान मूलवेतन व महंगाई भत्ता का 10% होता है और उतना ही राशि नियोक्ता द्वारा जमा की जाती है। तो हम कह सकते हैं कि जिस Employee का जितना ज्यादा वेतन बनता है उसका अंशदान उतना अधिक होगा और उसका पेंशन उतना ही ज्यादा होगा। अतः जिन कर्मचारियों का वेतन पे लेवल कम होगा उनका NPS में राशि कम जमा होगा जिससे अंत में उनका पेंशन भी कम बनेगा। लेकिन OPS में किसी भी प्रकार की कटौती नहीं होती और अंतिम वेतन के आधार पर वेतन निर्धारण होता है इसलिये उनके कम या ज्यादा वेतन का पेंशन पर प्रभाव नहीं पड़ता।
सेवाकाल की अवधि पर
सेवाकाल जितना अधिक होगा हमारा पेंशन उतना ही ज्यादा बनेगा। यहाँ दो प्रकार से शिक्षक का पेंशन कम बन सकता है।
👉 सर्विस देर से ज्वाईन करने वाले शिक्षकों का: ऐसे शिक्षक जिनकी नौकरी ज्यादा उम्र में लगी हो। जैसे अभी वर्तमान में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा स्थानीय निवासियों को 5 वर्ष की विशेष छूट दी गयी है जिससे नौकरी की उम्र 40 वर्ष हो गयी है। अत: उनकी सेवाकाल की अवधि कम होने पर उनकी जमा राशि भी कम होगी। तो उनका पेंशन भी कम बनेगा।
👉सर्विस में संविदा पर रहने के चलते NPS देर से लागू हुआ हो: नेशनल पेंशन सिस्टम 1 जनवरी 2004 से प्रारंभ हुई है पर छत्तीसगढ़ में इसे पुरी तरह से 1 अप्रैल 2012 को लागू किया गया। शिक्षाकर्मीयों को भी NPS का लाभ 1 अप्रैल 2012 से दी गयी हैं चुँकि शिक्षाकर्मी की नियुक्ति 1998 से हुई है पर उनको संविदा मानकर 2004 के पहले की सेवा के लिये न पुरानी पेंशन दी गयी और 2004 के बाद की सेवा के लिये 2012 तक NPS दी गयी । अत: 1998 से 2012 तक नियुक्त हुये शिक्षकों को इस अवधि के लिये किसी प्रकार का पेंशन संबंधी लाभ नहीं मिला। यह भी कम पेंशन बनने का एक कारण है।
छत्तीसगढ़ में NPS लागू करने संबंधी आदेश दिनाँक 01-08-2012👇 | CLICK HERE |
शासन द्वारा देय अंशदान
NPS खाते में न्योक्ता द्वारा 10% का अंशदान दिया जाता है। जिसे 14 % करने का प्रस्ताव किया जा चुका है कई राज्यों में लागू भी है पर हमारे छत्तीसगढ़ में फिलहाल 10% राशी ही जमा की जाती है। तो शासन के अंशदान के चलते भी अंतिम पेंशन राशि में प्रभाव पड़ेगा क्योंकि जितना ज्यादा अंशदान उतना ही ज्यादा पेंशन।
देय महंगाई भत्ते पर
नियमित शिक्षकों को पेंशन की राशी पर शासन द्वारा समय समय पर देय महंगाई भत्ता भी देय होता है। जो कि NPS के मामले में देय नहीं है उसका एक नियत व Fix पेंशन तय कर दिया जाता है जो Annuity की दर पर निर्भर करता है। Annuity के हिसाब से ये कम या ज्यादा हो सकता है।
शेयर मार्केट पर
Employee व न्योक्ता के अंशदान से NPS खाते में जमा होने वाली राशि को मुख्य रुप से शेयर मार्केट में Invest किया जाता हैं। जिसे फंड मेनेजर द्वारा मेनेज किया जाता है। जिससे हमारे पैसे की वृद्धि शेयर मार्केट के अच्छे या बुरे प्रदर्शन पर निर्भर करते हैं।और इस आधार पर ही हमारी पेंशन राशि तय होती है।
NPS में जमा राशि का 40% ही पेंशन के लिये होता है
Employee व न्योक्ता के अंशदान के चलते रिटायर्मेंट के समय कुल राशि का 60% एक मुश्त संबंधी कर्मचारी को दे दी जाती है। बाकि के 40% से किसी कंपनी का Annuity खरीदना होता है। आप Annuity की राशि को 40% से बढ़ा भी सकते है पर इससे आपको एक मुश्त मिलने वाली राशि कम हो जायेगी तो इसे आप तय कर सकते हैं। नियमित शिक्षकों के मामले में वे GPF का 100% आहरण कर सकते हैं उसके बाद भी अंतिम वेतन का आधा पेंशन के रुप में मिलता है।
Annuity Return की ब्याज दर पर
पेंशन निर्धारण के लिये यह फेक्टर सबसे महत्वपूर्ण है। रिटायर्मेंट पश्चात 40% राशि से किसी बिमा कंपनी की Annuity खरीदनी होती है। तो वह कंपनी Annuity की ब्याज दर व मूल के आधार पर एक निश्चित पेंशन राशि तय करती है। यह ब्याज दर साधारणतः 5-6% तक होती है जो बहुत ही कम है। इसके चलते भी पेंशन बहुत कम बनती है। OPS में इस प्रकार का कोई बंधन या प्रावधान नहीं है।
गलत समय पर NPS से Exit करने पर
किसी कर्मचारी की रिटायर्मेंट की आयु हो चुकी है और वह NPS से निकलना चाहता है अर्थात अपना 60% एक मुश्त व 40% Annuity खरीदना चाहता है और उस समय शेयर बाजार गिरा हुआ है तो उसके रिटर्न पर बहुत प्रभाव पड़ेगा जिसके चलते पेंशन कम बनेगा। तो ऐसे समय में सलाह दी जाती है कि NPS से तुरंत Exit होने की बजाय कुछ समय तक होल्ड में रखे ताकि बाजार के चढ़ने पर बेहतर रिटर्न के साथ बेहतर राशि मिल सके । इसलिये NPS का कर्माचारियों द्वारा लगातार विरोध किया जा रहा है क्योंकि बाजार कभी भी गिर सकता है जिससे पेंशन पर Effect पड़ सकता है।
सातवाँ वेतनमान से पहले वेतन का बहुत कम होना
6th Pay में वैसे भी वेतन कम बनता था तो NPS में अंशदान भी कम होने पर जमा राशि कम होता था जिसके चलते पेंशन भी बहुत ही कम बनता था। कई बार सुनने में आता है कि अंतिम वेतन 70000 था पर पेंशन मिल रहा 2000 तो इसका सीधा सा कारण है कि अभी 2016 से मिल रहा साँतवा वेतनमान जिससे वेतन तो बढ़ गया पर हमारे NPS खाते में पहले से ही राशि कम है और अभी बढ़े हुये वेतन से 2-4 साल ही अंशदान कुछ ज्यादा जमा होने पर पेंशन ज्यादा मिले ये तो NPS के नियम से संभव नहीं है। यही सब कारण है जिससे अभी रिटायर होने वाले कर्मचारियों का पेंशन बहुत कम बन रहा।
पर हाँ शेयर मार्केट या मेचुवल फंड इसी सिध्दांत पर काम करता है कि आपका पैसा जितना ज्यादा समय तक Invested रहेगा तो लाभ मिलने की प्रायिकता बढ़ती जाती है तो अगर NPS में आप लंबे समय तक अच्छा खासा पैसा जमा करते रहते हैं जैसे अभी हो रहा तो पेंशन कुछ बेहतर हो सकती है पर हाँ ये OPS का कभी भी कर्मचारीयों के हित में सही विकल्प नहीं हो सकता।
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चन्द्रप्रकाश नायक , जो कि वर्तमान में शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं . अभी आप Edu Depart में नि:शुल्क मुख्य संपादक के तौर पर अपनी सेवा दे रहे हैं .