अध्ययन अवकाश (Study leave )

अध्ययन अवकाश (Study leave )

  • अध्ययन अवकाश लोक सेवा की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर भारत में या भारत के बाहर किसी विशिष्ट अध्ययन पाठ्यक्रम, जिसमें किसी व्यवसायिक या तकनीकी विषय में उच्चतर शिक्षा या विशेषीकृत प्रशिक्षण शामिल है तथा जिसका उसमें कार्यक्षेत्र से सीधा और निकट का सम्बंध है, के लिए अध्ययन अवकाश स्वीकृत किया जाता है
  • अध्ययन अवकाश उसे स्वीकृत किया जावेगा जिसने नियमित रूप से कम से कम 5 वर्ष की सेवा पूर्ण कर ली हो
  • अवकाश समाप्त होने के पश्चात् अपने कर्तव्य पर लौटने की संभावित तिथि से तीन वर्ष के भीतर अधिवार्षिकी आयु पर सेवानिवृत्त होने वाला न हो।
  • तीन वर्ष की सेवा करने की वचनबद्धता हेतु एक बंध पत्र निष्पादित करना होगा।
  • अध्ययन अवकाश शासन के प्रशासकीय विभाग द्वारा स्वीकृत किया जावेगा
  • सामान्यतः एक समय में 12 महीने का जिसमें अपवादिक मामलों को छोड़कर वृद्धि नहीं की जावेगी तथा पूरे सेवाकाल में 24 माह तक स्वीकृत किया जा सकता है।
  • इस अवकाश को अन्य प्रकार के अवकाश के साथ कुछ शर्तों के साथ संयोजित किया जा सकता है।
  • इसे अवकाश लेखे में दर्ज नहीं किया जावेगा ।
  • इस अवकाश के दौरान शासकीय सेवक उस वेतन के बराबर अवकाश वेतन आहरित करेगा जो ऐसे अवकाश पर जाने की ठीक पूर्व दर से आहरित कर रहा था।
  • मँहगाई भत्ते के अतिरिक्त और किसी प्रकार के भत्ते की पात्रता नहीं होगी। (11) अध्ययन अवकाश को पदोन्नति, पेंशन तथा वरिष्ठता हेतु सेवा के रूप में माना जावेगा इसे वेतन वृद्धि के लिए कर्त्तव्य के समान व्यतीत अवधि मानी जायेगी। (नियम 42 से 53)
  • टिप्पणी-अध्ययन अवकाश स्वीकृत तब तक नहीं किया जावेगा, यदि
  • (एक) प्रशासकीय विभाग द्वारा यह प्रमाणित किया जावे कि प्रस्तावित अध्ययन पाठ्यक्रम या प्रशिक्षण लोकहित में लाभकारी नहीं होगा।
  • (दो) यह शैक्षणिक अथवा साहित्यिक विषयों के अतिरिक्त न हो। (तीन) यदि ऐसा अवकाश भारत के बाहर के लिए हो तब भारत शासन वित्त कार्य विभाग वित्त मंत्रालय, अध्ययन अवकाश की स्वीकृति के साथ विदेशी मुद्रा नियुक्त करने हेतु सहमत न हो।

अध्ययन अवकाश संबंधी आदेशफार्म

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