विज्ञान में सीखने के प्रतिफल उच्च प्राथमिक स्तर [Learning Outcomes for Science]

विज्ञान में सीखने के प्रतिफल {Learning Outcomes for Science}] उच्च प्राथमिक स्तर पर विज्ञान को संज्ञानात्मक विकास के स्तरों के अनुरूप एक केन्द्रीय विषय के रूप में पाठ्यचर्या में शामिल किया जाना चाहिए।

विज्ञान में सीखने के प्रतिफल उच्च प्राथमिक स्तर (Learning Outcomes for Science at Upper Primary Level)

विज्ञान की अच्छी शिक्षा वही है जो विद्यार्थी के प्रति, जीवन के प्रति और विज्ञान के प्रति ईमानदार हो।

बच्चों को विज्ञान के सिद्धांतों को समझने के लिए ऐसी गतिविधियों में संलग्न किया जाए जिससे उन्हें स्वयं बनायी गयी सरल तकनीकी इकाईयों तथा मॉडल बनाने के अवसर प्राप्त हों ।

साथ ही वे स्वास्थ्य जिसमें प्रजनन तथा लैंगिक स्वास्थ्य भी शामिल हों को समझ सकें। वैज्ञानिक अवधारणाएँ मुख्यतः गतिविधियों, प्रयोगों एवं सर्वेक्षणों के द्वारा समझी जानी चाहिए। समूह गतिविधियाँ बच्चों के बीच आपसी चर्चा, शिक्षक व बच्चों के बीच चर्चा, सर्वे, आंकड़ों के संकलन तथा प्रदर्शन आदि के द्वारा शाला तथा आस-पड़ोस के क्षेत्र में प्रदर्शनियों के माध्यम से होना चाहिए और इसे शिक्षण शास्त्र का महत्वपूर्ण घटक होना चाहिए।

पाठ्यक्रम की अपेक्षाएँ-

उच्च प्राथमिक स्तर पर विज्ञान पाठ्यचर्या का उद्देश्य निम्नलिखित का विकास है:-

  • वैज्ञानिक मनोवृत्ति एवं वैज्ञानिक सोच ।
  • वैज्ञानिक ज्ञान की प्रकृति-एकीकृत, जाँचने योग्य, नैतिकतापूर्ण, विकासात्मक एवं सृजनात्मक हो।
  • विज्ञान के प्रक्रिया कौशल के अंतर्गत अवलोकन करना, प्रश्न उठाना, सीखने के विभिन्न स्रोतों/ साधनों की खोज, खोज/अन्वेषण की योजना बनाना, परिकल्पना का निर्माण एवं जाँच, आँकड़ों का संग्रहण, विश्लेषण एवं व्याख्या हेतु विभिन्न उपकरणों का उपयोग करना
  • व्याख्या में प्रमाणों की सहायता लेना, वैकल्पिक व्याख्याओं के मूल्यांकन हेतु समीक्षात्मक चिन्तन करना
  • स्वयं के विचारों पर चिन्तन करना आदि।
  • विज्ञान के उद्भव के ऐतिहासिक पक्ष की सराहना करना।
  • पर्यावरणीय चिन्ताओं के प्रति संवेदनशीलता।
  • मानव गरिमा एवं मानव अधिकारों, लैंगिक समता, ईमानदारी, एकता, सहयोग एवं जीवन के सरोकारों के प्रति आदर।

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