Learning Outcomes : कक्षा 8 संस्कृत सीखने के प्रतिफल

Learning Outcomes : संस्कृत के अध्ययन के कई महत्वपूर्ण उद्देश्य हैं, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:

  1. भाषाई कौशल का विकास: संस्कृत भाषा के अध्ययन से छात्रों की पढ़ने, लिखने, और बोलने की क्षमता में सुधार होता है।
  2. प्राचीन साहित्य और ज्ञान: संस्कृत साहित्य, जैसे वेद, उपनिषद, पुराण, और महाकाव्य, का अध्ययन छात्रों को प्राचीन भारतीय ज्ञान और संस्कृति की गहराई से समझने में मदद करता है।
  3. व्याकरण की समझ: संस्कृत का व्याकरण अत्यंत विकसित और संरचनात्मक है, जिससे छात्रों को भाषा की संरचना और नियमों की गहरी समझ मिलती है।
  4. दर्शन और तात्त्विक ज्ञान: संस्कृत के माध्यम से छात्रों को भारतीय दर्शन, तात्त्विक विचार और नैतिकता का अध्ययन करने का अवसर मिलता है।
  5. सांस्कृतिक धरोहर: संस्कृत का अध्ययन छात्रों को भारतीय संस्कृति, परंपराओं और धार्मिक ग्रंथों से जोड़ता है, जिससे वे अपनी सांस्कृतिक धरोहर को समझ और सराह सकें।
  6. अनुसंधान और विश्लेषण: संस्कृत अध्ययन से छात्रों को अनुसंधान और विश्लेषणात्मक सोच विकसित करने का अवसर मिलता है, जिससे वे जटिल पाठों और विचारों को समझ सकें।
  7. भाषाओं का संबंध: संस्कृत का अध्ययन अन्य भाषाओं, विशेषकर इंडो-आर्यन भाषाओं, के साथ संबंध को समझने में मदद करता है।
  8. सृजनात्मक लेखन: संस्कृत में रचनात्मक लेखन कौशल विकसित करने का अवसर मिलता है, जिससे छात्र अपनी विचारधाराओं को स्पष्ट और प्रभावी ढंग से व्यक्त कर सकें।

इन उद्देश्यों के माध्यम से संस्कृत का अध्ययन न केवल भाषा कौशल में सुधार करता है, बल्कि समग्र सांस्कृतिक और बौद्धिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है।

कक्षा 8 संस्कृत सीखने के प्रतिफल (Class 8 Sanskrit Learning Outcomes)

LS801: शरीर के अंगों के नाम, शाक, पुष्प, फल, दैनिक उपयोगी वस्तुओं के नाम पशु-पक्षियों के नाम विद्यालय में प्रयुक्त होने वाले सामग्रियों के नाम आदि को संस्कृत में व्यक्त कर सकते हैं।

LS802: पाठ्यवस्तु में निहित पाठों के उद्देश्यों को व्यावहारिक जीवन में व्यवहार में ला सकते हैं।

LS803: पाठ्यविषय में निहित पार्यों के संदर्भ में सामूहिक चर्चा करते हैं। एक दूसरे से प्रश्न भी करते हैं तथा अपना विचार भी देते हैं।

LS804 :संस्कृत में अपना परिचय देने के साथ ही विभिन्न विषयों जैसे- विद्यालय, धेनु, उद्यानम्, गृहम् आदि विषयों पर संस्कृत के छोटे-छोटे सरल वाक्यों में अपना विचार व्यक्त कर सकते हैं। (लगभग 5 से 10 वाक्यों में)

LS805 लकारों का व्यावहारिक प्रयोग भी कर सकते हैं। संथि, समास, कारक, लिंग, विभक्ति, वचन, पुरुष, काल के विषय में सामान्य जानकारी रखते हैं व प्रयोग करते हैं।

LS806 प्रकृति चित्रण, पर्यावरण पौराणिक पार्ने नैतिक मूल्यों से संबंधित पाठों के मूल्यों को जान सकते हैं। समझकर व्यावहारिक जीवन में प्रयोग करते हैं।

LS807 पाठ्यपुस्तक में सम्मिलित गद्य, पद्म, कहानी, नाटक आदि पार्टी में प्रयुक्त कठिन संस्कृत शब्दों के अर्थ जानते हैं तया शब्दार्थों का संग्रह भी करते हैं। आवश्यकता अनुसार प्रयोग करते हैं।

LS808 पाठ्यविषय में संवाद एवं नाट्य पाठ को हावभाव के साथ पढ़ सकते हैं। हिन्दी के छोटे व सरल वाक्यों को संस्कृत में एवं संस्कृत के सरल वाक्यों को हिन्दी में अनुवाद कर सकते हैं।

LS809 किसी पाठ्यवस्तु की बारिकी से जांच करते हुए उनमे दिए विशेष बिन्दु को खोजते हैं। अनुमान लगाते हैं निष्कर्ष निकालते हैं।

LS810 नार शब्दों के प्रति जिज्ञासा व्यक्त करते हैं और उसका अर्थ समझने के लिए शब्दकोश का प्रयोग करते हैं।

LS811 विभिन्न विषयों उद्देश्यों में लिए उचित व्याकरणिक तत्वों का उपयोग करते हैं।

LS812 विभिन्न अवसरों पर कही जा रही बातों को अपने ढंग में लिखते हैं।

LS813 कारक चि‌ह्नों/विभाग्रियों/लकारों का प्रयोग दैनिक जीवन में कर पाते हैं।

Learning Outcomes सीखने के प्रतिफल
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