कक्षा 8 संस्कृत सीखने के प्रतिफल (Class 8 Sanskrit Learning Outcomes)
भारतीय संस्कृति के संवर्धन एवं संरक्षण हेतु संस्कृत भाषा का ज्ञान परम आवश्यक है। वैदिक वाङ्मय से आज पर्यन्त साहित्य में अनेक विधाओं पर रचना हो रही है। संस्कृत भाषा अपनी प्राञ्जलता एवं सलोनी शैली से अन्य भाषा को सम्पुष्ट ही नहीं करती प्रत्युत ललाम बन जाती है। अतः विद्यालयीन शिक्षा के पाठ्यक्रम में संस्कृत भाषा का ज्ञान छात्रों के लिए अपरिहार्य है।
कक्षा 8 संस्कृत सीखने के प्रतिफल
- संस्कृत में दिये गये आदेशों व निर्देशों का पालन कर सकेंगे तथा संस्कृत गद्यों व पद्यों को सुनकर भावग्रहण कर सकेंगे।
- मित्रों व गुरूओं द्वारा पूछे गये प्रश्नों को समझ सकेंगे।
- संस्कृत की लधुकथा, पञ्चतंत्र की कथा कर सकेंगे। हितापदेश आदि को सुनकर भाव ग्रहण कर सकेंगे।
- लघुकथाओं का सारांश सरल संस्कृत में सुना सकेगा। अपने मित्रों के साथ सरल संस्कृत में प्रश्न पूछ सकेंगे।
- सरल संस्कृत प्रश्नों का उत्तर संस्कृत दे सकेंगे व संस्कृत में छोटे संवादों का अभिनय कर सकेंगे।
- संस्कृत गद्यांशों/ पद्यांशों का लय, गति के अनुसार उच्चारण कर सकेंगे,
- श्लोकों का वाचन विराम चिन्हों का प्रयोग स्पष्टता पूर्वक कर सकेंगे, तथा पठितांश प्रश्न का उत्तर संस्कृत में दे सकेंगे?
- संस्कृत निबंध के वाक्य को या पाठक के वाक्य को घटना क्रम के साथ जोड़ते हुए सही संस्कृत वाक्य लिख सकेंगे।
- संकेतों के आधार पर अनुच्छेद के वाक्यों व लघु कथाओं को लिख सकेंगे तथा कण्ठस्थ सूक्तियों/सुभाषितों के बार-बार अभ्यास से शुद्ध लिख सकेंगे।
Class 8 Sanskrit Learning Outcomes
- पाठ्यवस्तु में निहित अवधारणाओं को समझकर अपने अनुभव के आधार पर गुण-दोषों का आंकलन कर लिख सकेगा।
- पाठगत संज्ञा, अव्यय व विशेषण को समझकर संस्कृत, वाक्यों का शुद्ध प्रयोग कर सकेंगे तथा संज्ञा व विशेषण वाले शब्दों में विभक्ति लगाकर नये शब्दों के प्रयोग से अवगत सकेंगे।
- वाक्य में कर्तृपद को समझकर विभिन्न लकार जैसे लट्, लूट, लोट्, लड् व विधिलिङ्लकारों में क्रिया का प्रयोग करने में दक्षता अर्जित कर सकेंगे।
- संधि के विभिन्न नियमों को समझ संधियुक्त पदों का संधिविच्छेद तथा संधिविच्छेद शब्दों को संधियुक्त शब्द बना सकेंगे।
- कृदन्त में निहित प्रकारों का ज्ञानकर क्त्वा, ल्यप्, शत, शानच्, क्त, क्तवतु ष्य तुमुन् आदि प्रत्यय लगाकर शब्दों का निर्माण कर सकेंगे।
- प्रार्थना व बाल सभा में संस्कृत श्लोकों एवं सूक्ति वाक्यों के उच्चारण में अरोहावरोह को समझकर आदर्श वाक्यों प्रस्तुत कर सकेंगे।
- विभिन्न प्रतियोगिताओं में जैसे- श्लोक प्रतियोगिता संस्कृत निबंध प्रतियोगिता, संस्कृत कहानी प्रतियोगता व गीता पाठ प्रतियोगिता में
- उच्चारण की विधाओं में लय व गति को समझ कर अच्छी अभिव्यक्ति दे सकेंगे
- विभिन्न संस्कृत कार्यक्रम में संस्कृत के भाव व भाषा की अवधारणा को समझते हुए व्याकरणगत नियमों का पालन करते हुए अपने अनुभव के आधार पर सहज अभिव्यक्ति दे सकेंगे।
एम.एल. पटेल , जो कि वर्तमान में शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं . अभी आप Edu Depart में प्रशासक तौर के पर अपनी सेवा दे रहे हैं .