Charcha Patra [चर्चा पत्र अगस्त-2024]

Charcha Patra – हर माह में शाला में विभिन्न गतिविधि होते रहते हैं । तो उन सब कार्यक्रमों, गतिविधियों व शाला संबंधी योजनाओं को चर्चा पत्र पर जगह दिया जाता है | Edudepart.com द्वारा Charcha Patra का विश्लेष्ण कर आसान तरीके से उपलब्ध कराया जा रहा है । जिससे कि विभाग के हर गतिविधि से हर कोई अपडेट रहें । तो देखें और अपने आपको Update रखें ।

Charcha Patra [चर्चा पत्र अगस्त-2024]

Charcha Patra – अगस्त 2024

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Charcha Patra

एजेंडा एक : NEP 2020 के चार वर्ष

शिक्षा सप्ताह का आयोजन

  1. TLM दिवस – शिक्षकों को स्थानीय सामग्री के प्रदर्शन एवं कक्षा में इनके उपयोग हेतु प्रोत्साहित करना ।
  2. FLN दिवस – FLN के क्रियान्वयन हेतु सभी हितधारकों के मध्य जागरुकता विकसित करना।
  3. खेल दिवस – खेल और फिटनेस के महत्व हेतु प्रतियोगिताओं का आयोजन करना।
  4. सांस्कृतिक दिवस – विद्यार्थियों में विविधता में एकता की भावना विकसित करने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम।
  5. कौशल एवं डिजिटल पहल दिवस – विभिन्न कौशलों को बढ़ावा देना, सीखने में डिजिटलपांचवापहल को प्रोत्साहित करना।
  6. मिशन लाइफ/इको क्लब दिवस – स्कूलों में इको क्लब का गठन, एक पेड़ मां के नाम का आयोजन, स्कूलों में वृक्षारोपण।
  7. सामुदायिक भागीदारी दिवस – स्थानीय समुदाय, जन-प्रतिनिधि, पालक, SMC, PTA, पंचायती राज संस्थाओं से मिलकर अधिकतम भागीदारी, न्यौता भोज का आयोजन करना।

एजेंडा दोः हम शिक्षक और NEP 2020

NEP 2020 के तहत शिक्षा की गुणवत्ता पर फोकस हेतु बिंदु

  • छोटी आयु के बच्चों को Involved learner (IL) एवं Effective Communicator (EC) बनाने पर फोकस करना ।
  • शिक्षण योजना तैयार करते समय सीखने के उद्देश्यों (learning objectives) पर ध्यान देना ।
  • जहां कही भी संभव हो, व्यवसायिक शिक्षा से संबंधित कौशलों का एक्सपोजर दिया जाना ।
  • आकलन का आधार बच्चों का परफोर्मेंस, हायर ऑर्डर थिंकिंग कौशल पर होना।
  • क्रिटिकल थिकिंग, विश्लेषण कौशल एवं अवधारणाओं की समझ पर भी ध्यान देना ।
  • स्कूलों को अब अपने निचले स्तर की कक्षाओं के शिक्षकों एवं बच्चों के साथ बेहतर तालमेल बनाकर रखना।
  • कक्षा तीन तक की भाषाई एवं गणितीय कौशल सभी बच्चों में हासिल हो करना।
  • बच्चों को उनकी समझ से साथ सीखने हेतु स्थानीय भाषा का उपयोग करना।
  • बच्चों की भाषा सीखने हेतु वार्तालाप पुस्तिका, डिक्शनरी, वर्णमाला चार्ट आदि तैयार कर उनका उपयोग करना।
  • शाला में बच्चों को खेलने के लिए खिलौना कार्नर बनाना।

एजेंडा तीन: NEP 2020 से परिचय हेतु शिक्षकों के लिए विकासखंड स्तर पर सेमीनार

प्राथमिक शिक्षकों के लिए

  1. बच्चों की भाषा में सीखने के अवसर देने हेतु अपनी शाला में की जा रही कार्यवाहियां।
  2. आंगनबाड़ियों को प्राथमिक शालाओं के साथ लिंकेज एवं घर पर सीखने हेतु माताओं की भूमिका

उच्च प्राथमिक शिक्षकों के लिए

  • कक्षा शिक्षण के दौरान प्रयोग प्रदर्शन एवं करके सीखने का कल्चर विकसित करना |
  • धीमी गति से (Slow Learner) और तेज गति से सीखने वाले बच्चों (Gifted Children) के लिए विभिन्न रणनीतियां

एजेंडा चारः रंगोत्सव के माध्यम शिक्षण विधियों का प्रदर्शन / प्रतियोगिता

  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत विभिन्न शिक्षण प्रविधियों की जानकारी सभी शिक्षकों को होना एवं उसका हमारी कक्षाओं में नियमित उपयोग करना।
  • विकासखंड स्तर पर कुछ चयनित प्रविधियों पर बेहतर पाठ तैयार कर शिक्षकों द्वारा उनका प्रस्तुतीकरण कर प्रतियोगिताओं का आयोजन।
  • विकासखंड स्तर पर चयनित शिक्षकों द्वारा अपने पाठ को वेबीनार के माध्यम से विकासखंड के सभी शिक्षकों के साथ साझा करना और उनसे ऐसे प्रविधियों को अपनी कक्षाओं में लागू करने हेतु प्रोत्साहित करना ।
  • राज्य स्तर पर प्रभावी पाठों का दस्तावेजीकरण एवं वीडियो रुपांतर कर सभी शिक्षकों के साथ साझा करना।
    • खिलौना-आधारित शिक्षण (Toy-based pedagogy)
    • जोड़ी में सीखना (Peer Learning)
    • अनुभव के आधार पर सीखना (Experiential Learning)
    • कहानी के माध्यम से सीखना (learning by story-telling)
    • FLN सीखने हेतु विभिन्न नवाचारी शिक्षण प्रविधियां
    • परियोजना-आधारित सीखना (Project-based learning)

एजेंडा पांच: TLM एवं FLN

  • विकासखंड या संकुल स्तर पर सभी स्कूलों में जादुई पिटारा बनाना ।
  • प्राथमिक शाला में खिलौना कार्नर में खिलौनों से खेलने की पूरी आजादी देना।
  • ई-जादुई पिटारा डाउनलोड कर बच्चों के साथ खेल खेल में सिखने में प्रोत्साहित करना।
  • छोटे बच्चों की माताओं को घर पर उपलब्ध सामग्री से बच्चों को सीखने में सहयोग हेतु सक्षम बनाना।
  • बच्चों की भाषा सीखकर कक्षा में उपयोग हेतु टीम बनाकर काम करना |
  • सक्रिय माता को स्मार्ट माता का खिताब देकर सम्मानित करना |

एजेंडा छहः बच्चे एवं पारंपरिक खेल

  • स्थानीय स्तर पर पारंपरिक खेल सिखाना
  • समय समय पर पालकों, विशेषकर माताओं एवं बच्चों को संयुक्त रूप से खेल प्रतियोगिताओं करना।
  • खेलगढ़िया अंतर्गत खेल-खिलौनों का अधिक से अधिक उपयोग करना।
  • समुदाय को स्थानीय खेल सामग्री तैयार कर स्कूलों को उपलब्ध करवाने हेतु प्रेरित करना।
  • विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों को भी उनकी सुविधा के कुछ खेल में सहभागी बनाना
  • प्रत्येक शाला में खेल के लिए अलग कालखंड रखना।
  • इस दिन हमने देखा कि बच्चे कबड्डी, खो-खो, गिल्ली-डंडा, पिटुल, फुगडी, कंचे, दौड़, रक्सी खींच, रस्सी कूद, कुर्सी दौड़ जैसे अनेकों खेलों का आनन्द लेना।

एजेंडा सातः सांस्कृतिक कार्यक्रम

  • लोक कलाकार एवं मंडलियाँ द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम करना।
  • स्थानीय संगीत के उपकरणों का उपयोग सिखाना।
  • विभिन्न क्षेत्रों में बोले जाने वाली भाषा, वेशभूषा, खान-पान से भी परिचित करवाना।
  • “एक भारत श्रेष्ठ भारत” से भी परिचित करवाना।
  • चित्र कला, पुतलीकला, साहित्य, संग्रहालय भ्रमण, वास्तु शिल्प कला जैसे विधाओं से सिखाना।
  • इससे बच्चे हमारी संस्कृति और सांस्कृतिक परंपरा और धरोहर के प्रति ध्यानाकर्षण हुआ है।

एजेंडा आठः शिक्षा में कौशल एवं तकनीकी

  • स्थानीय लोक कलाकारों की सेवाएं लेकर बच्चों में लोक कला का हुनर सीखने का अवसर देते हुए बैग्लेस डे का आयोजन करना।
  • बच्चों को निकट के कार्यालयों, बैंक, पुलिस स्टेशन एवं विभिन्न औद्योगिक संस्थाओं का भ्रमण करवाते हुए उनके मन में कुछ करने की आकांक्षा विकसित करना।
  • बच्चों को विभिन्न घरेलू कामों जैसे खाना बनाना, खेती करना, बैंक के काम करना भी सिखाना
  • शालाओं में उपलब्ध स्मार्ट कक्षाओं का नियमित उपयोग पारंगत बनाना।
  • मोबाइल से क्रिएटिव फोटोग्राफी, विभिन्न शैक्षिक महत्व के मुद्दों पर रील बनाना सिखाना।
  • स्थानीय कहानियों को मोबाइल से रिकार्ड कर उनका पोडकास्ट बनाना।
  • गूगल मैप के माध्यम से रास्ते की पहचान करना सिखाना।

एजेंडा नौः इको क्लब फॉर मिशन लाइफ

  • सभी स्कूलों में इको क्लब फॉर मिशन लाइफ की करना।
  • “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के अंतर्गत पौधे लगाना व उनकी देखभाल करना।
  • शाला हेतु पोषण वाटिका तैयार कर सब्जियों का उपयोग बच्चों के भोजन के लिए करना।
  • औषधीय पौधों की वाटिका भी तैयार की जा सकती है।
  • वर्षा जल संग्रहण, पानी के अपव्यय को रोकने अध्ययन एवं जागरुकता, पर्यावरण प्रदूषण से जुड़े मुद्दों पर इको क्लब के सहयोग करना।

एजेंडा दसः सामुदायिक भागीदारी

  • SMC सदस्यों के सहयोग से शाला विकास योजना तैयार करना।
  • विद्यान्जली कार्यक्रम द्वारा शाला में सुधार के लिए आवश्यक सहयोग लेना।
  • सहयोग संसाधन सुविधा, श्रमदान, शिक्षादान, समयदान हो सकता है।
  • उल्लास कार्यक्रम के अंतर्गत साक्षर करने की दिशा में काम करना।
  • .व्यवसायिक शिक्षा, लोक कला में सहयोग लेना।
  • बड़े-बुजुर्गों को कहानी सुनाने, स्थानीय भाषा में सामग्री बनाने में सहयोग लेना।
  • समय समय पर पालकों, माताओं को शाला में आमंत्रित कर बच्चों के साथ खेलने के अवसर देना।
  • शाला में न्यौता भोज का आयोजन करना।