Tree Planting : एक पेड़ माँ के नाम “वृक्षारोपण”-2025
पोस्ट विवरण
एक पेड़ माँ के नाम
एक पेड़ माँ के नाम 2.0 23-05-2025 | Open |
एक पेड़ माँ के नाम 2.0 सहभागिता व लक्ष्य 17-06-2025 | Open |
एक पेड़ माँ के नाम 2.0 विशिष्ट अतिथि का नामांकन 01-07-2025 | Open |
पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने में पेड़ पौधों का अहम योगदान है। पेड़ पौधे हमारा भविष्य सुरक्षित करते हैं। हमारा भविष्य हमारे छात्र-छात्राएं हैं और उनके भविष्य को संरक्षित रखने के लिए पेड़ पौधों का होना अत्यंत आवश्यक है। इन्हीं तथ्यों को ध्यान में रखते हुए माननीय मुख्यमंत्री जी ने माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा किये गये आह्वान “एक पेड़ माँ के नाम” के अनुपालन में इस वर्ष “एक पेड माँ के नाम 2.0” के माध्यम से सभी शिक्षकों, विद्यार्थियों एवं पालकों से अपील की है कि वे एक पेड़ माँ के नाम पर अवश्य लगावें।
“एक पेड माँ के नाम 2.0” सहभागिता व लक्ष्य
- इस वर्ष राज्य को कम से कम 5281260 पौधे लगाने का लक्ष्य है।
- यह अभियान दिनांक 05 जून पर्यावरण दिवस से प्रारंभ होकर दिनांक 30.09.2025 तक चलाया जाएगा।
- इस दौरान अधिक से अधिक पेड़ लगाकर उसकी सुरक्षा की भी व्यवस्था की जानी है।
- प्रतिदिन की जानकारी पोर्टल में अपलोड होनी चाहिए।
- अपने लक्ष्य अनुसार सभी शासकीय, अनुदान प्राप्त एवं निजी शालाओं को लक्ष्य देकर पौधे लगाया जाना सुनिश्चित करें. इस हेतु स्कूलों के साथ नियमित वेबीनार आदि लेकर उन्हें अद्यतन रखें।
- एक पेड़ माँ के नाम अभियान के अंतर्गत फोटो अपलोड करते समय इस बात का ध्यान रखें कि फोटो मोबाइल से लेते समय जिओ टैग कैमरे का उपयोग हो।
- अपने निकट के वन विभाग की नर्सरी से पर्याप्त संख्या में पौधे ले लेवें ताकि आपके लक्ष्य के अनुरूप पौधारोपण में कमी न आने पाए।
- वन विभाग एवं अन्य स्रोतों से इन पौधों की सुरक्षा के लिए भी सामग्री लेने का प्रयास करें।
- पृथ्वी दिवस के दौरान बच्चों को घर पर विभिन्न बीजों से पौधे बनाने प्रेरित करने के निर्देश दिए गए थे।
- बच्चों से भी अपने घर से पौधे लाने हेतु निर्देशित करें. उनके सहयोग से सीडबाल बनाकर भी वर्षा ऋतू में उपयोग किया जा सकता है।
- पौधों की सुरक्षा एवं नियमित देखभाल के लिए बच्चों को जिम्मेदारी देवें एवं इसका उल्लेख उनके प्रगति पत्रक में भी करें जिसके आधार पर अंक निर्धारित हों।
- निर्धारित संख्या में पौधे लगाने हेतु स्थल का चयन कर लेवें एवं उनमें गढ्ढे आदि तैयार करवा लेवें. शाला परिसर में स्थल की कमी होने पर सड़कों के किनारे, पंचायत द्वारा सुझाए गए स्थल पर एवं अन्य खुले सुरक्षित जगह में पौधे लगाएं।
- जिन शालाओं के आसपास बंजर जमीन या खाली जमीन उपलब्ध हो और समुदाय वहां मिनी जंगल बनाने का इच्छुक हो तो ऐसे स्थलों में जापानी तकनीक से कम जगह में आत्मनिर्भर अधिक से अधिक पौधे लगाया जा सकता है.
- इस पद्धति के अध्ययन के लिए जापानी मियावाकी तकनीक के बारे में इंटरनेट से अध्ययन कर इसका उपयोग कर कम जगह में अधिक से अधिक पौधे लगा सकते है।
मियावा की जंगल तैयार करना
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने मन की बात के हाल के एपिसोड में जापानी मियावा की तकनीक का उल्लेख किया है. कम जगह में अधिक से अधिक आत्मनिर्भर पौधे लगाकर पर्यावरण की सुरक्षा करने की जापानी पद्धति को मियावाकी के नाम से जाना जाता है. मोदी जी ने मन की बात में केरल के एक शिक्षक श्री रफी रामनाथ के कार्यों का उल्लेख किया है जिन्होंने लघु जंगल विद्यावनम में इस तकनीक का उपयोग कर बंजर जमीन में 115 प्रजाति के विभिन्न पौधे लगाने का कार्य कर उसे मिनी जंगल में बदल दिया.इस तकनीक के बारे में और अधिक जानकारी के लिए Miyawaki टाइप कर इंटरनेट में खोजकर आवश्यक जानकारी प्राप्त करें.
- इसमें लगभग 5000 वर्ग फीट जमीन की आवश्यकता होती है जिसमें लगभग 2500 पौधे लगाए जा सकते हैं
- इसमें ऐसे झाड लगाए जाते हैं जिसके वृद्धि के लिए कम ध्यान देने की आवश्यकता हो. जैसे नीम, पीपल, बरगद, तुलसी, आम, कटहल, गुलमोहर, बेल, आमला, अर्जुन जैसे पौधे लगाए जा सकते हैं
- जमीन पर मिट्टी के ऊपर पैरा बिछाकर नमी बनाई रखी जा सकती है
- इन पौधों से पर्याप्त मात्रा में हमें आक्सीजन के साथ और भी लाभ मिल पाएंगे
- मियावाकी जंगल में पीधे तेजी से बढ़ते हैं और जंगल के रूप में विकसित हो जाते हैं
- यदि आप अपने क्षेत्र में उपलब्ध बंजर या खाली जमीन में इस प्रकार से मियावाकी मिनी जंगल बनाना चाहते है और आपकी पंचायत एवं शाला प्रबंधन समिति इसमें सहयोग हेतु सहमत हैं तो आप इस तकनीक के संबंध में और अध्ययन कर लेवें.
शाला परिसर में पौधा रोपण के संबंध में निम्नानुसार निर्देश हैं :-
- ऐसे स्कूल जहाँ अहाता है, उनके किनारे-किनारे छायादार पेड़ जैसे नीम, गुलमोहर, करंज, अशोक, अर्जुन आदि लगाये जायें।
- पौधारोपण शाला के विद्यार्थी / शिक्षक / पालक के द्वारा किया जायेगा।
- विद्यार्थी / शिक्षक / पालक अपने द्वारा लगाए गए पौधे का वृक्ष बनते तक पालन पोषण एवं सुरक्षा करे।
- पौधारोपण हेतु उचित ऊँचाई के पौधे वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग से प्राप्त किया जाना सुनिश्चित करे।
- पौधारोपण हेतु उचित मापदण्ड के गड्ढे कराये जायें तथा आवश्यक मात्रा में मिट्टी एवं खाद स्थानीय स्तर पर उपलब्ध करावें।
- पौधारोपण शाला प्रवेश उत्सव के दौरान अवश्य किया जाये।
- इस हेतु जिले का शालावार कलेण्डर तैयार किया जावे।
- विद्यालयों में पौधारोपण के दौरान माननीय जन प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जावें।
- इस वर्ष विद्यालयों में पौधारोपण का थीम माननीय प्रधानमंत्री के आह्वान अनुसार “एक पेड़ माँ के नाम” रहेगा।
- पौधारोपण के समय शिक्षक एवं छात्र-छात्राओं से पौधों को सुरक्षित रखने बाबत् शपथ ग्रहण भी कराया जावे।
01. स्कूल ऑनलाइन पंजीकरण एक पेड़ माँ के नाम 2.0 | मेरी लाइफ पोर्टल पर पंजीकरण कैसे करें |
https://youtu.be/u34C-PsRkWI?si=A5s3jJv3lZzHbOO3
02. स्कूल ऑनलाइन पंजीकरण के बाद प्रमाण पत्र कैसे डाउनलोड करें?
https://youtu.be/GaqEK5u8oMI?si=BjOLlazLTpJuT3qC
03. इको क्लब अधिसूचना कैसे अपलोड करें | मिशन लाइफ अधिसूचना के लिए ईसीओ क्लब कैसे अपलोड करें |
https://youtu.be/8Z7vLcJl7g8?si=1ko5q0HocDOcqjCT
04. इको क्लब अधिसूचना कैसे अपलोड करें | एक पेड़ माँ के नाम से प्रमाण पत्र कैसे डाउनलोड करें |
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