शालाओं में कक्षा-9 वीं से 12 वीं तक अध्ययन कर रहे बच्चों को आपस में जोड़ने, जिम्मेदारियों का निर्वहन करने का अभ्यास करने, विभिन्न मुद्दों पर फोकस होकर काम करने एवं अपने समुदाय के साथ मिलकर कुछ रचनात्मक गतिविधियों एवं ऐसा सब करते हुए अपने स्वयं के व्यक्तित्व के विकास के लिए शालाओं में युवा एवं इको क्लब का गठन किया जा रहा है जिसके लिए कुछ सुझावात्मक दिशानिर्देश आपके साथ साझा किए जा रहे हैं। आप अपनी शाला में बच्चों के नेतृत्व में और भी बहुत कुछ कर सकते हैं।
शालाओं में युवा एवं इको क्लब का गठन
हाई एवं हायर सेकन्डरी स्तर पर अध्ययन करने वाले स्कूली बच्चों में गजब की सृजनात्मकता एवं ऊर्जा होती है जिसका सही तरीके से इस्तेमाल हम अपनी शालाओं में नहीं कर पा रहे हैं। किशोरावस्था से लेकर युवावस्था के दौरान इस ऊर्जा का बेहतर कार्यों में इस्तेमाल किया जाना अत्यंत आवश्यक है। परन्तु शाला में पूरे सत्र में प्रायः हमारा फोकस कक्षागत शिक्षण और अध्यापन होता है ताकि समय पर पाठ्यक्रम पूरा हो और विद्यार्थी अपने आपको परीक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार कर सकें। इस कमी को दूर करने हेतु शालाओं में युवा एवं इको क्लब का गठन करने के बारे में निर्णय लिया गया है।
युवा एवं इको क्लब की आवश्यकता
हाई एवं हायर सेकन्डरी स्तर पर अध्ययन कर रहे बच्चों को शाला अवधि के अतिरिक्त मिलने वाले खाली समय में कुछ रचनात्मक एवं समाजोपयोगी कार्यों में जोड़े रखने, नेतृत्व कौशलों के विकास के लिए, अपने व्यक्तित्व के विकास के लिए, सामाजिक, वैयक्तिक, शैक्षिक कौशलों के विकास के लिए युवा एवं इको क्लब के माध्यम से कार्यों को आगे बढाया जा सकता है। इन युवा एवं इको क्लब के माध्यम से हम विद्यार्थियों के संवाद कौशल, अपने स्व-एस्टीम एवं आत्मविश्वास को बढ़ावा देने, भीतर छुपे टेलेंट या प्रतिभा की पहचान कर उन्हें बढ़ावा देने के साथ साथ इस कार्यक्रम से बच्चों में विभिन्न गुणों जैसे अनुशासन के विकास के साथ-साथ बच्चों के सर्वागीण विकास में भी सहयोग मिल जाता है।
युवा एवं इको क्लब का उद्देश्य
शालाओं में युवा एवं इको क्लब का गठन मुख्य रूप से निम्नलिखित उद्देश्यों को लेकर किया जाएगा-
- बच्चों में सृजनात्मक कौशलों एवं कल्पनाशीलता के विकास के लिए।
- युवावस्था में आते आते कुछ कार्य को लेते हुए उसे अच्छे से पूरा करने की जिम्मेदारियां लेने हेतु।
- विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं समुदाय को आपस में मिलकर कार्य करने एक प्लेटफोर्म उपलब्ध करवाने।
- शाला में उपलब्ध संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित किए जाने हेतु।
- टीम भावना के साथ आपस में मिलकर काम करने की आदत का विकास।
- अपने आसपास के पर्यावरण को स्वच्छ रखने एवं प्रदूषण से बचाने।
- प्राकृतिक संसाधनों का दुरुपयोग रोकते हुए उसके बेहतर उपयोग हेतु जागरूकता।
युवा एवं इको क्लब के गठन की प्रक्रिया
अपनी शाला में युवा एवं इको क्लब के गठन करने हेतु निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाए-
- शाला का प्राचार्य स्वयं इस युवा एवं इको क्लब के गठन की जिम्मेदारी ले अथवा किसी अन्य शिक्षक जो स्थानीय हो उसे इस कार्य की जिम्मेदारी देवें।
- युवा एवं इको क्लब के संचालन के लिए आपको कुछ सक्रिय एवं इच्छुक बच्चों की टीम बनानी होगी। इस हेतु विभिन्न कक्षाओं से आप विद्यार्थियों का चुनाव कर सकते हैं। युवा एवं इको क्लब के लिए चुनाव के माध्यम से विभिन्न पदाधिकारियों का चयन किया जाए।
- प्रत्येक पद के लिए जिम्मेदारियां निर्धारित की जाएँगी। इन जिम्मेदारियों का निर्धारण शाला स्तर पर किया जाएगा।
युवा एवं इको क्लब के पद
प्रमुख रूप से विभिन्न पदों की जिम्मेदारियां इस प्रकार होंगी-
प्रधानमंत्री:
- युवा एवं इको क्लब के संचालन की पूरी जिम्मेदारी का निर्वहन करना।
- युवा एवं इको क्लब के प्रभारी शिक्षक एवं विभिन्न मंत्रियों के साथ समन्वय कर युवा एवं इको क्लब के काम को आगे बढ़ाना।
शिक्षा मंत्री:
- शाला में सीखने-सिखाने के वातावरण बनाने हेतु आवश्यक सहयोग देना।
- शाला में नियमित कक्षाओं का आयोजन करवाना एवं नहीं होने पर शाला प्रबन्धन
समिति को सूचित करना। - बच्चों को शाला समय के अतिरिक्त सीखने हेतु आवश्यक माहौल एवं व्यवस्थाएं करना।
- बच्चों के माध्यम से अपने गाँव/ शहर का इतिहास लिखवाना।
वित्त मंत्री:
- शाला में युवा एवं इको क्लब के गठन के लिए प्राप्त बजट का प्रभारी शिक्षक के साथ उपयोग हेतु व्यवस्था।
- शाला के युवा एवं इको क्लब के खाते में अधिक से अधिक बजट लाने हेतु विभिन्न स्थानीय व्यवस्थाएं।
- युवा एवं इको क्लब के पास उपलब्ध बजट का क्लब के सदस्यों के सही उपयोग हेतु बेहतर व्यवस्थाएं।
खेलमंत्री
- युवाओं के लिए शाला एवं बाहर खेल व्यवस्थाएं करना एवं खेलने के अवसर प्रदान करना।
- स्थानीय स्तर पर कुछ खेलों पर फोकस कर उसमें युवाओं को आगे बढ़ने प्रोत्साहित करना।
- युवाओं को मनोरंजन के लिए विभिन्न अवसर एवं संसाधन प्रदान करना।
क़ानून एवं सुरक्षा मंत्री
- शाला में नियमित अनुशासन बनाए रखने की दिशा में कार्य करना एवं स्व-अनुशासन हेतु प्रेरित करना।
- शाला में शाला सुरक्षा एवं आपदा प्रबन्धन पर ध्यान देते हुए सुरक्षा की व्यवस्था।
- विभिन्न गतिविधियों के संचालन एवं बच्चों की नियमित उपस्थिति हेतु नियम बनाकर पालन करना।
- स्कूलों को समुदाय के साथ मिलकर सामाजिक चेतना केंद्र के रूप में विकसित करने
हेतु आवश्यक पहल करना।
स्वास्थ्य एवं स्वच्छता मंत्री:
- बच्चों के नियमित स्वास्थ्य पर ध्यान देते हुए उन्हें नियमित आने पर जोर देना
- शाला परिसर के आसपास एवं व्यक्तिगत स्तर पर स्वच्छता बनाए रखने हेतु कार्य करना।
- पेयजल, शौचालय एवं कचरा प्रबन्धन हेतु समुचित व्यवस्थाएं।
पर्यावरण मंत्री:
- पर्यावरण सुरक्षा से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर समुदाय एवं बच्चों में जागरूकता।
- प्लास्टिक के उपयोग से होने वाले नुकसान के बारे में समझ विकसित कर व्यवहार परिवर्तन।
- शाला में रेन-वाटर हार्वेस्टिंग कर पानी की बचत एवं उपयोग में लाए गए पानी से बागवानी।
- मिट्टी एवं खेतों की उर्वरा शक्ति बनाए रखने प्राकृतिक खेती के प्राकृतिक तरीकों का
उपयोग ।
कृषि एवं उद्योग मंत्री:
- बच्चौं मैं कृषि एवं अन्य मेहनत वाल कार्यों के प्रति रूचि विकसित करते हुए आसपास हरियाली लाना एवं किचन गार्डन विकसित करना।
- कृषि एवं स्थानीय संसाधनों के बेहतर उपयोग एवं उनसे बेहतर आउटपुट के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं।
- अपने साथियों को विभिन्न व्यवसायों के बारे में जानकारी देना एवं उनमें रूचि विकसित करना।
- स्थानीय कुशल कारीगरों के माध्यम से साथियों को विभिन्न विधाओं में पारंगत करना।
- घरेलू एवं खेती में काम आने वाले उपकरणों के रख-रखाव एवं मरम्मत की जानकारी दिलवाना।
युवा एवं इको क्लब का पंजी संधारण
- युवा एवं इको क्लब के गतिविधियों के रिकार्डिंग रखने हेतु एक पंजी संधारित की जाएगी जिसमें गठन की प्रक्रिया एवं चयनित पदाधिकारियों का विवरण नियमित रूप से दर्ज किया जाएगा। एक बार चुनाव के बाद पूरे सत्र भर युवा एवं इको क्लब के कार्यों के संचालन की पूरी जिम्मेदारी युवा एवं इको क्लब के पदाधिकारियों की होगी।
- को-एजुकेशन वाले स्कूलों में क्लब में पदाधिकारियों में 50% सीट बालिकाओं के लिए सुरक्षित रखी जाए। इनका कार्यकाल एक सत्र का होगा। अगले सत्र के लिए पुनः चुनाव आदि कर पदाधिकारियों का चयन किया जाना होगा।
- शाला के सभी विद्यार्थी इस युवा एवं इको क्लब के सदस्य होंगे। यदि युवा एवं इको क्लब चाहें तो स्थानीय निवासी युवा जो किसी शाला में न पढ़ते हों या किसी अन्य निजी शाला में जाते हों उन्हें भी आप अपने युवा एवं इको क्लब में शामिल कर सकते हैं।
- युवा एवं इको क्लब में सदस्य के रूप में शामिल होने के लिए कुछ न्यूनतम सदस्य शुल्क आदि भी रखा जा सकता है।
युवा एवं इको क्लब के गठन की तैयारी:
युवा एवं इको क्लब के गठन के लिए विभिन्न स्तरों पर जुड़े हितग्राहियों यथा शिक्षक, बच्चे, पालक, समन्वयक एवं स्थानीय स्तर पर अधिकारियों के साथ साथ इच्छुक समुदाय के सदस्य भी शामिल हो सकते हैं। इन सबके समर्थन से शाला में युवा एवं इको क्लब का गठन किया जाए एवं सभी को उसके गठन के उद्देश्यों की जानकारी दी जा सकती है। सभी शालाएं अपने अपने शाला में गठित युवा एवं इको क्लब के लिए कोई अच्छा सा नाम तय उसे रख लेंगे ताकि सभी स्तरों में विशिष्ट युवा एवं इको क्लब का गठन कर उसका प्रचार-प्रसार किया जाए। शाला के बाहर युवा एवं इको क्लब के नाम का बोर्ड लगाया जाए। इसके साथ साथ ही युवा एवं इको क्लब के लिए स्थानीय स्तर पर कुछ फोकस कार्यों की पहचान कर उनकी संप्राप्ति के लिए आवश्यक प्रयास किए जाएं। फोकस कार्यो में कुछ विशिष्ट खेल, खेती-बाडी, कौशल आदि भी हो सकते हैं।
युवा एवं इको क्लब सहमति के आधार पर चयनित गतिविधियों के लिए वार्षिक कैलेण्डर तैयार कर तदनुसार काम कर सकते हैं। शाला अपने युवा एवं इको क्लब के संचालन के लिए विभिन्न स्तरों पर हितग्राहियों से सहयोग ले सकती है। युवा एवं इको क्लब में विभिन्न बैठकों के आयोजन उपरान्त संधारित करने हेतु रजिस्टर होना चाहिए।
युवा एवं इको क्लब के लिए बजट:
राज्य में प्रत्येक शासकीय हाई-हायर सेकन्डरी स्कूल को युवा एवं इको क्लब के गठन एवं उनके माध्यम से विभिन्न कार्यों को संपादित करने हेतु पच्चीस हजार रूपए स्वीकृत किये जा सकेंगे। युवा एवं इको क्लब के गठन के बाद इसे आगे चलाने हेतु आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता एवं नियमित आय बनाए रखने हेतु सभी आवश्यक व्यवस्थाएं शाला को स्वयं करनी होंगी। स्वीकृत बजट से शाला स्तर पर निम्नलिखित कार्यों में उपयोग करते हुए इसी वित्तीय वर्ष में उपलब्ध बजट का विवेकपूर्ण उपयोग करते हुए उपयोगिता प्रमाण पत्र एवं किए गए कार्यों की मय फोटोग्राफ विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर जिले एक माध्यम से एकजाई कर उपलब्ध करवाएंगे-
- शाला परिसर को हरा-भरा रखने, किचन गार्डन बनाने, वर्मी कम्पोस्ट पिट बनाकर व्यर्थ अनुपयोगी वस्तुओं से खाद बनाने (अधिकतम दस हजार रूपए)
- शाला में गठित मन्त्रिपरिषद के लिए उनके पद एवं क्लब के नाम के साथ लिखा हुआ टी-शर्ट (अधिकतम तीन हजार रूपए)
- समुदाय के सहयोग से किसी सुरक्षित एवं उपयुक्त स्थल में शाला अवधि से अतिरिक्त समय में बच्चों के लिए विभिन्न विषयों/प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विशेष कोचिंग की व्यवस्था (अधिकतम पांच हजार रूपए)
- शाला में रेन-वाटर हार्वेस्टिंग कर पानी की बचत एवं उपयोग में लाए गए पानी से बागवानी हेतु व्यवस्था (अधिकतम दस हजार रूपए)
- खेलो इंडिया से संबंधित विभिन्न स्थानीय खेल में चयनित दक्ष बच्चों को खेल में आगे बढ़ने हेतु विशेष कोचिंग सुविधा प्रदान करना (अधिकतम पांच हजार रूपए)
- यूथ एवं इको क्लब के लिए सर्वसम्मति से कोई नाम देते हुए शाला परिसर में एक बोर्ड लगाना (अधिकतम तीन सौ रूपए)
- पर्यावरण सुरक्षा से संबंधित विभिन्न गतिविधियों में युवाओं के माध्यम से समुदाय को जागरूक बनाने हेतु तैयार करना (अधिकतम दो हजार रूपए)
- यूथ एवं इको क्लब में सक्रिय भूमिका निभा रहे विद्यार्थियों को पुरस्कार एवं सर्टिफिकेट (अधिकतम दो हजार रूपए)
- स्थानीय मिस्त्री, मोटर मैकेनिक, कारीगर से घरेलू एवं खेती में काम आने वाले उपकरणों के रख-रखाव एवं मरम्मत की जानकारी दिलवाना (अधिकतम तीन हजार रूपए)
- यूथ एवं इको क्लब के माध्यम से शाला की आवश्यकतानुसार कुछ विशेष नवाचारी गतिविधियों के आयोजन हेतु जिसके माध्यम से यूथ एवं इको क्लब के गठन के उद्देश्यों की पूर्ति होती हो उपरोक्तानुसार विभिन्न गतिविधियों के लिए अधिकतम सीमा निर्धारित की गयी है। प्रत्येक शाला अपनी आवश्यकतानुसार गतिविधियों का चयन कर शाला प्रबन्धन समिति से समस्त कार्यों एवं बजट का अनुमोदन लेते हुए यूथ एवं इको क्लब के मंत्रियों के माध्यम से उपरोक्त व्यय संपन्न करवाएं।
युवा एव इको क्लब की मानिटरिग:
राज्य एवं विभिन्न स्तरों से इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन के मानिटरिंग के लिए टेक्नोलोजी का उपयोग कर आवश्यक व्यवस्थाएं करते हुए बेहतर कार्य कर रहे युवा क्लबों को पुरस्कृत करते हुए उनका दस्तावेजीकरण का कार्य भी किया जाएगा। शाला संकुल, विकासखंड एवं जिले स्तर से इसकी नियमित निरीक्षण की व्यवस्था भी की जानी होगी। यूथ एवं इको क्लब के माध्यम से समुदाय को शाला से अधिक से अधिक नजदीक लाने एवं शाला-समुदाय दोनों को विन-विन की स्थिति में लाने का प्रयास करें। यूथ एवं इको क्लब के माध्यम से विद्यालयों को सामाजिक चेतना केन्द्रों के रूप में विकसित करने की दिशा में शुरू से ही प्रयास प्रारंभ किया जाए।
एम.एल. पटेल , जो कि वर्तमान में शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं . अभी आप Edu Depart में प्रशासक तौर के पर अपनी सेवा दे रहे हैं .