Charcha Patra [चर्चा पत्र फरवरी 2022]

Charcha Patra (चर्चा पत्र) फरवरी 2022 में शिक्षकों को लाकडाउन एवं ग्रीष्मावकाश के दौरान अपने प्रोफेशनल डेव्हलपमेंट हेतु क्या-क्या कर सकते हैं, अपने कौन कौन से कार्यों को व्यवस्थित कर सकते हैं, लाकडाउन के दौरान बच्चों का सीखना जारी रखे जानें के लिये क्या क्या किया जा सकता है, आदि की जानकारी साझा किया गया हैं।

शिक्षकों को जब बच्चों के बिना ही स्कूल में बैठना हो तो ऐसे समय हमें अपना समय कैसे बिताना चाहिए, इस पर विभिन्न शिक्षकों द्वारा सुझाव चर्चा पत्र के माध्यम से उपलब्ध करवाए गये हैं।

चर्चा पत्र फरवरी 2022

[Charcha Patra]

चर्चा-पत्र Charcha Patra
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Charcha Patra

एजेंडा एक: समुदाय की सहमति / सहयोग से मोहल्ला कक्षाएँ

  • शिक्षक मोहल्ला में जाकर छोटे समूह में बच्चों को कार्य दे सकते हैं।
  • विद्यार्थियों के माता पिता को प्रेरित कर घर-घर में विद्यालय का वातावरण निर्मित कर सकते हैं।
  • पालकों एवं शाला समिति एवं पंचायत पदाधिकारियों के सहमति एवं सहयोग से गाँव के पढ़े लिखे युवक-युवती के माध्यम से छोटे-छोटे समूह में शिक्षण कराया जा सकता है।

एजेंडा दो: समुदाय के सहयोग से बच्चों को नियमित कहानी सुनाने शेड्यूल

  • बच्चों को उनकी भाषा बोली में स्तर अनुरूप मनोरंजक एवं ज्ञानवर्धक कहानियों का अनुवाद कर उन्हें पढ़ने हेतु सामग्री उपलब्ध करायें ।
  • भाषाई साक्षरता के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए कहानी एक महत्वपूर्ण साधन है। अतः छोटे बच्चों को कहानियाँ सुनाने का कार्य प्रारंभ किया जा सकता है।
  • कहानी सुनते समय बच्चों में शब्दज्ञान, उच्चारण, वाक्य रचना एवं व्याकरण के उपयोग के बारे में जानते हैं।

एजेंडा तीन: बच्चों का सीखना जारी रखने नवाचारी प्रयास

  • लाकडाउन के दौरान स्कूल में विभिन्न विषयों के पाठ्यक्रमों के अभ्यास प्रश्नों का सरलीकरण करके रखना चाहिए एवं विभिन्न नवाचारी गतिविधियों का संग्रह कर समय पर उपयोग हेतु रखना चाहिए ताकि बच्चे खुद ही सीखते समय आनंद का अनुभव कर सके।
  • हमें अपने सिखाने के तरीकों में परिवर्तन करते हुये निरंतर नए नवाचार करने की ओर सोचते चाहिए ताकि बच्चे बेहतर तरीके से सीख सके।

एजेंडा चार: बच्चों के रचनात्मक कौशल का विकास

  • बच्चों के लेखन कौशल के विकास हेतु स्थानीय स्तर पर अखबार का कोरा लेआउट मंगवाकर उसमें विभिन्न टोपिक पर बच्चों के आलेख लिखवाकर उसे एक अखबार का रूप दिया जाता सकता है।
  • पढ़ई तुंहर दुआर 2.0 में सौ दिवसीय अभियान के तहत बच्चों के पठन, लेखन, गणितीय, प्रोजेक्ट कार्य पर प्रयास जारी रखा जा सकता है।
  • बच्चों को लाकडाउन के दौरान लेखन कौशल विकास हेतु घर पर रहकर अभ्यास करने हेतु नियमित रूप से असाइनमेंट दे सकते हैं।

एजेंडा पांच: स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार हेतु आवेदन

  • स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार 2021-22 में सभी शालाओं को इस वर्ष आवेदन करना है।
  • जल, सफाई और स्वच्छता के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ उपलब्धि प्राप्त करने वाले शालाओं को जिला स्तर, राज्य स्तर और राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया जायेगा।
  • यह पुरस्कार स्टार रेटिंग पर आधारित है जिसमें 5-स्टार उत्कृष्ट और 1-स्टार सबसे खराब प्रदर्शन है।

एजेंडा छह: मूलभूत कौशल विकास हेतु सामग्री तैयार करना

  • सभी शिक्षकों को अपने विद्यालय एवं छात्रों हेतु कम से कम Teaching Learning Material, एक मॉडल या चार्ट बनाने हेतु प्रेरित किया जा सकता है।
  • जिला स्तर या ब्लॉक स्तर पर कार्यशाला का आयोजन किया जाये जिससे स्कूलों के लिए विभिन्न नवाचार मिल जाएंगे और जमीनी स्तर पर शिक्षण में आने वाली समस्याओं का समाधान हो सकेगा।

एजेंडा सात: विद्यान्जली कार्यक्रम का क्रियान्वयन

  • प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल के लिए शिक्षक सामग्री, की आवश्यकताएं निजी क्षेत्र से भी पूरी की जा सकती है। इसके लिए स्कूलों को सिर्फ संबंधित पोर्टल पर लॉगइन करके अपनी जरूरतों को अपलोड करना होगा। पंजीकृत स्वयंसेवक अपनी पसंद के स्कूल-कॉलेजों में आवश्यकतानुसार ज्ञान व कौशल की मांग पूरी कराएंगे।
  • इस योजना का उद्देश्य शासकीय व अशासकीय सहायता प्राप्त प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों का ज्ञान व कौशल बढ़ाने के लिए उनकी जरूरतें जैसे उपकरण, सामग्री सहित अन्य संसाधन पूरा किया जाना है।
  • विद्यांजलि वेब पोर्टल https://vidyanjali.education.gov.in में राज्य के सभी सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों को रजिस्टर्ड करना है।
  • इस योजना के अंतर्गत विषय शिक्षक, कला क्राफ्ट शिक्षण, योग सिखाना, विभिन्न व्यवसायों की शिक्षा, केरियर काउंसिलिंग, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की शिक्षा, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में सहयोग दिया जा सकता है साथ ही बिजली के उपकरण, कक्षा में उपयोग हेतु सामग्री, डिजिटल सामग्री, खेल सामग्री, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा से सम्बंधित सामग्री क्रय कर स्कूलों को उपलब्ध करवाया जा सकता है।

एजेंडा आठ: आउटकम बढाने हेतु विभिन्न प्रयास

  • बच्चों के घरों में सीखने का कोना बनाकर बच्चों को घर पर रहकर सीखने के लिए उचित वातावरण बनाए जान
  • जशपुर से सरिता अग्रवाल (8889876300) लाकडाउन के दिनों में बच्चों के घरों में सीखने का कोना बनाकर बच्चों को घर पर रहकर सीखने के लिए उचित वातावरण बनाए जाने की दिशा में कार्य करने की आवश्यकता महसूस करती हैं। उनका

एजेंडा नी: टेलेंट हंट

  • हमारे राज्य में स्कूलों में बहुत से बच्चे ऐसे हैं जिनमें जन्मजात टेलेंट मिला हुआ है या उन्हें थोड़ा सा ग्रूम किया जाए तो बहुत अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। ऐसे टेलेंटेड बच्चों को ढूंढकर उन्हें सामने लाने, प्रोत्साहित करने एवं उनके टेलेंट को ग्रूम करने की बहुत अधिक आवश्यकता है।
  • अपने आसपास टेलेंट हंट करें तथा ऐसे बच्चों की मदद कर उन्हें आगे बढ़ा सकते हैं।

एजेंडा दस: लाकडाउन के दौरान कुछ विशिष्ट कार्य हेतु शिक्षकों के सुझाव

राज्य के विभिन्न शिक्षकों द्वारा लाकडाउन के दौरान बच्चों के लिये किये जा सकने वाले विभिन्न गतिविधियों के बारे में अपनी राय दी गयी है जिससे कि बच्चों के पढ़ाई लगातार जारी रहे। आप पूरी लेख चर्चा पत्र में पढ़ सकते हैं।

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