छत्तीसगढ़ के सभी प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक शालाओं को अब अपना परफॉर्मेंस दीवार पर टांगकर दिखाना होगा।
शिक्षक एक महीने तक किस बात पर फोकस करेंगे एवं बच्चों में कौन सी दक्षता हासिल कर पाएंगे इसे वे एक चार्ट बनाकर स्कूल में प्रदर्शित करना पड़ेगा ।
उनकी क्लास के कितने बच्चे चार्ट के मुताबिक सीखे, इसे उसी चार्ट में बच्चों के नाम के साथ दर्ज करेंगे।
जब शिक्षा विभाग के अधिकारी निरीक्षण के लिए स्कूल आएंगे तो इस चार्ट को देखेंगे और जिन बच्चों के नाम के आगे टिक लगा होगा, उसके दक्षता की जांच कर पाएंगे।
इससे पता चल पाएगा कि शिक्षक ने क्या और कितना पढ़ाया है।
स्कूल शिक्षा विभाग ने इसे विद्यार्थी विकास सूचकांक का नाम दिया गया है।
इसका आदेश सभी जिलों के डीईओ को भेज दिया गया है। यह पहली से आठवीं तक के बच्चों व शिक्षकों के लिए होगा।
शिक्षक को हर महीने कम से कम पांच अधिगम यथा कविता, गिनती, पहाड़ा, गणित, अंग्रेजी, विज्ञान आदि विषयों को तय करना होगा।
इन कक्षाओं में जब शाला विकास समिति, पंचायत या शिक्षा विभाग के अफसर दौरा करेंगे, वे बच्चों से इसी इंडेक्स को देखकर सवाल करेंगे। उन्हें पता होगा कि क्लास में किन बच्चों को सब कुछ आता है।
बाकी बच्चों को उनके अधिगम स्तर के आधार पर सवाल-जवाब करेंगे।
विद्यार्थी विकास सूचकांक उच्च प्राथमिक शाला माह जुलाई, अगस्त 2024-25