राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शाला प्रवेश उत्सव के निर्देश

प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी शाला प्रवेश उत्सव 2024 का आयोजन 26 जून 2024 से प्रत्येक स्तर पर किया जाना है। इस हेतु यह अत्यंत आवश्यक है कि शाला प्रवेश उत्सव की प्रारंभिक तैयारी के साथ-साथ पर्याप्त प्रचार-प्रसार भी किया जावे। शाला प्रवेश उत्सव के संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय से निर्देश जारी किये गये है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शाला प्रवेश उत्सव के निर्देश
राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शाला प्रवेश उत्सव के निर्देश

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिपालन में शाला प्रवेश उत्सव कैसे हों ?

छत्तीसगढ़ शासन की स्पष्ट मंशा है कि छात्र-छात्राओं को स्वच्छ व सुंदर वातावरण में गुणवत्तायुक्त शिक्षा दी जावे। स्कूल शिक्षा विभाग इस दिशा में लगातार कार्य कर रहा है।

शाला प्रवेश उत्सव हेतु निम्नानुसार कार्यवाही किया जाना है –

राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शाला प्रवेश उत्सव के निर्देश
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शाला प्रवेश उत्सव 2024

शाला प्रवेश उत्सव 2024 के पूर्व किये जाने वाले कार्य-

कक्षों की साफ-सफाई एवं मरम्मत

शाला प्रारंभ होने के पूर्व शाला भवन/परिसर/अध्यापन कक्षों की साफ-सफाई एवं मरम्मत कर ली जावे। शाला को आकर्षक एवं परिसर में प्रिन्टरिच वातावरण बनाया जावे। मरम्मत योग्य भवनों की मरम्मत 10 जून 2024 तक पूर्ण कर ली जावे।

व्यापक प्रचार-प्रसार

शाला प्रवेश उत्सव का जोर-शोर से एवं व्यापक प्रचार-प्रसार किया जावे तथा यथासंभव बैनर-पोस्टर लगाया जावे, रैली निकाली जावे। गांवों में तथा शहरी वार्डों में मुनादी कराई जावे। स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं शाला विकास समिति एवं पालकों को विशेष रूप से आमंत्रित किया जावे।

आवश्यक रूप रेखा तैयार करना

शाला स्तर/संकुल स्तर/ब्लॉक स्तर/जिला स्तर पर शाला प्रवेश उत्सव मनाया जावे ताकि सत्र के प्रारंभ से ही अध्ययन-अध्यापन के लिए बेहतर माहौल तैयार हो सके, इसके लिए जिला स्तर पर आवश्यक रूप रेखा तैयार कर ली जाये।

पंजी संधारण पूर्व से

विद्यार्थियों की उपस्थिति पंजी पहले से ही संधारित कर ली जावे। कक्षा पहली के लिए आंगनबाड़ी केन्द्र से बच्चों की सूची प्राप्त करें तथा प्रवेश देने की कार्यवाही करें। इसी प्रकार कक्षा 5वीं उत्तीर्ण होने वाले बच्चों की सूची एवं टी.सी. प्रधान पाठक, प्राथमिक शाला से प्राप्त क्रूर) कक्षा छठवीं में प्रवेश की कार्यवाही की जावे।

 शाला त्यागी बच्चों को प्रेरित करना

 शाला त्यागी बच्चों को प्रेरित कर पुनः शाला की मुख्य धारा में जोड़ें। ध्यान रखें यह वास्तविक होना चाहिए।

शिक्षकों की लंबित प्रकरणों का निराकरण

शाला प्रारंभ होने से पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी/विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी शिक्षकों की लंबित प्रकरणों का निराकरण सुनिश्चित करेंगे चाहे तो इसके लिए जिला एवं विकासखण्ड स्तर पर शिविर लगाया जा सकता है।

अध्यापन संबंधी रोड मैप तैयार करना

कक्षा शिक्षक/विषय शिक्षक अध्यापन संबंधी आगामी तीन महीने का रोड मैप तैयार करेंगे। विद्यार्थियों एवं शिक्षकों की शत् प्रतिशत् उपस्थिति सुनिश्चित की जावे।

स्थानीय समुदाय से सहयोग

शाला प्रवेश उत्सव हेतु स्थानीय समुदाय, आंगनबाड़ी एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ता, स्व-सहायता समूह, सेवानिवृत्त कर्मचारीगण एवं जनप्रतिनिधियों से सहयोग प्राप्त किया जावे। इच्छुक व्यक्ति के द्वारा बच्चों को स्लेट, पेंसिल, कॉपी, कंपास बॉक्स, स्कूल बैग आदि प्रदान किया जा सकता है।

शालाओं का सतत् निरीक्षण

संयुक्त संचालक, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मिशन समन्वयक, प्राचार्य डाईट, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक शालाओं का सतत् निरीक्षण करेंगे एवं आवश्यकतानुसार अकादमिक मार्गदर्शन करेंगे। प्रवेश उत्सव भलीभांति संपन्न हो इस दृष्टिकोण से जिला, ब्लॉक एवं संकुल स्तर पर नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की जावे।

प्रवेश उत्सव के दौरान की जाने वाली कार्यवाही –

  • शाला परिवार की ओर से जनप्रतिनिधि, शाला विकास समिति, पालक एवं गणमान्य नागरिकों को शाला प्रवेश उत्सव हेतु आमंत्रित करना।
  • निःशुल्क पाठ्यपुस्तक, निःशुल्क गणवेश, सायकल का वितरण पात्र हितग्राहियों को किया जाना।
  • नन्हें-मुन्नें नवप्रवेशी बच्चों का तिलक लगाकर अभिनंदन करना।
  • प्रवेश उत्सव के दिन न्योता भोज का आयोजन करना।
  • बोर्ड परीक्षा/स्थानीय परीक्षा में मेधावी अंक प्राप्त करने वाले बच्चों को सम्मानित करना।
  • शाला परिवार के द्वारा उत्कृष्ट पालकों का सम्मान करना।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शाला प्रवेश उत्सव के निर्देश

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