छत्तीसगढ़ संविलियन मध्यप्रदेश व राजस्थान से कितना अलग है ?[Sanviliyan in CG MP and RJ]

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Sanviliyan in CG MP and RJ : छत्तीसगढ़ संविलियन मध्यप्रदेशराजस्थान से कितना अलग है: शिक्षक भर्ती व सेवा शर्ते लगभग एक समान है। तथा तीनों राज्यों में शिक्षा विभाग में संविलियन लगभग एक ही समय पर हुआ है तो तीनों के सेवा शर्तों की एक तुलनात्मक विश्लेषण किया गया है। पुरी जानकारी नियमों और आदेशों के आधार पर बनाये गये हैं फिर भी कहीं Edudepart.com पोस्ट के आधार पर किसी लाभ के लिये दावा नहीं करता।

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छत्तीसगढ़ संविलियन मध्यप्रदेश व राजस्थान से कितना अलग है ?

[Sanviliyan in CG MP and RJ]

Shikshak Sanviliyan Sanviliyan in CG MP and RJ
Shikshak Sanviliyan Sanviliyan in CG MP and RJ

शिक्षा विभाग में संविलियन तिथि :-

छत्तीसगढ़ :- 01 जुलाई 2018

मध्यप्रदेश :- 01 जुलाई 2018

राजस्थान :- 01 अप्रैल 2017

शिक्षक भर्ती नियम व सेवा शर्त का नाम :-

छत्तीसगढ़ :- 📝”शिक्षक भर्ती व पदोन्नती नियम-2019″

मध्यप्रदेश :- 📝”मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग), सेवा शर्ते एवं भर्ती नियम, 2018″ है।

राजस्थान :-📝“राजस्थान शैक्षिक भर्ती सेवा नियम-2021”

छत्तीसगढ़ संविलियन मध्यप्रदेश व राजस्थान से अलग

छत्तीसगढ़ :-

  • सहायक शिक्षक (एल.बी.)
  • शिक्षक (एल.बी.)
  • व्याख्याता (एल.बी.)

मध्यप्रदेश :-

  • सहायक अध्यापक (प्राथमिक शिक्षक)
  • अध्यापक (माध्यमिक शिक्षक)
  • वरिष्ठ अध्यापक (उच्च माध्यमिक शिक्षक)

राजस्थान :-

  • तृतीय श्रेणी शिक्षक (LEVEL-1)
  • तृतीय श्रेणी शिक्षक (LEVEL-2)
  • प्रथम श्रेणी शिक्षक (व्याख्याता)

भर्ती का तरीका व पात्रता :-

छत्तीसगढ़ :-

  • संविलियन के बाद नियमित रुप से शिक्षा विभाग में भर्ती के लिये राजपत्र में भर्ती व पदोन्नति नियम प्रकाशित किया गया है।
  • जिसके तहत शिक्षा विभाग में शिक्षक भर्ती के द्वारा रिक्त पदों को भरे जायेंगे। जिसके लिये शासन द्वारा शिक्षक भर्ती परीक्षा का आयोजन व्यापम के माध्यम से की जायेगी जिसके द्वारा नई नियुक्ति दी जायेगी।
  • साथ ही विभाग के शिक्षकों का चयन (प्रतियोगी परीक्षा / साक्षात्कार) अथवा सीमित विभागीय परीक्षा के माध्यम से विभिन्न पदों पर सीधी भर्ती द्वारा की जायेगी।
  • विभाग में कार्यरत शिक्षकों की सेवा के आधार पर पदोन्नति द्वारा की जायेगी।
  • ऐसे व्यक्तियों के स्थानांतरण / प्रतिनियुक्ति द्वारा जो ऐसी सेवाओं में ऐसे पदों को मूल हैसियत में धारण करते हों,
  • सेवा में सीधी भर्ती से नवनियुक्त शिक्षक, ई-(एल.बी.) / टी-(एल.बी.) संवर्ग की वरिष्ठता सूची में शामिल होंगे।

मध्यप्रदेश :-

  • “मध्यप्रदेश पंचायत अध्यापक संवर्ग (नियोजन एवं सेवा की शर्ते) नियम, 2008” तथा “मध्यप्रदेश नगरीय निकाय अध्यापक संवर्ग (नियोजन एवं सेवा की शर्ते) नियम, 2008” के अधीन सहायक अध्यापक, अध्यापक एवं वरिष्ठ अध्यापक को क्रमशः प्राथमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक के पद पर नियुक्त किया जाएगा।
  • जिसके तहत आवश्यकता अर्हताओं की पूर्ति करने वाले वर्तमान में कार्यरत व्यक्ति विभाग में सेवा के प्रारम्भिक गठन के समय नियुक्त किये जाएगें।
  • सहायक अध्यापक (प्रयोगशाला), सहायक अध्यापक (व्यायाम शिक्षक) एवं सहायक अध्यापक (गायन / वादन) को क्रमश: प्रयोसहायक, अध्यापक, एवं वरिष्ठ अध्यापक को क्रमशः प्राथमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक के पद पर नियुक्त किया जाएगा।
  • सीधी भर्ती के अंतर्गत पात्रता परीक्षा द्वारा चयन किया जायेगा ।
  • विभाग में आवश्यक अर्हता रखने वाले शिक्षकों को पदोन्नति द्वारा नियुक्ति दिया जायेगा।

राजस्थान :-

  • प्राथमिक व उच्च प्राथमिक शाला के शिक्षकों की भर्ती REET Exam [Rajasthan Eligibility Examination Test] के द्वारा की जाती है।
  • लेवल-1 प्रायमरी के लिये योग्यता 12वीं उत्तीर्ण व द्विवर्षीय डिप्लोमा होना अनिवार्य है पर B.ed. को लेवल-1 के लिये मान्य नहीं किया गया है क्योंकि वो ग्रेड-2 ग्रेड-1 या लेवल-2(मिडिल)पर आवेदन कर सकते हैं
  • लेवल-2 मिडिल के लिये स्नातक व द्विवर्षीय डिप्लोमा या 1 वर्षीय B.ed होना अनिवार्य है।
  • अध्यापक भर्ती लेवल-2 के लिये REET का 90% व स्नातक के 10% अधिभार के साथ मेरिट सूची के आधर पर चयन होती है।
  • सीधी भर्ती के लिये स्नातक व स्नातकोत्तर का विषय समान होना अनिवार्य है
  • प्रधान पाठक की भर्ती :- विभागीय भर्ती के द्वारा 300 अंको का दो पेपर होता है जिसमें से प्रत्येक में 40% अंक लाना अनिवार्य होता है 5% आरक्षित वर्ग के लिये अतरिक्त छुट होती है उससे कम होने पर नियुक्ति होती ही नहीं जो हमारे छत्तीसगढ़ में नहीं है हमारे यहाँ भर्ती परीक्षा में माइनस अंक प्राप्त अभ्यर्थियों की भी नियुक्ति की जाती है।

वर्गीकरण व वेतनमान :-

छत्तीसगढ़ :-

  • न्यूनतम प्राप्त वेतन की गणना सातवाँ वेतनमान पर की गयी है।
  • छत्तीसगढ़ में मंहगाई भत्ता (DA) 42% देय है।
  • गृह भत्ता(HRA) सातवें वेतमान पर 6% देय है।
  • छत्तीसगढ़ में OPS का चयन करने वालों के लिये GPF कटौती मूलवेतन का 12% हो रहा है ।
  • छत्तीसगढ़ में NPS का चयन करने वालों के लिये कटौती 10%+14%(शासन अंशदान) हो रही थी ।
  • GIS कटौती शिक्षक व सहायक शिक्षक का 300रु व व्याख्याता का 360रु. है।
  • छत्तीसगढ़ में सभी वर्गों को गतिरोध भत्ता 600 देय है।
  • छत्तीसगढ़ में शिक्षक व सहायक शिक्षक को मेडिकल भत्ता 200 देय है, जो व्याख्याता को नहीं मिलता |
पद नाम वर्गीकरण वेतन लेवल वेतनमानन्यूनतम प्राप्त वेतन
सहायक शिक्षक (एल.बी.)तृतीय श्रेणीलेवल-65200-20200 +240034908
शिक्षक (एल.बी.)तृतीय श्रेणीलेवल-89300-34800 +420048644
व्याख्याता (एल.बी.)द्वितीय श्रेणीलेवल-99300-34800 +430052056
Sanviliyan in CG MP and RJ

मध्यप्रदेश :-

  • न्यूनतम प्राप्त वेतन की गणना सातवाँ वेतनमान पर की गयी है।
  • न्यूनतम प्राप्त वेतन में मंहगाई भत्ता (DA) 42% की गणना की गई है।
  • मध्यप्रदेश में गृह भत्ता(HRA) 9% देय है।
  • NPS कटौती 10% है।
  • GIS कटौती 200रु. है।
  • मध्यप्रदेश में प्रोफेसनल टैक्स कटौती 208रु. है।
क्रमांक पद का नामवर्गीकरणवेतनमान न्यूनतम प्राप्त वेतन
01.सहायक अध्यापक(प्राथमिक शिक्षक)तृतीय श्रेणी5200-20200+240030833
02.अध्यापक (माध्यमिक शिक्षक)तृतीय श्रेणी9300-34800+320036635
03.वरिष्ठ अध्यापक (उच्च माध्यमिक शिक्षक)द्वितीय श्रेणी9300-34800+360049938
Sanviliyan in CG MP and RJ

राजस्थान :-

  • न्यूनतम प्राप्त वेतन की गणना सातवाँ वेतनमान पर की गयी है।
  • न्यूनतम प्राप्त वेतन में मंहगाई भत्ता (DA) 42% पर की गणना की गई है।
  • राजस्थान में गृह भत्ता(HRA) 9% देय है।
  • NPS कटौती 10% है।
  • वर्तमान में OPS लागू होने के बाद कटौती मूल वेतन का 12% है ।
  • राजस्थान में GIS कटौती 2000रु. है।
  • राजस्थान में प्रायमरी ल मिडिल के शिक्षकों का वेतन समान है।
क्रमांकपद का नामवर्गीकरणवेतन लेवलवेतनमान न्यूनतम प्राप्त वेतन
01.तृतीय श्रेणी शिक्षक
(Level-1)
तृतीय श्रेणीवेतन लेवल-109300-34800+3600 46982
02.तृतीय श्रेणी शिक्षक
(Level-2)
तृतीय श्रेणीवेतन लेवल-109300-34800+360046982
03.प्रथम श्रेणी शिक्षक (व्याख्याता)द्वितीय श्रेणीवेतन लेवल-129300-34800+480066893
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पदोन्नति द्वारा नियुक्ति :-

छत्तीसगढ़ :-

क्रमांक सेवा में सम्मिलित पदों का नाम सीधी भर्ती द्वारा पदोन्नति द्वारा
01.सहायक शिक्षक(एल.बी.) 100% प्रतिशत
02.शिक्षक(एल.बी.) 50% प्रतिशत 50% प्रतिशत
03.व्याख्याता(एल.बी.) 50% प्रतिशत 50% प्रतिशत
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मध्यप्रदेश :-

क्रमांक सेवा में सम्मिलित पदों का नाम सीधी भर्ती द्वारा पदोन्नति द्वारा
01.सहायक अध्यापक(प्राथमिक शिक्षक) 100% प्रतिशत
02.अध्यापक (माध्यमिक शिक्षक) 50% प्रतिशत 50% प्रतिशत
03.वरिष्ठ अध्यापक (उच्च माध्यमिक शिक्षक) 50% प्रतिशत 50% प्रतिशत
Sanviliyan in CG MP and RJ

राजस्थान :-

क्रमांक सेवा में सम्मिलित पदों का नाम सीधी भर्ती द्वारा पदोन्नति द्वारा
01.तृतीय श्रेणी शिक्षक(Level-1) 100% प्रतिशत
02.तृतीय श्रेणी शिक्षक(Level-2) 50% प्रतिशत 50% प्रतिशत
03.प्रथम श्रेणी शिक्षक(व्याख्याता) 50% प्रतिशत 50% प्रतिशत
Sanviliyan in CG MP and RJ

राजस्थान

  • व्याख्याता से उपप्रधानाचार्य व उपप्रधानाचार्य से प्रधानाचार्य के पद पर होती है पदोन्नति।
  • व्याख्याता व प्रधानाध्यापक से प्रधानाचार्य के लिये पदोन्नति रेशियो 80:20 है जो पहले 33:67 था अर्थात 80% पदोन्नति व 20% सीधी भर्ती से होती है।
  • प्रधानाध्यापक पद की योग्यता स्नातकोत्तर है।
  • व्याख्याता पद पर पदोन्नती व सीधी भर्ती के लिये स्नातक व स्नातकोत्तर का विषय समान होना अनिवार्य है

वरियता का निर्धारण :-

छत्तीसगढ़ :-

  • पंचायत संवर्ग शिक्षकों का संविलियन शिक्षा विभाग में किया गया है चुँकि एक विभाग से दुसरे में संविलियन किये गये हैं तो नये विभाग में पदभार ग्रहण करने की दिनांक से वरिष्ठता का निर्धारण किया जाएगा।
  • साथ ही समस्त लाभ संविलियन तिथि से देय होगा।
  • पुर्व विभाग के किसी भी प्रकार के एरियर्स विभाग द्वारा देय नहीं होगा
  • पदोन्नति व क्रमोन्नत वेतनमान का निर्धारण नये विभाग में पदस्थापना तिथि से होगी।

मध्यप्रदेश :-

  • अध्यापक संवर्ग में एक निकाय से अन्य निकाय में संविलियन किए गए अध्यापकों की संबंधित नवीन निकाय में पदभार ग्रहण करने की दिनांक से वरिष्ठता का निर्धारण किया जाएगा।
  • माध्यमिक शिक्षक का संवर्ग संभाग स्तरीय होगा इनकी वरिष्ठता का निर्धारण संभाग स्तर पर किया जाएगा।
  • उच्च माध्यमिक शिक्षक का संवर्ग राज्य स्तरीय होगा इनकी वरिष्ठता का निर्धारण संचालनालय स्तर पर किया जाएगा।
  • वरिष्ठता निर्धारण संबंधी उदभूत स्थिति का निराकरण हेतु शासन द्वारा गठित समिति द्वारा किया जायेगा।

राजस्थान :-

  • शिक्षक संवर्ग का एक निकाय से अन्य निकाय में संविलियन किया गया है तो शिक्षक संवर्ग की संबंधित नवीन निकाय में पदभार ग्रहण करने की दिनांक से वरिष्ठता का निर्धारण किया जाएगा।

समयमान व क्रमोन्नत वेतनमान :-

छत्तीसगढ़ :-

  • छत्तीसगढ़ राज्य की सिविल सेवाओं के सदस्यों को आगे बढ़ने के निश्चित अवसर उपलब्ध कराये जाने हेतु वित्त विभाग द्वारा 08-08-2018 को तृतीय समयमान वेतनमान योजना प्रभावशील की गई है
  • जिसके तहत शासकीय सेवा में नियुक्ति की तिथि से दो पदोन्नति /क्रमोन्नति / समयमान वेतनमान का ही लाभ प्राप्त हुआ। को दिनांक 01.01.2016 अथवा इसके बाद की तिथि से 30 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर तृतीय समयमान वेतनमान की पात्रता होगी। चुँकि क्रमोन्नत वेतनमान प्रत्येक 10 वर्ष पर दी जाती है अत: सेवा अवधि की गणना चयन / प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से किसी सीधी भर्ती के पद पर कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से होगी। वित्त विभाग के संदर्मित परिपत्र में निहित अन्य प्रावधान यथावत लागू रहेंगे।

मध्यप्रदेश :-

  • शासकीय सेवकों को सुसंगत भर्ती नियमों के अंतर्गत निर्धारित अर्हतायें पूर्ण करने पर पदोन्नति की पात्रता होती है। पदोन्नति हेतु पदों की उपलब्धता नहीं होने के कारण शासकीय सेवक को प्रोत्साहित करने की दृष्टि से क्रमोन्नति / समयमान का प्रावधान है।
  • भर्ती नियम, 2018 के अंतर्गत अध्यापकों की नवीन नियुक्ति हुई है अतः उनके द्वारा की गई सेवा को पदोन्नति / क्रमोन्नति एवं समयमान की पात्रता में गणना में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा लिये जाने का निर्णय लिया गया है।
  • अगले पद पर पदोन्नति हेतु 5 वर्ष का अनुभव निर्धारित हैं। इस प्रयोजन के लिये अध्यापक संवर्ग में की गई सेवा अवधि को गणना में लिया जायेगा।
    • उदाहरणार्थ; यदि कोई व्यक्ति अध्यापक संवर्ग में वर्ष 2015 में नियुक्त हुआ है तथा दिनांक 01/07/2018 को उसकी नवीन नियुक्ति प्राथमिक शिक्षक के पद पर हुई है। तब प्राथमिक शिक्षक से माध्यमिक शिक्षक की पदोन्नति के लिये अनुभव की गणना के लिए वर्ष 2015 से दिनांक 30.06.2018 तक के अनुभव को जोड़ा जाएगा।
    • तदनुसार उपरोक्त प्रकरण में वह शिक्षक वर्ष 2020 में पदोन्नति हेतु विचार किये जाने के लिये पात्र होगा।
  • प्रथम क्रमोन्नत वेतनमान हेतु 12 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण होना आवश्यक है। इस प्रयोजन के लिए उपर्युक्त अनुसार क्रमोन्नति के लिये भी अध्यापक संवर्ग में की गई सेवा को सेवा अवधि की गणना में लिया जाएगा।
    • उदाहरण स्वरूप यदि कोई व्यक्ति दिनांक 01.04.2008 को संविदा शाला शिक्षक में नियुक्त हुआ है एवं दिनांक 01.04.2011 से अध्यापक संवर्ग में कार्यरत है तो अध्यापक संवर्ग में नियमानुसार 12 वर्ष अर्थात दिनांक 01.04.2020 को प्रथम क्रमोन्नति
    • तथा 24 वर्ष अर्थात दिनांक 01.04.2032 को द्वितीय क्रमोन्नत वेतनमान हेतु विचार किये जाने के लिए पात्र होगा
    • इसी प्रकार यदि किसी संविदा शाला शिक्षक को वर्ष 2013 2015, एवं 2017 में प्रथम क्रमोन्नति प्राप्त है तब उन्हें द्वितीय कमोन्नति प्रथम क्रमोन्नति के 12 वर्ष पश्चात अन्य आवश्यक अर्हरतायें पूर्ण करने पर वर्ष कमशः 2025, 2027 एवं 2029 में पात्रता होगी।
  • पदोन्नति / क्रमोन्नत / समयमान का लाभ प्राप्त करने के लिये भर्ती नियम तथा संगत नियम निर्देशों में उल्लेखित शर्तो तथा मापदंडों की पूर्ति की जानी आवश्यक होगी। किसी भी प्रकार के विवाद की स्थिति में शासन का निर्णय अंतिम होगा।

राजस्थान :-

  • राजस्थान शैक्षिक भर्ती सेवा नियम-2021 के अनुसार शासकीय सेवकों को सुसंगत भर्ती नियमों के अंतर्गत निर्धारित अर्हतायें पूर्ण करने पर पदोन्नति की पात्रता होती है। पदोन्नति हेतु पदों की उपलब्धता नहीं होने क्रमोन्नति / समयमान का प्रावधान होगा ।
  • भर्ती नियम, 2021 के अंतर्गत उनके द्वारा की गई सेवा को पदोन्नति / क्रमोन्नति एवं समयमान की पात्रता में गणना में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा लिये जाने का निर्णय लिया गया है।

विकल्प पत्र भरना :-

छत्तीसगढ़ :-संविलियन लेने या न लेने संबंधी विकल्प पत्र-

छत्तीसगढ़ संविलियन मध्यप्रदेश व राजस्थान से कितना अलग है ?[Sanviliyan in CG MP and RJ]

मध्यप्रदेश :- संविलियन लेने या न लेने संबंधी विकल्प पत्र-

राजस्थान :-संविलियन लेने या न लेने संबंधी विकल्प पत्र जिससे कि शिक्षा विभाग में नयी नियुक्ति व वेतनमान की स्वीकार्यता के संबंध में विकल्प पत्र भरवाया गया है।

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