मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण योजना[mukhyamantree shiksha gaurav alankaran]

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mukhyamantree shiksha gaurav alankaran : यह सम्मान शिक्षा के क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य करने वाले उन शिक्षकों को दिया जाता है जो बच्चों के अध्ययन-अध्यापन के साथ उनके विभिन्न कौशल का विकास, बौद्धिक, शारीरिक एवं सामाजिक दायित्वों के प्रति उत्तरदायित्व के लिये प्रेरणादायक कार्य करते है हैं और जो दूसरों को भी अच्छे कार्य के किये प्रेरित करते हैं |

मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण योजना

[mukhyamantree shiksha gaurav alankaran]

मुख्यमंत्री-गौरव-अलंकरण-योजना मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण योजना[mukhyamantree shiksha gaurav alankaran]
मुख्यमंत्री-गौरव-अलंकरण-योजना मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण योजना[mukhyamantree shiksha gaurav alankaran]

मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण नियमावली व फार्म-

मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण
नियमावली
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मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण
फार्म
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मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण योजना
वित्तीय स्वीकृति
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माननीय मुख्यमंत्री, छ०ग० शासन द्वारा की गई घोषणा अनुसार 05 सितंबर 2016 से प्रतिवर्ष विकासखंड स्तर, जिला स्तर तथा संभाग स्तर पर “मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण” योजना के अंतर्गत शिक्षकों को पुरस्कृत किया जा रहा है ।

यह पुरस्कार 3 स्तर में अलग-अलग नाम से दिया जाता है |

“शिक्षा दूत” पुरस्कार –

  • 05 सितंबर 2023 को विकासखंड स्तर पर “शिक्षा दूत” पुरस्कार दिया जायेगा,
  • जिसके लिए प्राथमिक शाला के कक्षा 01 से 05 तक में अध्यापन कराने वाले शिक्षक ही पात्र होंगे |
  • “शिक्षा दूत”पुरस्कार प्रति विकासखंड 03 शिक्षकों को दिया जाता है |
  • “शिक्षा दूत” पुरस्कार में राशि 5000/- शिक्षक को पुरस्कार रूप में दिया जाता है |

“ज्ञान दीप” पुरस्कार –

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  • जिला स्तर पर “ज्ञान दीप” पुरस्कार दिया जायेगा,
  • जिसके लिए पूर्व माध्यमिक शाला अर्थात कक्षा 6वीं से 8वीं तक अध्यापन कराने वाले शिक्षक ही पात्र होंगे |
  • “ज्ञान दीप” पुरस्कार प्रति जिला 03 शिक्षकों को दिया जाता है |
  • “ज्ञान दीप” पुरस्कार में राशि 7000/- शिक्षक को पुरस्कार रूप में दिया जाता है |

“शिक्षा श्री” पुरस्कार –

  • संभाग स्तर पर “शिक्षा श्री” पुरस्कार दिया जायेगा,
  • जिसके लिए कक्षा 9वीं से कक्षा 12वीं तक में अध्यापन कराने वाले शिक्षक ही पात्र होगे |
  • “शिक्षा श्री” पुरस्कार प्रति संभाग 03 शिक्षकों को दिया जाता है |
  • “शिक्षा श्री” पुरस्कार में राशि 10000/- शिक्षक को पुरस्कार रूप में दिया जाता है |

मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण के लिये अनिवार्य शर्तें-

  • इन पुरस्कारों का मूल उद्देश्य उत्कृष्ट शिक्षकों को चिन्हांकित कर पुरस्कृत करना है
  • जिसके लिए आवश्यक है कि है कि शिक्षकों के ऐसे कार्यों को देखा जाए जिससे वास्तव में शिक्षा के क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य करने वाला ही पुरस्कृत हो
  • शिक्षा के कार्यों बच्चों का अध्यापन में सर्वाधिक समर्पित रहे हों उसके कार्यों से उसका समर्पण कार्य की उत्कृष्टता प्रमाणित होता हो |
  • शिक्षक का निरंतर अध्यापन अनुभव कम से कम 10 वर्ष हो ।
  • शिक्षक निर्वावाद हो, इसके विरूद्ध किसी भी प्रकार की विभागीय जॉच न चल रही हो ।
  • शिक्षक को किसी न्यायालय एवं विभागीय अधिकारी द्वारा सजा न दीगई हो न ही इनके विरूद्ध न्यायालयीनप प्रकरण विचाराधीन हो ।
  • अनुशासनात्मक अधिकारी के पास भी इनके विरूद्ध विभागीय जाँच करने हेत प्रकरण विचाराधीन न हो।
  • नियंत्रणकर्ता अधिकारी की दृष्टि में वह उपयुक्त शिक्षक हो ।
  • शाला लगने के दिनों में से 80 प्रतिशत या इससे अधिक दिनों की उपस्थिति हो |
  • शासकीय नियम अनुसार कतर्व्य स्थल से 08 कि.मी की परिधि में निवासरत हो ।
  • एस.सी.ई.आर.टी. द्वारा आयोजित 07 दिवसीय अथवा अधिक दिवसीय प्रशिक्षणों में 3 वर्ष में कम से कम 01 प्रशिक्षण अवश्य प्राप्त किया हो।

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