Cash Book – रोकड़ पंजी एक बहुत ही उपयोगी, महत्वपूर्ण और अनिवार्य पंजी है। इस पंजी का उपयोग सभी सरकारी और प्राइवेट क्षेत्रों में किया जाता है। इसमें पैसों की लेनदेन सम्बन्धी हिसाब किताब रखा जाता है। प्रत्येक शासकीय कार्यालय में रोकड़ पंजी (Cash Book) अनिवार्यत: उपलब्ध होता है।
Cash book को हिंदी में रोकड़ बही कहा जाता है Cash Book में सिर्फ Cash से सम्बंधित जानकारी को लिखा जाता है| जिसमें सभी नकद आय और व्यय शामिल रहते हैं, साथ ही कैश बुक में बैंक में जमा की गई राशि और बैंक से निकली गई राशि को लिखा जाता हैं। किसी व्यक्ति, संस्था, व्यापारी या कंपनी के पास पैसे कहाँ से आये और कहाँ गये और कितना शेष बचा उसको Cash Book में संधारित की जाती है । Cash Book बनाने का मुख्य उद्देश्य पैसे की आय(Receipts) और व्यय(Payments) का रिकॉर्ड संधारण के लिये किया जाता है।
PFMS Cash Book (रोकड़ बही ) –
कैशबुक एवं लेजर पंजी में अन्तर –
कैशबुक एवं लेजर पंजी में केवल अन्तर ये होता है कि कैशबुक में स्कूलों को प्राप्त होने वाले समस्त आय एवं व्यय का विवरण संधारित की जाता है। जब्कि लेजर पंजी में अलग-अलग मद के आय और व्यय को दर्शाने के लिये मदवार अलग अलग पृष्ठों का प्रयोग किया जाता है। कैशबुक एवं लेजर पंजी में दर्शाये गये विवरण को पृष्ठ क्रमांक अनुसार दर्शाया जाता है।
स्कूलों में कैशबुक का संधारण क्यों और कैसे? :-
चुँकि सभी शालाओं को विभिन्न मद में शालाओं के सर्वांगीण विकास के लिये अनुदान राशि प्रदान की जाती है जिसको शाला प्रबंधन समिति की सहमति से प्रस्ताव बनाकर संबंधित मद में व्यय किया जाता है। और इन सभी राशि का मदवार व्यय पश्चात उनका व्यय विवरण कैशबुक पर बिल वाउचर सहित संधारित की जाती है। तो स्कूलों को प्राप्त राशि का कैशबुक संधारण कैसे करेंगे इस पोस्ट में जानेंगे।
Cash Book भरने के लिए जरुरी दस्तावेज –
- बैंक पासबुक या बैंक स्टेटमेंट की प्रिंटेड प्रति
- भुगतान किये गए रसीद /बिल वाउचर
- Cash Book – रोकड़ पंजी
- Ledger Book – लेजर पंजी
- जिस मद में पैसे आया है उसका विवरण
- बैंक समाधान पत्रक (Bank Reconciliation Format)
- PPA जारी पंजी
Cash Book भरते समय उपरोक्त मुख्य दस्तावेज हमारे पास उपलब्ध होना अनिवार्य है ।
कैशबुक कितने प्रकार के होते हैं?
Cash Book चार प्रकार के होते है :-
- Simple Cash Book (साधारण रोकड़ बही खाता ):-केवल नकद लेनदेन रिकॉर्ड करने के लिए Simple Cash Book या Single Column Cash Book संधारित की जाती |
- Double Column Cash Book (दो खाने वाले रोकड़ बही खाता):– नकद लेनदेन के साथ-साथ बैंक से सम्बंधित लेनदेन को रिकॉर्ड करने के लिए Double Column Cash Book संधारित की जाती है| स्कूलों का कैशबुक संधारण इसी तरीके से किया जाता है।
- Three Column Cash Book (तीन खाने वाले रोकड़ बही खाता):-नकद व बैंक के साथ साथ खरीद छूट(Buying Discount) और बिक्री छूट(Selling Discount) का रिकॉर्ड रखने के लिए Three Column Cash Book संधारित की जाती है|
- Petty Cash Book (खुदरा रोकड़ बही खाता):- एक दिन की बड़ी संख्या में नगद खर्चों का रिकार्ड रखने के लिए Petty Cash Book संधारित की जाती है|
PFMS Cash Book के दो मुख्य भाग होते हैं ।
- पहला भाग आय (RECEIPTS )
- दूसरा भाग व्यय (PAYMENTS )
PFMS Cash Book कैसे भरें ? How to Fill a PFMS Cash Book ?
स्टेप 1 – आय (RECEIPTS) वाले पृष्ठ में विवरण कैसे भरें
आय (RECEIPTS) वाले पृष्ठ का विवरण –
- दिनांक
- व्हाउचर नं.
- विवरण
- लेजर पृष्ठ
- आय (RECEIPTS)
- नगद
- बैंक
- योग
सबसे पहले आपको उच्च कार्यालय या अन्य के द्वारा आपके संस्था को जारी राशि की जानकारी आय (RECEIPTS) वाले भाग में भरना है । यह आपको बैंक पासबुक या बैंक स्टेटमेंट में आसानी से मिल जायेगा ।
दिनांक – पासबुक के अनुसार इसमें दिनांक वाले कॉलम में उस तिथि को लिखें, जिस दिनांक को पैसा आपके खाते में जमा हुआ है।
व्हाउचर नं.- प्राप्त राशि का व्हाउचर नं. हो तो उल्लेख करें ।
विवरण – जहाँ से राशि प्राप्त हुआ है व उस मद का नाम लिखें जिसके लिए राशि जारी किया गया है। जैसे – समग्र शिक्षा रायपुर से शाला अनुदान, खेलगढ़िया, राज्य माध्यमिक शिक्षा, इत्यादि। साथ ही इसमें बैंक से प्राप्त ब्याज की राशि को भी लिखना अनिवार्य है।
लेजर पृष्ठ – लेजर पंजी के जिस पृष्ठ में मदवार प्रविष्टि की गई है उसका पृष्ठ क्रमांक को यहाँ लिखें ।
आय (RECEIPTS) – इस भाग में आपको प्राप्त राशि की स्थिति का विवरण भरना है । जो राशि आपके संस्था को मिला है वह बैंक में है या नगद के रूप में है।
यदि राशि नगद में आपके पास रखा हुआ है तो जितनी राशि है उसे नगद वाले कालम में भरें और बैंक में उपलब्ध राशि को बैंक वाले कालम में आय के सामने भरें। इसके बाद अंतिम कालम कुल रकम का है इसमें पिछले दोनों कॉलम की कुल राशि को भरें।
प्राप्त राशि को भरने के बाद पृष्ठ के अंत में
- कुल आय –
- प्रारंभिक शेष –
- कुल योग –
नीचे वाले लाइन में राशि का मिलान करते हुए भरें।
स्टेप 2 – व्यय (PAYMENTS) वाले पृष्ठ में विवरण कैसे भरें
व्यय (PAYMENTS) वाले पृष्ठ का विवरण –
- दिनांक
- व्हाउचर नं.
- विवरण
- लेजर पृष्ठ
- व्यय (PAYMENTS)
- नगद
- बैंक
- योग
दिनांक – इसमें दिनांक वाले कॉलम में उस तिथि को लिखें जिस तिथि को आपने भुगतान किया है या चेक दिया है।
व्हाउचर नं.– व्हाउचर नंबर में आप अपने पेस्टिंग फाइल में लगे बिल के नंबर को लिखें ।
विवरण – विवरण वाले कॉलम में उस फर्म, एजेंसी, दूकान या व्यक्ति का नाम लिखें जिसे आपने राशि का भुगतान किया है या चेक दिया है।
लेजर पृष्ठ – लेजर पंजी के जिस पृष्ठ में मदवार प्रविष्टि की गई है उसका पृष्ठ क्रमांक को यहाँ लिखें ।
व्यय (PAYMENTS) – व्यय वाले पृष्ठ में आपको नगद, बैंक और कुल रकम का कालम दिया गया है। इसमें नगद वाले कालम में वह राशि लिखें जितना आपने आहरण कर उस फर्म, एजेंसी, दूकान या व्यक्ति को नगद भुगतान किया है एवं जिन्हे आपने चेक, NEFT, RTGS Online भुगतान किया है उसे बैंक वाले कालम में लिखें । इसके बाद अंतिम कालम कुल रकम का है इसमें पिछले दोनों कॉलम की कुल राशि को भरें।
भुगतान की गयी राशि को भरने के बाद बाद पृष्ठ के अंत में
- कुल व्यय –
- शेष राशि –
- कुल योग –
नीचे वाले लाइन में राशि का मिलान करते हुए भरें।
Cash Book भरते समय सावधानियां –
Cash Book भरते समय क्या क्या सावधानी रखने की आवश्यकता है –
- कैश बुक में कहीं पर भी काटछांट या ओभरराईटिंग न हो।
- सभी विवरण साफ साफ और स्पष्ट अक्षरों में भरें ,जिसे पढनें में कोई दिक्क्त न हो।
- Cash Book में राशि जमा होने की तिथि को सही सही भरें।
- यदि आपके पास नगद राशि है तो उसे नगद वाले कालम में जरूर भरें।
- किसी को भुगतान करने में यदि आपने चेक दिया है तो विवरण में चेक क्रमांक व चेक काटने की तिथि दर्ज करें न कि खाता से पैसे कटने की तिथि।
- पासबुक को प्रिंट या बैंक स्टेटमेंट अपने पास जरुर रखें ।
- राशि आहरण के लिए समिति की बैठक लेकर कार्यवाही विवरण साथ रखें।
- भुगतान किये गए राशि की बिल अनिवार्य रुप से रखें और इसमें व्हाउचर नंबर भी जरूर दर्ज कर लें।
- सभी व्हाउचर में Pass For Payment अनिवार्य रुप से करें ।
- सभी व्हाउचर में Paid & Canceled अनिवार्य रुप से करें ।
- क्लोजिंग राशि और शेष राशि का मिलान अवश्य कर लें।
- कोशिश करें कि जहा पर विवरण आखिरी हो रहा है वहीं पर गोशवारा बना लें ।
- वित्तीय वर्ष के अंत में पासबुक (Cash in Pass Book), नगद (Cash in Hand), कुल राशि (Total Amount) सभी को दर्ज करते हुए आय-व्यय की जानकारी का गोशवारा बनायें ताकि वित्तीय वर्ष के अंत आपके पास उपलब्ध राशि की जानकारी हो सके एवं पासबुक से मिलान हो सके।
इस प्रकार आप Cash Book (रोकड़ बही खाता) को स्वयं भर सकते है ।
बैंक समाधान पत्रक (Bank Reconciliation Format) –
PFMS – PPA जारी पंजी का प्रारुप –
एस. एस. पटेल , जो कि वर्तमान में BRCC के पद पर कार्यरत हैं . अभी आप Edu Depart में नि:शुल्क मुख्य संपादक के तौर पर अपनी सेवा दे रहे हैं .
बहुत अच्छा आपको बहुत बहुत धन्यवाद।
धन्यवाद आपके प्रतिक्रिया के लिए
बहुत अच्छा एप्पलीकेशन है।विभागीय जानकारी सभी एक जगह मिल जा रही है।बहुत बहुत धन्यवाद!