कक्षा 6 विज्ञान में सीखने के प्रतिफल ( Class 6 Science Learning Outcomes)

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कक्षा 6 विज्ञान में सीखने के प्रतिफल

Learning-Outcomes
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1. वस्तुओं ( पदार्थो ) एवं जीवों को पहचानता है वनस्पति रेशे, पुष्प आदि के अवलोकन योग्य विशेषताओं जैसे- बाह्य आकृति, बनावट, कार्य, गंध आदि के आधार पर।

2. गुणों, संरचना एवं कार्यो के आधार पर पदार्थों एवं जीवों में विभेदन करता है जैसे- तंतु रिशे) एवं धागा, मूसला एवं रेशेदार जड़, वैद्युतीय सुचालक एवं कुचालक।

3. अवलोकन योग्य गुणों के आधार पर पदार्थों, जीवों एवं प्रक्रियाओं का वर्गीकरण कर सकता है

जैसे-पदार्थ विलेय, अविलेय, पारदर्शी, पारभासी एवं अपारदर्शी, उत्क्रमणीय एवं अनुत्क्रमणीय परिवर्तन, वनस्पति को पौधे, झाड़ी, वृक्ष, रेंगने वाले, बेल (लताओं) के रूप में, वासस्थान के घटकों के रूप में जैव एवं अजैव घटक, गति के रूप में सरल, वृत्तीय एवं आवर्ती गति।

4. प्रश्नों के उत्तर ज्ञात करने के लिये सरल प्रकार की खोजबीन करता है जैसे- पशु चारे में पोषक तत्व कौन से हैं? क्या समस्त भौतिक परिवर्तन उत्क्रमणीय होते हैं? क्या स्वतंत्रतापूर्वक लटका हुआ चुम्बक किसी विशेष दिशा में अवस्थित होता है?

5. प्रक्रियाओं एवं तथ्यों को कारणों से संबंधित करता है, जैसे- भोजन और हीनताजन्य रोग, वनस्पति एवं जन्तुओं का वासस्थान के साथ अनुकूलन, प्रदूषकों के कारण वायु की गुणवत्ता आदि।

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6. प्रक्रियाओं एवं तथ्यों की व्याख्या करता है, जैसे- पादप रेशों का प्रसंस्करण, पौधों एवं जंतुओं में गति, छाया का बनना, समतल दर्पण से प्रकाश का परावर्तन, वायु के संघटन में विविधता, वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण आदि।

Class 6 Science Learning Outcomes

7. भौतिक राशियों का मापन कर एस.आई. (अंतर्राष्ट्रीय इकाइयों) व्यक्त करता है जैसे- लंबाई।

8. नामांकित चित्र/फ्लो चार्ट द्वारा जीवों से संबंधित प्रक्रियाओं को बनाना, जैसे-पुष्प के भाग, संधियाँ, छनन प्रक्रिया, जल चक्र आदि।

9. अपने परिवेश की सामग्रियों का उपयोग कर मॉडल का निर्माण कर उनकी कार्य विधि की व्याख्या करता है जैसे- पिनहोल कैमरा, पेरिस्कोप, वैद्युतीय टार्च आदि।

10.वैज्ञानिक अवधारणाओं के सीखने का दैनिक जीवन में प्रयोग करता है। संतुलित भोजन हेतु भोज्य पदार्थों का चयन, पदार्थों को अलग करना, मौसम के अनुकूल कपड़ों का चयन, दिक्सूची के प्रयोग द्वारा दिशा का ज्ञान भारी वर्षा/अकाल की परिस्थितियों से निपटने की प्रक्रिया हेतु सुझाव आदि।

11.पर्यावरण की सुरक्षा हेतु प्रयास करता है जैसे- भोजन, जल, विद्युत का संरक्षण एवं वर्ण्य पदार्थों के उत्पादन में कमी करने का प्रयास, वर्षा जल संग्रहण (rain water harvesting ) अपनाने हेतु जागरूक करना, पौधों की सुरक्षा आदि।

12.सृजनात्मकता का प्रदर्शन करता है डिजाइन बनाने, योजना बनाने एवं उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करने में।

13.मूल्यों जैसे-ईमानदारी, वस्तुनिष्ठता, सहयोग, भय एवं पूर्वाग्रहों से मुक्ति जैसे गुणों को प्रदर्शित करता है।

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