प्रेरक शिक्षक डॉ. छबिराम पटेल (राज्यपाल शिक्षक सम्मान से सम्मानित) के कार्य हैं अनुकरणीय (Motivational Educator)

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शिक्षा, साहित्य एवं समाज सेवा के क्षेत्र में प्रदेश, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुके प्रधानपाठक डॉ. छबिराम पटेल जी के कार्य हम सब के लिये अनुकरणीय हैं एवं किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं वरन हम सब के लिये एक प्रेरक बन चुके हैं । शिक्षा,साहित्य एवं समाज सेवा के क्षेत्र में इनके द्वारा उल्लेखनीय कार्य करने कारण इन्हें प्रदेश स्तरीय एवं राष्ट्रीय पुरस्कार सहित कई अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुके हैं। जिसमें राज्यपाल पुरस्कार, छत्तीसगढ़ रत्न पुरस्कार,टीचर इनोवेशन राष्ट्रीय पुरस्कार,प्राईड ऑफ छत्तीसगढ़ अवार्ड,उत्कृष्ट शिक्षक राष्ट्रीय पुरस्कार,इंडियन प्राईड अवार्ड,राष्ट्रीय गौरव अवार्ड,भारत भूषण सम्मान,राष्ट्रीय समाज सेवा रत्न अवार्ड,बेस्ट एचीवर्स अवार्ड,ग्लोबल अवार्ड,एशिया प्राईड अवार्ड,ग्लोबल शान्ति सम्मान,इंटरनेशनल बेस्ट टीचर अवार्ड,इंटरनेशनल प्रेस्टीजियस अवार्ड, इंटरनेशनल आइकोनिक एक्सीलेंसी अवार्ड एवं पीएचडी (अबाईड यूनिवर्सिटी अमेरिका), साहित्य के क्षेत्र में डी.लिट.मानद उपाधि (कोलंबिया,दक्षिण अमेरिका) प्रमुख हैं।

प्रेरक शिक्षक डॉ. छबिराम पटेल जी का जीवन परिचय एवं प्रारंभिक शिक्षा –

श्री श्यामलाल पटेल एवं माता श्रीमती जमुनाबाई पटेल के घर निवासी ग्राम झारबंद, पोस्ट भँवरपुर वि.ख. बसना जिला महासमुन्द (छ.ग.) में छबिराम पटेल का जन्म 5 जून 1964 को हुआ । पिता जी खेती-किसानी किया करते थे परन्तु परिवार के पास कम जमीन-जयादाद होने के कारण परिवार गरीबी एवं अभाव में जीवन यापन करने को मजूबर था । पाँच भाई एवं एक बहन में में सबसे छोटे हैं । परिवार बड़ा होने कारण पिता जी अपने परिवार के साथ सन् 1967 में ग्राम जम्हर वि.ख. पिथौरा जिला महासमुन्द (छ.ग.) में आ बसे इसी ग्राम में प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा सन् 1976 में पूरी हुई। फिर माध्यमिक की शिक्षा ग्राम गोडबहाल एवं हायर सेकेण्डरी की शिक्षा पिथौरा में वर्ष 1982 में पूरी की। इसके बाद बी.ए की शिक्षा वर्ष 1985 में दुर्गा कॉलेज रायपुर (छ.ग.) से प्राप्त की। कक्षा पहिली से एम. ए. एड पढाई करते तक उनके जज्बे, जुनून एवं प्रबल आत्म विश्वास के आगे गरीबी हर बार हारती गई। लेकिन इस दौरान पिता जी परिवार की खुशहाली के लिए वर्ष 1986 से इसी ब्लॉक के ग्राम सुखीपाली में परिवार सहित आ बसे और यहीं स्थायी रूप से रहने लगे। उनका एक सपना था कि पढाई-लिखाई पूरी करने के बाद सरकारी विद्यालय में शिक्षक बनकर बच्चों, समाज एवं देश की सेवा करूँ। शिक्षक बनने के लिए मप्र शासन द्वारा आयोजित कनिष्ठ आयोजित कर्मचारी चयन परीक्षा वर्ष 1985 में शामिल हुआ और इसमें प्रवीण्य सूची में स्थान प्राप्त किया। इस तरह सहायक शिक्षक के पद पर उनकी नियुक्ति 22 सितम्बर 1986 को शासकीय प्राथमिक शाला लखौली वि.ख. आरंग, जिला-रायपुर (छ.ग.) में नियुक्ति हुई। तब से अब तक शिक्षक पद का दायित्व निष्ठापूर्वक निभाते आ रहे हैं । स्कूल शिक्षा विभाग में 34 वर्षों की सेवा पूर्ण कर चुके एवं मार्च 2021 को पदोन्नति के बाद वर्तमान में प्रधानपाठक के रूप में शासकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय ठाकुरदिया कला वि.ख. पिथौरा जिला महासमुन्द (छ.ग.) में कार्यरत हैं ।

शिक्षा, साहित्य एवं समाज सेवा के क्षेत्र में किये गये उत्कृष्ट कार्यों का विवरण :-

  • अध्यापन में नवाचारी के साथ एवं सहायक शिक्षक सामाग्रियों का उपयोग । फलस्वरूप हर वर्ष का वार्षिक परीक्षाफल उत्कृष्ट रहा है।
  • उचारात्मक शिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन । शैक्षिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए अवकाश के दिनों में उपचारात्मक सह कार्यशाला का आयोजन किया जाता रहा है। जिसका परिणाम बहुत अच्छा देखने को मिल रहा है ।
  • हर वर्ष विशेष प्रयास कर एवं पालकों से सम्पर्क कर शत-प्रतिशत बच्चों को शाला में दाखिला दिलाया गया एवं उन्हें शाला में ठहराव बनाये रखा तथा शाला त्यागी बच्चों की दर को कम करने का ठोस प्रयास किया गया। साथ ही साक्षरता वृद्धि के लिए विशेष प्रयास किया गया। जिसका बेहतर परिणाम देखने को मिला।
  • वर्ष 2007 से सात उद्देश्य को लेकर अवकाश के दिनों में ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर छात्र व जन मार्गदर्शन कार्यक्रम चलाया जा रहा है ताकि ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों एवं लोगों में जन जागरूकता शिक्षा में बढ़ोतरी, राष्ट्रीय एकता, नशामुक्ति पर्यावरण सुरक्षा के प्रति जागरूकता लायी जा सके। जिसका परिणाम बहुत अच्छा देखने को मिला। लोगों एवं बच्चों ने इस कार्यक्रम की खूब सहराहना की।
  • “छात्र ज्ञान उत्थान कार्यक्रम का संचालन :- शासकीय उच्च माध्य शाला कौहाकुडा एवं सुखीपाली में विषय शिक्षकों की बहुत कमी थी। ऐसी स्थित में बोर्ड परीक्षा कक्षा 10वीं, 12वीं के बच्चों को पढ़ाने लिए उनके एवं साथी शिक्षक के संयोजन में आसपास के प्राथमिक, पूर्व माध्य एवं हाई स्कूलों में पदस्थ विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की एक टीम तैयार कर 11 नवम्बर 2016 से फरवरी 2017 तक हर रविवार को 4-4 घंटे की निःशुल्क पढ़ाई-लिखाई कराई गई। इससे बच्चों को बहुत फायदा मिला।
  • वाल मैगजीन बच्चों की दुनिया” का पाँच वर्षों तक सर के मार्गदर्शन में नियमित रूप से स्कूली बच्चों के द्वारा किया जा रहा है। यह नवाचारी पहल पूरे महासमुन्द जिला में चर्चित रही है। इस वाल मैग्जीन में स्कूली बच्चे कहानी कविता चित्र लेख एवं आसपास के समाचार को लिखकर लाते हैं और बोर्ड में चस्पा करते हैं फिर एक-दूसरे के लेख को पढ़कर ज्ञानार्जन करते हैं।
  • उनके संयोजन में विद्यालय में चार वर्ष तक नियमित रूप से उत्कृष्ट शिक्षकों का ब्लॉक स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया जा चुका है। इससे शिक्षकों को नई ऊर्जा मिली है। एवं राष्ट्रीय एकता को भी बढ़ावा दिया गया है। आगे भी इस तरह का काम होता रहेगा।
  • स्कूल से दूर रहना पसंद नहीं :- नियमित स्कूल जाना, बच्चों के शैक्षिक विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता देना, बच्चों की पढ़ाई का नुकसान न हो, इस बात को ध्यान देते हुए स्कूल से दूर रहना नहीं वरन बहुत कम अवकाश में रहना, ईमानदारी पूर्वक बच्चों को पढ़ाना-लिखाना । अपने शिक्षकीय कार्य के दौरान अपने निजी हित को नहीं, बल्कि स्कूल व विभाग के कार्य को हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता देने का प्रयास किया है।
  • सेवाकालीन शिक्षक दक्षता, उन्मुखीकरण प्रशिक्षण लेना एवं अन्य महत्वपूर्ण दायित्वों का बखूबी निर्वहन करना :- शिक्षा विभाग के 34 वर्षों के सेवाकाल में कई बार शिक्षक प्रशिक्षण, मास्टर ट्रेनर, ग्रा.पं. विधानसभा, लोकसभा चुनाव कार्य में मतदान अधिकारी या पीठासीन अधिकारी, जनगणना प्रगणक, आर्थिक सर्वे प्रगणक, वार्षिक परीक्षा केन्द्राध्यक्ष, पाँच वर्ष (1998-2003 तक) संकुल समयन्वक कार्य, शासकीय हाईस्कूल सुखीपाली का 2 वर्ष (2008-2010) तक प्रभारी प्राचार्य के दायित्व जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को सफलतापूर्वक किया जा चुका है।
  • संज्ञानात्मक क्षेत्र के साथ-साथ सह-संज्ञानात्मक क्षेत्र को भी विशेष रूचि एवं लगन के साथ करना :- उनके द्वारा न केवल संज्ञानात्मक क्षेत्र के शैक्षिक कार्य को पूरी लगन के साथ किया जाता है, बल्कि सह-संज्ञानात्मक क्षेत्र के कार्य जैसे महापुरूष की जयन्तियों पर कार्यक्रम आयोजित करना, जनजागरूकता रैली, वृक्षारोपण, नशामुक्ति, पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ्य व स्वच्छता के महत्व को भी बताने के लिए कार्यक्रम आयोजित किया जाता रहा है ताकि स्कूली बच्चे, अभिभावकों में अपनी संस्कृति का बोध हो , जागरूक हो एवं शिक्षा तथा राष्ट्रीय भावना से ओतप्रोत हो सकें साथ ही अपने जीवन को सार्थक बना सकें।
  • मेरी जीवन को सफलता की कहानियाँ भाग -1 पुस्तक में स्थान – गर्व का विषय :- गरीबी में पढ़े लिखे जीवन काफी प्रेरणादायक रहा है। फलस्वरूप जीवनी को “गुदड़ी के लाल” सफलता की कहानियाँ भाग -1 एससीईआरटी रायपुर (छ.ग.) द्वारा अगस्त 2009 में प्रकाशित पुस्तक की पाठ-4 में स्थान दिया गया है, जो कि जिला एवं प्रदेश के लिए गर्व की बात है।

साहित्य सेवा क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य देश प्रदेश में मिली बड़ी ख्याति

  1. साहित्य क्षेत्र में – रूचि लम्बे समय से रही है। उनके द्वारा लिखे गये छोटे-बड़े सौ से भी अधिक लेख पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके है। जो कि यह सब लेख सकारात्मक प्रेरणादायक, ज्ञानवर्द्धक, संस्कृति एवं लोगों में जागरूकता को बढ़ावा देने वाले रहे हैं।
  2. अन्तर्राष्ट्रीय मानक स्तर की दस पुस्तकें प्रकाशित :- छतीसगढ़ प्रदेश का एक मात्र, सर्वाधिक सूक्तिवाक्य लेख होने का गौरव प्राप्त :- जिस प्रकार एक शिक्षक के रूप में स्कूली बच्चों, विद्यालय एवं शिक्षा विभाग के लिए बेहतर कार्य किया है उसी प्रकार साहित्य सेवा क्षेत्र में भी उल्लेखनीय एवं प्रेरणादायक विचार सुविचार अर्थात् सूक्ति वाक्य लिखा जाता है। अब तक वे बीस हजार दस सूक्ति वाक्य लिख चुका हैं, जो कि यह सब उनकी दस पुस्तकों में शामिल है। ये पुस्तकें आईबीएसन से युक्त हैं, जो जनमानस में बहुत लोकप्रिय है। उनकी दस पुस्तकों के नाम इस प्रकार है:- 1. ज्ञान पुंज 2. ज्ञानदीप 3. ज्ञानसुधा 4. ज्ञान मंजूषा 5 ज्ञान प्रभा 6. ज्ञानोदय 7. ज्ञान सरिता 8. ज्ञान कुंज 9. ज्ञान सागर 10. ज्ञान मंजरी
  3. यूट्यूब में बत्तीस सुविचार की वीडियो अपलोड :- उनके द्वारा लिखे सुविचारों की बत्तीस संगीतमय विडियो को यूट्यूब में अपलोड किया गया है। हर वीडियो में 70 सुविचार एवं 10 मिनट की है। जो बहुत ही रोचक एवं ज्ञानवर्द्धक है। इन वीडियो को “छबिराम पटेल के सुविचार वीडियो सर्च कर देखा जा सकता है।
  4. फेसबुक पर पोस्ट किये गये ज्ञानवर्द्धक एवं प्रेरणादायक सुविचारों एवं वीडियो को छः देशों के बारह लाख तीस हजार लोगों ने देखकर की गई सराहना :- छबिराम पटेल द्वारा सोशल मीडिया में फेसबुक खाता खोला गया है। इसमें विगत चार वर्षों से सकारात्मक ज्ञानवर्द्धक, प्ररेणादायक सुविचारों एवं वीडियो को पोस्ट किया जाता रहा है। उसे छः देशों के हिन्दी भाषी लोगों ने देखकर खूब सराहना कर चुके हैं। जो यह मेरे लिए गर्व की बात है। समाज सेवा क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य पटेल जी द्वारा शासकीय कार्य के साथ-साथ समाज सेवा क्षेत्र मे भी बहुत अच्छा कार्य किया गया है ।

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समाज के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य

  1. छात्र व जन मार्गदर्शन कार्यक्रम का वर्ष 2007 से संचालन :- पटेल जी द्वारा अवकाश के दिनों में ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर आम लोगों, युवावर्ग एवं स्कूली छात्रों को उचित स्थान में एकत्र कर केम्प लगाकर सात उद्देश्य यथा (1). बच्चों में शिक्षा के प्रति जागरूकता पैदा करना। (2). शिक्षा की मुख्यधारा में अजा, अजजा, दिव्यांग बच्चों तथा बालिकाओं को जुड़ने हेतु प्रेरित करना। (3). छात्रों को गणित, विज्ञान, वाणिज्य, कम्प्यूटर शिक्षा, अंग्रेजी जैसे बहु उपयोगी विषय व संकाय लेकर पढ़ने-बढ़ने के लिए प्रेरित करना। (4). स्कूली छात्रों को बोर्ड परीक्षाओं में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने हेतु तरीके बताकर प्रेरित करना । (5). कक्षा 12वीं के बाद विषयानुसार पीएमटी, पीइटी, पीएटी पीचीटी जैसी परीक्षाओं में शामिल होने एवं पॉलि टेक्नीक कॉलेज में जाने के लिए प्रोत्साहित एवं मार्गदर्शन करना। (6). ऐसे छात्रों, योग्य युवा वर्ग को जो 8वीं से 12वीं, कॉलेज पूर्णकर चुके हैं. ऐसी ही समकक्ष अन्य कर्मचारी चयन परीक्षा में शामिल होने के लिए मार्गदर्शन देना, प्रेरित करना। (7). ग्रामीण जनों महिलाओं के साथ-साथ बच्चों, छात्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता समाज कल्याण, साक्षरता वृद्धि विज्ञान, पर्यावरण संरक्षण, वृक्षारोपण करना। अंधविश्वास व नशामुक्ति के संबंध में जानकारी देकर जागरूक करना, उनमें सकारात्मक सोच पैदा करना एवं राष्ट्रीय भावना जगाना तथा अंचल में एक अच्छा माहौल तैयार करना, साथ ही बेहतर कार्य करने वाले व्यक्तियों को पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित करना।
  2. छात्र ज्ञान उत्थान का संचालन :- पटेल जी के संयोजन में 15 विषय विशेषज्ञा शिक्षक टीम तैयार कर कम शिक्षक वाली दो हायर सेकेण्डरी स्कूल कौहाकुडा, सुखीपाली में 11 नवम्बर 2016 में फरवरी 2017 तक निःशुल्क शिक्षा दान किया गया। जिसे शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारीगण एवं पालक वर्ग भी खूब पसंद किये।
  3. प्रदेश जोड़ो अभियान एवं मानव अधिकार संरक्षण के लिए कार्य करना :- पटेल जी द्वारा समाज समुदाय में जाकर राष्ट्रीय भावना, सद्भावना को बढ़ावा देने के लिए विगत कई वर्षों से कार्य किया जा रहा है। लोगों को मानव अधिकार के बारें में बताकर उनके बीच जाकर घृणा नफरत छुआछूत जैसी दुर्भावनाओं का त्याग करने एवं हर किसी के साथ सद्व्यवहार करने के लिए समझाईश दी जाती है एवं सन्मार्ग अपनाने, ईमानदारी पूर्वक अपने हर कार्य को करने के लिए प्रेरित किया जाता रहा है। इसमें अच्छा परिणाम देखने को मिला है।
  4. विकासखण्ड स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन पटेल जी एवं उनके सहयोगी शिक्षक साथी श्री विजयकुमार अनंत के संयोजन में विकासखण्ड स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह विगत चार वर्षों से अपने विद्यालय परिसर में सक्रिय शिक्षकों का सम्मान समारोह आयोजित किया जाता रहा है। इस कार्यक्रम में क्षेत्र के विधायक एवं अंचल के प्रमुख लोगों की उपस्थिति रहती है। इस कार्यक्रम में होने वाले खर्च को हम दोनों शिक्षकों के द्वारा वहन किया जाता है। प्रतिवर्ष 15 आदर्श शिक्षकों को शॉल, श्रीफल एवं प्रशस्ति पत्र भेंटकर सम्मानित किया जाता है।
  5. समुदाय के लोगों को विद्यालय के भौतिक एवं शैक्षिक विकास के लिए पटेल जी द्वारा निरन्तर प्रयास किया गया है। इसके लिए समुदाय के लोगों को सम्पर्क किया जाता है और कहा जाता है कि विद्यालय के भौतिक विकास के लिए आप से सहयोग की अपेक्षा है। कई लोगों ने विद्यालय की कमियों को महसूस कर एवं आगे आकर तन, मन एवं धन से सहयोग किये। इसके अलावा विद्यालय में शिक्षकों की कमी को देखते हुए पूर्व छात्रों से सम्पर्क किया गया। फलस्वरूप ऐसे पूर्व छात्र विद्यालय में 1-2 वर्ष तक नियमित रूप से बच्चों को शिक्षा दान किया गया। इससे स्कूली बच्चों एवं विद्यालय का बहुत फायदा मिला।
  6. आर्थिक रूप से कमजोर एवं दिव्यांग स्कूली बच्चों को धन व स्टेशनरी प्रदान करना तथा बोर्ड परीक्षाओं में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले बच्चों को ईनाम देना पटेल जी द्वारा विगत कई सालों से इस तरह के बच्चों की आर्थिक मदद, स्टेशनरी प्रदान कर मदद पहुँचायी जाती रही है तथा 5वीं, 8वीं, 10वीं एवं 12वीं के परीक्षाओं में सबसे यादा अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को नगद पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाता रहा है।

पुरस्कार एवं सम्मान

शिक्षा, साहित्य एवं समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के कारण 40 से अधिक पुरस्कार एवं सम्मान प्राप्त हो चुके हैं।

  1. राज्यपाल शिक्षक पुरस्कार एवं सम्मान 2009
  2. ज्योतिबा फूले फैलोशिप राष्ट्रीय अवार्ड 2019
  3. टीचर इनोवेशन राष्ट्रीय अवार्ड 2019
  4. उत्कृष्ट शिक्षक पुरस्कार एवं सम्मान 2020
  5. उत्कृष्ट शिक्षक पुरस्कार एवं सम्मान 2020 ( सांसद लोकसभा क्षेत्र महासमुंद (छ.ग.)
  6. उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान 2020 प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग, छ.ग. शासन
  7. भारतीय मानवीय सम्मान 2020 (इंडियन बुक ऑफ रिकार्ड्स)
  8. ग्लोबल टीचर रोल मॉडल अवार्ड 2020:
  9. साहित्य सेवा क्षेत्र में छत्तीसगढ़ रत्न सम्मान 2020″
  10. साहित्य सेवा क्षेत्र में राष्ट्र स्तरीय प्रतिभा सम्मान “गोल्डन पिकॉक अवार्ड 2020”
  11. प्राईड ऑफ छत्तीसगढ़ अवार्ड 2020
  12. इन्टरनेशनल बेस्ट टीचर अवार्ड 2020
  13. ग्लोबल अवार्ड 2020 (शिक्षा व साहित्य सेवा क्षेत्र)
  14. उत्कृष्ट शिक्षक राष्ट्रीय सम्मान 2021
  15. नेशनल स्कूल बेस्ट सीनियर टीचर अवार्ड 2021
  16. एक्सलेंस अवार्ड 2021 (शिक्षा व साहित्य सेवा क्षेत्र)
  17. ग्लोबल स्टार्टअप सम्मिट एण्ड अवार्ड 2021
  18. राष्ट्रीय समाज सेवा रत्न अवार्ड 2021
  19. इंडियन प्राईड अवार्ड 2021
  20. एक्सलेंस अवार्ड फॉर ग्लोबल ओलम्पियॉड एक्जामिनेशन 2021
  21. लोटस आइकॉन अवार्ड 2021
  22. एशिया प्राईड अवार्ड 2021
  23. नेशन्स प्राईड ग्लोबल आइकॉन अवार्ड 2021
  24. ग्लोबल शांति सम्मान 2021
  25. बेस्ट एचीवर्स अवार्ड 2021 (मैजिक बुक ऑफ रिकार्ड्स)
  26. फ्रंट लाईन (कोविड- 19 ) वारियर हॉनर 2021 (जीएसी चैरिटेबल एंड वेलफयर कौंसिल)
  27. पीएचडी (अबाईड यूनिवर्सिटी अमेरिका),
  28. साहित्य के क्षेत्र में डी.लिट.मानद उपाधि (कोलंबिया,दक्षिण अमेरिका)

डॉ. छबिराम पटेल (प्रधान पाठक)

शासकीय पूर्व माध्य. शाला ठाकुरदिया कला

वि. खं.- पिथौरा, जिला- महासमुंद (छ.ग.) पिन 493551

निवास वार्ड 12, पिथौरा, जिला- महासमुन्द (छ.ग.) –

Email: [email protected]

मो. नं. 9926353606

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