Charcha Patra [चर्चा पत्र अगस्त 2023]

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Charcha Patra : हर माह में शाला में विभिन्न गतिविधि होते रहते हैं । तो उन सब कार्यक्रमों, गतिविधियों व शाला संबंधी योजनाओं को चर्चा पत्र पर जगह दिया जाता है | Edudepart.com द्वारा चर्चा पत्र का विश्लेष्ण कर आसान तरीके से उपलब्ध कराया जा रहा है । जिससे कि विभाग के हर गतिविधि से हर कोई अपडेट रहें । तो देखें और अपने आपको Update रखें ।

चर्चा पत्र अगस्त 2023 में क्या है खास ?

[charcha patra August]

चर्चा-पत्र Charcha Patra
चर्चा-पत्र Charcha Patra
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चर्चा पत्र

एजेंडा एक: शून्य ड्राप आउट स्कूल विकसित करना-

अपने गाँव या वार्ड को शून्य ड्राप और गाँव तब घोषित कर सकेंगे जब:-

  1. हमारे क्षेत्र से स्कूल जाने योग्य सभी बच्चे स्कूल में पढ़ रहे हों |
  2. हमारे क्षेत्र से स्कूल की पढाई छोड़ चुके बच्चों को ढूंढकर उन्हें सेतु पाठ्यक्रम के माध्यम से उनके आयु अनुरूप कक्षा के स्तर तक पहुंचाना |
  3. स्कूलों में इस प्रकार से पढाई हो कि कोई भी बच्चा स्कूल या पढाई बीच में छोड़ने की बिलकुल भी न सोचे|
  4. शिक्षकों, पालकों एवं बच्चों के मध्य ऐसे संबंधकि सभी को बच्चों की प्रगति के संबंध में जानकारी हो |

ग्रीन स्कूल के रूप में बदलना या विकसित करना-

  • बरसात का समय है तो अपने स्कूल को ग्रीन स्कूल के रूप में बदलना शुरू करना |
  • समुदाय का सहयोग बच्चों एवं समुदाय के साथ मिलकर वृक्षारोपण करवाना।
  • कुछ स्कूलों को अपने यहाँ औषधीय पौधों का पार्क बनाने के लिये प्रेरित करना |
  • कुछ स्कूलों को मध्याह्न भोजन में उपयोग में लाए जाने हेतु कटहल, मुनगा,भाजी उगने के लिये प्रेरित करना |
  • वर्षा ऋतू के जल को जमीन में संचित रखने रूफ वाटर हार्वेस्टिंग के लिए प्रेरित कर सकते हैं |
  • सभी स्कूलों में यूथ एवं इको क्लब का गठन अवश्य कर लेवें ।

एजेंडा दो: शाला प्रबन्धन समिति के साथ कार्यशाला-

शाला प्रबन्धन समिति की प्रथम बैठक (16 जून, 2023 ) :

  1. इस सत्र में स्कूलों में नामांकन में हुआ परिवर्तन की स्थिति जानना |
  2. स्कूल में प्रारंभ किए जा रहे नवीन योजनाओं / गतिविधियों का 15 अगस्त को शुभारंभ करना |
  3. सत्रारंभ में सभी बच्चों को पाठ्य-पुस्तक एवं गणवेश वितरण की स्थिति जानना |
  4. ग्रीष्मावकाश के दौरान छलांग समर कैम्प कार्यक्रम की समीक्षा जानना |
  5. छोटे बच्चों को स्थानीय भाषा में सीखने हेतु समुदाय से सहयोग करना |
  6. शाला में सुधार हेतु शाला विकास योजना बनाकर उसका अनुसरण करना |
  7. शाला का सुरक्षा ओडिट कर बच्चों को सुरक्षित वातावरण देना |
  8. बच्चों को भाषा एवं गणित में बेहतर प्रदर्शन हेतु विभिन्न तैयारियां एवं कार्यक्रम आयोजन |

शाला प्रबन्धन समिति की द्वितीय बैठक (10 अगस्त, 2023 ) :

  1. बच्चों की शाला में नियमित उपस्थिति की समीक्षा करना |
  2. स्कूल को ग्रीन स्कूल के रूप में विकसित करने की समीक्षा करना |
  3. तीन बच्चों के सीखने के स्तर की जांच हेतु सामाजिक अंकेक्षण करना |
  4. घर पर पालकों के सहयोग से सीखने में सहयोग संबंधी कार्यों की समीक्षा करना |
  5. स्थानीय भाषा का उपयोग कर सीखने हेतु कहानी पुस्तिकाएं विकसित करना |
  6. शाला अनुदान / अन्य उपलब्ध संसाधनों के बेहतर उपयोग हेतु प्रस्तावों की समीक्षा करना |
  7. समुदाय के सहयोग से अतिरिक्त समय में विशेष कोचिंग कक्षाओं का आयोजन करना |
  8. चर्चा पत्र के माध्यम से शिक्षकों से अपेक्षाएं एवं उनके क्रियान्वयन की की समीक्षा करना |

एजेंडा तीन: प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी को सक्रिय करना-

  • charcha patra में NAS एवं ASER के परिणामों में सुधार लाने हेतु बच्चों के साथ निरंतर अभ्यास ।
  • विभिन्न विषयों को बेहतर तरीके से समझाते हुए सीखने में सहयोग देना ।
  • प्राथमिक कक्षाओं में खिलौनों से सीखने एवं खिलौना कार्नर बनाने हेतु सहयोग देना ।
  • सभी कक्षाओं में पियर लर्निंग अर्थात जोड़ी में एक दूसरे से सीखने हेतु प्रयास
  • स्थानीय कहानियों को पोडकास्ट के रूप में विकसित करना|
  • शिक्षकों को तकनीकी सहायता एवं समर्थन देने हेतु तकनीकी रूप से समर्थ|
  • बच्चों के पठन एवं गणितीय कौशल, हस्तलेख आदि सुधारने समर्थन हेतु |
  • बच्चों के साथ क्विज एवं व्यक्तित्व विकास सबंधी कार्यक्रमों के आयोजन हेतु |
  • शिक्षकों एवं बच्चों के रचनात्मक कौशलों विशेषकर उनके लेखन कौशल को विकसित करने हेतु |
  • शिक्षकों द्वारा की जा रहे विभिन्न नवाचारों को प्रोत्साहन देने उसे विस्तारित करने एवं उनके दस्तावेजीकरण हेतु |
  • इन सबके लिए विकासखंड एवं जिले स्तर पर अलग अलग प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी बनाकर अभी से खूब सक्रिय होकर सुधारात्मक कार्य करेंगे,

एजेंडा चार: रचनात्मक लेखन में विकास-

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charcha patra में पढ़ना-लिखना सीखने के दो पहलू है.

  • बुनियादी पक्ष- इसके अंतर्गत लिपि का ज्ञान, ध्वनियों की पहचान, ध्वनि का अक्षरों से संबंध, अक्षरों की बनावट, अक्षरों को जोड़कर शब्द बनाना आदि शामिल है। यह “सीमित कौशल” है अर्थात बच्चे यदि इस बुनियादी कौशल को हासिल कर लें तो इसे जीवन भर सीखते रहने की आवश्यकता नहीं होती है।
  • रचनात्मक पक्ष- एक बार बच्चा पढ़ना-लिखना सीख जाए तो पढ़कर सीखने की यात्रा शुरू हो जाती है। पढ़ना-लिखना केवल स्कूल या कक्षागत प्रक्रिया का मामला नहीं है बल्कि जीवन में विविध उद्देश्यों के लिए इस कौशल का निरंतर उपयोग करना है। यह “असीमित कौशल” है और जीवन भर विकसित होते रहती है।कतिपय शिक्षक यह मानकर चलते हैं कि यदि बच्चा बुनियादी कौशल हासिल कर लेता है तो अपने विचार, कल्पना एवं अपने अनुभवों का इस्तेमाल करते हुए रचनात्मक लेखन स्वयं ही कर लेगा। पर वास्तव में बच्चों में इस कौशल को विकसित करने के लिए निरंतर सहयोग एवं अभ्यास देने की आवश्यकता होती है।
  • निर्देशित लेखन :- रचनात्मक लेखन विकसित करने की दिशा में निर्देशित लेखन अभ्यास एक महत्वपूर्ण कड़ी है। निर्देशित लेखन के अंतर्गत लिखने के कौशल को विकसित करने की दिशा में विचार करने के लिए कुछ सामग्री या संकेत दी जाती है। इन सामग्रियों एवं संकेतों का विश्लेषण कर बच्चे किसी निष्कर्ष पर पहुँच रहे होते हैं जिसे वे एक-दो शब्दों या वाक्यों में लिख सकते हैं। इस तरह बच्चों को ‘क्या लिखना है?’ उस दी गई सामग्री, सूचना या संकेत से मिल जाता है। इस तरह बच्चे का लिखना उस सामग्री के आधार पर बने विचार तक सीमित होता है, जैसे चित्र देखकर उसके बारे में लिखना, खालीस्थान में उचित शब्द भरना, आदि। इस प्रकार के लेखन में सभी बच्चों का जवाब एक जैसा ही होगा।

एजेंडा पांच: बच्चों को पढ़ना आया कि नहीं-

  • वर्तमान में राज्य की सर्वोच्च प्राथमिकता FLN है।
  • इसमें सभी बच्चों को पढ़ना लिखना और गणित के सवाल हल करना अच्छे से आ जाना चाहिए |
  • CAC द्वारा अपने भ्रमण के पहले स्थिति में सुधार लाए जाने हेतु शिक्षको को आवश्यक टिप्स देना |
  • CAC द्वारा संकुल स्तरीय बैठक के बदले हुए स्वरूप में सभी स्कूलों में निर्धारित कार्य पूरा होने संबंधी सर्टिफिकेट देना।
  • उसके बाद बैठक में उपस्थित प्रति शिक्षक की दर से CAC को बजट स्वीकृत होगा।
  • पहली बैठक में लर्निंग आउटकम पर समझ विकसित करते हुए सभी कक्षाओं में एल ओ के पोस्टर प्रदर्शित करने संबंधी सर्टिफिकेट देना होगा ।

एजेंडा छह: अब कपड़े फटने पर सिलने की आत्मनिर्भरता

एक शिक्षिका द्वारा बच्चों के फटे कपडे सिल कर उन्हें व्यवसायिक शिक्षा व प्रशिक्षण के बारे में बताया गया है। व्यवसायिक शिक्षा का सही अर्थों में लाभ यही होगा कि बस्ताविहीन स्कूल में ऐसे हि व्यवसायिक शिक्षा व प्रशिक्षण दिया जाये |

एजेंडा सात : बच्चों के साथ बच्चों जैसा बनकर सीखने में सहयोग-

  • बच्चों का सीखना तब अच्छे से हो सकता है जब शिक्षक भी बच्चों के स्तर पर आकर बच्चों को सीखने में सहयोग करें।
  • शिक्षक सीखने के लिए निर्धारित बिंदु का स्वयं पहले पालन करे जिसे देखकर बच्चे उनका अनुकरण करें।
  • विद्यार्थियों को रोचक एवं प्रभावी तरीके से सीखने में सहयोग करने हेतु नवाचारी उपाय करते रहें।
  • विद्यार्थियों के बीच बेहतर संबंध स्थापित कर सीखने को बेहतर बना सकते हैं।

एजेंडा आठ: SHRESTHA Yojana-

  • Charcha Patra में SHRESHTA केंद्र सरकार द्वारा 6 दिसंबर 2021 को श्रेष्ठ योजना Scheme for Residential Education for Students in High Schools in Targeted Areas (SHRESHTA) का शुभारंभ किया गया।
  • इस योजना के माध्यम से अनुसूचित जाति के मेधावी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण आवासीय शिक्षा उपलब्ध करवाई जाती है जो उनको निजी स्कूलों के माध्यम से प्रदान की जाती है।
  • SHRESTHA Yojana के माध्यम से अनुसूचित जाति के छात्रों का सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान के साथ उनका समग्र विकास हो सकेगा।
  • इस योजना के माध्यम से कक्षा 9 वीं से 12 वीं के विद्यार्थियों के स्कूल छोड़ने की दर को भी नियंत्रित किया जा सकेगा।
  • एक अच्छा शिक्षक वही होता है जो बच्चों के हित को ध्यान में रखकर उसके जीवन स्तर में सुधार लाने हेतु अपनी ओर से पूरी मेहनत करें।
  • हम सभी शिक्षकों को चाहिए कि अपने विद्यार्थियों के हित में जो भी बेहतर से बेहतर अवसर हों उनकी जानकारी उन तक पहुंचाते हुए उन्हें उसके लिए तैयार भी किया जाए |

एजेंडा नौ: स्कूलों में निरीक्षण-

  • Charcha Patra में राज्य में वर्तमान में FLN(“मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता”) के लक्ष्यों को प्राप्त करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
  • इस हेतु हमने कक्षा पहली से तीसरी तक भाषा और गणित के लिए टूल बनाकर सभी शालाओं को भेजा है।
  • इस टूल में कक्षावार, विषयवार एवं विभिन्न दक्षतावार विभिन्न प्रश्न दिए गए हैं।
  • शिक्षकों को सभी बच्चों (शाला के भीतर एवं बाहर ) में ये मूलभूत दक्षताएं सभी बच्चों में आगामी एक दो माह के भीतर हासिल हो जाए।
  • इसके लिए समुदाय के पढ़े-लिखे सदस्यों एवं माताओं का भी सहयोग ले सकते हैं।
  • कुल बच्चों में से कितने बच्चों को ये दक्षताएं हासिल हो गयी इसका रिकार्ड रखना होगा।
  • शेष छूट रहे बच्चों की सीख चुके बच्चों के साथ जोड़ी बनाकर उन्हें एक समयसीमा देते हुए सीखने-सिखाने में मदद करना |

एजेंडा दस: स्कूलों में इस अंक का फोलो-अप-

  • Charcha Patra में बच्चों के साथ निर्देशित लेखन (guided reading) का नियमित अभ्यास करना ।
  • स्कूलों के निरीक्षण टूल में दिए गए प्रश्नों पर बच्चों से खूब सारा अभ्यास करना ।
  • बच्चों के साथ बच्चों जैसे बनकर सीखने में सहयोग जैसे नवाचारी उपाय लागू करना
  • बच्चों को उपयोगी व्यवसायिक शिक्षा देते हुए उसका दैनिक जीवन में उपयोग भी करवाना
  • शिक्षकों के प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी को पुनः सक्रिय करना
  • अपने गाँव / वार्ड को शून्य ड्राप आउट गाँव / वार्ड घोषित करवाने हेतु प्रयास करना
  • बच्चों को अपने जीवन में सफल होने हेतु विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने हेतु तैयारी करना
  • शाला प्रबन्धन समिति की बैठक हेतु आवश्यक तैयारी कर उन्हें सक्रिय करना

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