Charcha Patra 2025 : FLN व दक्षता विकाश संबंध में पढ़े विस्तार से….
एजेंडा 1. बुनियादी संख्यात्मकता एक अनिवार्य आवश्यकता
- FLN से आशय बुनियादी साक्षरता एवं संख्यात्मकता है।
- FLN में बुनियादी संख्यात्मकता गणित से संबंधित है ।
- बुनियादी संख्यात्मकता का आशय संख्याओं को पहचानने, समझने, जोड़ने-घटाने, गुणा-भाग करने की क्षमता से है।
- यह संख्याओं को समझने, उनका उपयोग करने और गणना करने, अनुमान लगाने, तर्क एवं विश्लेषण की क्षमता विकसित करता है।
गणित के लिए बालवाटिका का लर्निंग आउटकमः
- वस्तुओं को गिनता है और 9 तक के अंकों को सहसंबंधित करता है.।
- 9 तक के अंकों को पहचानता है, पढ़ता है और लिखता है।
- सरल पैटर्न को पहचानता है और उनकी नकल करता है/चित्र बनाता है।
- वस्तुओं की संख्या के आधार पर दो समूहों की तुलना करता है और अधिक/कम/बराबर आदि जैसे शब्दों का उपयोग करता है।
- संख्याओं/वस्तुओं/आकृतियों/घटनाओं को एक क्रम में व्यवस्थित करता है।।
- वस्तुओं को उनकी अवलोकनीय विशेषताओं के आधार पर वर्गीकृत करता है और वर्गीकरण के मानदंडों को बताता है।
गणित के लिए कक्षा 1 का लर्निंग आउटकमः
- वस्तुओं को गिनना और 20 तक की संख्या बोध विकसित करना।
- अपने आस-पास की चीज़ों, आकृतियों और संख्याओं में सरल पैटर्न को पहचानना और उनका विस्तार करना।
- दैनिक जीवन की स्थितियों में 9 तक की संख्याओं (जोड़ 20 से अधिक नहीं) का जोड़ और घटाव करना।
- अपने आस-पास की भौतिक विशेषताओं या 3D आकृतियों (ठोस आकृतियों) जैसे गोल/चपटी सतह, कोनों और किनारों की संख्या आदि का अवलोकन और वर्णन करना।
- हाथ की लंबाई, पैर की उंगलियों आदि जैसी गैर-मानक गैर-समान इकाइयों का उपयोग करके लंबाई का अनुमान लगाना।
गणित के लिए कक्षा 2 का लर्निंग आउटकमः
- वस्तुओं को गिनना और 99 तक की संख्या बोध विकसित करना।
- विभिन्न आकृतियों और संख्याओं से नए पैटर्न बनाना।
- दैनिक जीवन की स्थितियों में 99 तक की संख्याओं का जोड़ और घटाव करना, 99 से अधिक नहीं होना।
- आयत, त्रिभुज, वृत्त, अंडाकार आदि जैसी 2-डी आकृतियों की पहचान करना और उनका वर्णन करना।
- लंबाई/दूरी/क्षमता का अनुमान लगाना और मापना, और सरल संतुलन का उपयोग करके वजन की तुलना करना।
- दूर/पास, अंदर/बाहर, ऊपर/नीचे, बाएँ/दाएँ, आगे/पीछे, ऊपर/नीचे आदि जैसी स्थानिक शब्दावली का उपयोग करना।
गणित के लिए कक्षा 3 का लर्निंग आउटकमः
- 9999 तक संख्या पढ़ना और लिखना।
- मीटर, किलोमीटर, ग्राम, किलोग्राम, लीटर आदि का उपयोग करके लंबाई /दूरी / वजन और क्षमता का अनुमान लगाना ।
- संख्याओं, घटनाओं और आकारों पर सरल पैटर्न के लिए नियमों की पहचान करना।
एजेंडा दोः दैनिक जीवन में गणित पर आधारित मौखिक गणित बातचीत
- खेल-खेल में गणित के जोड़ और घटाव का अभ्यास कराना।
- रसोई में गणित का अभ्यास कराना।
- यातायात और दिशा का अभ्यास कराना।
- सरल गतिविधियों के माध्यम से का अभ्यास कराना।
- मौखिक गणित से गणित का अभ्यास कराना।
- अवधारणा, प्रक्रिया एवं तर्क, मौखिक गणना कौशल और व्यवहारिक जीवन से संबंधित समस्या समाधान का अभ्यास कराना।
एजेंडा 3: गिनती सिखाना
- सबसे पहले बच्चे को गिनती बोलना आता हो।
- उसके बाद वस्तु को एक संख्या नाम से प्रदर्शित करता हो।
- अब बच्चे को संख्या मान आना चाहिए जिससे 10 तक की संख्याओं का मान बच्चे को सीखना आवश्यक है।
- इसके बाद बच्चों को संख्या की क्रमिकता का बोध होना चाहिए.।
- उपरोक्त चार बिंदुओं पर काम होने के उपरांत ही बच्चों को एक से नौ तक के अंकों का चिन्ह परिचय कराया जाना चाहिए ।
एजेंडा 4: ELPS क्रम का प्रयोग – मूर्त से अमूर्त की ओर
- ठोस अनुभव के माध्यम से गणितीय अमूर्त विचारों, अवधारणाओं का विकास करना ही ELPS कहलाता है।
- बच्चे जब ठोस अनुभव से जुड़ते है, तो वे गणितीय अवधारणाओं का अर्थ आसानी से समझ पाते हैं।
- अमूर्त गणितीय अवधारणा Edudepart- Experience (अनुभव), L-Spoken Language (बोली जाने वाली भाषा), P- Pictures (चित्र), S- Symbols (लिखित प्रतीक):
एजेंडा 5. गणितीय शिक्षण हेतु फोर ब्लॉक मॉडल एप्रोच का उपयोग
- मौखिक गणित बातचीत (गणित कविता, मौखिक गणना, अवधारणा, बच्चों के अनुभव)
- कौशल शिक्षण (प्रवीणता के सभी पहलुओं को मिलाएँ)
- कौशल अभ्यास (प्रक्रियात्मक, अवधारणात्मक, समस्या समाधान, तर्क)
- गणित खेल (सीखने और समस्या समाधान कौशल को पुख्ता करना)
एजेंडा 6: गणित के खेल व LTM
- बच्चे खेल खेलते समय प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से गणित की बहुत सारी अवधारणाओं का प्रयोग करते हैं।
- यह प्रक्रिया बच्चों की अवधारणा से सम्बंधित कौशल को और मजबूती प्रदान करता है।
- गणितीय खेल बच्चों को समस्याओं को हल करने के लिए तार्किक सोच, और समस्या समाधान के कौशल को विकसित करने में मदद करते हैं।
- गणितीय खेल बच्चों की गणित के विषय में रुचि बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
- यह उन्हें गणित को एक रोचक और उत्साहजनक रूप में समझने में मदद करता है।
- गणितीय खेल बच्चों के गणितीय कौशल की समझ को मजबूत करता है।
- गणितीय खेल बच्चों को समस्याओं को हल करने के नए और नवाचारी अनुभव प्रदान करते है।
- गणितीय खेल बच्चों में भाईचारा, सहयोग की अनुभूति कराते है ।
एजेंडा 7: कहानी, कविता, पहेली और मुहावरों से गणित की ओर
- गणित हमारे मौखिक बातचीत, कविता, कहानी, पहेलियों में भी नजर आता है।
- कहानी के माध्यम से गणित के किसी तत्व, सिद्धांत या अवधारणा को सिखाना सहज और व्यवहारिक हो जाता है।
एजेंडा 8: गणित से समस्या समाधान, निर्णय क्षमता, तर्क एवं विश्लेषण कौशल का विकास
- गणित व्यक्तित्व में निर्णय, तर्क एवं विश्लेषण का आधार होता है।
- गणित के समस्या को सुलझाने से सकारात्मक परिस्थितियाँ निर्माण होता है।
- गणितीय चिंतन के द्वारा विषय वस्तु का अधिक सटीक विश्लेषण एवं तार्किक आधार पर समीक्षा की जा सकती है।
- गणित के समस्या समाधान निर्णय क्षमता या विश्लेषण कौशल को बढ़ाता है।
एजेंडा 9: पैटर्न, डेटा संधारण, मापन के अनुप्रयोग
- गणितीय शिक्षण में आजकल पैटर्न और डाटा संधारण को भी महत्व दिया जा रहा है।
- पैटर्न से किसी एक नियम में बंधे हुए कार्य या वस्तु की पुनरावृत्ति से है.।
- आज डाटा संधारण की भी आवश्यकता बढ़ती जा रही है.।
- किसी भी कार्य को करने के लिए उसका डाटा संकलन कर उसका विश्लेषण किया जा सकता।
- इस निकाले गए निष्कर्ष के आधार पर आगामी कार्य भी सुनियोजित तरीके से किया जा सकता है।
एजेंडा 10. आकलन के नवीन तरीके एवं परिणामों का विश्लेषण
- हम विश्लेषण से बच्चों में जोड़ने की क्षमता का आकलन करना चाहते हैं ।
- गतिविधि या खेल के माध्यम से भी हम क्षमता का आकलन कर सकते हैं ।
- स्थानिक समझ, तर्क, विश्लेषण इत्यादि के आकलन कर सकते हैं ।
- विविध आकलनों से यह निष्कर्ष निकाला जासकता है कि बच्चे की गणित की समझ किस स्थिति में कम है,।
- इसी प्रकार बच्चों को स्व आकलन एवं अन्य बच्चों के आकलन के अवसर दिए जा सकते हैं।
- स्वआकलन में जिन बिंदुओं में बच्चा सुदृढ़ स्थिति में ना हो उनको सीखने की तरफ प्रोत्साहित किया जा सकता है।
Charcha Patra

Charcha Patra, Charcha Patra, Charcha Patra, ,Charcha Patra, Charcha Patra, Charcha Patra,

चन्द्रप्रकाश नायक , जो कि वर्तमान में शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं . अभी आप Edu Depart में नि:शुल्क मुख्य संपादक के तौर पर अपनी सेवा दे रहे हैं .