द्वितीय एवं चतुर्थ शनिवार बैगलेस-डे कालखंड
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पोस्ट विवरण
Bagless Day Activities : हर शनिवार छत्तीसगढ़ में विशेष रूप से “Bagless Day Activities” नामक एक कार्यक्रम या गतिविधि का आयोजन किया जाता है, जिसमें इस माह छत्तीसगढ़ के त्योहार पोला पर बात किया गया है। इस तरह के आयोजनों में विभिन्न गतिविधियाँ हो सकती हैं |
प्रथम कालखंड – आकलन
द्वितीय कालखंड – कला शिक्षा
कक्षा 1ली व 5वीं –
02.कला एवं पेड़-पौधे,
03. कला एवं जीव-जंतु,
06. हमारा राष्ट्रगान,
- भारत का राष्ट्रगान ‘जन-गण-मन’ है, जिसे नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर ने लिखा था. इसे संविधान सभा द्वारा 24 जनवरी 1950 को राष्ट्रगान के रूप में अपनाया गया.
- राष्ट्रगान के बारे में मुख्य बातें:
- लेखक: गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर
- मूल भाषा: बांग्ला में लिखा गया था
- अपनाए जाने की तिथि: 24 जनवरी, 1950 को भारत के संविधान सभा द्वारा
- अवधि: राष्ट्रगान का पूरा संस्करण लगभग 52 सेकंड का होता है.
07. लय का अनुभव करें- त क त कि ट,
11. आइए, नृत्य करें,
15. आइए, पता लगाएँ
कक्षा 6वीं से 8वीं–
दृश्यकलाः प्रारुपी चित्र में बदलाव (गतिवधि 1, 2)
- अपने आसपास के प्रकृति का भ्रमण करवाना।
- अपने आस-पास के फूलों के रंग की सहायता से प्रकृति को समझाना ।
संगीतः 6. संगीत एवं भाव (गतिवधि 5, 6, 7)
- गीत के द्वारा गायक को पहचानना।
नृत्यः 12. मेरा शारीरिक संचलन (गतिवधि 5, 6)
- नृत्य को हस्त मुद्राओं करते हुए सीखना ।
- नृत्य को हस्त मुद्राओं करते हुए सीखना ।
रंगमंचः 16. भावों का अनावरण (उदाहरण 1, 2, 3)
- संगीत के भावों को समझना
तृतीय कालखण्ड – ICT
कक्षा 1ली व 2री-
इकाई का नाम – मशीन की जानकारी (गतिविधि-4)
गतिविधि –
- शिक्षक बच्चों को मशीन के बारे में बताएं एवं पूछें कि घर में उपयोग की जाने वाली मशीनों की सूची बनाकर लाएं एवं कक्षा में प्रदर्शित करें।
- शिक्षक बच्चों को प्रश्न करें कि मशीन किस प्रकार से हमारी मदद करता है ?
- सभी बच्चे चार्ट पेपर में 1-1 मशीन का चित्र बनाएं एवं उसका उपयोग लिखें।
- सभी बच्चों को 5-5 के ग्रुप में बांटे व शाला में उपयोग की जाने वाली मशीनों की लिस्ट बनाएं एवं कक्षा में सभी ग्रुप आपस में चर्चा करें।4. बिजली से काम करने वाले मशीन एवं बिना बिजली के काम करने वाली मशीन का चित्र एकत्रित करें इसे चार्ट पेपर में चिपकाकर कक्षा में लगाएं।
कक्षा 3री से 5वीं –
इकाई का नाम – 5. कंप्यूटर के भाग व कार्य (गतिविधि-3 व 5)
गतिविधि –
- शिक्षक बच्चों को ग्रुप में बांटे वह कम्प्यूटर के भागों को दिखाएं कम्प्यूटर को देखकर उनके भागों का चित्र एवं मॉडल बनाने के लिए कहें एवं कक्षा में उसका प्रदर्शन करें।
- शिक्षक बच्चों को कम्प्यूटर के भागों के बारे में बताएं एवं ग्रुप में बच्चों को बुलाकर उनके कार्यों को समझाएं जैसे- कीबोर्ड की सहायता से टाइम करना, माउस की सहायता से चित्र बनाना, रंग भरना फॉन्ट की साइज छोटी-बड़ी करना, बोल्ड करना आदि बच्चों को भी अभ्यास करवाएं।
कक्षा 6वीं से 8वीं–
इकाई का नाम – कंप्यूटर की श्रेणियाँ अंतर्गत कंप्यूटर और उसके भाग (गतिविधि-3)
गतिविधि –
- शिक्षक बच्चों को कम्प्यूटर के भागों की जानकारी देंगे एवं उनके कार्यों को बताएंगे।
- शिक्षक बच्चों को ग्रुप में बांटकर प्रत्येक भागों का मॉडल बनाने को कहें एवं कक्षा के सामने प्रदर्शित करें।
- शिक्षक बच्चों को कम्प्यूटर की श्रेणियों के बारे में बताएं। बच्चे विभिन्न प्रकार के कम्प्यूटर को उनके आकार और क्षमता के आधार पर वर्गीकृत करें एवं उसका चार्ट बनाकर ग्रुप में कक्षा के सामने प्रदर्शित करें।
- शिक्षक बच्चों को विभिन्न प्रकार के व्यक्तिगत कम्प्यूटर (Personal Computer) की जानकारी दें।
- बच्चें समाचार-पत्रिका, मैगज़ीन से इनकी चित्र एकत्रित करें एवं अपने कॉपी में इसे चिपका कर उसका नाम, आकार, कार्य इत्यादि लिखे एवं अपने कक्षा में प्रदर्शन करें।
चतुर्थ, पंचम एवं षष्ठम् कालखण्ड – बैगलेस-डे गतिविधि/व्यावसायिक शिक्षा
कक्षा 1ली व 2री-
पोला-
- शिक्षक, बच्चों से पोला के दिन उपयोग में लाएं मिट्टी के खिलौनों को मंगाएं और उन पर बातचीत करें |
- बच्चों को बताएँ कि यह प्रतिवर्ष भाद्रपद माह की अमावस्या को पोला मनाया जाता है।
- बच्चों को पोला के बारे में अपना अनुभव सुनाने के अवसर दें।
- बच्चों को मिट्टी से 1 विभिन्न प्रकार के फल एवं सब्जियाँ बनाना सिखाएँ तथा उन्हें विभिन्न रंगों से रंगने कहें। इस हेतु कुम्हार की मदद भी ले सकते है।
Activity बैल दौड़ प्रतियोगिता –
- सभी बच्चे अपने घरों से मिट्टी के बैल लेकर आएं।
- उन्हें अच्छे से सजाएं एवं बैल दौड़ाने के लिए रस्सी भी बांधे।
- अब सभी बच्चे मैदान में एक लाइन में खड़े होकर अपने-अपने बैल के साथ दौड़ लगाएँ।
- यदि बीच में किसी का बैल गिर जाता है तो वह खेल से बाहर हो जाएगा।
- जिसका बैल निश्चित दूरी पर पहुँचेगा वो विजेता होगा।
कक्षा 3री से 5वीं –
पोला त्योहार –
- पोला त्योहार प्रतिवर्ष भादो माह की अमावस्या को मनाया जाता है।
- इस त्योहार का नाम पोला नाम क्यों पड़ा इस संबंध में एक लघु कथा है।
- पोला की कथा – कृष्ण भगवान जब छोटे थे और वासुदेव-यशोदा के यहाँ रहते थे, तब कंस ने उन्हें मारने के लिए राक्षसों को भेजा था।
- एक बार कंस ने पोलासुर नामक राक्षस को भेजा था, उसे भी कृष्णजी ने मार दिया था।
- वह दिन भादों माह की अमावस्या का दिन था, इसी कारण इसे पोला कहा जाने लगा।
- पोला मुख्य रूप से छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र मेंमनाया जाता है।
- यह त्योहार भी खेती किसानी से जुड़ा हुआ है।
- इस दिन बैलों की पूजा की जाती है।
- घरों में मिट्टी की खिलौने और बैल लाकर पूजा की जाती है।
Activity –
- घर बनाना – दिए गए Video के आधार पर घर बनाओं।
- मिट्टी से खिलौने बनाना- गांव के किसी कुम्हार को शाला में आमंत्रित कर बच्चों को मिट्टी के खिलौने बनाना सिखाएं।
- पोला त्योहार कैसे मानतेहै?
- पोला त्योहार में किसकी पूजा की जाती है?
- इनकी पूजा क्यों की जातीहै?
- इस दिन कौन-कौन से पकवान बनाये जाते है?
- पोला के त्योहार पर तुम क्या करते हो?
- प्रदर्शन – सभी बच्चे कागज से बनाएं हुए घरों के सामने मिट्टी के खिलौनों को सजाकर रखें और उसका प्रदर्शन करें।
कक्षा 6वीं से 8वीं–
पोला पर्व
- शिक्षक, बच्चों से पोला के दिन उपयोग में लाएं मिट्टी के खिलौनों को मंगाएं और उन पर बातचीत करें तथा बताऐं कि यह प्रतिवर्ष सावन की अमावस्या को मनाया जाता है।
- बच्चों को पोला के बारे में अपना अनुभव सुनाने के अवसर प्रदान करें।
- बच्चों को मिट्टी से विभिन्न प्रकार के फल एवं सब्जियाँ बनाना सीखाऐं तथा उन्हें विभिन्न रंगों से रंगने कहें। इस हेतु कुम्हार की मदद भी ले सकते है।
बैल दौड़ प्रतियोगिता
- सभी बच्चे अपने घरों से मिट्टी के बैल लेकर आएं।
- उन्हें अच्छे से सजाएं एवं बैल दौड़ाने के लिए रस्सी भी बांधे।
- अब सभी बच्चे मैदान में एक लाइन में खड़े होकर अपने-अपने बैल के साथ दौड़ लगाऐं।
- यदि बीच में किसी का बैल गिर जाएगा वह खेल से बाहर हो जाएगा।
- जिसका बैल निश्चित दूरी पर पहुँचेगा वो विजेता होगा।
सप्तम कालखण्ड – शारीरिक शिक्षा और आरोग्य (योग / व्यायाम /खेल)
कक्षा 1ली व 5वीं –
फेंकना व लपकना खेल – Open
कक्षा 6वीं से 8वीं इकाई 2
1. बाधा दौड़ –
बाधा दौड़ (Hurdle race) एथलेटिक्स की एक स्पर्धा है जिसमें एक धावक निर्धारित दूरी पर लगी बाधाओं को कूदकर या पार करके सबसे तेज गति से फिनिश लाइन तक पहुंचता है। इन बाधाओं को इस तरह से डिज़ाइन किया जाता है कि वे थोड़ी सी टक्कर से गिर जाएं, जिससे चोट का जोखिम कम हो जाता है, लेकिन जानबूझकर बाधाएं गिराने पर धावक को अयोग्य घोषित किया जा सकता है।
बाधा दौड़ की मुख्य बातें:
- बाधाएं:ये निश्चित ऊँचाई और दूरी पर रखी गई बाधाएं होती हैं, जिन्हें धावकों को कूदना होता है।
- दौड़ की शैली:बाधा दौड़ में दौड़ने की खास तकनीक का उपयोग होता है, जिसमें बाधाओं पर कूदते समय शरीर का संतुलन और गति बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
- नियम:धावकों को सभी बाधाओं को एक निर्धारित तरीके से पार करना होता है। बाधा के नीचे से गुजरना या जानबूझकर बाधा को गिराना दंडनीय हो सकता है।
- लक्ष्य:सबसे कम समय में दौड़ पूरी करना इस स्पर्धा का मुख्य लक्ष्य है।
- कुछ प्रमुख बाधा दौड़ स्पर्धाएं:
- पुरुषों की 110 मीटर बाधा दौड़:इसमें पुरुष 110 मीटर की सीधी दौड़ के दौरान 10 बाधाओं को पार करते हैं।
- महिलाओं की 100 मीटर बाधा दौड़:महिलाओं के लिए यह स्पर्धा होती है, जिसमें वे 100 मीटर की दूरी पर 10 बाधाओं को पार करती हैं।
2. संतुलन क्रिया,
संतुलन क्रिया किसी वस्तु या प्रणाली को स्थिर, स्थिर या स्थिर रखने की क्रिया है, जहाँ विरोधी ताकतें या प्रभाव एक-दूसरे को निष्क्रिय कर देते हैं, जिससे कोई गति या परिवर्तन नहीं होता है। संतुलन की क्रिया या स्थिति विभिन्न क्षेत्रों में लागू होती है, जैसे भौतिकी में, जहाँ बल संतुलित होते हैं, योग में, जहाँ शरीर की मुद्रा स्थिर होती है, इंजीनियरिंग में, जहाँ संरचनाएँ सुरक्षित रूप से भार सहन करती हैं, और सामाजिक संदर्भों में, जहाँ सामाजिक व्यवस्थाएँ समायोजित होती हैं।
भौतिकी में संतुलन क्रिया
- स्थिरता:संतुलन एक स्थिर अवस्था है जहाँ कोई वस्तु स्थिर रहती है, या एक सीधी रेखा में स्थिर वेग से चलती है।
- संतुलित बल:यह तब होता है जब एक वस्तु पर कार्य करने वाले सभी बल संतुलित होते हैं, जिससे वस्तु का अपनी स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं होता।
- उदाहरण:एक ऊँची इमारत पर गुरुत्वाकर्षण और वायु बलों का परस्पर विरोध संतुलन का एक उदाहरण है।
- योग में:योग में संतुलन क्रिया शरीर के विभिन्न हिस्सों, जैसे रीढ़ की हड्डी, को सीधा और संतुलित रखने से संबंधित है।
- कार्य-जीवन संतुलन:यह एक व्यक्तिगत प्रक्रिया है जिसमें काम और निजी जीवन के बीच सामंजस्य स्थापित किया जाता है।
- सामाजिक संतुलन:समाजशास्त्र में, सामाजिक संतुलन एक ऐसी व्यवस्था को संदर्भित करता है जहाँ व्यवस्था के सभी भाग एक-दूसरे के साथ सामंजस्य बिठाकर स्थिर रहते हैं।
- संतुलन बनाए रखना दैनिक जीवन के साथ-साथ इंजीनियरों के लिए भी महत्वपूर्ण है, जो सुनिश्चित करते हैं कि संरचनाएँ सुरक्षित और स्थिर रहें।
- संतुलन की कमी से गिरने जैसी दुर्घटनाएँ हो सकती हैं, और शारीरिक संतुलन में सुधार के लिए फिजियोथेरेपी जैसे व्यायाम किए जाते हैं।
3.शिवम कहें,
4. सहयोग से सफलता
सहयोग से सफलता मिलती है क्योंकि यह विभिन्न दृष्टिकोणों को जोड़ता है, जिससे बेहतर विचार, बढ़ी हुई रचनात्मकता और नवाचार को बढ़ावा मिलता है. सहयोग से निर्णय लेने में सुधार होता है, उत्पादकता बढ़ती है, और विभिन्न टीमों या समुदायों के सदस्यों के बीच विश्वास और संबंध मजबूत होते हैं. यह व्यक्तियों और संगठनों को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मिलकर काम करने में मदद करता है, जिससे वे एक-दूसरे का समर्थन कर सकते हैं और बड़ी चुनौतियों का सामना कर सकते हैं.
सहयोग के मुख्य लाभ
- बेहतर रचनात्मकता और नवाचार:जब लोग एक साथ मिलकर काम करते हैं, तो वे नए और नवीन विचार उत्पन्न कर सकते हैं जो अकेले काम करते समय सामने नहीं आ सकते थे.
- उत्पादकता में वृद्धि:सहयोग से कार्यों को तेज़ी से और कुशलता से पूरा किया जा सकता है, जिससे समग्र उत्पादकता बढ़ती है.
- बेहतर निर्णय लेना:विभिन्न पृष्ठभूमि और दृष्टिकोण वाले लोगों को एक समस्या पर अलग-अलग नजरिया मिलता है, जिससे बेहतर और अधिक सूचित निर्णय लेने में मदद मिलती है.
- मजबूत संबंध और टीम वर्क:सहयोग व्यक्तियों को एक-दूसरे का सम्मान करने और उनका समर्थन करने में मदद करता है, जिससे टीम वर्क में सुधार होता है और कार्यस्थल पर सकारात्मक संबंध बनते हैं.
- संतुष्टि और आत्मविश्वास में वृद्धि:जब लोग किसी प्रोजेक्ट में योगदान करते हैं और सफल होते हैं, तो उन्हें संतुष्टि मिलती है और उनका आत्मविश्वास बढ़ता है.
कौशल बोध कक्षा 6वीं से 8वीं इकाई 2
2. जैव विविधता विवरणिका,
जैव विविधता पृथ्वी पर जीवन के सभी रूपों की विविधता है, जिसमें विभिन्न प्रकार के पौधे, जानवर, कवक और सूक्ष्मजीव, उनके जीन, और स्थलीय, समुद्री व मीठे पानी के पारिस्थितिकी तंत्र शामिल हैं। यह जैविक विविधता का ही संक्षिप्त रूप है और इसमें विभिन्न स्तरों पर विविधता पाई जाती है: आनुवंशिक विविधता (एक प्रजाति के भीतर भिन्नता), प्रजाति विविधता (विभिन्न प्रजातियों की संख्या) और पारिस्थितिकी तंत्र विविधता (विभिन्न प्रकार के पारिस्थितिकी तंत्र, जैसे जंगल, झीलें, और महासागर)।
जैव विविधता के विभिन्न स्तर
- आनुवंशिक विविधता:एक ही प्रजाति के भीतर पाए जाने वाले जीवों के बीच जीन की भिन्नता, जो प्रजातियों को बदलते पर्यावरणीय परिस्थितियों में अनुकूलित होने में मदद करती है।
- प्रजाति विविधता:किसी क्षेत्र में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के पौधों, जानवरों, और सूक्ष्मजीवों की संख्या।
- पारिस्थितिकी तंत्र विविधता:विभिन्न स्थलीय, समुद्री और मीठे पानी के पारिस्थितिक तंत्रों, जैसे जंगल, प्रवाल भित्तियाँ, और नदियाँ, की विविधता।
महत्व
- स्थिरता:जैव विविधता पारिस्थितिक तंत्रों के संतुलन और स्थिरता को बनाए रखती है।
- संसाधन:यह खाद्य सुरक्षा, दवाइयाँ, ताज़ा पानी, और ऊर्जा जैसे मानवीय संसाधनों का आधार है।
- आर्थिक अवसर:यह मनोरंजन और आर्थिक गतिविधियों के लिए अवसर प्रदान करती है।
- पारिस्थितिक कार्य:प्रत्येक जीव की एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है और ये सभी मिलकर पूरे पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य और स्थिरता को बनाए रखने में मदद करते हैं।
3. निर्माता कौशल (मेकर स्किल्स)
निर्माता कौशल (Maker Skills) वे क्षमताएँ हैं जो लोगों को विचारों को साकार करने और विभिन्न प्रकार की चीजें बनाने में सक्षम बनाती हैं, जिनमें रचनात्मकता, आलोचनात्मक सोच, समस्या-समाधान, संवाद, टीम वर्क और तकनीकी दक्षता जैसे विभिन्न प्रकार के हार्ड (तकनीकी) और सॉफ्ट (व्यक्तिगत) कौशल शामिल हो सकते हैं। यह केवल तकनीकी कौशल नहीं है, बल्कि इसमें नई चीजों को बनाने, सुधारने और मौजूदा समस्याओं का हल निकालने के लिए व्यावहारिक, विश्लेषणात्मक और रचनात्मक दृष्टिकोण शामिल हैं।
निर्माता कौशल के मुख्य प्रकार:
- 1. रचनात्मक और विश्लेषणात्मक कौशल:
- रचनात्मकता: नए विचारों को सोचने और उन्हें मूर्त रूप देने की क्षमता।
- आलोचनात्मक सोच: समस्याओं का विश्लेषण करने और प्रभावी समाधान खोजने की क्षमता।
- 2. तकनीकी और व्यावहारिक कौशल (हार्ड स्किल्स):
- साधारण मशीनों का उपयोग: सरल मशीनों का उपयोग करके खिलौने या अन्य वस्तुएँ बनाना।
- प्रौद्योगिकी का उपयोग: विभिन्न तकनीकों और उपकरणों को संचालित करना और उनका उपयोग करना।
- 3. संचार और सहयोग कौशल (सॉफ्ट स्किल्स):
- संवाद (Communication): विचारों को स्पष्ट रूप से व्यक्त करने और दूसरों को सुनने की क्षमता।
- टीम वर्क: समूह में मिलकर काम करने और साझा लक्ष्यों को प्राप्त करने की क्षमता।
- 4. समस्या-समाधान और निर्णय लेने की क्षमता:
- समस्या-समाधान: चुनौतियों की पहचान करना और उन्हें हल करने के लिए रचनात्मक तरीके खोजना।
- निर्णय लेना: उपलब्ध जानकारी के आधार पर सूचित विकल्प चुनने की क्षमता।
शाला सुरक्षा कार्यक्रम [School Safety Program]
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