Bagless Day Activities : राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर बैगलेस डे (07 दिसम्बर 2024) पर विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए विशेष गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। इस दिन छात्र बिना किसी बैग के स्कूल आएंगे और पढ़ाई के बजाय रचनात्मक, सांस्कृतिक और शैक्षिक गतिविधियों में भाग लेंगे। इन गतिविधियों में शहीद वीर नारायण सिंह बलिदान दिवस पर चर्चा, पोला त्योहार व अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर चर्चा शामिल होंगे। इसका उद्देश्य छात्रों को उत्सवों की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्ता से परिचित कराना है, साथ ही उन्हें आनंदमय और सीखने का अनोखा अनुभव प्रदान करना है।
पोस्ट विवरण
कक्षा 1 ली व 2 री-
शहीद वीर नारायण सिंह बलिदान दिवस
- शिक्षक बच्चों को शहीद वीर नारायण सिंह का चित्र दिखाकर उनके बारे में बताएं एवं उनके जीवन से संबंधित कहानी बताएं।
- देशभक्ति संबंधित कोई कविता या गीत सिखाएँ।
- गीत – आओ बच्चे तुम्हें दिखाएँ झांकी हिन्दुस्तान की, या अन्य कोई देशभक्ति गीत / कविता
- शहीद वीर नारायण सिंह के जीवन से संबंधित घटना का रोल प्ले करें।
- कार्ड बोर्ड पर सिल्वर पेपर की सहायता से तलवार बनाएं।
Activity घोड़ा बदाम खाई पीछे देखे मार खाई-–
- सभी बच्चों को एक गोल घेरे में बैठाएं।
- बच्चों का मुँह गोले के अंदर तरह एवं पीठ बाहर की तरफ होगा।
- अब एक बच्चा रुमाल लेकर बच्चों को पीछे गोल-गोल घूमेगा और
- किसी बच्चे के पीठ के पीछे कपड़े के रुमाल डाल देगा।
- यदि बच्चा रुमाल देख लेगा तो वह रुमाल लेकर रुमला डालने वाले के पीछे रुमाल से मारते हुए तब तक दौड़ाऐगा जब तक कि वह निर्धारित स्थान में न बैठ जाए।
- यदि बच्चा रुमाल नहीं देखता है तो रुमाल डालने वाला बच्चा घूम के उसी बच्चे को रुमाल से मारते हुए दौड़ाता है।
- दौड़ाते समय वह बोलेगा घोड़ा बादाम खाई अन्य बच्चे बोलेंगे पीछे देखे मार खाई।
कक्षा 3री से 5वीं –
पोला त्योहार
- पोला त्योहार प्रतिवर्ष भादो माह की अमावस्या को मनाया जाता है।
- इस त्योहार का नाम पोला नाम क्यों पड़ा इस संबंध में एक लघु कथा है।
- पोला की कथाकृष्ण भगवान जब छोटे थे और वासुदेव-यशोदा के यहाँ रहते थे, तब कंस ने उन्हें मारने के लिए राक्षसों को भेजा था।
- एक बार कंस ने पोलासुर नामक राक्षस को भेजा था, उसे भी कृष्णजी ने मार दिया था।
- वह दिन भादों माह की अमावस्या का दिन था, इसी कारण इसे पोला कहा जाने लगा।
- पोला मुख्य रूप से छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र में मनाया जाता है।
- यह त्योहार भी खेती किसानी से जुड़ा हुआ है।
- इस दिन बैलों की पूजा की जाती है।
- घरों में मिट्टी की खिलौने और बैल लाकर पूजा की जाती है।
घर बनाना
- दिए गए Video के आधार पर घर बनाओं।
- सभी बच्चे कागज से बनाते हुए घरों के सामने मिट्टी के खिलौनों को सजाकर रखें और उसका प्रदर्शन करें।
मिट्टी से खिलौने बनाना
- गांव के किसी कुम्हार को बच्च शाला में आमंत्रित कर बच्चों फूट को मिट्टी के खिलौने बनाना अप सिखाएं।
पोला त्योहार संबंधी प्रश्नोत्तरी
- पोला त्योहार कैसे मानते है?
- पोला त्योहार में किसकी पूजा की जाती है?
- इनकी पूजा क्यों की जाती है ?
- इस दिन कौन-कौन से पकवान बनाये जाते है?
- पोला के त्योहार पर तुम क्या करते हो?
कक्षा 6वीं से 8वीं–
अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस
- अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस प्रतिवर्ष 3 दिसंबर को मनाया जाता है।
- इसका मुख्य उद्देश्य दिव्यांग बच्चों को आत्मनिर्भर बनाना,
- लोगों में विभिन्न प्रकार के दिव्यांगता के बारे में जानकारी देना,
- समाज में समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देना
- जहाँ सभी को समान अवसर और सम्मान मिले और दिव्यांगता की प्रतिपूर्ति हेतु उपलब्ध आवश्यक संसाधनों की जानकारी देना।
कोलाज बनाना –
- एक ड्राइंग शीट पर पुराना अखबार पत्र पत्रिकाओं से चित्र काटे तथा थीम के अनुसार उसको चिपकाएँ।
- अपने कोलाज को रंगीन कागज, रिबन, लेस आदि से भी सजा सकते हैं।
- वस्तुएँ पहचानों टेबल पर कुछ समान रखें तथा विद्यार्थी के आँख में पट्टी बांधकर उसे वस्तु को स्पर्श कर पहचान कर नाम बताने कहें।
- इस गतिविधि उपरांत बच्चों से पूछे कि आँखों में पट्टी बांधने से किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था।
- एक महिला का चित्र दीवार पर लगाएँ और विद्यार्थी के आंखों पर पट्टी बांधकर महिला के माथे पर बिंदी लगाने कहें।
- लंगड़ी दौड़ सभी बच्चे लाइन में खड़े रहे और स्टार्ट कहने पर 3-4 फीट दूर निर्धारित की गई दूरी तक लंगड़ी करके जाने कहें।
- जो बच्चा पहले पहुँचेगा वह विजयी होगा।
- उपरोक्त खेलों के माध्यम से दिव्यांग बच्चों की आने वाली समस्याओं से अवगत करना व उसके प्रति सहानुभूति उत्पन्न कराना है।
Bagless Day Activities
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चन्द्रप्रकाश नायक , जो कि वर्तमान में शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं . अभी आप Edu Depart में नि:शुल्क मुख्य संपादक के तौर पर अपनी सेवा दे रहे हैं .