Indian Flag Code [PDF Download]
इस पोस्ट में आप भारतीय झंडा संहिता के बारे में सामान्य जानकारी पा सकते हैं और उसका पीडीएफ भी डाउनलोड कर सकते हैं।
भारत का राष्ट्रीय झंडा, भारत के लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है। यह हमारे राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है। पिछले पांच दशकों में सशस्त्र बलों के कार्मिकों सहित अनेक लोगों ने इस तिरंगे को फहराते रहने का गौरव प्रदान करने के लिए स्वेच्छापूर्वक अपने जीवन का बलिदान दिया है।
राष्ट्रीय झंडे के लिए सभी के मन में प्रेम, आदर और निष्ठा है। फिर भी, राष्ट्रीय झंडे को फहराने के बारे में कानून प्रथाओं तथा परम्पराओं की जानकारी का अभाव देखने में आया है। यह अभाव केवल लोगों में बल्कि सरकारी संगठनों / एजेंसियों में भी पाया गया है। सरकार द्वारा समय-समय पर जारी किए गए गैर-सांविधिक निर्देशों के अतिरक्ति, राष्ट्रीय झंडे का प्रदर्शन, संप्रतीक और नाम (अनुचित प्रयोग का निवारण) अधिनियम, 1950 ( 1950 का सं० 12 ) और राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 (1971 का सं० 69) के उपबंधों द्वारा नियंत्रित होता है। भारतीय झंडा संहिता, 2002 में संबंधित सभी के मार्गदर्शन और लाभ के लिए ऐसे सभी कानूनों, प्रथाओं, परम्पराओं और निर्देशों को एक साथ लाने का प्रयास है।
सुविधा के लिए भारतीय झंडा संहिता, 2002 को तीन भागों में बांटा गया है।
संहिता के भाग I
संहिता के भाग I में राष्ट्रीय झंडे के बारे में सामान्य विवरण है।
संहिता के भाग II
संहिता के भाग II में आम जनता, निजी संगठनों और शैक्षणिक संस्थानों आदि के द्वारा राष्ट्रीय झंडे को फहराने संबंधी विवरण हैं।
संहिता के भाग III
संहिता के भाग III का संबंध केन्द्र और राज्य सरकारों तथा उनके संगठनों एवं एजेंसियों द्वारा राष्ट्रीय झंडे को फहराने से है।
भारतीय झंडा संहिता, 2002, दिनांक 26 जनवरी, 2002 से प्रभावी होगी और यह झंडा संहिता – भारत के वर्तमान स्वरूप का अधिक्रमण करती है।
भारतीय झंडा संहिता 2002 का पीडीएफ डाउनलोड करने के लिए नीचे क्लिक करें
भारतीय ध्वज संहिता 2002 की कुछ प्रमुख विशेषताएं
जनता की जानकारी के लिए नीचे सूचीबद्ध हैं :-
1. भारतीय राष्ट्रीय ध्वज भारत के लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है।यह हमारे राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है और राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सार्वभौमिक स्नेह और सम्मान तथा निष्ठा है।यह भारत के लोगों की भावनाओं और मानस में एक अद्वितीय और विशेष स्थान रखता है।
भारतीय ध्वज संहिता, 2002 की कुछ प्रमुख विशेषताएं जनता की जानकारी के लिए नीचे सूचीबद्ध हैं:-
a) भारतीय ध्वज संहिता, 2002 को 30 दिसंबर, 2021 के आदेश द्वारा संशोधित किया गया और पॉलिएस्टर या मशीन से बने राष्ट्रीय ध्वज को अनुमति दी गई है।अब, राष्ट्रीय ध्वज हाथ से काते और हाथ से बुने या मशीन से बने, सूती, पॉलिएस्टर, ऊनी, रेशमी खादी से बने हो सकते हैं |
b) कोई सार्वजनिक व्यक्ति, निजी संगठन या शैक्षणिक संस्थान का सदस्य राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा और सम्मान के अनुरूप सभी दिनों और अवसरों पर, औपचारिक या अन्य रूप से, राष्ट्रीय ध्वज फहरा सकता है/प्रदर्शित कर सकता है।
c) भारतीय ध्वज संहिता, 2002 को 19 जुलाई, 2022 के आदेश द्वारा संशोधित किया गया और भारतीय ध्वज संहिता के भाग-II के पैराग्राफ 2.2 के खंड (xi) को निम्नलिखित खंड द्वारा प्रतिस्थापित किया गया:- (xi) “जहां ध्वज खुले में या किसी आम आदमी के घर पर प्रदर्शित किया जाता है, वहां इसे दिन-रात फहराया जा सकता है।”(रात में तिरंगा पर पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था अनिवार्य है अर्थात् अंधेरे स्थान पर तिरंगा नहीं फहरना चाहिए)
d) राष्ट्रीय ध्वज आयताकार आकार का होगा।ध्वज किसी भी आकार का हो सकता है, लेकिन ध्वज की लंबाई और ऊंचाई (चौड़ाई) का अनुपात 3:2 होना चाहिए।
e) जब भी राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाए, तो उसे सम्मान की स्थिति में होना चाहिए और उसे अलग से रखा जाना चाहिए।
f) क्षतिग्रस्त या अस्त-व्यस्त ध्वज नहीं फहराया जाएगा।
g) ध्वज को किसी अन्य ध्वज या झंडों के साथ एक ही मास्टहेड से नहीं फहराया जाना चाहिए।
h) ध्वज को ध्वज संहिता के भाग III की धारा IX में उल्लिखित गणमान्य व्यक्तियों, जैसे राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, न्यायालय के जज आदि के अलावा किसी अन्य वाहन पर नहीं फहराया जाना चाहिए।
नोट:- अधिक जानकारी के लिए, राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम, 1971 और भारतीय ध्वज संहिता, 2002 गृह मंत्रालय की वेबसाइट www.mha.gov.in पर उपलब्ध हैं।
एम.एल. पटेल , जो कि वर्तमान में शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं . अभी आप Edu Depart में लेखक के तौर के पर अपनी सेवा दे रहे हैं .