Writing Skills [लेखन कौशल विकास हेतु कार्यक्रम-2024]

Writing Skills – कक्षा पहली से आठवीं तक के बच्चों में रचनात्मक लेखन कौशल विकास हेतु कार्यक्रम राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (NCF) 2023 छात्रों के लिए रचनात्मक लेखन कौशल के महत्व पर जोर देता है।

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Writing Skills

लेखन कौशल विकास हेतु कार्यक्रम [Writing Skills]

NCF 2023 में रचनात्मक लेखन से संबंधित कुछ मुख्य बिंदु-

  • विचारों की स्पष्ट अभिव्यक्ति (Clear expression of thoughts): छात्रों को अपने विचारों और विचारों को लिखित रूप में स्पष्ट और सुसंगत रूप से व्यक्त करने में सक्षम होना चाहिए।
  • आलोचनात्मक सोच (Critical thinking): रचनात्मक लेखन में सूचना की आलोचनात्मक सोच, विश्लेषण और मूल्यांकन शामिल है।
  • रचनात्मकता (Creativity): छात्रों को रचनात्मक रूप से सोचने और अपने अद्वितीय दृष्टिकोण को व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
  • संगठन और संरचना (Organization & Structure): लेखन सुव्यवस्थित, तार्किक और अनुसरण करने में आसान होना चाहिए।
  • प्रभावी संचार (Effective communication): रचनात्मक लेखन का अंतिम लक्ष्य पाठक को विचारों को प्रभावी ढंग से संप्रेषित करना है।
  • प्रौद्योगिकी का उपयोग (Use of Technology): छात्रों को अपने लेखन कौशल को बढ़ाने के लिए डिजिटल उपकरणों का उपयोग करना सीखना चाहिए।
  • प्रतिक्रिया और संशोधन (Feedback and revision:): स्पष्टता, सुसंगतता और समग्र गुणवत्ता में सुधार करने के लिए छात्रों को प्रतिक्रिया मांगने और अपने लेखन को संशोधित करने के लिए प्रोत्साहित करें।
  • सभी विषयों में लेखन (Writing across subjects:): रचनात्मक लेखन को सभी विषयों में एकीकृत किया जाना चाहिए, न कि केवल भाषा कक्षाओं में।
  • विकासात्मक दृष्टिकोण (Developmental approach): लेखन कौशल को धीरे-धीरे विकसित किया जाना चाहिए, जिसमें जटिलता और परिष्कार बढ़ता रहे।
  • मूल्यांकन और आकलन (Assessment and evaluation): फीडबैक और मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए लेखन कौशल का नियमित मूल्यांकन और आकलन किया जाना चाहिए।

रचनात्मक लेखन हेतु निर्देश

  • बच्चों को किसी भी प्रकार के प्रारूप में न बांधा जाए और उनका स्व-लेखन ही सामने आए |
  • पूरे स्कूल के बच्चों में समझ के साथ पढ़ने-लिखने का विकास हो सके|
  • जिन बच्चों को लिखने में कठिनाई महसूस होती है उन्हें चित्र या शब्द आधारित लेखन दिया जा सकता है|
  • बुनियादी भाषाई दक्षताएं हासिल कर लिए हैं उन्हें कक्षा से आगे की कक्षा का प्रतिफल हासिल करवाने का प्रयास करें|
  • लेखन के बाद बच्चों को इसे पढ़‌ने का मौका दिया जाए
  • बच्चों के कुछ लेख को प्रातः कालीन सभा (प्रार्थना सभा) में पढ़‌वाया जा सकता है
  • कक्षा 3री से 8वीं तक के बच्चों के लिए कहानी लेखन हेतु शब्द व चित्र उपलब्ध कराए
  • इस सत्र के लिए प्रति सप्ताह रचनात्मक लेखन के लिए टॉपिक दिए जा रहे हैं.

रचनात्मक लेखन कौशल विकास में सिखने के प्रतिफल

  • कही जा रही बात, कहानी, कविता आदि को ध्यान से समझते हुए सुनते और अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं |
  • कहानी, कविता आदि को उपयुक्त उतार-चढ़ाव, गति, प्रवाह और सही पुट के साथ सुनाते हैं |
  • सुनी हुई रचनाओं की विषय-वस्तु, घटनाओं, पात्रों, शीर्षक आदि के बारे में बातचीत करते हैं, प्रश्न पूछते हैं |
  • अपनी प्रतिक्रिया देते हैं, टाय बताते हैं/अपने तरीके से (कहानी, कविता आदि) अपनी भाषा में व्यक्त करते हैं
  • आस-पास होने वाली गतिविधियों / घटनाओं और विभिन्न स्थितियों में स्थितियों में हुए अपने अनुभव के वारे में बताते, बातचीत करते और प्रश्न पूछते हैं |
  • कहानी, कविता अथवा अन्य सामग्री को समझते हुए उसमें अपनी कहानी/बात जोड़ते हैं |
  • अलग-अलग तरह की रचनाओं में आए हुए शब्दों को समझ कर उनका अर्थ सुनिश्चित करते हैं |
  • अलग-अलग तरह की रचनाओं / सामग्री (अखबार, बाल पत्रिका, होर्डिंग्स आदि) को समझ कर पढ़‌ने के बाद उस पर आधारित प्रश्न पूछते हैं। अपनी राय देते हैं।
  • शिक्षक एवं अपने सहपाठियों के साथ चर्चा करते हैं, पूछे गए प्रश्नों के उत्तर (मौखिक, सांकेतिक) देते हैं.
  • तरह-तरह की कहानियों, कविताओं / रचनाओं की भाषा की बारीकियों (जैसे- शब्दों की पुनरावृत्ति, संज्ञा, सर्वनाम, विभिन्न विटाम-चिन्हों का प्रयोग आदि) की पहचान और प्रयोग करते हैं |
  • विभिन्न उद्देश्यों के लिए लिखते हुए अपने लेखन में शब्दों के चुनाव, वाक्य संरचना और लेखन के स्वरूप को लेकर निर्णय लेते हुए लिखते हैं |
  • (जैसे- दोस्त को पत्र लिखना, पत्रिका के संपादक को पत्र लिखना) विभिन्न उद्देश्यों के लिए लिखते हुए अपने लेखन में विटाम-चिन्हों, जैसे पूर्ण विराम, अल्प विराम, प्रश्नवाचक चिहन का सचेत इस्तेमाल करते है |
  • अलग अलग तरह की रचनाओं/सामग्री (अखबार, बाल पत्रिका, होर्डिंग्स आदि) को समझकर पढने के बाद उस पर अपनी प्रतिक्रिया लिखते है, पूछे गए प्रश्नों के उत्तर (लिखित/ब्रेल लिपि आदि में) देते है |
  • स्वेच्छा से शिक्षक द्वारा तय गतिविधियों के अंतर्गत वर्तनी के प्रति सचेत होते हुए स्व-नियंत्रित लेखन (कन्वेंशनल राईटिंग) करते हैं |

रचनात्मक लेखन के साप्ताहिक विषय

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