शासकीय सेवक के सेवा निवृत्ति अथवा मृत्यु होने पर क्या करें ?
शासकीय सेवक के सेवा निवृत्ति अथवा मृत्यु होने पर क्या करें ? क्या न करें ? इस प्रकार के कई सवाल हमारे दिमाग में आते हैं आईये जाने इन सवालों के क्या हैं जाबाब –
प्रश्न(1) सेवा निवृत्ति अथवा मृत्यु पश्चात पेंशन /परिवार पेंशन क्या अपने आप प्राप्त हो सकता है ?
उत्तर :- पेंशन /परिवार पेंशन एक दावा है जिसके लिए निर्धारित प्रपत्र यथा रीति भरा जाना आवश्यक है।
प्रश्न (2) शासकीय सेवा से सेवा निवृत्त होने पर पेंशन प्राप्त करने हेतु किस प्रपत्र में दावा किया जाना है?
उत्तर :- शासकीय सेवा से सेवा निवृत्त होने पर पेंशन हेतु छत्तीसगढ़ सिविल सेवा पेंशन नियम 1976 में विहित प्रपत्र 6 कार्यालय प्रमुख के माध्यम से भरा जाना है।
प्रश्नः-(3) शासकीय सेवा में रहते हुए मृत्यु होने पर परिवार पेंशन हेतु किस प्रपत्र पर दावा किया जाना है?
उत्तर :- शासकीय सेवा में रहते हुए मृत्यु होने पर परिवार पेंशन हेतु छत्तीसगढ़ सिविल सेवा पेंशन नियम 1976 मे विहित प्रपत्र 13 एवं प्रपत्र 17 में शासकीय सेवक के परिवार द्वारा कार्यालय प्रमुख को प्रस्तुत किया जाना है।
प्रश्न(4) निर्धारित प्रपत्र में दावा प्रस्तुत करते समय कौन -कौन से अभिलेख /विवरण प्रस्तुत किए जाने होंगे?
उत्तर :- इस हेतु बाएं हाथ के अंगुलियों एवं अंगूठे का निशान जो अभिप्रमाणित हो, अभिप्रमाणित नमूना हस्ताक्षर ,अभिप्रमाणित ऊंचाई एवं पहचान चिन्ह ,पेंशनर/परिवार पेंशनर/उपादान ग्राही का पूरा पता , परिवार के सदस्यों का विवरण ,वसूली हेतु सहमति पत्र, कोषालय का नाम, पत्र व्यवहार का पता, अभिप्रमाणित संयुक्त/एकल छायाचित्र आदि का विवरण दे/संलग्न करें ।
प्रश्न(5) यदि परिवार पेंशनर अवयस्क है तो उसे परिवार पेंशन का भुगतान करने हेतु क्या करना होगा?
उत्तर :- यदि परिवार पेंशनर अवयस्क है तो उसे सीधे भुगतान नही हो सकता अतः उसके वयस्क होने तक परिवार पेंशन का भुगतान उसके वैध संरक्षक के माध्यम से होगा । जिसके लिए सक्षम न्यायालय द्वारा जारी वैध संरक्षक प्रमाण पत्र पेंशन प्रकरण के साथ संलग्न करना होगा ।
प्रश्न(6) क्या परिवार विवरण के साथ जन्मतिथि का उल्लेख करना अनिवार्य है?
उत्तर :- दिए गए परिवार विवरण में जन्मतिथि का उल्लेख करने से समय आने पर शासकीय योजनांतर्गत 80 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर मूल पेंशन /परिवार पेंशन में 20 प्रतिशत की वृद्धि का लाभ स्वतः स्फुर्त मिल सकेगा , जो प्रत्येक अगले 5-5 वर्ष में 20 प्रतिशत की वृद्धि होते हुए 100 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर 100 प्रतिशत की वृद्धि अर्थात मूल पेंशन दुगना हो जावेगा । परिवार विवरण में जन्मतिथि अंकित होने से यदि बच्चों को परिवार पेंशन स्वीकृत करने की स्थिति उत्पन्न होती है तो 25 वर्ष आयु की गणना में असुविधा नहीं होगी।
प्रश्न(7) सेवा निवृत्त होने पर कौन-कौन से परिलाभ प्राप्त हो सकते है?
उत्तर :- पेंशन, मुत्यु सह सेवा निवृत्ति उपादान , परिवार कल्याण निधि में जमा ,समूह बीमा योजना की राशि, सामान्य भविष्य निधि का अंतिम भुगतान, अर्जित अवकाश का नकदीकरण की राशि सेवांत परिलाभ के अंतर्गत नियमानुसार प्राप्त हो सकते है।
प्रश्न(8) शासकीय सेवा में रहते हुए मृत्यु होने पर कौन-कौन से परिलाभ प्राप्त हो सकते है?
उत्तर :- परिवार पेंशन ,मुत्यु सहसेवा निवृत्ति उपादान,परिवार कल्याण निधि एवं समूह बीमा योजना की बीमा राशि तथा बचत निधि में जमा राशि ब्याज सहित, सामान्य भविष्य निधि का अंतिम भुगतान , अर्जित अवकाश का नगदीकरण की राशि सेवांत परिलाभ के अंतर्गत नियमानुसार प्राप्त हो सकते है।
प्रश्न(9) क्या शासकीय सेवक की सेवा निवृत्ति की आयु निर्धारित है?
उत्तर :- छत्तीसगढ़ मूलभूत नियमों के नियम 56 में सेवा निवृत्ति की आयु निर्धारित है जो कुछ संवर्गो को छोड़कर वर्तमान में 62 वर्ष जिस माह में पूर्ण कर लेता है उस माह का अंतिम दिवस हैं। परन्तु यदि किसी शासकीय सेवक की जन्मतिथि माह की प्रथम तारीख है तो पूर्ववर्ती माह के अंतिम तिथि को सेवा निवृत्त हो जावेगा ।
प्रश्न(10) यदि सेवा निवृत्ति का आदेश प्राप्त नहीं होता है तो सेवा निवृत्ति की आयु पूर्ण होने के पश्चात भी क्या सेवा में रूका जा सकता है?
उत्तर :- प्रत्येक शासकीय सेवक को उसकी जन्मतिथि भली-भांति ज्ञात है तथा सेवा में प्रविष्ट होने के समय ही उसे सेवा निवृत्ति तिथि ज्ञात हो जाती है तथा मूलभूत नियम 56 के अनुसार वह सेवा निवृत्ति आयु पूर्ण होने पर सेवानिवृत्ति हो जावेगा , जो आज्ञापक है । अतएव निर्धारित आयु के पश्चात सेवा में रूकने का प्रयास न किया जावे अन्यथा पेंशन प्रकरण निराकरण में कठिनाई होगी।
प्रश्न(11) सेवा निवृत्ति पर पेंशन प्राप्त करने हेतु क्या न्यूनतम अर्हतादायी सेवा का बंधन है?
उत्तर :- सेवा निवृत्ति /त्यागपत्र पर पेंशन प्राप्त करने हेतु नियमानुसार न्यूनतम अर्हतादायी सेवा 10 वर्ष होनी चाहिए अन्यथा छ0 ग0 सिविल सेवा पेंशन नियम 1976 के नियम 43 के अनुसार सेवा उपादान की पात्रता होगी।
प्रश्नः-(12) मृत्यु सह सेवा निवृत्ति उपादान प्राप्त करने हेतु क्या न्यूनतम अर्हतादायी सेवा का बंधन है?
उत्तर :- छत्तीसगढ़ सिविल सेवा पेंशन नियम 44 के अंतर्गत शासकीय सेवक की 5 वर्ष की अर्हतादायी सेवा पूर्ण होनी चाहिए ।
प्रश्न(13) सेवा निवृत्ति के कितने समय पूर्व पेंशन प्रपत्र पूर्ण किया जा सकता है?
उत्तर :- छत्तीसगढ़ सिविल सेवा पेंशन नियम 1976 के नियम 59 के अनुसार सेवा निवृत्ति के 12 माह पूर्व पेंशन प्रपत्रों की पूर्ति की जा सकती है। शासकीय सेवक को स्वयं से संबंधित पेंशन प्रपत्र जैसे फार्म नम्बर 1, 3, 25, 26, आदि अत्यंत सावधानी से भरना चाहिए।
प्रश्न(14) क्या शासकीय सेवक निर्धारित सेवा निवृत्ति आयु से पूर्व स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति ले सकता है, इस हेतु क्या प्रक्रिया है?
उत्तर :- शासकीय सेवक 20 वर्ष की शासकीय सेवा पश्चात स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति लेना चाहता है तो तीन माह पूर्व निर्धारित प्रपत्र 28 में भरकर सक्षम अधिकारी को प्रस्तुत कर सकता है।
प्रश्न(15) पेंशन/परिवार पेंशन यथा समय निराकृत होने में कठिनाई न हो इस हेतु शासकीय सेवक को सेवा काल में क्या सावधानी रखनी चाहिए ?
उत्तर :-
- सेवा पुस्तिका के प्रथम पृष्ठ पर सही नाम, जन्मतिथि, पदनाम, शैक्षणिक योग्यता अंकित करवाए।
- प्रत्येक शासकीय सेवक को अपने सेवा अभिलेख देखने का अधिकार है जिसका सजगता से प्रयोग कर नियमित अंतराल में सेवा पुस्तिका के प्रथम पृष्ठ के निर्धारित कालम में हस्ताक्षर करते हुए उक्त की सत्यता सुनिष्चित करें ।
- स्वयं के परिवार का विवरण पत्रक -3 में कार्यालय प्रमुख को प्रस्तुत करे एवं समय-समय पर इसमें हुए किसी परिवर्तन की सूचना कार्यालय को देवें।
- अनुपस्थिति अवधि /आवेदित अवकाश एवं निलंबन काल यदि हो , का निराकरण सेवा निवृत्ति के पूर्व अवश्य करावें।
- प्रथम बार अंकित जन्मतिथि में काट-छांट या उपरिलेखन की स्थिति में कार्यालय प्रमुख के ध्यान में लावें एवं मान्यता प्राप्त करने के लिए पुरानी पदक्रम सूची ,शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र आदि के साथ प्रस्तुत करें ।
- समय- समय पर हुए वेतन पुनरीक्षण के फलस्वरूप वेतन निर्धारण की जांच हेतु कार्यालय प्रमुख के ध्यान में लावें एवं जांच /अनुमोदन के कारण किसी प्रकार के अधिक भुगतान की वसूली कार्यालय प्रमुख के ध्यान में लाकर करवांए।
प्रश्न(16) अर्हतादायी सेवा क्या है ? गणना कैसे की जाती है?
उत्तर :- छत्तीसगढ़ सिविल सेवा पेंशन नियम 1976 के उपबंधों के अध्यधीन रहते हुए किसी पद पर पहली बार स्थायी,स्थानापन्न अथवा अस्थायी रूप से नियुक्त होने पर कार्यभार ग्रहण दिनांक से अर्हतादायी सेवा प्रारंभ होती । अर्हतादायी सेवा अर्धवर्ष या छःमाही के आधार पर संगणित होती है। अर्धवर्ष के तीन माह या उससे ऊपर के अंशकाल अवधि को पूर्ण अर्धवर्ष या पूर्ण छःमाही माना जाता है।
प्रश्न(17) अर्हतादायी सेवा का पेंशन की गणना पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर :- यदि शासकीय सेवक 33 वर्ष (66 अर्धवर्ष या छःमाही ) की अर्हकारी सेवा पूर्ण कर सेवा निवृत्ति होता है तो उसे पूरी पेंशन प्राप्त करने की पात्रता होती है । वर्तमान में अंतिम माह के मूलवेतन का 50 प्रतिशत पूर्ण पेंशन है । यदि अर्हतादायी सेवा 33 वर्ष से कम परन्तु 10 वर्ष से अधिक है तो पेंशन अर्हकारी सेवा के अनुपात में निर्धारित होगी, जिसकी गणना का सूत्र है –
( अंतिम माह का मूल वेतन × अर्हकारी सेवा छःमाही में ) / 2 * 66
प्रश्न(18) क्या पेंशन /परिवार पेंशन की कोई न्यूनतम राशि निर्धारित है?
उत्तर :- दिनांक 01/01/2016 से पेंशन /परिवार पेंशन की न्यूनतम राशि रूपये 7750/-प्रतिमाह निर्धारित है । इससे पूर्व न्यूनतम पेंशन रूपये 3025/- प्रतिमाह निर्धारित थी ।
प्रश्न(19) अर्हतादायी सेवा का मृत्यु सह सेवा निवृत्ति उपादान पर क्या प्रभाव पड़ता है? इसकी गणना की रीति क्या है?
उत्तर :- कम से कम 5 वर्ष की अर्हतादायी सेवा पूर्ण होने पर ही उपादान देय है । शासकीय सेवक द्वारा संपादित अर्हतादायी सेवा के प्रत्येक पूर्ण अर्धवर्ष (छःमाही) अधिकतम 66 छः माही के लिए अंतिम माह के उपलब्धि ( मूलवेतन + मंहगाई भत्ता) के एक चौथाई (1/4) की दर से देय है । गणना का सूत्रः –
(अंतिम माह की उपलब्धि × अर्हकारी सेवा छःमाही में ) / 4
प्रश्न(20) क्या मृत्यु सह सेवा निवृत्ति उपादान की कोई न्यूनतम एवं अधिकतम सीमा निर्धारित है?
उत्तर :- वर्तमान 33 वर्ष (66 छःमाही) या उससे की अर्हकारी सेवा पर साढ़े सोलह माह की उपलब्धि (मूलवेतन + महंगाई भत्ता) या अधिकतम 20 लाख देय होता है। यदि शासकीय सेवक की 5 वर्ष की अर्हकारी सेवा पूर्ण होने के पश्चात मृत्यु हो जाती है तो कम से कम 12 माह की उपलब्धियों के बराबर देय होगी।
प्रश्न(21) शासकीय सेवक की मृत्यु होने पर मुत्यु सह सेवा निवृत्ति उपादान किन्हें देय है?
उत्तर :- शासकीय सेवक की मृत्यु की स्थिति में शासकीय सेवक के परिवार के वैध नामांकित व्यक्ति/व्यक्तियों को देय होगा। वैद्य नामांकन न रहने की स्थिति में परिवार के सदस्यों को समान अंश में देय होगा।
प्रश्न(22) क्या शासकीय सेवक स्वीकृत मूल पेंशन के किसी भाग को समर्पित कर उस भाग का पूंजीगत मूल्य प्राप्त कर सकता है?
उत्तर :- कोई शासकीय सेवक /पेंशनर प्राधिकृत होने वाली /हो चुकी पेंशन का अधिकतम एक तिहाई तक सारांशीकरण कराकर उसका पूंजीगत मूल्य प्राप्त कर सकता है।
प्रश्न(23) क्या पेंशन सारांशीकरण कराने के लिए आयु सीमा निर्धारित है?
उत्तर :- कोई आवेदक सेवा निवृत्ति तारीख के आगामी तारीख के पश्चात किन्तु 70 वर्ष की आयु के पहले या सेवा निवृत्ति की तारीख से 15 वर्ष के अंदर जो भी पहले हो पेंशन के एक तिहाई भाग का सारांशीकरण करा सकता है।
प्रश्न (24) क्या पेंशन के सारांशिकृत भाग के प्रत्यावर्तन हेतु आवेदन देना होगा अथवा स्वयंमेव प्रत्यावर्तन हो जायेगा ?
उत्तर :- पेंशन के सारांशिकृत भाग के प्रत्यावर्तन हेतु छ0ग0 सिविल सेवा (पेंशन का कम्यूटेशन) नियम 1996 के नियम 10(2) के अनुसार प्रारूप ग में संबंधित पेंशन वितरण अधिकारी (कोषालय अधिकारी/बैंक) को आवेदन किया जावेगा।
प्रश्न(25) क्या पेंशन के सारांशीकरण भाग का प्रत्यावर्तन का प्रावधान है?
उत्तर :- सारांशीकरण की तारीख से 15 वर्ष पश्चात आगामी मास के प्रथम दिन को सारांशिकृत किया गया भाग प्रत्यावर्तित हो जावेगा अर्थात पुनः मिलने लगेगा।
प्रश्न(26) क्या शासकीय सेवक की मृत्यु पश्चात परिवार पेंशन देय होगा ?
उत्तर :- शासकीय सेवक के चिकित्सा प्रमाण पत्र (मेडिकल फिटनेस) के साथ शासकीय सेवा में कार्य ग्रहण करने के उपरांत मृत्यु की स्थिति में परिवार पेंशन देय होगी।
प्रश्न(27) देय परिवार पेंशन की दर क्या होगी ?
उत्तर :- यदि मृत शासकीय सेवक द्वारा 07 वर्ष की अर्हकारी सेवा पूर्ण कर ली गई है तो परिवार पेंशन की उच्च दर अन्यथा सामान्य दर देय होगी।
प्रश्न(28) परिवार पेंशन की उच्च दर एव सामान्य दर क्या है?
उत्तर :- परिवार पेंशन की उच्च दर से आशय सामान्य परिवार पेंशन का दुगना अथवा अंतिम वेतन का आधा जो भी कम हो है। उच्च दर मृत्यु तिथि के अगले दिनांक से 7 वर्ष तक अथवा शासकीय सेवक की 67 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक देय होगी तत्पश्चात अंतिम वेतन के 30 प्रतिशत की दर से सामान्य परिवार पेंशन देय होगी।
प्रश्न(29) परिवार पेंशन किन्हें देय होगी ?
उत्तर :- परिवार पेंशन विधवा या विधुर को मृत्यु पर्यन्त या पुनर्विवाह तक, इनमें से जो पहले हो देय होगी । विधवा /विधुर के न रहने पर 25 वर्ष की आयु तक पुत्र/अविवाहित या अविवाहित या विछिन्न -विवाह पुत्री को 25 वर्ष की आयु अथवा विवाह /पुनर्विवाह जो पहले आए तक देय होगा ।
प्रश्न(30) क्या परिवार पेंशन माता-पिता को भी देय है?
उत्तर :- यदि मृत शासकीय सेवक के विधवा अथवा संतान न हो तो आश्रित माता-पिता को आय /आश्रितता के मापदण्ड के अधीन परिवार पेंशन देय होगा।
प्रश्न(31) आय एवं आश्रितता प्रमाण पत्र जारी करने हेतु कौन सक्षम है ?
उत्तर :- आय एवं आश्रितता प्रमाण पत्र जारी करने हेतु तहसीलदार या उससे उच्च स्तर के राजस्व अधिकारी सक्षम प्राधिकारी है।
प्रश्न(32) क्या दिव्यांग पुत्र/पुत्री का परिवार पेंशन निर्धारित आयु सीमा 25 वर्ष की आयु पश्चात देय नहीं होगा ?
उत्तर :- प्रथमतः क्रम से सभी बच्चों को 25 वर्ष की आयु तक पात्रतानुसार परिवार पेंशन देय होगी तत्पश्चात दिब्यांग बच्चा जो जीविकोपार्जन हेतु अक्षम है कतिपय शर्तो को पूरी करने पर आजीवन परिवार पेंशन प्राप्त कर सकता है।
प्रश्न(33) क्या पेंशन /परिवार पेंशन पर महंगाई राहत देय होगा?
उत्तर :- जी हॉ । समय – समय पर शासन द्वारा घोषित दर से महंगाई राहत देय होगी।
प्रश्न(34) क्या परिवार पेंशनर की अनुकंपा नियुक्ति हो जाने पर भी महंगाई राहत देय होगा ?
उत्तर :- नहीं / अनुकंपा नियुक्त परिवार पेंशनर को महंगाई राहत देय नही होगा ।
प्रश्न(35) यदि पेंशनर/परिवार पेंशनर छ0ग0राज्य से बाहर पेंशन प्राप्त करना चाहता है तो क्या प्रक्रिया होगी?
उत्तर :- छत्तीसगढ़ राज्य से बाहर पेंशन प्राप्त करने हेतु पेंशन प्रकरण के साथ प्रत्याशित पेंशन , प्रत्याशित मृत्यु सह सेवा निवृत्ति उपादान के भुगतान का विवरण दिनांक सहित तथा भविष्य के लिए भुगतान बंद करने का प्रमाण पत्र कार्यालय प्रमुख द्वारा संलग्न किया जावेगा ।
प्रश्न(36) क्या पेंशन /परिवार पेंशन के प्रथम भुगतान प्राप्त करने के लिए कोषालय में उपस्थित होना अनिवार्य है?
उत्तर :- वर्तमान नियमानुसार उपस्थित होना अनिवार्य है। परन्तु शीघ्र ही ई-पीपीओ जारी किया जाने वाला है। ई-पीपीओ की प्रक्रिया में शासकीय सेवक/परिवार पेंशनर द्वारा बैंक खाता का विवरण यथा बैंक शाखा का नाम,खाता क्रमांक ,बैंक का आईएफएससी कोड, आधार नम्बर ,पैन नम्बर ,बैंक खाता आधार से संबंद्ध होना आदि उपलब्ध होने तथा कार्यालय प्रमुख से प्रत्याशित पेंशन/उपादान भुगतान एवं अन्य जानकारी प्राप्त होने पर सीधे बैंक खाता में पेंशन/उपादान की राशि स्थानांतरित कर दी जावेगी।
प्रश्न(37) क्या इस प्रक्रिया की जानकारी संबंधित पेंशनर को भी प्राप्त होगी ?
उत्तर :- ई-पीपीओ के नवीन व्यवस्था में प्रत्येक चरण यथा कार्यालय प्रमुख द्वारा ऑन-लाईन पेंशन प्रकरण तैयार कर भेजना , भौतिक रूप से सेवा पुस्तिका सहित पेंशन प्रकरण प्राप्त होना , पेंशन प्रकरण पारित अथवा आपत्ति होना, पेंशन भुगतान आदेश जारी होना, कोषालय द्वारा बैंक खाता में पेंशन/उपादान की राशि जमा होना, पेंशन के आगामी भुगतान हेतु संबंधित बैंक को पेंशन भुगतान आदेश स्थानांतरित करने की जानकारी पेंशनर के दिए गए मोबाईल नम्बर एवं ई-मेल आई डी पर प्राप्त हो सकेगी।
प्रश्न(38) यदि पेंशनर की मृत्यु हो जाती है तो परिवार पेंशन प्रारंभ करने की प्रक्रिया क्या होगी ?
उत्तर :- पेंशनर की मृत्यु होने पर पेंशन, भुगतान में उल्लेखित परिवार पेंशनर द्वारा मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ प्रपत्र 42 अ में आवेदन प्राप्त होने पर प्रारंभ किया जा सकेगा ।
प्रश्न(39) पेंशन भुगतान प्राप्त करने लिए किन बैंक शाखाओं का उपयोग किया जा सकता है?
उत्तर :- राज्य पेंशन के भुगतान की व्यवस्था के लिए निम्नलिखित सार्वजनिक क्षेत्र के बैंको की जिनकी शाखाए छत्तीसगढ़ में स्थित है, सेवाओं का उपयोग किया जा सकता हैः- 1. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया 2.सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया 3.बैंक ऑफ इंडिया 4. पंजाब नेशनल बैंक 5.इलाहाबाद बैंक 6.बैंक ऑफ महाराष्ट्र 7 यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 8.यूको बैंक 9.देना बैंक 10 ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स।
प्रश्न(40) सेवा निवृत्ति के बाद यदि कोई पेंशनर विवाह करता है तो क्या उसके पति/पत्नि तथा उनसे पैदा बच्चों को परिवार पेंशन की पात्रता होगी ?
उत्तर :- दिनांक 21 जुलाई 1995 के पूर्व इसका प्रावधान नही था किन्तु इसके बाद राज्य शासन द्वारा यह प्रावधान किया गया है कि यदि कोई पेंशनर सेवा निवृत्ति के बाद विवाह/पुनर्विवाह करता/करती है तो इसकी सूचना निर्धारित प्रपत्र में रजिस्ट्रार /जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी विवाह प्रमाण पत्र की सत्यापित प्रति के साथ उस कार्यालय प्रमुख को देगा जहॉ से वह सेवा निवृत्त हुआ था। कार्यालय प्रमुख समुचित सत्यापन के पश्चात आवेदन पत्र संबंधित संयुक्त संचालक कोष लेखा एवं पेंशन को छ0ग0 सिविल सेवा पेंशन नियम 1976 के नियम 47(7) (बी) को ध्यान में रखते हुए भेजेगा जिसके आधार पर नियमानुसार संशोधन जारी किया जाएगा ।
टीप :- अधिक जानकारी के लिए आभार पोर्टल का विस्तृत अध्ययन करें ।
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एस. एस. पटेल , जो कि वर्तमान में BRCC के पद पर कार्यरत हैं . अभी आप Edu Depart में नि:शुल्क मुख्य संपादक के तौर पर अपनी सेवा दे रहे हैं .