School Safety Program : विद्यालयों में आपदा जोखिम कम करने और बच्चों को आपदा से निपटने की क्षमता बढ़ाने के लिए योजना बनाई जाती है, जिसमें संभावित खतरों की पहचान करना, उनसे बचाव के उपाय तय करना और नियमित शिक्षण प्रक्रिया में आपदा प्रबंधन की संस्कृति विकसित करना शामिल है।
School safety Program आपदा प्रबंधन : क्या करें तथा क्या ना करें
यह “सुरक्षित शनिवार” कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य “घर से विद्यालय एवं विद्यालय से घर तक” बच्चों को आपदाओं के बुरे प्रभाव से बचाना है।
योजना बनाने के मुख्य बिंदु:
- खतरों की पहचान:विद्यालय परिसर के भीतर और बाहर संभावित खतरों की पहचान की जाती है, जैसे आग, बाढ़, भूकंप, रासायनिक दुर्घटनाएँ, सड़क सुरक्षा संबंधी जोखिम आदि।
- जोखिम कम करना :पहचाने गए जोखिमों को कम करने या समाप्त करने के लिए प्रभावी उपाय और कार्य योजनाएँ बनाई जाती हैं, जिसमें संरचनात्मक और गैर-संरचनात्मक सुरक्षा उपाय शामिल हैं।
- क्षमता बढ़ाना:बच्चों में आपदा जोखिम न्यूनीकरण के कौशल और क्षमता का विकास किया जाता है ताकि वे स्वयं को और दूसरों को आपदाओं से बचा सकें।
- समिति का गठन:आपदा प्रबंधन समिति का गठन किया जाता है, जिसमें छात्र और शिक्षक सदस्य होते हैं, जो योजना बनाने और उसे लागू करने में मदद करते हैं।
- जागरूकता अभियान:हर शनिवार को बच्चों को आपदा प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी दी जाती है और अभ्यास कराया जाता है।
- नियमित प्रशिक्षण:इस प्रक्रिया को नियमित शिक्षण प्रक्रिया में शामिल किया जाता है ताकि यह आपदा प्रबंधन के लिए एक स्थायी संस्कृति विकसित करे।
यह गतिविधि आपदा जोखिम न्यूनीकरण और प्रबंधन के बारे में बच्चों और विद्यालय समुदाय के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, जो उन्हें सुरक्षित रखने में मदद करती है।
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डेंगू और मलेरिया, दोनों ही मच्छर जनित बीमारियां हैं, जिनसे बचाव के लिए कुछ सामान्य उपाय किये जा सकते हैं। इनमें मच्छरों के प्रजनन को रोकना, खुद को मच्छरों से बचाना और बीमारी के लक्षणों पर ध्यान देना शामिल है।
School safety Program डेंगू और मलेरिया : क्या करें तथा क्या ना करें
रोकथाम और बचाव:
- मच्छरों के प्रजनन को रोकें:
- घरों और आसपास के क्षेत्रों में पानी जमा न होने दें।
- पानी के बर्तन, फूलदान, और अन्य कंटेनरों से पानी खाली करें।
- पुराने टायर, डिब्बे, और अन्य वस्तुओं को हटा दें जो पानी जमा कर सकते हैं।
- मच्छरों से खुद को बचाएं:
- ऐसे कपड़े पहनें जो शरीर को ढकें, जैसे कि लंबी बाजू की शर्ट और पैंट।
- मच्छर भगाने वाली क्रीम (जैसे DEET या picaridin युक्त) का प्रयोग करें।
- मच्छरदानी का उपयोग करें, खासकर सोते समय।
- घर में मच्छर भगाने वाले उपकरणों का उपयोग करें।
- बीमारी के लक्षणों पर ध्यान दें:
- डेंगू और मलेरिया के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, और थकान शामिल हैं।
- यदि आपको ये लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
डेंगू के बारे में अतिरिक्त जानकारी:
- डेंगू एक वायरल बीमारी है जो एडीज मच्छर के काटने से फैलती है।
- डेंगू के गंभीर मामलों में, रक्तस्राव और अंग विफलता हो सकती है।
- डेंगू के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है।
मलेरिया के बारे में अतिरिक्त जानकारी:
- मलेरिया एक परजीवी रोग है जो प्लास्मोडियम परजीवी के कारण होता है।
- मलेरिया के गंभीर मामलों में, मृत्यु हो सकती है, खासकर बच्चों और गर्भवती महिलाओं में।
- मलेरिया के लिए दवाइयां उपलब्ध हैं, और यदि आप मलेरिया प्रभावित क्षेत्र की यात्रा कर रहे हैं, तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
अन्य महत्वपूर्ण सुझाव:
- अपने घर और आसपास के क्षेत्रों को साफ रखें।
- पर्यावरण प्रबंधन उपायों को लागू करें, जैसे कि जल निकासी प्रणालियों में सुधार और अपशिष्ट प्रबंधन।
- स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करें।
- डेंगू और मलेरिया के बारे में जागरूकता बढ़ाएं।
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