School Prayer Themes August 2025 – स्कूलों में प्रार्थना सभा के थीम

स्कूलों में प्रार्थना सभा के थीम अगस्त 2025

School Prayer Themes August 2025 – स्कूलों में प्रार्थना सभा के थीम इसलिए रखे जाते हैं ताकि बच्चों में नैतिक मूल्यों का विकास हो, वे समाज से जुड़ें, आत्मविश्वास बढ़े और उनकी एकाग्रता में सुधार हो। यह उन्हें प्रेरणादायक कहानियों, खबरों और घोषणाओं से भी अवगत कराता है और स्कूल समुदाय में एकता की भावना पैदा करता है।

बाल सुरक्षा

बाल सुरक्षा का अर्थ है बच्चों को किसी भी प्रकार की हानि, उपेक्षा, शोषण, या दुर्व्यवहार से बचाना। इसका मतलब है कि बच्चों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और कल्याण को सुनिश्चित करना, उन्हें सुरक्षित और संरक्षित वातावरण प्रदान करना। 

  • बच्चों को नुकसान से बचाना:इसमें शारीरिक, भावनात्मक, और यौन शोषण, उपेक्षा, और दुर्व्यवहार शामिल हैं। 
  • जोखिमों को कम करना:इसका मतलब है संभावित खतरों की पहचान करना और उन्हें कम करने के लिए उपाय करना। 
  • बच्चों के अधिकारों को बढ़ावा देना:यह सुनिश्चित करना कि बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य, और सुरक्षा सहित उनके सभी अधिकार प्राप्त हों। 
  • सुरक्षात्मक वातावरण बनाना:इसमें परिवारों, स्कूलों, समुदायों और संगठनों को बच्चों के लिए सुरक्षित स्थान बनाना शामिल है। 

बाल सुरक्षा एक सामूहिक जिम्मेदारी है, जिसमें सरकार, परिवार, समुदाय और व्यक्तिगत रूप से सभी शामिल हैं। 

  • बच्चों को ऑनलाइन सुरक्षित रखने के लिए माता-पिता को डिजिटल सुरक्षा के बारे में शिक्षित करना। 
  • स्कूलों में बाल यौन शोषण के खिलाफ नीतियों और प्रक्रियाओं को लागू करना। 
  • समुदायों में बाल दुर्व्यवहार के खिलाफ जागरूकता बढ़ाना। 
  • कानूनों और नीतियों को लागू करना जो बच्चों के अधिकारों की रक्षा करते हैं। 
चाइल्ड हेल्प लाइन नम्बर
  • नंबर चाइल्ड हेल्पलाइन – 1098
  • चाइल्डलाइन (1098) एक 24 घंटे, आपातकालीन टोल-फ्री हेल्पलाइन है जो देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता वाले बच्चों के लिए काम करती है। कोई भी बच्चा या वयस्क जो मदद चाहता है, वह 1098 डायल कर सकता है। 
  • यह महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार की एक परियोजना है। 

चाइल्डलाइन के मुख्य कार्य:

  • आपातकालीन सहायता:1098 पर कॉल करने वाले बच्चों या वयस्कों को तत्काल सहायता प्रदान करना।
  • सुरक्षा:संकटग्रस्त बच्चों को उनके परिवारों या आश्रय गृहों में सुरक्षित पहुंचाना।
  • परामर्श:बच्चों और उनके परिवारों को परामर्श और मार्गदर्शन प्रदान करना।
  • पुनर्वास:बच्चों के लिए दीर्घकालिक पुनर्वास सेवाएं प्रदान करना।
  • जागरूकता:बाल अधिकारों और बाल सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाना। 
  • चाइल्डलाइन एक राष्ट्रीय स्तर की सेवा है जो भारत भर के कई शहरों और जिलों में उपलब्ध है। 
  • यह एक महत्वपूर्ण सेवा है जो बच्चों को संकट से बचाने और उनके अधिकारों की रक्षा करने में मदद करती है।
01. क्या करें – बिच्छू के डंक मारने पर सुरक्षा, बचाव व प्राथमिक उपचार

बिच्छू के डंक मारने पर क्या करें:-

  • घाव को साफ करें: डंक मारने वाली जगह को साबुन और पानी से अच्छी तरह धो लें।
  • ठंडी सिकाई करें: एक कपड़े में बर्फ लपेटकर या ठंडे पानी से भिगोकर डंक वाली जगह पर 10-20 मिनट के लिए सिकाई करें।
  • दर्द निवारक दवा लें: डॉक्टर की सलाह से दर्द और सूजन को कम करने के लिए दर्द निवारक दवा लें सकते हैं।
  • अंग को ऊपर उठाएं: यदि डंक हाथ या पैर पर लगा है, तो उसे हृदय के स्तर से ऊपर उठाएं ताकि सूजन कम हो सके।
  • डॉक्टर से संपर्क करें: यदि दर्द असहनीय है, सूजन बहुत ज़्यादा है, या आपको सांस लेने में तकलीफ हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। 

बिच्छू के डंक मारने पर क्या न करें:-

  • घाव को न खरोंचें: इससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
  • डंक वाली जगह पर पट्टी न बांधें: इससे रक्त का प्रवाह बाधित हो सकता है।
  • शराब या कैफीन का सेवन न करें: इससे निर्जलीकरण हो सकता है और दर्द बढ़ सकता है।
  • बिच्छू को पकड़ने या मारने की कोशिश न करें: इससे आपको फिर से डंक लग सकता है। 

विशेष ध्यान दें:

  • यदि आपको बिच्छू के डंक से एलर्जी है, तो आपको सांस लेने में तकलीफ, चेहरे या गले में सूजन, या पित्ती जैसे लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में तुरंत 108 या 112 पर कॉल करें।
  • बच्चों को बिच्छू के डंक लगने पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है, क्योंकि वे वयस्कों की तुलना में अधिक संवेदनशील होते हैं। 

यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी के लिए है और इसे चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। यदि आपको बिच्छू के डंक मारने पर कोई चिंता है, तो कृपया डॉक्टर से परामर्श करें।

02. क्या करें – धुँआ उठने पर सुरक्षा, बचाव व प्राथमिक उपचार

धुएं से सुरक्षा, बचाव और प्राथमिक उपचार में, सबसे पहले अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। इसके बाद, धुएं से प्रभावित व्यक्ति को सुरक्षित स्थान पर ले जाएं, आपातकालीन सेवाओं को बुलाएं, और यदि आवश्यक हो तो सीपीआर (CPR) दें। 

सुरक्षा:

  • अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करें:धुएं में प्रवेश करने से पहले, अपनी नाक और मुंह को गीले कपड़े से ढक लें। 
  • ज्वलनशील गैसों से बचने के लिए माचिस या लाइटर का उपयोग न करें।
  • धुएं से दूर रहें:धुएं से भरे क्षेत्र से तुरंत बाहर निकलें। 

बचाव:

  • सुरक्षित स्थान पर ले जाएं: धुएं से प्रभावित व्यक्ति को सुरक्षित, ताजी हवा वाले स्थान पर ले जाएं।
  • आपातकालीन सेवाओं को बुलाएं: 108 या 112 पर कॉल करें और उन्हें घटना की जानकारी दें। 

प्राथमिक उपचार:

  • वायुमार्ग की जांच करें: व्यक्ति के वायुमार्ग को साफ करें और सुनिश्चित करें कि वह स्वतंत्र रूप से सांस ले पा रहा है।
  • सांस की जांच करें: व्यक्ति की सांस की गति और गहराई की जांच करें।
  • सीपीआर दें: यदि व्यक्ति सांस नहीं ले रहा है, तो उसे सीपीआर देना शुरू करें।
  • आरामदायक स्थिति में रखें: व्यक्ति को शांत और आरामदायक स्थिति में रखें।
  • डॉक्टर को दिखाएं: धुएं से प्रभावित व्यक्ति को डॉक्टर को दिखाना चाहिए, भले ही लक्षण हल्के हों। 

अन्य महत्वपूर्ण बातें:

  • गर्दन की पट्टियाँ खोलें:यदि व्यक्ति ने कोई तंग कपड़े पहने हैं, तो उन्हें ढीला कर दें।
  • खिड़कियाँ और दरवाजे खोलें:यदि घर के अंदर हैं, तो खिड़कियाँ और दरवाजे खोलकर हवादार करें।
  • ज्वलनशील पदार्थों से दूर रहें:धुएं के संपर्क में आने वाले किसी भी ज्वलनशील पदार्थ से दूर रहें।
  • घबराहट से बचें:घबराहट से बचें और शांत रहने की कोशिश करें। 

विशेष ध्यान दें:

  • धुएं में सांस लेने से शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है, जिससे चक्कर आना, सिरदर्द, मतली, और बेहोशी जैसे लक्षण हो सकते हैं।
  • कुछ मामलों में, धुएं में मौजूद जहरीले रसायन शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं।
  • यदि आपको धुएं से कोई भी लक्षण महसूस होता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। 
03. क्या करें – चोट लगने पर सुरक्षा, बचाव व प्राथमिक उपचार

चोट लगने पर सुरक्षा, बचाव और प्राथमिक उपचार के लिए, सबसे पहले, रक्तस्राव को रोकें, घाव को साफ करें, और फिर पट्टी बांधें। यदि चोट गंभीर है, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।

चोट लगने पर सुरक्षा और बचाव:

  • सुरक्षित वातावरण: सुनिश्चित करें कि आपका काम करने का स्थान या खेल का मैदान सुरक्षित है।
  • सुरक्षा उपकरण: यदि आवश्यक हो, तो सुरक्षात्मक उपकरण जैसे कि हेलमेट, दस्ताने, आदि का उपयोग करें।
  • वार्म-अप: किसी भी शारीरिक गतिविधि से पहले, वार्म-अप करें ताकि मांसपेशियों को तैयार किया जा सके।

प्राथमिक उपचार:

  • रक्तस्राव को रोकें: यदि रक्तस्राव हो रहा है, तो साफ कपड़े या पट्टी से घाव को ढकें और उस पर दबाव डालें। 
  • घाव को साफ करें: घाव को साफ पानी से धोएं और किसी भी मलबे को हटा दें। 
  • पट्टी बांधें: घाव को साफ पट्टी या ड्रेसिंग से ढकें। 
  • स्थिरीकरण: यदि कोई अंग घायल हो गया है, तो उसे स्थिर करें। 
  • ठंडा सेक: सूजन को कम करने के लिए, चोट पर ठंडा सेक लगाएं। 
  • चिकित्सा सहायता: यदि चोट गंभीर है, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें। 

अन्य महत्वपूर्ण बातें:

  • जलन: जलने की स्थिति में, तुरंत ठंडे पानी से धोएं। 
  • सिर में चोट: सिर में चोट लगने पर, तुरंत चिकित्सा सहायता लें, खासकर यदि उल्टी या बेहोशी हो। 
  • बच्चों की चोट: बच्चों को चोट लगने पर, विशेष ध्यान दें और यदि आवश्यक हो, तो चिकित्सा सहायता लें। 

स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह या जांच के लिए, किसी पेशेवर डॉक्टर से बात करें।

04. क्या करें – डूबने पर सुरक्षा, बचाव व प्राथमिक उपचार

डूबने की स्थिति में, सबसे पहले अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करें, फिर सहायता के लिए बुलाएं और डूबते हुए व्यक्ति को पानी से बाहर निकालने का प्रयास करें। इसके बाद, सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) और कृत्रिम श्वास दें, और फिर प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल ले जाएं। 

डूबने पर क्या करें:

  • सुरक्षा:सबसे पहले, अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करें। यदि आप तैरना नहीं जानते हैं, तो पानी में न उतरें और मदद के लिए किसी और को बुलाएं. 
  • सहायता बुलाएं:108 या 112 जैसी आपातकालीन सेवाओं को कॉल करें या आस-पास के लोगों को मदद के लिए बुलाएं. 
  • डूबते हुए व्यक्ति को पानी से बाहर निकालें:यदि आप तैरना जानते हैं और सुरक्षित रूप से ऐसा कर सकते हैं, तो डूबते हुए व्यक्ति को पानी से बाहर निकालने का प्रयास करें. 

प्राथमिक उपचार:

  • नाड़ी और सांस की जांच करें: यदि डूबने वाले व्यक्ति की नाड़ी और सांस नहीं चल
  • सीपीआर: छाती को 100-120 बार प्रति मिनट की दर से दबाएं, और 30 छाती के दबाव के बाद, 2 बार कृत्रिम सांस दें.  रही है, तो तुरंत सीपीआर शुरू करें. 
  • कृत्रिम सांस: यदि व्यक्ति सांस नहीं ले रहा है, तो उसके मुंह को अपने मुंह से ढककर कृत्रिम सांस दें. 
  • रिकवरी पोजीशन: यदि व्यक्ति की नाड़ी चल रही है, लेकिन सांस नहीं ले रहा है, तो उसे बगल की तरफ लिटाएं ताकि तरल पदार्थ उसके श्वसन तंत्र से निकल सकें. 
  • हॉस्पिटल ले जाएं:प्राथमिक उपचार के बाद, डूबने वाले व्यक्ति को जल्द से जल्द अस्पताल ले जाएं. 

डूबने से बचाव के लिए सुझाव:

  • तैराकी सीखें: तैराकी सीखना डूबने से बचने का सबसे अच्छा तरीका है. 
  • पानी के पास बच्चों की निगरानी करें: वयस्कों को हमेशा बच्चों की पानी के पास निगरानी करनी चाहिए. 
  • लाइफ जैकेट का उपयोग करें: तैराकी, नौका विहार या अन्य जल गतिविधियों के दौरान लाइफ जैकेट का उपयोग करें. 
  • शराब से बचें: पानी के पास शराब पीने से बचें. 
  • सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करें: पूल के पास सुरक्षा घेरा, रस्सी और प्राथमिक चिकित्सा किट रखें. 
  • जल निकायों को सुरक्षित करें: सभी जल निकायों में बाड़ लगाएं ताकि बिना निगरानी के प्रवेश को रोका जा सके. 
  • बच्चों को तैराकी और जल सुरक्षा कौशल सिखाएं: बच्चों को तैराकी सिखाना और उन्हें जल सुरक्षा नियमों से अवगत कराना महत्वपूर्ण है. 

डूबना एक गंभीर स्थिति है, और समय पर और सही प्राथमिक उपचार से जीवन बचाया जा सकता है. 

05. क्या करें – जलने पर सुरक्षा, बचाव व प्राथमिक उपचार

जलने पर सुरक्षा, बचाव और प्राथमिक उपचार के लिए, सबसे पहले जलने की प्रक्रिया को रोकना चाहिए। फिर, जले हुए स्थान को कम से कम 20 मिनट तक ठंडे, बहते पानी से ठंडा करना चाहिए। इसके बाद, जले हुए स्थान को एक साफ, सूखे कपड़े से ढकना चाहिए और चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए, खासकर यदि जलन गंभीर हो। 

सुरक्षा:

  • आग या गर्मी के स्रोतों के पास सावधानी बरतें।
  • बच्चों को आग और गर्मी से दूर रखें।
  • सुरक्षा उपकरण पहनें, जैसे कि दस्ताने और एप्रन, जब आप गर्म वस्तुओं को संभाल रहे हों।
  • जलने से बचने के लिए रसोई और बाथरूम में सावधानी बरतें। 

बचाव:

  • यदि आपके कपड़ों में आग लग जाती है, तो रुकें, गिरें और लुढ़कें।
  • आग बुझाने के लिए पानी या कंबल का उपयोग करें।
  • रासायनिक जलन के मामले में, प्रभावित क्षेत्र को पानी से अच्छी तरह धो लें। 

प्राथमिक उपचार:

जलन की प्रक्रिया को रोकें:

  • आग या गर्मी के स्रोत से दूर हट जाएं।
  • कपड़े या गहने जो जले हुए स्थान से चिपके हुए हैं, उन्हें हटाने की कोशिश न करें।
  • जले हुए स्थान को कम से कम 20 मिनट तक ठंडे, बहते पानी से ठंडा करें।
  • पानी का उपयोग करते समय, बर्फ या बहुत ठंडा पानी का उपयोग न करें, क्योंकि इससे जलन और खराब हो सकती है।

जले हुए स्थान को साफ करें:

  • जले हुए स्थान को हल्के साबुन और पानी से धो लें।
  • जले हुए स्थान को सुखाने के लिए एक साफ, मुलायम कपड़े का उपयोग करें।

जले हुए स्थान को ढकें:

  • जले हुए स्थान को एक साफ, सूखे, गैर-स्टिकिंग ड्रेसिंग से ढकें।
  • ड्रेसिंग को बहुत कसकर न बांधें, क्योंकि इससे रक्त परिसंचरण बाधित हो सकता है।

चिकित्सा सहायता लें:

  • यदि जलन गंभीर है, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
  • गंभीर जलन में फफोले, त्वचा का रंग बदलना, या दर्द शामिल हो सकता है।
  • रासायनिक जलन या बिजली के झटके के कारण होने वाली जलन भी गंभीर मानी जाती है। 

अन्य महत्वपूर्ण सुझाव:

  • जले हुए स्थान पर टूथपेस्ट, मक्खन, या अन्य घरेलू उपचारों का उपयोग न करें, क्योंकि इससे संक्रमण हो सकता है।
  • निर्जलीकरण से बचने के लिए खूब पानी पिएं।
  • यदि आपको दर्द हो रहा है, तो आप बिना पर्ची वाली दर्द निवारक दवा ले सकते हैं, जैसे कि इबुप्रोफेन या एसिटामिनोफेन।
  • डॉक्टर से सलाह लिए बिना, जले हुए स्थान पर कोई भी क्रीम या मलहम न लगाएं। 
06. क्या करें – अन्य आपात स्थितियों से सुरक्षा, बचाव व प्राथमिक उपचार

अन्य आपात स्थितियाँ:

  1. प्रत्येक स्थिति के लिए विशिष्ट बचाव तकनीकों का उपयोग करें। 
  2. उदाहरण के लिए, बिजली के झटके में, पीड़ित को बिजली के स्रोत से दूर ले जाएं, लेकिन बिजली के तार को छूने से बचें। 
01. अग्नि सुरक्षा

अग्नि सुरक्षा उन प्रथाओं का समूह है जिनका उद्देश्य आग से होने वाले विनाश को कम करना है। अग्नि सुरक्षा उपायों में वे उपाय शामिल हैं जिनका उद्देश्य अनियंत्रित आग को लगने से रोकना है और वे उपाय जो आग के प्रसार और प्रभाव को सीमित करने के लिए उपयोग किए जाते हैं।

कुछ सामान्य आग के खतरे हैं: 

  • रसोई में बिना देखरेख के खाना पकाने, ग्रीस की आग/चिप पैन की आग से आग लगना।
  • विद्युत प्रणालियाँ जो अतिभारित हैं, जिनका रखरखाव ठीक से नहीं किया गया है या जो दोषपूर्ण हैं।
  • अपर्याप्त सुरक्षा वाले उपकरणों के पास ज्वलनशील पदार्थ जो गर्मी, ज्वाला या चिंगारी उत्पन्न करते हैं।
  • मोमबत्तियाँ और अन्य खुली लपटें धूम्रपान (सिगरेट, सिगार, पाइप, लाइटर, आदि)
  • उपकरण जो ऊष्मा उत्पन्न करते हैं और दहनशील पदार्थों का उपयोग करते हैं
  • ज्वलनशील तरल पदार्थ और एरोसोल ज्वलनशील विलायक (और विलायक में भीगे हुए कपड़े) को बंद कूड़ेदानों में रखा जाता है।
  • फायरप्लेस की चिमनियों की उचित या नियमित सफाई न होना।
  • खाना पकाने के उपकरण – स्टोव, ओवन, हीटिंग उपकरण – फायरप्लेस, लकड़ी जलाने वाले स्टोव, भट्टियां, बॉयलर, पोर्टेबल हीटर, ठोस ईंधन ।
  • घरेलू उपकरण – कपड़े सुखाने की मशीन, कर्लिंग आयरन, हेयर ड्रायर, रेफ्रिजरेटर, फ्रीजर, बॉयलर, क्रिओसोट को सांद्रित करने वाली चिमनियाँ
  • बिजली के तार ख़राब हालत में
  • लीक/दोषपूर्ण बैटरियाँ
  • व्यक्तिगत प्रज्वलन स्रोत – माचिस, लाइटर
  • इलेक्ट्रॉनिक और विद्युत उपकरण
  • बाहरी खाना पकाने के उपकरण – बारबेक्यू

आग लगने पर अग्नि सुरक्षा नियम और सुझाव –

  • दूसरों को सचेत करें – ऐसा नज़दीकी फायर अलार्म बजाकर या आस-पास के लोगों को सूचित करने के लिए “आग!” चिल्लाकर किया जा सकता है। जितनी जल्दी सभी को खतरे का एहसास होगा, उतनी ही जल्दी वे उचित कार्रवाई कर सकेंगे।
  • सुरक्षित रूप से बाहर निकलें – निर्धारित निकासी मार्गों का पालन करें। दरवाज़े खोलने से पहले उन्हें गर्म महसूस करें, और अगर कोई दरवाज़ा गर्म लगे, तो उसे न खोलें क्योंकि यह दूसरी तरफ आग लगने का संकेत हो सकता है।
  • यदि आवश्यक हो तो नीचे रेंगें – जमीन के करीब रहें जहां हवा कम विषाक्त है, और धुएं और विषाक्त गैसों को अंदर लेने से बचने के लिए अपने हाथों और घुटनों के बल रेंगें।
  • अपने पीछे दरवाजे बंद कर लें – इससे आग और धुएं का फैलाव धीमा करने और बचने के रास्ते सुरक्षित करने में मदद मिलती है, जिससे दूसरों को सुरक्षित बाहर निकलने के लिए समय मिल जाता है।
  • सीढ़ियों का प्रयोग करें, लिफ्ट का नहीं – निकासी के लिए हमेशा सीढ़ियों का उपयोग करें, विशेष रूप से बहुमंजिला इमारतों में, क्योंकि आग लगने के दौरान लिफ्ट खराब हो सकती है या आपको आग से प्रभावित मंजिल पर ले जा सकती है।
  • शांत रहें – शांत और एकाग्र रहने की कोशिश करें। दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करें।
  • आपातकालीन प्रोटोकॉल का पालन करें – यदि आप किसी सार्वजनिक स्थान पर हैं, तो कर्मचारियों या आपातकालीन कर्मियों द्वारा दिए गए निर्देशों और आपातकालीन प्रोटोकॉल का पालन करें।
  • ज़रूरतमंदों की मदद करें – अगर आपको कोई ऐसा व्यक्ति मिले जो खुद बाहर निकलने में असमर्थ हो, तो अगर ऐसा करना सुरक्षित हो, तो उसकी मदद करें। जितनी जल्दी हो सके, अग्निशमन कर्मियों या आपातकालीन सहायता दल को उनके स्थान के बारे में सूचित करें।
  • इमारत में दोबारा प्रवेश न करें – एक बार सुरक्षित बाहर निकलने के बाद, किसी भी कारण से इमारत में दोबारा प्रवेश न करें जब तक कि अधिकारी इसे सुरक्षित घोषित न कर दें। चूँकि आग लगने की स्थिति तेज़ी से बदल सकती है, इसलिए पेशेवर मार्गदर्शन की प्रतीक्षा करना सबसे अच्छा है।
  • आपातकालीन सेवाओं को कॉल करें – जैसे ही आप सुरक्षित स्थान पर पहुंच जाएं, अपनी स्थानीय सरकार के आपातकालीन सेवा नंबर पर कॉल करें और उन्हें आग, अपने स्थान और अंदर मौजूद किसी भी व्यक्ति के बारे में सटीक जानकारी प्रदान करें।
02. साइबर सुरक्षा

साइबर सुरक्षा, कंप्यूटर, सर्वर, मोबाइल उपकरणों, इलेक्ट्रॉनिक प्रणालियों, नेटवर्क और डेटा को दुर्भावनापूर्ण हमलों से बचाने की प्रक्रिया है। इसे सूचना प्रौद्योगिकी सुरक्षा या इलेक्ट्रॉनिक सूचना सुरक्षा भी कहा जाता है।

03. खाद्य सुरक्षा एवं यातायात सुरक्षा

साइबर अपराध के प्रकार क्या हैं?

साइबर अपराध, जिसे कानूनी संदर्भ में अक्सर साइबर अपराध कहा जाता है , में दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल होती है, जैसे:

  1. ईमेल और इंटरनेट धोखाधड़ी.
  2. पहचान धोखाधड़ी (जहाँ व्यक्तिगत जानकारी चुराई जाती है और उसका उपयोग किया जाता है)।
  3. साइबर चोरी, जिसमें वित्तीय या कार्ड भुगतान डेटा का अनधिकृत अधिग्रहण शामिल है।
  4. कॉर्पोरेट डेटा की चोरी और बिक्री।
  5. साइबर जबरन वसूली (धमकी भरे हमले को रोकने के लिए पैसे की मांग करना)।
  6. रैनसमवेयर हमले (साइबर जबरन वसूली का एक प्रकार)।
  7. क्रिप्टोजैकिंग (जिसमें हैकर्स उन संसाधनों का उपयोग करके क्रिप्टोकरेंसी माइन करते हैं जो उनके स्वामित्व में नहीं होते हैं)।
  8. साइबर जासूसी (जिसमें हैकर्स सरकारी या कंपनी के डेटा तक पहुंच बनाते हैं)।
  9. सिस्टम में इस तरह हस्तक्षेप करना जिससे नेटवर्क प्रभावित हो।
  10. कॉपीराइट का उल्लंघन करना.
  11. अवैध जुआ.
  12. ऑनलाइन अवैध वस्तुओं की बिक्री करना।
  13. बाल पोर्नोग्राफी का अनुरोध करना, उसका निर्माण करना या उसे अपने पास रखना।

साइबर अपराध से खुद को कैसे बचाएं

इसकी व्यापकता को देखते हुए, आप सोच रहे होंगे कि साइबर अपराध को कैसे रोका जाए? आपके कंप्यूटर और आपके निजी डेटा को साइबर अपराध से बचाने के लिए यहां कुछ उपयोगी सुझाव दिए गए हैं:

  • सॉफ्टवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम को अपडेट रखें :- अपने सॉफ्टवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम को अद्यतन रखना सुनिश्चित करता है कि आप नवीनतम सुविधाओं से लाभान्वित हों आपके कंप्यूटर की सुरक्षा के लिए सुरक्षा पैच।
  • एंटी-वायरस सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें और उसे अपडेट रखें:- एंटीवायरस इंटरनेट सुरक्षा समाधान का उपयोग करना आपके सिस्टम को हमलों से बचाने का एक स्मार्ट तरीका है। एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर आपको खतरों को स्कैन करने, उनका पता लगाने और उन्हें समस्या बनने से पहले ही हटाने की सुविधा देता है। इस सुरक्षा के होने से आपके कंप्यूटर और आपके डेटा को साइबर अपराध से बचाने में मदद मिलती है, जिससे आपको निश्चिंतता मिलती है। सर्वोत्तम सुरक्षा स्तर प्राप्त करने के लिए अपने एंटीवायरस को अपडेट रखें।
  • मजबूत पासवर्ड का प्रयोग करें :- ऐसे मज़बूत पासवर्ड का इस्तेमाल ज़रूर करें   जिनका लोग अंदाज़ा न लगा सकें और उन्हें कहीं भी रिकॉर्ड न करें। या इसे आसान बनाने के लिए किसी प्रतिष्ठित पासवर्ड मैनेजर का इस्तेमाल करके बेतरतीब ढंग से मज़बूत पासवर्ड बनाएँ।
  • स्पैम ईमेल में अटैचमेंट कभी न खोलें :- मैलवेयर हमलों और साइबर अपराध के अन्य रूपों से कंप्यूटरों के संक्रमित होने का एक आम तरीका स्पैम ईमेल में ईमेल अटैचमेंट के ज़रिए होता है। किसी ऐसे प्रेषक का अटैचमेंट कभी न खोलें जिसे आप नहीं जानते।
  • स्पैम ईमेल या अविश्वसनीय वेबसाइटों के लिंक पर क्लिक न करें :- साइबर अपराध का शिकार बनने का एक और तरीका है स्पैम ईमेल या अन्य संदेशों या अपरिचित वेबसाइटों में दिए गए लिंक पर क्लिक करना। ऑनलाइन सुरक्षित रहने के लिए ऐसा करने से बचें।
  • जब तक सुरक्षा की दृष्टि से आवश्यक न हो, व्यक्तिगत जानकारी न दें :- फ़ोन या ईमेल पर कभी भी अपनी निजी जानकारी न दें, जब तक कि आपको पूरी तरह से यकीन न हो कि वह लाइन या ईमेल सुरक्षित है। यह सुनिश्चित करें कि आप उसी व्यक्ति से बात कर रहे हैं जिसे आप अपना समझते हैं। 
  • संदिग्ध अनुरोधों के बारे में सीधे कंपनियों से संपर्क करें :- अगर किसी कंपनी ने आपको कॉल किया है और आपसे आपकी निजी जानकारी या डेटा मांगा जाता है, तो फ़ोन काट दें। उनकी आधिकारिक वेबसाइट पर दिए गए नंबर से उन्हें वापस कॉल करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आप उनसे बात कर रहे हैं, किसी साइबर अपराधी से नहीं। बेहतर होगा कि आप किसी दूसरे फ़ोन का इस्तेमाल करें क्योंकि साइबर अपराधी लाइन को खुला रख सकते हैं। जब आपको लगे कि आपने दोबारा डायल किया है, तो वे उस बैंक या किसी अन्य संस्था से होने का नाटक कर सकते हैं जिससे आप बात कर रहे हैं।
  • आप जिन वेबसाइट URL पर जाते हैं, उनके प्रति सचेत रहें :- जिन URL पर आप क्लिक कर रहे हैं, उन पर नज़र रखें। क्या वे वैध दिखते हैं? अपरिचित या स्पैम जैसे दिखने वाले URL वाले लिंक पर क्लिक करने से बचें। अगर आपके इंटरनेट सुरक्षा उत्पाद में ऑनलाइन लेनदेन को सुरक्षित करने की सुविधा शामिल है, तो ऑनलाइन वित्तीय लेनदेन करने से पहले सुनिश्चित करें कि वह सक्षम है।
  • अपने बैंक स्टेटमेंट पर नज़र रखें :- यह पहचानना ज़रूरी है कि आप साइबर अपराध का शिकार हो गए हैं। अपने बैंक स्टेटमेंट पर नज़र रखें और किसी भी अनजान लेन-देन के बारे में बैंक से पूछताछ करें। बैंक जाँच कर सकता है कि कहीं वे धोखाधड़ी तो नहीं हैं।
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