Rsoiya Niyukti : रसोइया नियुक्ति, मानदेय
- मध्यान्ह भोजन योजना 15 अगस्त 1995 से संचालित शुरू हुई है।
- पहले सुखा राशन के रुप में खाद्यान्न वितरण किया जाता था।
- इस योजना के अंतर्गत सितम्बर 2004 से छात्र-छात्राओं को पका हुआ भोजन देने का प्रावधान किया गया है ।
- 3 अक्टूबर 2007 से इस योजना का विस्तार करते हुए उच्च प्राथमिक शाला (कक्षा 6वीं से 8वीं तक) के विद्यार्थियों को भी मध्यान्ह भोजन की सुविधा दी गई |
- तथा 01 अप्रैल 2008 से यह योजना राज्य के समस्त शासकीय अनुदान प्राप्त अशासकीय शालाओं में संचालित है ।
पोस्ट विवरण
रसोइया नियुक्ति, मानदेय व छात्र रसोइया अनुपात
[Rsoiya Niyukti]
रसोइया का मानदेय
- छत्तीसगढ़ के स्कूल में कार्यरत रसोइयों को वर्तमान में ₹2000/ प्रतिमाह की दर से मानदेय मिलता है।
- शासनादेश PDF Download
- 01 दिसम्बर 2009 से रसोइयों को प्रतिमाह 1000/- रूपये प्रतिमाह मानदेय वर्ष में कुल 10 माह के लिए दिया जाने की स्वीकृति दी गयी।
- जिसमें केन्द्रांश 600/- तथा राज्यांश 400/ रूपये है,
- दिनांक 01.04.2013 से 200/- प्रतिमाह अतिरिक्त राज्यांश के साथ 1200 रूपये प्रतिमाह भुगतान किये जाने का आदेश जारी किया गया ।
- वित्त विभाग के जावक कमांक 1317/ वित्त विभाग/ब-3/200, दिनांक 13 अक्टूबर 2021 द्वारा छत्तीसगढ़ के स्कूल रसोइयों को पहले 1200/- प्रतिमाह मिल रहा था, जिसे बढ़ाकर 1500/रूपये प्रतिमाह किए जाने की सहमति प्रदान की गयी ।
- 15 अगस्त 2023 को मुख्यमंत्री जी द्वारा के दौरान अंशकालीन स्वीपर के मानदेय में 500 बढ़ोतरी की घोषणा की गयी ।
- घोषणा के बाद मानदेय 15अगस्त 2023 रुपये प्रतिमाह मिल रहा है।
छात्रों की संख्या के अनुपात में शाला में रसोइया नियुक्ति(Rsoiya Niyukti) संख्या
- 25 बच्चे पर 01 रसोइया ।
- 26 से 100 बच्चों के लिए 02 रसोइया ।
- 100 से ऊपर प्रत्येक 100 बच्चों पर 01 अतिरिक्त रसोइया रखे जाने का प्रावधान है।
मध्यान्ह भोजन रसोइया नियुक्ति संबंधी निर्देश
- मध्यान्ह भोजन योजना का संचालन स्थानीय महिला स्व-सहायता समूह के माध्यम से किया जा रहा है।
- शाला सेटअप में रसोईया का कोई नियमित पद स्वीकृत नही है अतः किसी भी स्तर से रसोइयां नियुक्त करने का कोई आदेश जारी नही किया जावे।
- यदि किसी स्तर पर ऐसा आदेश जारी किया गया है, तो उसे तत्काल निरस्त किया जावे। ऐसी त्रुटिपूर्ण नियुक्ति के लिये संबंधित अधिकारी स्वयं उत्तरदायी होंगे।
- रसोईयां रखने की कार्यवाही संचालनकर्ता समीति द्वारा की जाये। इस हेतु संचालनकर्ता समीति द्वारा रसोईयों के लिये उपस्थिति पंजी संधारित की जाये तथा उपस्थिति के आधार पर प्रतिमाह निर्धारित मानदेय भुगतान की जाये ।
- यदि संचालनकर्ता स्व-सहायता समूह है, तो प्राथमिकता के आधार पर समूह के सदस्यों में से ही रसोईयां रखा जावे।
- यदि समूह में से कोई भी सदस्य रसोईयां का कार्य करने में समर्थ न हो, तो ऐसी स्थिति में समूह के द्वारा बाहर से रसोईया रखा जा सकता है।
- यदि मध्यान्ह भोजन योजना का संचालन ग्राम पंचायत विद्यालय प्रबंध समिति या अन्य कोई सामाजिक समिति द्वारा किया जा रहा है, तो रसोईयां रखने का दायित्व ग्राम पंचायत अथवा संबंधित समीति का होगा।
- विशेष परिस्थितियों में मध्यान्ह भोजन योजना का संचालन, शाला के प्रधान पाठक, द्वारा भी किया जाता है। ऐसी स्थिति में रसोइया, प्रधान पाठक द्वारा स्थानीय स्तर पर रखा जावे, लेकिन रसोईयां की नियुक्ति न की जावे, बल्कि उपस्थिति के आधार पर निर्धारित मानदेय का भुगतान किया जावे। इस हेतु उपस्थिति पंजी संधारित किया जावे ।
- सभी रसोईयों को दैनिक उपस्थिति के आधार पर मानदेय दिया जाना है अतः संचालनकर्ता समूह द्वारा रसोईयों की उपस्थिति पंजी तैयार किया जावे, जिसमें प्रत्येक मध्यान्ह भोजन दिवस पर रसोईयों के हस्ताक्षर लिये जावे उपस्थिति के आधार पर ही रसोईयों का मानदेय दिया जावे ।
- चूंकि रसोईयों को कार्य में रखने का दायित्व मध्यान्ह भोजन योजना संचालनकर्ता समूह का है, अतः उनको हटाने या कार्य पर रखे जाने का अधिकार भी समूह के पास होगा।
- भविष्य में संचालनकर्ता द्वारा रसोइयां को किसी कारणवश कार्य से हटाने की स्थिति में केन्द्र या राज्य शासन जवाबदेय नही होगा।
- रसोईयों को प्रत्येक माह नियमित मानदेय की सुविधा प्रदान करने के लिये, बैंक खाता खोला जाये तथा बैंक खाते के माध्यम से मानदेय भुगतान किया जावे।
- छात्र संख्या के अनुपात में रसोईयों के नाम एवं उनसे संबंधित अन्य जानकारियां संचालनकर्ता द्वारा शाला के प्रधान पाठक को उपलब्ध कराया जायेगा, जिससे केन्द्र शासन व राज्य शासन के आनलाईन साफ्टवेयर में उपरोक्त जानकारी प्रविष्टि की जा सके।
- मध्यान्ह भोजन योजना के संचालनकर्ता समूह का कार्य संतोषप्रद नही होने या उनके विरुद्ध किसी प्रकार की शिकायत पाये जाने पर शिकायत की जांच करने एवं समूह को कार्य पर रखने या नही रखने का अधिकार जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला मध्यान्ह भोजन योजना समीति को होगा ।
- राज्य शासन की ओर से रसोइया के लिए कोई नियुक्ति पत्र जारी नहीं किया जाता है ।
- रसोइया न तो दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी है और न ही कलेक्टर द्वारा निर्धारित दर पर कार्यरत है।
- रसोइया स्व-सहायता समूह द्वारा रखे जाते हैं तथा कार्य संतोषप्रद नहीं होने पर शिकायत की स्थिति में रसोइयों को स्व-सहायता समूह द्वारा हटाया भी जा सकता है।
शाला सेटअप में रसोईया का कोई नियमित पद स्वीकृत नही है अतः किसी भी स्तर से रसोइयां नियुक्त करने का कोई आदेश जारी नहीं किया जाये ।
लोक शिक्षण संचालनालय, 22-06-2012
रसोइया नियुक्ति संबंधी प्रथम आदेश जिसमें नियुक्ति मानदेय व उसके भुगतान के संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश है आदेश दिनाँक-22-06-2012👇
📑रसोइया नियुक्ति संबंधी प्रथम आदेश
रसोइया की नियुक्ति, मानदेय से लेकर हर एक जानकारी के लिये स्कूल शिक्षा विभाग का आदेश दिनांक 26-09-2018… 👇
📑रसोइया नियुक्ति सम्पूर्ण निर्देश
रसोइया मध्यान्ह भोजन स्व सहायता समूह द्वारा संचालित है तो रसोइया, समूह के सदस्यों में से रखा जाना चाहिये । इस संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय का आदेश दिनांक-04-01-2012…👇
उपरोक्त आदेश के परिपालन में कार्यालय विकास खण्ड सरायपाली का आदेश दिनांक-31-03-2012…👇
📑रसोइया समूह का सदस्य हो संबंधी आदेश
दर्ज संख्या के अनुपात में रसोइया रखने संबंधी आदेश दिनाँक-18-09-2018 …👇
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चन्द्रप्रकाश नायक , जो कि वर्तमान में शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं . अभी आप Edu Depart में नि:शुल्क मुख्य संपादक के तौर पर अपनी सेवा दे रहे हैं .