स्कूल के बच्चों के लिए देशभक्ति गीत / 15 अगस्त को हमारे देश का स्वतंत्रता दिवस है, जिसे हम बड़े गर्व और उत्साह के साथ मनाते हैं। इस खास अवसर पर बच्चों के लिए एक देशभक्ति गीत प्रस्तुत है:
स्कूल के बच्चों के लिए देशभक्ति गीत
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बच्चों के लिए देशभक्ति गीतों का संकलन प्रस्तुत है। ये गीत न केवल बच्चों में देशभक्ति की भावना जागृत करते हैं, बल्कि उन्हें अपने देश के प्रति प्रेम और गर्व भी महसूस कराते हैं:
1. नन्हा मुन्ना राही हूँ
- फ़िल्म: सन ऑफ़ इंडिया (1962)
- यह गीत बच्चों के बीच बहुत लोकप्रिय है और उन्हें प्रेरित करता है कि वे देश के सच्चे सिपाही बनें। यह सरल और उत्साहवर्धक गीत है।
नन्हा मुन्ना राही हूँ, देश का सिपाही हूँ
बोलो मेरे संग, जय हिन्द, जय हिन्द, जय हिन्द
रस्ते पे चलूंगा न डर-डर के
चाहे मुझे जीना पड़े मर-मर के
मंज़िल से पहले ना लूंगा कहीं दम
आगे ही आगे बढाऊँगा क़दम
दाहिने बाएं दाहिने बाएं, थम!
नन्हा मुन्ना राही हूँ…
धूप में पसीना बहाऊँगा जहाँ
हरे-भरे खेत लहराएगें वहाँ
धरती पे फाके न पाएगें जन्म
आगे ही आगे …
नया है ज़माना मेरी नई है डगर
देश को बनाऊँगा मशीनों का नगर
भारत किसी से न रहेगा कम
आगे ही आगे …
बड़ा हो के देश का सितारा बनूंगा
दुनिया की आँखो का तारा बनूंगा
रखूँगा ऊँचा तिरंगा हरदम
आगे ही आगे …
शांति की नगरी है मेरा ये वतन
सबको सिखाऊँगा प्यार का चलन
दुनिया में गिरने न दूँगा कहीं बम
आगे ही आगे …
2. हम लाए हैं तूफान से कश्ती निकाल के
- फ़िल्म: जागृति (1954)
- यह गीत आज़ादी के संघर्ष और देशभक्तों के बलिदान की याद दिलाता है। बच्चों के लिए यह गीत प्रेरणा का स्रोत है।
पासे सभी उलट गए दुश्मन की चाल के
अक्षर सभी पलट गए भारत के भाल के
मंज़िल पे आया मुल्क हर बला को टाल के
सदियों के बाद फिर उड़े बादल गुलाल के
हम लाए हैं तूफ़ान से कश्ती निकाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चों सम्भाल के
तुम ही भविष्य हो मेरे भारत विशाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चों सम्भाल के
१) देखो कहीं बरबाद ना होए ये बगीचा
इसको हृदय के खून से बापू ने है सींचा
रक्खा है ये चिराग़ शहीदों ने बाल के, इस देश को…
२) दुनिया के दांव पेंच से रखना ना वास्ता
मंज़िल तुम्हारी दूर है लम्बा है रास्ता
भटका ना दे कोई तुम्हें धोखे में डाल के, इस देश को…
३) ऐटम बमों के जोर पे ऐंठी है ये दुनिया
बारूद के इक ढेर पे बैठी है ये दुनिया
तुम हर कदम उठाना ज़रा देख भाल के, इस देश को…
४) आराम की तुम भूल भुलय्या में ना भूलो
सपनों के हिंडोलों पे मगन होके ना झूलो
अब वक़्त आ गया है मेरे हँसते हुए फूलों
उठो छलाँग मार के आकाश को छू लो
तुम गाड़ दो गगन पे तिरंगा उछाल के, इस देश को…
3. ऐ वतन, ऐ वतन
- फ़िल्म: शहीद (1965)
- यह गीत भारत माता के प्रति बच्चों के प्रेम और समर्पण की भावना को व्यक्त करता है।
(ऐ वतन, ऐ वतन, हमको तेरी क़सम)
(तेरी राहों में जाँ तक लुटा जाएँगे)
(ऐ वतन, ऐ वतन)
जब शहीदों की अर्थी उठे धूम से
देशवालों, तुम आँसू बहाना नहीं
पर मनाओ जब आज़ाद भारत का दिन
उस घड़ी तुम हमें भूल जाना नहीं
लौट कर आ सकें ना जहाँ में, तो क्या?
याद बन के दिलों में तो आ जाएँगे
ऐ वतन, ऐ वतन, हमको तेरी क़सम
तेरी राहों में जाँ तक लुटा जाएँगे
(ऐ वतन, ऐ वतन)
4. मेरे देश की धरती
- फ़िल्म: उपकार (1967)
- यह गीत भारतीय कृषि, मेहनतकश किसानों और देश की सुंदरता का बखान करता है। बच्चों के लिए यह गीत उन्हें अपने देश की मिट्टी से जोड़ता है।
मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती
मेरे देश की धरती…
बैलों के गले में जब घुंघरू जीवन का राग सुनाते हैं
ग़म कोस दूर हो जाता है खुशियों के कंवल मुस्काते हैं
सुनके रहट की आवाज़ें यूं लगे कहीं शहनाई बजे
आते ही मस्त बहारों के दुल्हन की तरह हर खेत सजे
मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती
मेरे देश की धरती…
जब चलते हैं इस धरती पे हल ममता अंगड़ाइयाँ लेती है
क्यूं ना पूजे इस माटी को जो जीवन का सुख देती है
इस धरती पे जिसने जनम लिया, उसने ही पाया प्यार तेरा
यहां अपना पराया कोई नहीं है सब पे है मां उपकार तेरा
मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती
मेरे देश की धरती…
ये बाग़ है गौतम नानक का खिलते हैं चमन के फूल यहां
गांधी, सुभाष, टैगोर, तिलक, ऐसे हैं अमन के फूल यहां
रंग हरा हरी सिंह नलवे से रंग लाल है लाल बहादुर से
रंग बना बसंती भगत सिंह रंग अमन का वीर जवाहर से
मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती
मेरे देश की धरती…
5. दिल दिया है जान भी देंगे
- फ़िल्म: कर्मा (1986)
- यह गीत देश के लिए बलिदान देने की भावना को प्रकट करता है। बच्चों के लिए यह गीत प्रेरणादायक है और उन्हें अपने देश की रक्षा के लिए समर्पित होने का संदेश देता है।
मेरा कर्मा तू, मेरा धर्मा तू
तेरा सब कुछ मैं, मेरा सब कुछ तू
हर करम अपना करेंगे
ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है
जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए
हर करम अपना करेंगे, तू मेरा कर्मा, तू मेरा धर्मा
तू मेरा अभिमान है
ऐ वतन महबूब मेरे तुझपे दिल क़ुर्बान है
हम जिऐंगे और मरेंगे
ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है
जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए
हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई,
हमवतन, हमनाम हैं
जो करे इनको जुदा मज़हब नहीं इल्ज़ाम है
हम जिएंगे और मरेंगे ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है
जां भी देंगे ऐ वतन तेरे
तेरी गलियों में चलाकर नफ़रतों की गोलियां
लूटते हैं कुछ लुटेरे दुल्हनों की डोलियां
लुट रहे हैं आप वो अपने घरों को लूट कर
खेलते हैं बेख़बर अपने लहू से होलियां
हम जिएंगे और मरेंगे ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है
जां भी देंगे ऐ वतन तेरे
6. संदेशे आते हैं
- फ़िल्म: बॉर्डर (1997)
- यह गीत सैनिकों की भावनाओं और उनके बलिदान की कहानी सुनाता है। बच्चों में देशप्रेम की भावना को जागृत करने के लिए यह गीत महत्वपूर्ण है।
संदेसे आते हैं हमें तड़पाते हैं
जो चिट्ठी आती है वो पूछे जाती है
के घर कब आओगे लिखो कब आओगे
के तुम बिन ये घर सूना सूना है
किसी दिलवाली ने, किसी मतवाली ने
हमें खत लिखा है, ये हमसे पूछा है
किसी की साँसों ने, किसी की धड़कन ने
किसी की चूड़ी ने, किसी के कंगन ने
किसी के कजरे ने, किसी के गजरे ने
महकती सुबहों ने, मचलती शामों ने
अकेली रातों में, अधूरी बातों ने
तरसती बाहों ने और पूछा है तरसी निगाहों ने
के घर कब आओगे लिखो कब आओगे
के तुम बिन ये घर सूना सूना है
संदेसे आते हैं …
मोहब्बतवालों ने, हमारे यारों ने
हमें ये लिखा है कि हमसे पूछा है
हमारे गाँवों ने, आम की छांवों ने
पुराने पीपल ने, बरसते बादल ने
खेत खलियानों ने, हरे मैदानों ने
बसंती मेलों ने, झूमती बेलों ने
लचकते झूलों ने, दहकते फूलों ने
चटकती कलियों ने और पूछा है गाँव की गलियों ने
के घर कब आओगे लिखो कब आओगे
के तुम बिन गाँव सूना सूना है
संदेसे आते हैं …
कभी एक ममता की, प्यार की गंगा की
जो चिट्ठी आती है, साथ वो लाती है
मेरे दिन बचपन के, खेल वो आंगन के
वो साया आंचल का, वो टीका काजल का
वो लोरी रातों में, वो नरमी हाथों में
वो चाहत आँखों में, वो चिंता बातों में
बिगड़ना ऊपर से, मोहब्बत अंदर से करे वो देवी माँ
यही हर खत में पूछे मेरी माँ
के घर कब आओगे लिखो कब आओगे
के तुम बिन आँगन सूना सूना है
ऐ गुजरने वाली हवा बता
मेरा इतना काम करेगी क्या
मेरे गाँव जा, मेरे दोस्तों को सलाम दे
मेरे गाँव में है जो वो गली
जहाँ रहती है मेरी दिलरुबा
उसे मेरे प्यार का जाम दे
वहीं थोड़ी दूर है घर मेरा
मेरे घर में है मेरी बूढ़ी माँ
मेरी माँ के पैरों को छूँ के तू उसे उसके बेटे का नाम दे
ऐ गुजरनेवाली हवा ज़रा
मेरे दोस्तों मेरी दिलरुबा मेरी माँ को मेरा पयाम दे
उन्हें जा के तू ये पयाम दे
मैं वापस आऊंगा फिर अपने गाँव में
उसी की छांव में, के माँ के आँचल से
गाँव की पीपल से किसी के काजल से
किया जो वादा था वो निभाऊंगा
मैं एक दिन आऊंगा
7. कर चले हम फिदा
- फ़िल्म: हकीकत (1964)
- यह गीत उन वीर जवानों की गाथा है जिन्होंने अपने देश के लिए बलिदान दिया। यह गीत बच्चों में देश के प्रति गर्व की भावना को प्रबल करता है।
(कर चले हम फ़िदा जान-ओ-तन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों ) – (२)
साँस थमती गई नब्ज़ जमती गई
फिर भी बढ़ते कदम को न रुकने दिया
कट गये सर हमारे तो कुछ ग़म नहीं
सर हिमालय का हमने न झुकने दिया
मरते मरते रहा बाँकापन साथियों, अब तुम्हारे …
ज़िंदा रहने के मौसम बहुत हैं मगर
जान देने की रुत रोज़ आती नहीं
हुस्न और इश्क़ दोनों को रुसवा करे
वो जवानी जो खूँ में नहाती नहीं
आज धरती बनी है दुल्हन साथियों, अब तुम्हारे …
राह क़ुर्बानियों की न वीरान हो
तुम सजाते ही रहना नये क़ाफ़िले
फ़तह का जश्न इस जश्न के बाद है
ज़िंदगी मौत से मिल रही है गले
बाँध लो अपने सर से कफ़न साथियों, अब तुम्हारे …
खींच दो अपने खूँ से ज़मीं पर लकीर
इस तरफ़ आने पाये न रावण कोई
तोड़ दो हाथ अगर हाथ उठने लगे
छूने पाये न सीता का दामन कोई
राम भी तुम तुम्हीं लक्ष्मण साथियों, अब तुम्हारे …
8. भारत हमको जान से प्यारा है
- फ़िल्म: रोजा (1992)
- यह गीत बच्चों के लिए अपने देश के प्रति प्यार और गर्व की भावना को जागृत करने के लिए बहुत प्रभावी है।
भारत हमको जान से प्यारा है
सबसे न्यारा गुलिस्ताँ हमारा है
सदियों से भारत भूमि दुनिया की शान है
भारत माँ की रक्षा में जीवन कुर्बान है
उजड़े नहीं अपना चमन, टूटे नहीं अपना वतन
गुमराह ना कर दे कोई, बरबाद ना कर दे कोई
मंदिर यहाँ, मस्जिद वहाँ, हिन्दू यहाँ, मुस्लिम यहाँ
मिलते रहें हम प्यार से, जागो
हिन्दुस्तानी नाम हमारा है, सबसे प्यारा देश हमारा है
जन्मभूमि है हमारी शान से कहेंगे हम
सभी ही तो भाई-भाई प्यार से रहेंगे हम
हिन्दुस्तानी नाम हमारा है
आसाम से गुजरात तक, बंगाल से महाराष्ट्र तक
जाति कई, धुन एक है, भाषा कई, सुर एक है
कश्मीर से मद्रास तक, कह दो सभी हम एक हैं
आवाज़ दो हम एक हैं, जागो
9. इन्साफ़ की डगर पे
इन्साफ़ की डगर पे, बच्चों दिखाओ चल के
ये देश है तुम्हारा, नेता तुम्हीं हो कल के
दुनिया के रंज सहना और कुछ न मुँह से कहना
सच्चाइयों के बल पे आगे को बढ़ते रहना
रख दोगे एक दिन तुम संसार को बदल के
इन्साफ़ की …
अपने हों या पराए सबके लिये हो न्याय
देखो कदम तुम्हारा हरगिज़ न डगमगाए
रस्ते बड़े कठिन हैं चलना सम्भल-सम्भल के
इन्साफ़ की …
इन्सानियत के सर पर इज़्ज़त का ताज रखना
तन मन भी भेंट देकर भारत की लाज रखना
जीवन नया मिलेगा अंतिम चिता में जल के,
इन्साफ़ की …
इन गीतों के माध्यम से बच्चे न केवल देशभक्ति का महत्व समझते हैं, बल्कि उनमें अपने देश के प्रति प्रेम और समर्पण की भावना भी विकसित होती है। ये गीत 15 अगस्त जैसे महत्वपूर्ण अवसरों पर बच्चों को अपने देश के प्रति गर्व और सम्मान से भर देते हैं।
यह गीत बच्चों में देशभक्ति की भावना को प्रोत्साहित करता है और उन्हें स्वतंत्रता दिवस के महत्व से परिचित कराता है। इसे गाते हुए बच्चे गर्व और उत्साह से भरे रहते हैं, जिससे उनके दिलों में देश के प्रति प्रेम और सम्मान जागृत होता है।
एम.एल. पटेल , जो कि वर्तमान में शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं . अभी आप Edu Depart में लेखक के तौर के पर अपनी सेवा दे रहे हैं .
बहुत सुंदर, सादर आभार
Bahut Accha Desh bhakti song hai.
Very nice
Thank you
अद्भुत अद्वितीय
Bahut sunder sunder song hai mai apne bachchon ko ye sunaugi aur deshbhakti se avagat karaungi 🙏🙏
All songs was excellent 👍
बहुत बढ़िया कलेक्शन
👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🤝🤝🤝🤝🤝🤝🤝🤝🤝🤝🤝🤝🤝🤝🤝🤝🤝🤝🤝🤝🤝🤝🤝🤝🤝🤝🤝🤝🤝🤝🤝🤝🤝🤝✊🏼✊🏼✊🏼✊🏼✊🏼✊🏼✊🏼✊🏼✊🏼✊🏼✊🏼✊🏼✊🏼✊🏼✊🏼✊🏼✊🏼💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹