न्योता-भोजन की जानकारी शाला रजिस्टर संधारण एवं राज्य सॉफ्टवेयर में प्रविष्टि

प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना अन्तर्गत “न्योता-भोजन” की जानकारी शाला के रजिस्टर में संधारण एवं राज्य सॉफ्टवेयर में प्रविष्टि के संबंध में निर्देश छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी किया है.
राज्य में प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के गाईड-लाईन के अध्याय-12 में उल्लेखित तिथि भोजन को राज्य में “न्योता-भोजन” के नाम से लागू किया गया है। जिसमें शालाओं से विकासखण्ड कार्यालय को मासिक प्रपत्र के माध्यम से माह में दिवसवार लाभान्वित बच्चों की जानकारी प्रदान की जाती है। शालाओं में “न्योता-भोजन” प्रदाय की जानकारी का संधारण शाला के रजिस्टर में किया जाना है तथा मासिक प्रपत्र में इसकी जानकारी दी जानी है। इसकी प्रविष्टि राज्य साफ्टवेयर में की जानी है।

न्योता-भोजन की जानकारी: शाला रजिस्टर संधारण एवं राज्य सॉफ्टवेयर में प्रविष्टि

इस संबंध में निम्न निर्देश दिये जाते है-

न्योता-भोजन की जानकारी शाला रजिस्टर संधारण एवं राज्य सॉफ्टवेयर में प्रविष्टि

उपरोक्त मासिक प्रपत्र में इसकी जानकारी दी जानी है।

न्योता-भोजन की जानकारी शाला रजिस्टर संधारण

शाला में जानकारी का संधारण पृथक से रजिस्टर बना के किया जाना है। इस हेतु प्रपत्र है।

न्योता-भोजन के तीन प्रकार

संदर्भित पत्र के कंडिका क्रमांक 1.9 के बिंदु क्रमांक 2 अनुसार “न्योता-भोजन” मुख्यतः निम्न तीन प्रकार के हो सकते है-

“न्योता भोजन’ हेतु दिशा निर्देश1. न्योता भोजन1.1 “न्योता भोजन” की अवधारणा(1) ‘न्योता भोजन” की अवधारणा, मूल रूप से भारत सरकार की प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण की गाईडलाईन के कंडिका 12 में उल्लेखित तिथि भोजन से लिया गया है। यह सामुदायिक भागीदारी पर आधारित है। यह विभिन्न त्यौहारों या अवसरों जैसे वर्षगांठ, जन्मदिन, विवाह और राष्ट्रीय पर्व आदि पर बडी संख्या लोगों को भोजन प्रदान करने की भारतीय परम्परा पर आधारित है। छत्तीसगढ़ में भोजन हेतु आमंत्रित करने को न्योता कहा जाता है। इसी आधार पर छत्तीसगढ़ राज्य में तिथि भोजन को ‘न्योता भोजन’ के नाम से लागू किया जा रहा है।(2) समुदाय के सदस्य ऐसे अवसरों/त्यौहारों पर अतिरिक्त खाद्य पदार्थ या पूर्ण भोजन के रूप में बच्चों को पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन प्रदान कर सकते है।(3) यह पूरी तरह स्वैच्छिक है और समुदाय के लोग अथवा कोई भी सामाजिक संगठन या तो पूर्ण भोजन का योगदान कर सकते हैं या अतिरिक्त पूरक पोषण के रूप में मिठाई, नमकीन, फल या अंकुरित अनाज आदि के रूप में खादय सामग्री का योगदान कर सकते हैं। ध्यान रहे न्योता भोजन शाला में दिये जाने वाले भोजन का विकल्प नहीं है. बल्कि यह केवल शाला में प्रदान किये जाने वाले भोजन का पूरक है।(4) प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना में समुदाय की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिये छत्तीसगढ़ राज्य में भी न्योता भोजन की अवधारणा रखी गई है, जिसमें प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना से लाभांवित हो रहे बच्चों को अतिरिक्त खाद्य पदार्थ या पूर्ण भोजन के रूप में पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन प्रदान किया जा सकेगा। इस कार्यक्रम के तहत समुदाय के सदस्य विशेष अवसरों पर मिठाई, नमकीन, फल आदि के रूप में अतिरिक्त वस्तु या पूर्ण भोजन प्रदान कर सकते है। इसके तहत समुदाय के सदस्य किचन के बर्तन भी उपलब्ध करा सकते हैं।न्योता भोजनPage 11.2 न्योता भोजन के लाभ:1.3(1) “न्योता भोजन” समुदाय के बीच अपनेपन की भावना विकसित करने में मदद करेगा।(2) यह प्रधानमंत्री पोषण के अन्तर्गत प्रदान किये जाने वाले भोजन के पोषक मूल्य में वृद्धि करने में मदद करेगा।(3) यह शाला और स्थानीय समुदाय के मध्य आपसी तालमेल के विकास में सहायक होगा।(4) सभी समुदाय, वर्ग के बच्चों में समानता की भावना पैदा करने में मदद करेगा।(5) पूरक पोषण के माध्यम से न्योता भोजन बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को और मजबूत करने में मदद करेगा।संभावित दाताओं की पहचान(1) समुदाय में ऐसे दान दाताओं की पहचान की जा सकती है जो रोटेशन में माह में कम से कम एक दिन शाला में ‘न्योता भोजन’ करा सके।(2) दान दाताओं को प्रोत्साहित करने के लिये उन्हें शाला की प्रार्थना सभा अथवा वार्षिक दिवस में सम्मानित किया जाये।(3) भोजन दान की प्रकृति को महादान के रूप में प्रचारित किया जाना चाहिये। जिसमें पूरे विद्यालय अथवा किसी कक्षा विशेष के बच्चों को “न्योता भोजन’ कराया जाता है। ‘न्योता भोजन के दिन दान दाता को शाला में आमंत्रित किया जाना चाहिये। ‘न्योता भोजन’ की घोषणा प्रार्थना के दौरान की जानी चाहिये। इस घोषणा में दान दाता के नाम की भी घोषणा की जा सकती है अथवा उन्हें आमंत्रित किया जा सकता है।1.4 “न्योता भोजन” के अन्तर्गत प्रदान की जाने वाली सामग्रियां-(1) प्रदान की जाने वाली सामग्री में शाला के लिये पूर्ण भोजन, कक्षा विशेष के लिये पूर्ण भोजन अथवा अतिरिक्त पोषण आहार हो सकता है। इसके अतिरिक्त पूर्ण या अतिरिक्त पोषण हेतु सामग्री प्रदान की जा सकती है जिसे शाला के रसोईयों के द्वारा बनाकर बच्चों को परोसा जा सकता है।(2) दान-दाताओं द्वारा प्रदान किया जाने वाला खाद्य पदार्थ अथवा सामग्री उस क्षेत्र के खान-पान की आदत (फुड हैबिट) के अनुसार होनी चाहिये।(3) पूर्ण भोजन की स्थिति में नियमित रूप से दिये जाने वाले भोजन के समान बच्चों को दाल, सब्जी और चावल सभी दिया जाना है।(4) फल, दूध, मिठाई, बिस्किट्स, हलवा, चिक्की, अंकुरित खाद्य पदार्थ जैसे सामग्री, जो बच्चों को पसंद हो का चुनाव अतिरिक्त पूरक पोषण सामग्री के रूप में किया जा सकता है।

(5) पौष्टिक एवं स्वादिष्ट मौसमी फलों का चयन भी पूरक पोषण सामग्री के रूप में किया जा सकता है। मौसमी फल अपेक्षाकृत सस्ते एवं पौष्टिक होते है।(6) शाला में बच्चों से पूछकर भी ऐसे खाद्य पदार्थों की सूची तैयार की जानी चाहिये जो बच्चे ‘न्योता भोजन’ में खाना चाहते हो। इस सूची को दान दाताओं को उपलब्ध कराया जाना चाहिये जिससे वे बच्चों के पसंद की खाद्य सामग्री का अपने बजट के अनुसार चयन कर बच्चों को ‘न्योता भोजन’ में उपलब्ध करा सकते है। इससे दान दाता तथा बच्चों दोनों को संतुष्टि प्राप्त होगी।(7) ‘न्योता भोजन’ हेतु किसी प्रकार की कैश /चेक शाला द्वारा स्वीकार नहीं किया जाना है।1.5 “न्योता भोजन’ की आवृति एवं भागीदारी की भावना1.6(1) समुदाय की शाला में भागीदारी को बढ़ावा देने के लिये समुदाय के सदस्यों के मध्य माह में कम से कम एक दिन स्वच्छता एवं स्वच्छता प्रोटोकाल का पालन करते हुये ‘न्योता भोजन’ को प्रोत्साहित किया जाना चाहिये।(2) न्योता भोजन में बच्चे एक साथ बैठ सकते है और सही मायने में भोजन/अतिरिक्त खाद्य पदार्थों का आनंद उठा सकते है।खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता से संबंधितप्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण के अन्तर्गत खाद्य सुरक्षा एवं स्वच्छता संबंधी जारी दिशा-निर्देशों का पालन शाला स्तर पर किया जाता है इसके उपरांत भी उन दिशा-निर्देशों को पुनः दुहराया जाता है-(1) बच्चों को ताजा गरम भोजन दिया जाना है। किसी भी Packed Item के मामले में उसकी समाप्ति तिथि की जांच अवश्य की जानी है।(2) खाद्य पदार्थ पोषक तत्वों से भरपूर एवं स्वादिष्ट होनी चाहिये। इसके साथ ही इसे बच्चों में स्वच्छता के साथ वितरण भी आसान होनी चाहिये।(3) सब्जियों, फलों और जल्दी खराब होने वाली खाद्य पदार्थों का चुनाव करते समय यह सुनिश्चित कर लिया जाना चाहिये कि बच्चों को वितरण तक यह ताजी रहे। अर्थात ताजी सब्जियों, फलों एवं अन्य खाद्य सामग्रियों का चुनाव किया जाना है।(4) शीघ्र खराब होने वाली खाद्य पदार्थों को प्लास्टिक की थैलियों में नहीं रखा जाना चाहिये क्योंकि वाष्पोत्सर्जन की कमी के कारण खाद्य पदार्थ जल्दी खराब हो जाते है।(5) भोजन परोसने के लिये उपयोग किये जाने वाले कंटेनर गैर-विषैले पदार्थों से बने होने चाहिये।न्योता भोजनPage 31.71.8(6) खाद्य पदार्थों को परोसने के ठीक पहले इसे शिक्षकों/शाला विकास समिति के सदस्यों/ रसोइया सह सहायकों/पालकों के द्वारा चखा जाना चाहिये।(7) खाद्य पदार्थों के कंटेनर या कोई भी सामग्री जो खाद्य पदार्थ के संपर्क में आती हो, वे सभी जंग मुक्त तत्वों से बनी होनी चाहिये साथ ही वे खाद्य सामग्री को कोई विषाक्तता नहीं देते हो और इन्हें साफ करना, धोना या कीटाणु रहित करना आसान हो।(8) भोजन सामग्री को उचित ढक्कन वाले कंटेनर में ढक कर रखा जाना चाहिये जिससे खाद्य पदार्थ को धूल, गंदगी, मक्खी या अन्य कीड़े-मकोडों से बचाया जा सके।शाला प्रबंधन समिति की भूमिका(1) शाला प्रबंधन समिति की बैठकों के दौरान ‘न्योता भोजन’ के प्रावधान, दान-दाताओं की पहचान, न्योता भोजन की समय सारणी पर चर्चा की जा सकती है।(2) “न्योता भोजन’ के दौरान बच्चों को प्रदान किये जाने वाले खाद्य पदार्थों के प्रकार और मात्रा पर बैठकों में चर्चा की जा सकती है।(3) सांस्कृतिक रूप से स्वीकार्य खाद्य पदार्थों को उपलब्ध कराने में पर्याप्तसावधानी बरती जायेगी।”सबका प्रयास’-सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने हेतु, ‘न्योता भोजन’ को बढ़ाने के लिये ‘सबका प्रयास अवधारणा का उपयोग किया जाना चाहिये। सबका प्रयास, समुदाय का एक प्रयास हो सकता है। इसके लिये समुदाय को निम्नलिखित के बारे में जागरूक किया जा सकता है-(1) स्कूली बच्चों के लिये अतिरिक्त खाद्य पदार्थों के प्रावधान के पोषण संबंधी लाभ से अवगत कराना। मौसमी फल जो कम कीमत वाले और विटामिन तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर हों, बच्चों को दिया जा सकता है।(2) “न्योता भोजन’ के तहत अतिरिक्त भोजन प्रदान करने में रूचि रखने वाले सभी समुदाय के सदस्यों के लिये शाला स्तर पर एक रोस्टर तैयार किया जा सकता है।(3) अधिकतम योगदान देने वाले समुदाय के सदस्यों को स्वतंत्रता दिवस/गणतंत्र दिवस समारोह में सम्मानित किया जा सकता है।(4) वास्तव में सबका प्रयास के माध्यम से सभी समुदाय के सदस्य या तो पूर्ण भोजन के रूप में खाद्य पदार्थ या फल/मिष्ठान आदि उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे। न्योता भोजन की अवधारणा को सफलतापूर्वक जनांदोलन बनाया जा सकता है।

1.9पहल की निगरानी(1) प्रदान किये गये भोजन की संख्या और प्रकार / अतिरिक्त खाद्य सामग्री और आवधिकता की जानकारी, संधारित करने के लिये, एक रजिस्टर रखा जाना है।(2) शाला से विकासखण्ड कार्यालय में भेजे जाने वाले मासिक प्रपत्र में न्योताभोजन की जानकारी दी जानी है। जिस तिथि में “न्योता भोजन” प्रदान किया जाता है उस तिथि में विकासखण्ड स्तर पर न्योता भोजन अन्तर्गत विस्तृत जानकारी की प्रविष्टि की जानी होगी। इसकी प्रविष्टि राज्य साफ्टवेयर में की जानी है। “न्योता भोजन” तीन प्रकार के हो सकते है-1 पूर्ण भोजन (शाला की सभी कक्षाओं हेतु)2 आंशिक पूर्ण भोजन (शाला के किसी कक्षा विशेष हेतु)3 अतिरिक्त पूरक पोषण सामग्री।1.10जागरूकता सृजन और पहल का प्रचार-प्रसार(1) सभी स्तरों पर जागरूकता लाने हेतु क्रियेटिव, पैम्फलेट, पोस्टर, मीम्स, छोटे वीडियो तैयार किये जा सकते हैं।(2) समुदाय में जागरूकता लाने और इस पहल के प्रचार-प्रसार हेतु विभिन्न अधिकारिक मीडिया प्लेटफार्म जैसे विभागीय वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे ट्विटर, फेसबुक, व्हाट्सएप आदि का उचित उपयोग किया जा सकता है।(3) योजना का प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने के लिये राज्य स्तर पर अच्छे प्रदर्शन करने वाली शालाओं / संकुलों/ब्लाकों/जिलों को प्रतिवर्ष पुरस्कार / सम्मानित किया जा सकता है ताकि इस महान पोषण संबंधी पहल को जन-आंदोलन का स्वरूप दिया जा सके।”न्योता भोजन” के संबंध में विस्तृत निर्देश प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के दिशा निर्देश के अध्याय 12 में “तिथि-भोजन” के नाम से दिये गये हैं, कृपया उसका पालन करना भी सुनिश्चित करें।

प्रथम प्रकार के “न्योता भोजन” में पूर्ण भोजन है। जिसमें शाला के सभी कक्षाओं के सभी बच्चों को नियमित मध्याह्न भोजन के समान या उससे अधिक खाद्य सामाग्रियों का वितरण दान-दाता द्वारा किया जाता है। इस दिन मासिक प्रविष्टि में लाभान्वित की संख्या 0 प्रविष्ट की जानी है। “न्योता-भोजन की विस्तृत जानकारी प्रपत्र के “न्योता-भोजन” कॉलम में दी जानी है। शाला के “न्योता-भोजन” हेतु बनाये गये रजिस्टर में भी इसका संधारण किया जाना है।

द्वितीय प्रकार के “न्योता-भोजन” में आंशिक पूर्ण भोजन को लिया गया है। इसके अन्तर्गत दान-दाता द्वारा किसी कक्षा विशेष के लिये पूर्ण भोजन दिया जाता है। इस स्थिति में मासिक प्रविष्टि में “न्योता-भोजन” में लाभान्वित कक्षा के छात्रों को छोडकर शेष कक्षा के लाभान्वित छात्रों की संख्या ली जानी है। “न्योता-भोजन” की विस्तृत जानकारी मासिक प्रपत्र के “न्योता-भोजन” कॉलम में दी जानी है। शाला के “न्योता-भोजन” हेतु बनाये गये रजिस्टर में भी इसका संधारण किया जाना है।

तृतीय प्रकार के “न्योता-भोजन” में शाला में नियमित भोजन दिया जाना है। दान-दाता द्वारा अतिरिक्त पोषण सामग्री जैसे फल, मिठाई, बिस्कट्स हलवा आदि हो सकता है। इस स्थिति में सामान्य दिनों की तरह ही लाभान्वित की संख्या मासिक प्रपत्र में प्रविष्ट की जानी है। “न्योता-भोजन” की विस्तृत जानकारी प्रपत्र के “न्योता भोजन” कॉलम में दी जानी है। शाला के “न्योता भोजन” हेतु बनाये गये रजिस्टर में भी इसका संधारण किया जाना है।

चौथा प्रकार का न्योता भोजन

यदि कोई दान-दाता यदि शाला में किचन हेतु बर्तन या योजना में उपयोग होने वाले कोई अन्य सामग्री दान स्वरूप देना चाहते हो तो उसे चौथा प्रकार माना जाना है।

“न्योता-भोजन” की घोषणा

दान-दाता द्वारा “न्योता-भोजन” की घोषणा शाला के प्रधानपाठक के माध्यम से “न्योता-भोजन” की तिथि से कम से कम 3 दिन पूर्व शाला में की जानी है तथा इसकी सूचना शाला में प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण के संचालनकर्ता एजेंसी को भी दी जानी है।

“न्योता-भोजन” के दिन भी AMS में लाभान्वित की संख्या सामान्य दिनों की तरह की जानी है। इसमें नियमित भोजन एवं “न्योता भोजन” दोनों में लाभान्वित की संख्या को जोड़कर दिया जाना है। इसकी संख्या किसी स्थिति में शाला की कुल दर्ज संख्या से अधिक नहीं होगी।

“न्योता-भोजन” के दिन योजना में संलग्न सभी रसोईयों को उपस्थित रहना है।

“न्योता-भोजन” के दिन इस बात का अवश्य ध्यान रखा जाना है कि इस आयोजन से शाला के नियमित अध्यापन कार्य में कोई व्यवधान न हो।

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