प्राथमिक कक्षाओं में बाल सभा (Children’s Assembly) : बाल सभा प्राथमिक स्तर पर अध्ययन योग्य आयु वर्ग (6-11) के बच्चों के समग्र विकास के लिए संस्थागत मंच के रूप में कार्य करती है। बाल सभा का सदस्य होने से बच्चों को अपने गाँव/वार्ड के भीतर कई गतिविधियों में शामिल होने का अवसर मिलता है,जिससे उनका आत्मविश्वास और एक-दूसरे के प्रति समझ भी बढ़ती है।बाल सभा के माध्यम से स्कूल में विभिन्न गतिविधियों के संचालन में बच्चों का सहयोग लिया जाता है जिससे बचपन से ही उनमें एक आनंदमयी तरीके से जिम्मेदारी का अहसास होने लगता है और उनमें सकारात्मक व्यवहार सुनिश्चित करती है।
प्राथमिक स्तर पर बाल सभा में निम्नलिखित पदाधिकारी चुनाव के माध्यम से चयनित किए जाएंगे-
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- प्रधानमंत्री
- शिक्षामंत्री
- खेल,संस्कृति एवं खाद्य मंत्री
- स्वास्थ्य एवं स्वच्छता मंत्री
- कृषि एवं पर्यावरण मंत्री
- सुरक्षा एवं जन-संपर्क मंत्री
चुनाव के लिए उम्मीदवारों को तय करते समय इस बात का ध्यान रखेंगे कि मंत्रियों में से 50% कोटा बालिकाओं के लिए आरक्षित किया जाए। ये सभी मंत्री प्राथमिक विद्यालय में प्रधानपाठक के मार्गदर्शन में कार्य करेंगे एवं उनको सौंपी गयी विभिन्न जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए अपने सहयोगियों की एक टीम बनाएंगे एवं विभिन्न गतिविधियों में प्राथमिक शाला के सभी विद्यार्थियों की सक्रिय सहभागिता लेंगे। इनका कार्यकाल एक सत्र का होगा और प्रत्येक सत्र में चुनाव के माध्यम से पदाधिकारियों का चयन किया जाएगा।
प्राथमिक कक्षाओं में बाल सभा (Children’s Assembly) के कार्य
बाल सभा अपने मंत्रियों के माध्यम से उनके चयन उपरान्त मुख्य रूप से निम्नलिखित क्षेत्रों में कार्य करेगी-
प्रधानमंत्री :-
बाल सभा का नेतृत्व प्रधानमंत्री करेंगे और ये सभी मंत्रियों को काम देते हुए उन्हें उनके काम को समय पर पूरा करने में सहयोग भी देंगे। ये बाल सभा के विभिन्न कार्यों एवं गतिविधियों का रिकार्ड भी प्रधानपाठक के सहयोग से संधारित करेंगे।जो मंत्री ठीक से अपने विभाग का काम नहीं कर रहे हैं उन्हें एक दो बार समझाइश देकर प्रदर्शन में सुधार नहीं आने पर सर्वसम्मति से उन्हें
बदला जा सकेगा।
शिक्षा मंत्री :-
शिक्षा मंत्री स्कूल में बच्चों की नियमित पढाई, नियमित कक्षाओं का आयोजन, शिक्षकों की अनुपस्थिति में समुदाय से व्यवस्था में शिक्षक के साथ- साथ शिक्षकों की अनुपस्थिति में भी अपने साथियों के साथ मिलकर सभी को सीखने में सक्रिय रखेंगे एवं विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करते हुए शाला समय का सीखने में सदुपयोग सुनिश्चित करेंगे।
शाला पुस्तकालय में उपलब्ध पुस्तकों का श्रेणीकरण कर विभिन्न कक्षाओं के बच्चों को नियमित रूप से पुस्तक इशू करवाते हुए उन्हें पढने के लिए प्रेरित करेंगे। शिक्षा मंत्री पुस्तकालय के नियमित संचालन के लिए भी अलग से कुछ साथियों का चयन कर उन्हें जिम्मेदारी देंगे। शिक्षा मंत्री सभी साथियों की पुस्तकों एवं अभ्यास पुस्तिकाओं पर जिल्द चढ़वाते हुए उन्हें अधिक समय तक सुरक्षित रखने का प्रयास भी करेंगे।
शिक्षा मंत्री पीछे छूट रहे बच्चों की पढाई के लिए समुदाय से शाला समय से अलग समय एवं स्थान के लिए पंचायत से मांग कर उनके सीखने के लिए समुचित व्यवस्था भी करेंगे। सभी बच्चों को घर में सीखने के लिए प्रकाशयुक्त सुरक्षित स्थान मिल सके,इसके लिए भी शिक्षा मंत्री घर घर संपर्क कर पालकों को इसके लिए प्रेरित करेंगे। शिक्षा मंत्री बच्चों के अभ्यास कार्यो को समय पर शिक्षकों से जाँच करवाते हुए, उनसे फीडबैक लेकर अपने साथियों के प्रदर्शन में निरंतर सुधार लाने का प्रयास करेंगे।
खेल,संस्कृति एवं खाद्य मंत्री :-
यह मंत्री शाला में नियमित रूप से योग एवं खेलकूद के आयोजन की व्यवस्था करेगा।खेल्गढ़िया कार्यक्रम के अंतर्गत प्राप्त सामग्री के सुरक्षा एवं नियमित उपयोग के लिए भी जिम्मेदार होगा। स्थानीय खेलों को बढ़ावा देने के साथ-साथ समुदाय से भी खेल में विशेषज्ञों का सहयोग लेगा। बच्चों को खेलो इंडिया में शामिल खेलों को खेलने के लिए संसाधन जुटाएगा। प्रत्येक शाला में बच्चों के लिए गेड़ी रखी जाए।
यह मंत्री स्थानीय संस्कृति को महत्व देने हेतु भी विभिन्न तीज-त्यौहारों एवं परंपराओं से संबंधित कार्यक्रमों को स्कूल में आयोजित करने की पहल करेगा । यह शाला में समुदाय के सहयोग से एक म्यूजियम बनाकर महत्वपूर्ण सास्कृतिक
विरासत से संबंधित सामग्रियों का संकलन करवाएगा । बच्चों को उनकी स्थानीय भाषा में सीखने में सहयोग देने शिक्षक को समुदाय से आवश्यक सहयोग सुलभ कराने में अपनी भूमिका अदा करेगा। बच्चों के लिए प्रतिमाह कुछ विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कर उनकी प्रतिभा निखारने का अवसर भी इस मंत्रालय से प्रदान किया जाएगा।
विद्यार्थियों के लिए बेहतर गुणवत्ता का पोषण आहार, उसके बनने की प्रक्रिया की निगरानी, साफ-सफाई, हाथ धोकर भोजन ग्रहण करना, पौष्टिक आहार एवं न्यौता भोजन के लिए समुदाय को प्रोत्साहित करने का काम भी इस मंत्री का होगा।
स्वास्थ्य एवं स्वच्छता मंत्री :-
यह मंत्री अपने साथियों के स्वास्थ्य पर अपना ध्यान फोकस करेगा। शिक्षक के सहयोग से निकट के स्वास्थ्य केंद्र के सतत
संपर्क में रहेगा और बच्चों के टीकाकरण एवं अन्य सुविधाओं का लाभ दिलवाने हेतु आवश्यक पहल करेगा। यह परिसर की स्वच्छता पर विशेष ध्यान देते हुए अपने विद्यालय को स्वच्छ विद्यालय की श्रेणी में लाने हेतु टीम के साथ मिलकर काम करेगा। इस मंत्री द्वारा एक टीम का गठन कर समय समय पर प्रार्थना सभा के बाद बच्चों के नाखून,दांत,बाल,नहाने,वस्त्र की साफ-सफाई पर बारीकी से जांच करवाएगा। सभी कक्षाओं में आइना, कंघी एवं नेलकटर की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी भी इस मंत्री की होगी। शौचालय का नियमित उपयोग,साफ़-सफाई की व्यवस्था एवं उपयोग हेतु जल प्रबन्धन के साथ-साथ सभी बच्चों के लिए स्वच्छ पेयजल उपलब्धता हेतु भी इन्हें जिम्मेदारी लेनी होगी। कचरा निष्पादन, परिसर की साफ-सफाई में साथियों का सहयोग, गीले कचरे और सूखे कचरे को अलग अलग रखने हेतु बाक्स एवं प्रत्येक कक्षा में डस्टबिन आदि भी रखवाना होगा।
आसपास खुले में खाद्य वस्तु न बिके, इसका ध्यान भी रखना होगा।
कृषि एवं पर्यावरण मंत्री :-
यह मंत्री शाला में बागवानी एवं किचन गार्डन तैयार करने में नेतृत्व लेगा। अपने साथियों, शिक्षकों एवं समुदाय के सहयोग से शाला परिसर को हरा-भरा एवं पोषण वाटिका के माध्यम से पोषण आहार में स्कूल में बनी सब्जियों का उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा।शाला परिसर में मूंगा,कटहल, केला,अमरुद जैसे वृक्ष लगाए जाएंगे। इसके लिए निकट के शासकीय नर्सरी एवं वन विभाग से भी सहयोग लिया जाएगा । शाला परिसर में पक्षियों एवं तितलियों के आगमन एवं निवास हेतु भी आवश्यक व्यवस्थाएं की जाएंगी।
पर्यावरण की रक्षा के लिए जागरूकता रैली का आयोजन,प्लास्टिक का उपयोग नहीं करना,पानी की बचत एवं उसके संरक्षण हेतु रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम,बिजली की बचत, समुदाय को तालाब एवं कुओं की नियमित सफाई हेतु प्रेरित करना, बड़ी संख्या में वृक्षारोपण,समुदाय को जागरूक बनाने हेतु दीवार लेखन,नियमित शौचालय का उपयोग, best out of waste आदि को प्रोत्साहित किया जाएगा।
सुरक्षा एवं जन-संपर्क मंत्री :-
शाला परिसर का सुरक्षा ओडिट करवाने की जिम्मेदारी इस विभाग की होगी।समुदाय के सहयोग से प्रत्येक शाला में शाला सुरक्षा एवं आपदा प्रबन्धन समिति का गठन करते हुए उनके माध्यम से परिसर एवं आसपास के क्षेत्रों में खुले गड्ढ़े, बिजली के तार,प्रदूषित जल,छत में दरार,सांप-बिच्छू आदि के खतरे से बचाव जैसे बातों पर ध्यान देकर सुरक्षा संबंधी सर्टिफिकेट प्रदान करेंगे। यह मंत्री समुदाय को शाला के साथ करीबी से जोड़ने के लिए जिम्मेदार होंगे। विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों का विशेष ध्यान रखते हुए उन्हें बाधा-रहित सुरक्षित वातावरण एवं सभी का सहयोग देने की व्यवस्था रखेंगे। अनुपस्थित बच्चों के घर वानर सेना को भेजना,शाला अप्रवेशी एवं शाला त्यागी बच्चों की पहचान कर उन्हें शाला में प्रवेश दिलवाना,समुदाय के सहयोग से शाला समय से अतिरिक्त समय में सीखने-सिखाने की व्यवस्था में सहयोग,शिक्षक-पालक एवं शाला प्रबन्धन समिति की बैठकों में सभी की नियमित उपस्थिति एवं सक्रिय योगदान,शाला के विकास के लिए सभी आवश्यक सहयोग एवं शाला को सामाजिक चेतना केंद्र के रूप में आगे विकसित करने की दिशा में अभी से कार्य जारी रखा जाएगा। यह मंत्री विद्यालय से शाला सुरक्षा में प्रशिक्षित शिक्षक के सहयोग से सुरक्षित शनिवार कार्यक्रम का आयोजन कर सकेंगे। जन-संपर्क मंत्री समुदाय एवं जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर बच्चों के लिए विभिन्न रचनात्मक गतिविधियों के आयोजन के लिए”बाल भवन” सुलभ करवाने में सहयोग करेंगे। प्रत्येक शाला में संचालित बाल सभा का अपना एक नाम होगा जो सर्वसम्मति से तय किया जाएगा। इस बाल सभा में समुदाय से संरक्षक भी रखे जा सकेंगे। इन सबके अलावा सभी मंत्रीगण एस सी ई आर टी द्वारा तैयार बस्ताविहीन शनिवार के लिए कक्षा पहली-दूसरी,कक्षा तीसरी से पांचवी एवं कक्षा छठवीं से आठवी तक तैयार पुस्तक में ऊल्लेखित सभी गतिविधियों का आयोजन करवाया जाना सुनिश्चित करेंगे।
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प्राथमिक कक्षाओं में बाल सभा (Children’s Assembly) करते हुए शिक्षक
बैठकों का आयोजन:
प्रत्येक पन्द्रह दिनों में प्रधानमन्त्री द्वारा अपने मंत्रीगण के साथ बैठक लेकर उनके कार्यों की समीक्षा की जाएगी एवं आगामी पन्द्रह दिनों में उनके द्वारा प्रस्तावित कार्य का अनुमोदन किया जाएगा।
मंत्रीगण अपने विभाग के कार्यों के संपादन हेतु प्रति सप्ताह अपने स्कूल के सहपाठियों के साथ बैठक लेकर उनका सहयोग सुनिश्चित करेंगे।
एम.एल. पटेल , जो कि वर्तमान में शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं . अभी आप Edu Depart में लेखक के तौर के पर अपनी सेवा दे रहे हैं .