छत्तीसगढ़ युवा महोत्सव 2022-23 का आयोजन ।
छत्तीसगढ़ एक नए उत्सव की तैयारी में जुटने जा रहा है। यह छत्तीसगढ़ लोक साहित्य और युवा महोत्सव है। इसका आयोजन हर साल स्वामी विवेकानंद की जयंती पर 12 से 14 जनवरी तक रायपुर में संभावित है । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को इसकी घोषणा की। बघेल ने कहा कि अभी हमने राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया था। प्रदेश के गांव-गांव में पंडवानी, नाचा, भरथरी, सुआ नृत्य, ददरिया जैसी कई विधाओं के गायक-नर्तक मौजूद हैं। वहीं छत्तीसगढ़ी, सरगुजिहा, गोंडी, हल्बी, भतरी जैसी बोली-भाषाओं में भी लगातार लिखा जा रहा है। इस आयोजन में साहित्य और लोक कलाओं को मंच दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आयोजन भी राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव जैसा ही होगा। अधिकारियों ने बताया कि जनवरी 2022 से शुरू होने वाला यह उत्सव भी अब नियमित किया जाएगा। युवा कल्याण विभाग हर साल स्वामी विवेकानंद की जयंती पर युवा महोत्सव का आयोजन करता रहा है। अब इसका आकार अधिक भव्य हो जाएगा।
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छत्तीसगढ़ युवा महोत्सव 2022-23 के विभिन्न आयोजन ।
- प्रति वर्ष युवा महोत्सव का आयोजन विकासखण्ड स्तर, जिला स्तर संभाग स्तर एवं राज्य स्तर पर कराया जाता रहा है ।
- विकासखण्ड स्तर एवं जिला स्तरीय आयोजन हेतु आबंटन खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा जारी किया जाएगा।
- संभाग स्तर एवं राज्य स्तरीय आयोजन हेतु वित्तीय व्यवस्था संबंधी निर्देश पृथक से जारी किए जाएंगे।
- विकासखण्ड स्तर एवं जिला स्तर के आयोजन के संपूर्ण व्यय का वहन एवं आवश्यक व्यवस्थाएं खेल एवं युवा कल्याण विभाग के द्वारा कराया जावेगा ।
- संभाग स्तरीय युवा महोत्सव का आयोजन प्रत्येक संभाग मुख्यालय में किया जावेगा, जिसके आयोजन प्रभारी संभागायुक्त होंगे।
- विकासखण्ड एवं जिला स्तरीय आयोजन हेतु जारी दिशा-निर्देश अनुसार समस्त विधा एंसंभाग स्तर युवा महोत्सव में भी आयोजित होगी।
- जिला स्तरीय युवा महोत्सव आयोजन के उपरांत संभाग के अंतर्गत निहित जिलो के विजेता प्रतिभागी / दल संभाग स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेंगे।
- संभाग स्तरीय युवा महोत्सव में जिले के प्रतिभागी / दल को उपस्थित कराने हेतु जिला खेल अधिकारी नोडल अधिकारी होंगे, जो अपने जिले के कलेक्टर के निर्देशानुसार समन्वय कर कार्यवाही करेंगे।
छत्तीसगढ़ युवा महोत्सव 2022-23 का आयोजन तिथि-
- राष्ट्रीय युवा महोत्सव एवं राज्य स्तरीय युवा महोत्सव का आयोजन एक ही तिथि 12 से 14 जनवरी, 2023 को होना संभावित है।
- राष्ट्रीय युवा महोत्सव में सम्मिलित 18 विधाएं में संभाग स्तर पर प्रावीण्य अनुसार 02 प्रतिभागियों/दलों को चिन्हित किया जावेगा,
- जिसमें से 01 प्रतिभागी / दल को राष्ट्रीय युवा महोत्सव में भेजा जावेगा एवं 01 दल / प्रतिभागी का राष्ट्रीय युवा महोत्सव में भेजने हेतु चयनित होने पर उसी विधा के दूसरे प्रतिभागी / दल को राज्य स्तरीय युवा महोत्सव में भागीदारी कराया जावेगा।
- राष्ट्रीय युवा महोत्सव में भेजने वाले प्रतिभागी / दल का चयन संचालनालय, खेल एवं युवा कल्याण द्वारा नियुक्त निर्णायकों द्वारा किया जावेगा ।
छत्तीसगढ़ युवा महोत्सव 2022-23 का आयोजन दिशा-निर्देश-
(1) आयोजक:- खेल एवं युवा कल्याण विभाग
(2) उद्देश्य:- राज्य के प्रत्येक जिले से युवाओं को सांस्कृतिक गतिविधियों से जोड़ने एवं उनकी प्रतिभाओं को निखारने के उद्देश्य से वृहद् स्तर से आयोजन किया जाना प्रस्तावित है। विगत वर्षों में भी यह आयोजन कराया जाता रहा है।
( 3 ) आयोजन स्तरः- युवा उत्सव (यूथ फेस्टिवल ) का आयोजन निम्नांकित स्तरों पर होगा:
- विकासखण्ड युवा उत्सव – 15 नवम्बर 2022 तक
- जिला स्तरीय युवा उत्सव – 16 नवम्बर से 10 दिसंबर 2022
- संभाग स्तरीय युवा उत्सव – 11 दिसम्बर से 31 दिसंबर 2022
- राज्य स्तरीय युवा उत्सव – 12 से 14 जनवरी 2023
(4) आयु वर्ग:- 15 से 40 वर्ष तक एवं 40 वर्ष से अधिक आयु
युवा वर्ग में आयोजित की जाने वाली विधायें :-
क्र. | विधा का नाम | क्र. | विधा का नाम |
1. | लेकगीत | 10. | मृदगंम वादन (शास्त्रीय वादन) |
2. | लोकनृत्य | 11. | हारमोनियम वादन (सुगम वादन) |
3. | एकांकी नाटक (हिंदी / अंग्रेजी भाषा /छत्तीसगढ़ी) | 12. | गिटार वादन (भारतीय एवं पाश्चात्य संगीत) |
4. | शास्त्रीय गायन हिन्दुस्तानी शैली | 13. | मणीपुरी (शास्त्रीय नृत्य ) |
5. | शास्त्रीय गायन कनार्टक शैली | 14. | ओडिसी (शास्त्रीय नृत्य ) |
6. | सितार वादन (शास्त्रीय वादन) | 15. | भरतनाट्यम (शास्त्रीय नृत्य ) |
7. | बांसुरी वादन (शास्त्रीय वादन) | 16. | कत्थक (शास्त्रीय नृत्य ) |
8. | तबला वादन (शास्त्रीय वादन) | 17. | कुचीपुड़ी (शास्त्रीय नृत्य ) |
9. | वीणा वादन (शास्त्रीय वादन) | 18 | वक्तृत्व कला (शास्त्रीय नृत्य ) |
पारम्परिक एवं अन्य गतिविधियां :-
क्र. | पारम्परिक एवं अन्य गतिविधियां | क्र. | पारम्परिक एवं अन्य गतिविधियां |
1. | सुआ | 11. | पारम्परिक वेशभूषा |
2. | पंथी | 12. | फूड फेस्टिवल |
3. | करमा नाचा | 13. | चित्रकला प्रतियोगिता |
4. | सरहुल नाचा | 14. | वाद-विवाद |
5. | बस्तरिहा लोकनृत्य | 15. | क्विज |
6. | राउत नाचा | 16. | निबंध |
7. | फुगड़ी | 17. | कबड्डी |
8. | भौंरा | 18. | खो-खो |
9. | गेडी दौड़ | 19. | कुश्ती |
10. | रॉक बैंड | 20. | लोक साहित्य |
विकासखण्ड जिला एवं संभाग स्तरीय युवा महोत्सव वर्ष 2022-23 विधााओं के संबंधित दिशा-निर्देश
(1) लोक नृत्यः-
- कलाकारों की अधिकतम संख्या 20 होगी, जिसमें नर्तक एवं वादक दोनों शामिल है । एक दल में पुरुष, महिला अथवा दोनों सम्मिलित हो सकते है ।
- भारतीय शैली के पुरातन नृत्य या लोकनृत्य मान्य होंगे, लेकिन इसमें शास्त्रीय नृत्य एवं नृत्य नाटिका मान्य नहीं होगी ।
- लोक नृत्य प्रदर्शन की सीमा 15 मिनट होगी ।
- मंच व्यवस्था के लिए 05 मिनट का अतिरिक्त समय दिया जाएगा।
- लोक नृत्य तथा लोक नृत्य के गीत से संबंधित संक्षिप्त टीप पंजीयन के समय तीन प्रतियों में जमा करना होगा।
- लोक नृत्य के अंतर्गत विधा सुआ, पंथी, करमा नाचा, सरहुल नाचा, वस्तरिया लोक नृत्य, गम्मत, गेड़ी नाचा राउत नाचा, डंडा नाचा को भी सम्मिलित करें ।
(2) लोकगीत:–
- अधिकतम कलाकरों की संख्या 10 होगी ।
- लोकगीत किसी भी भारतीय क्षेत्रीय भाषा में प्रस्तुत किया जा सकता है।
- फिल्मी गीत मान्य नहीं होंगे।
- लोकगीत प्रस्तुति की अधिकतम समय सीमा 07 मिनट तथा मंच व्यवस्था के लिए 04 मिनट का अतिरिक्त समय दिया जावेगा
- लोकगीत का निर्णयन गायन की उत्कृष्टता के आधार पर किया जाएगा।
- मेकअप, वेशभूषा एवं अभिनय के आधार पर अंक नहीं दिए जाऐंगे।
- लोक गीत के अंतर्गत पण्डवानी, भरथरी को भी सम्मिलित किया जाए ।
(3) एकांकी नाटक:–
- कलाकरों की अधिकतम संख्या 12 होगी।
- सिर्फ हिन्दी भाषा व छत्तीसगढ़ी भाषा में एकांकी प्रस्तुत किया जा सकेगा ।
- एकांकी प्रदर्शन की अधिकतम समय सीमा 45 मिनट होगी। समय की गणना दर को प्रदर्शन प्रारंभ करने हेतु संकेत दिये जाने से आरंभ होगी अथवा दल द्वारा परिचय देना प्रारंभ किया जावेगा, दोनों में से जो भी पहले हो समय की गणना प्रारंभ होगी।
- कलाकार एकांकी में प्रयुक्त होने वाले साज सामान स्वयं लाएंगे। प्रकाश एवं सामान्य फर्नीचर पूर्व सूचना के आधार पर उपलब्ध कराये जा सकेंगे।
- एकांकी का निर्णयन उसकी गुणवता, थीम, अभिनय, मंच सज्जा एवं सम्पूर्ण प्रभाव के आधार पर होगी ।
(4) एकल शास्त्रीय गायन ( हिन्दुस्तानी एवं कर्नाटक ):–
- कलाकार की संख्या 01 होगी, साथ में संगतकार हो सकेंगे।
- संभाग स्तर हेतु जिले से सिर्फ एक विजेता कलाकार को भेजा जाए।
- अधिकतम समय सीमा 15 मिनट का होगा ।
- मंच व्यवस्था जैसे – माईक, वाद्ययंत्र आदि के लिये अधिकतम समय – सीमा 05 मिनट होगी ।
- फिल्मी गीत मान्य नहीं किये जाएंगे।
- राग और कम्पोजिशन पर अधिक ध्यान दिया जायेगा ।
- निर्णयन, स्वर, ताल, बोल, राग के चयन, कम्पोजिशन तथा प्रभाव की गुणवत्ता के आधार पर किया जायेगा ।
(5) एकल, वाद्य वादन (शास्त्रीय वादन) (सितार, बांसुरी, तबला, वीणा, मृदंग ):-
- कलाकार की संख्या 01 होगी। संभाग स्तर हेतु जिले से सिर्फ एक विजेता कलाकार को भेजा जाए।
- प्रतिभागी अपना वाद्ययंत्र स्वयं लेकर आएंगे।
- हिन्दुस्तानी या कर्नाटक शैली में प्रस्तुति की जा सकती है।
- सितार, बांसुरी, वीणा के लिए 15 मिनट का समय दिया जाएगा ।
- मंच व्यवस्था के लिए 05 मिनट का समय दिया जाएगा।
- निर्णयन अनुशासन, स्वयं कम्पोजिशन तथा सामान्य प्रभाव के गुणवत्ता के आधार पर होगा।
( 6 ) हारमोनियम (सुगम वादन):–
- कलाकार की संख्या 01 होगी। संभाग स्तर हेतु जिले से सिर्फ एक विजेता कलाकार को भेजा जाए ।
- अधिकतम समय सीमा 10 मिनट होगी ।
- मंच सज्जा के लिये अधिकतम समय 05 मिनट दिया जाएगा ।
- प्रतिभागी अपना वाद्ययंत्र स्वयं लाएंगे ।
- प्रदर्शन सुगम संगीत पर होगा ।
- फिल्मी गीत मान्य नहीं होंगे।
- लय, तकनीक, प्रस्तुतिकरण, अनुशासन एवं सम्पूर्ण प्रभाव के गुणवत्ता के आधार पर निर्णय होगा ।
(7) गिटार वादन:–
- कलाकार की संख्या 01 होगी। संभाग स्तर हेतु जिले से सिर्फ एक विजेता कलाकार को भेजा जाए।
- अधिकतम समय सीमा 10 मिनट होगी ।
- मंच सज्जा के लिये अधिकतम समय 05 मिनट दिया जाएगा । 4. प्रतिभागी अपना वाद्ययंत्र स्वयं लाएंगे ।
- प्रस्तुतिकरण भारतीय या पाश्चात्य संगीत में किया जा सकता है।
- लय, सामंजस्य, तकनीक, अनुशासन, वाद्यय पर पकड़ तथा सम्पूर्ण प्रभाव की गुणवत के आधार पर निर्णयन होगा।
(8) शास्त्रीय नृत्य ( मणीपुरी, ओड़िसी, भरतनाट्यम, कत्थक एवं कुचीपुड़ी):-
- कलाकार की संख्या 01 होगी। संभाग स्तर हेतु जिले से सिर्फ एक विजेता कलाकार को भेजा जाए।
- अधिकतम समय सीमा 15 मिनट होगी ।
- मंच सज्जा, व्यवस्था, माईक व्यवस्था, संगतकारों की बैठक, वाद्ययंत्रों की ट्युनिंग के लिये 05 मिनट का समय दिया जाएगा।
- ताल एवं तकनीक, लय, अभिनय या भाव मुद्रा, वेशभूषा, कदमचालन तथा सम्पूर्ण
- प्रभाव के गुणवत्ता के आधार पर निर्णयन होगा 5. नृत्य की थीम या कहानी के बारे में संक्षिप्त लिखित जानकारी हिन्दी या अंग्रेजी में तीन प्रतियों में पंजीयन के समय ही जमा किया जाना होगा ।
(9) वक्तृत्व कला (तात्कालिक भाषण):-
- कलाकार की संख्या 01 होगी। संभाग स्तर हेतु जिले से सिर्फ एक विजेता कलाकार को भेजा जाए।
- हिन्दी या अंग्रेजी में बोला जा सकता है।
- अधिकतम 04 मिनट का समय दिया जाएगा।
- प्रतिभागी को समिति द्वारा निर्धारित किए गए विषयों की पर्ची उठाकर बोलना है।
- प्रतिभागी को एक पर्ची उठानेके बाद दूसरी पर्ची उठाने का अवसर नहीं दिया जाएगा।
- भाषण की स्पष्टता, चयनित विषय से संबंधित धारा प्रवाह वक्तृत्व शबद एवं वाक्यों का न दोहराया जाना, विषय के प्रति जागरूकता एवं आत्मविश्वास के आधार पर निर्णयन किया जाएगा ।
(10) रॉक बैण्ड:-
- ट्रैक / कैरोके (Track Karaoke ) पर गायन मान्य नहीं होगा ।
- इलेक्ट्रॉनिक वाद्ययंत्रों का उपयोग किया जा सकेगा ।
- दल की सदस्यता संख्या 10 होगी ।
- प्रदर्शन हेतु अधिकतम 20 मिनट का समय दिया जा सकेगा ।
- समस्त वाद्ययंत्र प्रतिभागियों का स्वयं लाना होगा।
(11) भौंरा (लट्टू):-
- महिला / पुरूष दोनों वर्ग के प्रतिभागी भाग ले सकेंगे ।
- लट्टू घुमाने हेतु सरफेस मुरूम / कड़क होगा ।
- जिसका भौंरा अधिक देर तक घुमेगा वो विजयी होगा ।
- दोनों ग्रुप से प्रथम स्थान वाले अगली प्रतियोगिता में भाग लेंगे।
- भौंरे का साईज नुकिले सहित 2/2 इंच तथा किल 1 इंच का होगा ।
(12) चित्रकलाः-
- चित्रकला में चित्रकार किसी भी प्रकार के कलर, पेपर, बोर्ड केनवास का उपयोग किसी भी साईज में कर सकेगा।
- चित्रकला छत्तीसगढ़ के लोक संस्कृति के चित्रण के आधार पर प्रस्तुत की जानी होगी ।
- चित्रकार को चित्रकला से संबंधित सभी सामग्री स्वयं लाना होगा।
- चित्रकार को चित्रकला से संबंधित पेपर, केनवास, बोर्ड में पहले से किसी प्रकार का रेखा चित्र या छायांकन नहीं करेगा तथा सम्पूर्ण चित्रकारी प्रतिस्पर्धा प्रारंभ होने पर की जावेगी ।
- अधिकतम 03 घंटे का समय चित्रकारी के लिये दिया जाएगा ।
(13) कबड्डी, खो-खो एवं कुश्ती:-
- महिला एवं पुरूष वर्गों के लिए पृथक-पृथक आयोजन किया जायेगा।
- निर्णयन कार्य हेतु संबंधित खेल से जुडे हुए भूतपूर्व खिलाड़ी / प्रशिक्षक को चिन्हांकित किया जावे।
- कबड्डी, खो-खो एवं कुश्ती तीनों खेल अत्यधिक परिश्रम और दौड़ भाग का है।
- चोट लगने की आशंका बनी रहती है। अतः जिला चिकित्सा अधिकारी से समन्वय कर आपात चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध रखे
(14) छत्तीसगढ़, हल्बी, गोड़ी, कुडूख, सरगुजिहा आदि बोलियों में साहित्य सृजन:-
माननीय मुख्यमंत्री जी के द्वारा की गई घोषणानुसार राज्य के लोक साहित्य को भी शामिल किया जाना है। छत्तीसगढ़ राज्य विविध संस्कृति एवं विविध बोलियों वाला प्रदेश है, अतः जिला स्तर पर स्थानीय लोक कला (जैसे पेंटिंग, हैण्डीक्राफ्ट, भित्तीचित्र एवं अन्य) लोक भाषा का साहित्य जैसे गोंडी, हल्बी, कुडूख आदि एवं अन्य सभी लोक भाषा के जो भी लोक कलाकार प्रस्तुती देना चाहें यदि वे छत्तीसगढ़ की संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हों ।
एस. एस. पटेल , जो कि वर्तमान में BRCC के पद पर कार्यरत हैं . अभी आप Edu Depart में नि:शुल्क मुख्य संपादक के तौर पर अपनी सेवा दे रहे हैं .