Charcha Patra 2024 : नवम्बर माह के चर्चा पत्र में क्या है जानें

Charcha Patra – हर माह में शाला में विभिन्न गतिविधि होते रहते हैं । तो उन सब कार्यक्रमों, गतिविधियों व शाला संबंधी योजनाओं को चर्चा पत्र पर जगह दिया जाता है | Edudepart.com द्वारा Charcha Patra का विश्लेष्ण कर आसान तरीके से उपलब्ध कराया जा रहा है । जिससे कि विभाग के हर गतिविधि से हर कोई अपडेट रहें । तो देखें और अपने आपको Update रखें ।

टीप:-यह लेख केवल मुख्य बिनुओं को Highlight करने के लिये बनाया गया है विस्तृत अध्ययन के लिये चर्चा पत्र देखें।

Charcha Patra – नवम्बर 2024

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Charcha Patra
  • हमारे विद्यार्थियों में सीखने और उनके विकास को बढ़ावा देकर उनकी उच्च-स्तरीय दक्षताओं को जांचना है।
  • आकलन का प्राथमिक उद्देश्य वास्तव में सीखना है ।
  • परीक्षाएं रटकर याद करने की बजाए प्रासंगिक उच्चतर क्रम के कौशलो (Higher Order Thinking Skills- HOTS) और वास्तविक जीवन स्थितियों में ज्ञान के अनुप्रयोग के साथ-साथ राष्ट्रीय और स्थानीय पाठ्यक्रम से मूल अवधारणाओं और ज्ञान के मूल्यांकन के माध्यम से बुनियादी शिक्षण परिणामों की उपलब्धि का परीक्षण करेंगी।
  • ग्रेड 3 की परीक्षा बुनियादी साक्षरता, संख्या-ज्ञान और अन्य मूलभूत कौशलों का परीक्षण करेगी।
  • स्कूल परीक्षाओं के परिणामों का उपयोग केवल स्कूल शिक्षा प्रणाली के विकासात्मक उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।
  • हमारी कक्षाओं में अधिकांशतः रटंत पद्धति पर जोर दिया जाता है और परीक्षाओं में प्रश्न भी प्रायः स्मृति-आधारित होते हैं।
  • ऐसे में इस प्रणाली में परिवर्तन लाने हेतु लंबी अवधि तक शिक्षकों के साथ बहुत नजदीकी से निरंतर काम किये जाने की आवश्यकता है।
  • इस स्थिति को बदलने के लिए हम सभी को मिलकर कौन कौन से प्रयास करने होंगे ?
  • विगत वर्षों में राज्य में NCERT द्वारा NAS (National Achievement Survey) का आयोजन किया जाता रहा है।
  • इस बार से इस प्रकार के सर्वेक्षण को परख (PARAKH- Performance Assessment, Review, and Analysis of Knowledge for Holistic Development/ प्रदर्शन मूल्यांकन, समीक्षा, और ज्ञान का विश्लेषण के लिए समग्र विकास) के नाम से जाना जाएगा |
  • यह परीक्षा पूरे देश में एक साथ 4 दिसंबर, 2024 को आयोजित की जाएगी| इस परीक्षा में-
  • फाउंडेशनल स्टेज के अंत में कक्षा 3 के विद्यार्थियों का,
  • प्रिपेरेटरी स्टेज के अंत में कक्षा छह के विद्यार्थियों का एवं
  • मिडिल स्टेज के अंत में कक्षा 9 के विद्यार्थियों का उपलब्धि परीक्षण किया जाएगा।
  • प्रत्येक कक्षा में उस स्टेज से संबंधित पूर्व की कक्षाओं के लिए निर्धारित दक्षताओं पर भी प्रश्न पूछे जाएंगे।
  • यह परीक्षा राज्य के चयनित शासकीय, अनुदान प्राप्त एवं निजी स्कूलों में कक्षा 3,6 एवं 9 में अध्ययनरत बच्चों के लिए आयोजित की जाएगी।
  • स्कूलों का चयन NCERT द्वारा किया जाएगा | सर्वे डिजाइन इस प्रकार होगा:
कक्षाविषयकुल प्रश्नअवधि
तीसरीभाषा, गणित, हमारे आस-पास की दुनियां4590 मिनट
छठवीभाषा, गणित, हमारे आस-पास की दुनियां5190 मिनट
नवमीभाषा, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान60120 मिनट
PARAKH
parakh
parakh

टीप:-कक्षा 9वीं में किन्हीं तीन विषयों का बुकलेट मिलेगा, जिसमें किसी 3 विषय को हल करना है, अतः कुल अंक 60 प्रश्नों में कोई विकल्प- अर्थात इतने में से इतना करें या इसको अथवा इसको करें ऐसी छूट नहीं उपलब्ध होगी

  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में कक्षाओं में सीखने-सिखाने की प्रक्रियाओं में व्यापक बदलाव वकालत की गयी है।
  • कक्षा में सीखने-सिखाने का सीधा-सीधा संबंध बच्चों की उपलब्धि एवं व्यवहार में अपेक्षित सुधार से होता है |
  • राष्ट्रीय स्तर पर बच्चे उपलब्धि के मामले में बहुत पीछे है |
  • सुधार करने राज्य में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम शिक्षा गुणवत्ता अभियान चलाया गया |
  • हम अपनी पुरानी चालों को बदल नहीं सकते पर अगले चाल को सुधार अवश्य सकते हैं | You cannot undo the moves but you can make the next step better.
  • इस वर्ष इस परीक्षण में स्कूल, आपके जिले एवं आपके राज्य को बेहतर स्थान दिलवाने हेतु आप सब मिलकर प्रयास करना होगा।
  • हम बच्चों की उपलब्धि में सुधार लाकर इसे बेहतर कर सकते हैं।
  • हम और हमारे बच्चे मेहनत कर अपना स्थान बहुत ऊंचा ला सकते हैं।
  • इस दिशा में सबको मिलकर पूरी योजना के साथ कोशिश करनी होगी।
  • हमें राज्य को एक बेहतर स्थिति में लाने के लिए स्वयं प्रयास करना होगा।
  • शिक्षकों के लिए NAS/ PARAKH पर प्रशिक्षण आयोजित लेना व उस पर कार्य करना।
  • स्कूल में शिक्षक NEP अनुरूप कक्षा शिक्षण का प्रयोग करें।
  • विषय समूह बनाकर HOTS प्रश्न बनाकर नियमित अभ्यास कराना।
  • बच्चों की औसत स्कोर या उपलब्धि पर कार्य करना।
  • प्रतिदिन बच्चों के साथ परख अभ्यास कर उसके सुधार का प्रयास करना।
  • OMR पर उत्तर अंकित करने का अभ्यास कराना।
  • शिक्षकों को एक दूसरे के साथ मिलकर बच्चों की उपलब्धि में सुधार हेतु प्रयास करना।
  • निजी स्कूलों के शिक्षकों के साथ भी प्रश्नों को साझा करना।
  • प्रत्येक निरीक्षण में पहले की तुलना में बच्चों की उपलब्धि में सुधार करना।

जानकारी होना लर्निंग आउटकम है और उस जानकारी के आधार पर उसका दैनिक जीवन में उपयोग करना दक्षता आधारित आकलन है।

  • शिक्षा का अधिकार कानून 2009 के माध्यम से प्रत्येक कक्षा के लिए कुछ विशिष्ट लर्निंग आउटकम निर्धारित किए हैं।
  • इन लर्निंग आउटकम पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।
  • प्रत्येक कक्षा के लिए निर्धारित लर्निंग आउटकम को प्रत्येक बच्चे में हासिल करना होगा।
  • योग्यता आधारित प्रश्नों का मुख्य उद्देश्य छात्रों में मूल अवधारणाओं को याद रखने की बजाय उनमें गुणात्मक और तार्किक शिक्षा को बढ़ावा देना है।
  • योग्यता आधारित प्रश्नों से बच्चों में उच्च-स्तरीय सोच कौशल बढ़ता है।
  • इस प्रकार के प्रश्नों से बच्चों में सामाजिक और भावनात्मक कौशल को बढ़ावा देने में मदद मिलती है।
  • छात्रों में आलोचनात्मक और विश्लेषणात्मक सोच (Critical and Analytical Thinking) औरसमस्या सुलझाने की क्षमता को बढ़ाती है।
  • छात्रों को वास्तविक प्रतिस्पर्धी दुनिया के लिए तैयार करती है।
  • ये छात्रों को वैश्विक क्षमता के लिए तैयार करती है।
  • छात्रों की तार्किक सोच की क्षमता को बढ़ाता है।
  • बच्चों को सीखने के लिए प्रोत्साहित करना होगा।
  • बच्चों के सीखने के तरीकों पर ध्यान देते हुए सीखने हेतु माहौल बनाना होगा।
  • बच्चों को सीखने के लिए आगे बढ़ने के लिए अपने तरीके खोजने का अवसर दें।
  • बच्चों की कल्पनाशीलता को प्रोत्साहित कर उनके रचनात्मक कौशल के विकास को अवसर दें।
  • बच्चों में सीखने का समान अवसर हो और सभी वर्गों की उपलब्धि में अंतर न हो।
  • परिणाम को ध्यान में रखकर मेहनत करें।
  • सभी शिक्षक एक दूसरे का सहयोग कर परख के परिणाम बनाने हेतु प्रयास करें।
  • बच्चों के मन में सीखकर सफल होने की ललक पैदा करें।
  • बच्चों को सीखने-सिखाने के अधिक अवसर दें।
  • बच्चों से हमेशा हायर ऑर्डर चिंकिंग (HOTS) वाले प्रश्न पूछे।
  • बच्चों को जोड़ी में बैठकर (peer Learning) का अवसर दें।
  • बच्चों को कक्षा में OMR शीट भरने का नियमित अभ्यास करवाएं।
  • बच्चों को सभी प्रश्नों को हल करने हेतु प्रेरित करें।
  • बच्चों को सवालों को तेजी से हल करने हेतु प्रेरित करें।
  • बच्चों को प्रतिदिन कम से कम 10 मिनट तक परख से संबंधित अभ्यास अवश्य करवाएं।
  • विषय शिक्षकों के साथ मिलकर परख के लिए नमूना प्रश्न बनाकर अभ्यास करवाएं।
  • बच्चों को राज्य स्तरीय आकलन के लिए तैयार कर उपचारात्मक शिक्षण का अवसर दें।
  • जिले के प्रभावी शिक्षकों को आनलाइन कक्षाओं द्वारा परख की तैयारी करवाएं।
  • अन्य राज्यों में परख तैयारियों को देखकर अपने स्कूलों में भी प्रयास करें।
  • निजी स्कूलों में भी परख की तैयारी करवाएं क्योंकि 49% सेम्पल निजी स्कूलों से लिए जाएंगे।
  • कक्षा अध्यापन के दौरान Think-Pair-Share पद्धति का उपयोग करें।
  • संकुल स्तर पर स्कूलों के मध्य आपस में स्वस्थ प्रतियोगिता करवाते हुए बच्चों की उपलब्धि में सुधार लाने का प्रयास करें।
  • प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन कर रहे बच्चों को प्रोत्साहित करें और पीछे छूट रहे बच्चों को अगले प्रतियोगिता में और बेहतर करने हेतु प्रेरित करें।
  • बच्चों को भी जोड़ी में बैठकर एक दूसरे के लिए सोच आधारित प्रश्न बनाने का अवसर दें ।
  • बच्चों के माता-पिता को भी इस अभियान से जोड़ते हुए घर पर अतिरिक्त मेहनत करने हेतु प्रेरित करें ।
  • रटंत पद्धति का उपयोग न करते हुए अवधारणात्मक समझ विकसित करने की दिशा में कार्य कर सकें।
  • विषयवस्तु को पूरी तरह से समझने एवं उससे संबंधित प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासाओं को शांत कर सकें।
  • बच्चे प्रतिदिन मुस्कान पुस्तकालय से कहानी पढ़कर व समझकर क्षमता को विकसित कर सकें।
  • बच्चे समयसीमा में विभिन्न सवालों को हल करने में सक्षम, समर्थ बन सके।
  • बच्चों को OMR शीट भरना आ जाए और सभी सवालों को हल करने का प्रयास करें।
  • आगामी अंक HOTS प्रश्नों को चर्चा पत्र में साझा लिया जाएगा ।
  • दक्षताओं को लेकर इन पर आधारित प्रश्न बनाकर भेजने को कहा गया है।
  • इसके साथ-साथ विभिन्न दक्षताओं को समझाने हेतु रोचक गतिविधियाँ भी एक दूसरे से साझा करने के बारे में कहा गया है।
चर्चा-पत्र Charcha Patra
चर्चा-पत्र Charcha Patra

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