Charcha Patra 2025 : अगस्त माह के चर्चा पत्र में क्या है जानें

Charcha Patra 2025 : बच्चों को स्कूल में उनके घर की भाषा में कैसे सिखाएं के बारे में विस्तार से….

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एजेंडा एकः बच्चों के घर की भाषा और प्रारंभिक शिक्षा

  • शिक्षा का अधिकार 2009 एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 दोनों में शुरुआती कक्षाओं में बच्चों की भाषा में सीखने पर जोर दिया गया है।
  • विभिन्न क्षेत्रों में बच्चों के घर की भाषा एवं स्कूल में उपयोग में लाई जाने वाली भाषा में अंतर होने से सीखने-समझने में कठिनाई उत्पन्न होती है।
  • जब बच्चों को स्कूल की भाषा में सिखाने से समझ में नहीं आता तो धीरे-धीरे उनमें सीखने में अरूचि एवं शाला त्याग की संभावना में बढ़ोत्तरी होने लगती है।
  • ऐसे में शुरुआती वर्षों में बच्चों को उनके घर की भाषा में समझाने हेतु प्रयत्न किया जाना अत्यंत आवश्यक होता है।

एजेंडा तीनः भाषाई सर्वे के अनुसार कक्षाओं में भाषाई परिस्थितियाँ

  • कक्षाओं में मौजूदा भाषाई स्थितियां पांच प्रकार की होती है-
  • ऐसी परिस्थिति में बच्चों को सीखने में समर्थ बनाना, सीखने हेतु विभिन्न पद्धतियों का उपयोग करने पर के करना होगा।
  • प्रकार 1 – ज्यादातर बच्चे किसी ऐसी भाषा में बात करते हैं, जो स्कूल की भाषा से मिलती-जुलती है।
  • प्रकार 2 – कक्षा-1 में दाखिले के समय ज्यादातर बच्चों की शिक्षण के माध्यम की सीमित समझ होती है या कोई समझ नहीं होती है।
  • प्रकार 3 – कक्षा-1 में दाखिले के समय ज्यादातर बच्चों की शिक्षण के माध्यम कीसीमित समझ होती है या कोई समझ नहीं होती है।
  • प्रकार 4 – कक्षा-1 में दाखिले के समय ज्यादातर बच्चों की शिक्षण के माध्यम की सीमित समझ होती है या कोई समझ नहीं होती है।
  • प्रकार 5 – कक्षा-1 में दाखिले के समय ज्यादातर बच्चों की शिक्षण के माध्यम की सीमित समझ होती है या कोई समझ नहीं होती है।

एजेंडा चारः घर की भाषा में सीखने संबंधी कुछ केस स्टडीज – भाग एक

  • बहुभाषा शिक्षण से संबंधित लेंगुएज लर्निंग फाउंडेशन द्वारा तैयार कुछ केस स्टडीज –
  • समस्या – बच्चों की भाषा का प्रयोग कक्षा में नहीं करने व करने के कारण सीखने में अंतर ।
  • बदलाव – बच्चों की भाषा का प्रयोग से कक्षा का माहौल बदला ।
  • बच्चे अपनी चुप्पी तोड़ने लगेगे व सहज रूप से अपनी बातें साझा करने लगे।
  • सक्रिय रूप से कक्षा की गतिविधियों से जुड़ने लगे।
  • चित्र चार्ट या कहानी की किताब के चित्रों से जुड़े में प्रश्न पर परिवेश से जुड़े अनुभव साझा करने लगे।
  • अपनी बातों के लिए तर्क रखते, और विस्तार से बातचीत में हिस्सा लेने लगे।
  • बच्चों में पढ़ने के प्रति रुझान और आत्मविश्वास बढ़ने लगा ।
  • बच्चों के अनुभवों और संदर्भों आधिरित गतिविधियों से सीखने लगे।

एजेंडा पांचः बहुभाषा शिक्षण की विभिन्न पद्धतियाँ – भाग एक

  • बच्चों को सीखने के लिए विभिन्न पद्धतियों का इस्तेमाल किया जा सकता है
  • पद्धति ।: मातृ‌भाषा आधारित बहुभाषा शिक्षा
  • पद्धति 2: बच्चों की मातृभाषा का मौखिक रूप से व्यापक और रणनीतिक प्रयोग एवं स्कूल की भाषा को शिक्षण का औपचारिक माध्यम.
  • पद्धति 3: जब शिक्षक बच्चों की भाषा नहीं जानते कक्षा में पढ़ाते समय बच्चों के घर की भाषा और स्कूल की भाषा का इस्तेमाल करें।

एजेंडा छहः बस्तर जिला और परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2025

  • बच्चों की भाषाई परिस्थितियों को ध्यान देते हुए बेहतर रणनीतियां बनाकर उनका क्रियान्वयन किया जाए तो बेहतर परिणाम आ सकते हैं।
  • MLE को लेकर ऐसी रणनीति बनाना जिससे इसका लाभ बच्चों को मिल सके,
  • आगामी राष्ट्रीय परख सर्वेक्षण के लिए अभी से तैयारी अभी से करना।

एजेंडा सातः स्थानीय भाषा में सामग्री निर्माण- भाग एक

  • बच्चों की भाषा में सिखाने हेतु विभिन्न पद्धतियों एवं सहायक सामग्री का उपयोग करना होगा.
  • स्थानीय भाषाओं में वर्णमाला चार्ट (Alphabet Chart)-बच्चे जिस भाषा में घर में बात करते हैं उस भाषा में बोले जाने वाले शब्द जिनके चित्र आसानी से बनाए जा सकते हैं।
  • वर्णमाला चार्ट बनाकर बच्चों को सीखने में इस चार्ट का उपयोग करना चाहि।
  • संकुल के कुछ शिक्षकों एवं समुदाय के सक्रिय सदस्यों के द्वारा किया जा सकता है.
  • शिक्षकों के लिए भाषा सहायिका (Bridge Language Inventory-BLI)- शिक्षकों के लिए भाषा सहायिका का खाका हिन्दी में तैयार करते हुए शिक्षकों को उपलब्ध करवाया जाना चाहिए।
  • भाषा सेतु सहायिका में ऐसे शब्द एवं वाक्य होने चाहिए जो आमतौर पर शिक्षक कक्षा में बच्चों के साथ उपयोग में लाते हैं।
  • स्थानीय भाषा में अनुवाद के लिए शाला में स्व-सहायता समूह के रसोइये, बड़े कक्षाओं में अध्ययन कर रहे बच्चे, बड़े-बुजुर्ग एवं शिक्षा में रुचि लेने वाले समुदाय के सदस्यों को जोड़ना चाहिए।
  • भाषा सेतु सहायिका का उपयोग करते हुए शिक्षकों को अपने बच्चों की भाषा सीखने का प्रयास करना चाहिए।
  • क्योंकि बच्चे उनके घर की भाषा में सिखाने में ज़्यादा शाज महसूस करते हैं।

एजेंडा आठः शाला म्यूजियम

  • शाला में एक दीवार को शाला म्यूजियम के रूप में विकसित किया जा सकता है ।
  • जिसमें समुदाय के सांस्कृतिक महत्व में वस्तुओं को संग्रह कर प्रदर्शित किया जा सकता है। चूं
  • ऐसा करके बच्चों में FLN के प्रमुख लक्ष्यों Effective Communicator (EC) औट Involved Learner (IL) को विकसित कर सकते हैं।

एजेंडा नौः घर की भाषा सीखने हेतु सामुदायिक सहयोग

  • बच्चों के घर की भाषा में सीखने हेतु समुदाय से सहयोग ले सकते हैं।
  • शिक्षक बच्चों के घर की भाषा सीख कर बच्चों के लिए सामग्री तैयार कर सकते हैं।
  • स्थानीय कहानियों का संकलन कर सकते हैं।

एजेंडा दसः आपके स्कूल के बच्चे अपने घर की भाषा में कैसे सीखेंगे ?

  • इस माह के चर्चा पत्र में बच्चों को स्कूल में उनके घर की भाषा में कैसे सिखाएं पर जोर दिया गया है।

शिक्षा सत्र 2025-26 में पाठ्यक्रम निर्धारण निर्देश

शासकीय अवकाश-2025Open
शैक्षणिक कैलेण्डर Open
शैक्षणिक कैलेण्डर
कक्षा 1-5वीं
2025-26
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शैक्षणिक कैलेण्डर
कक्षा 6-8वीं
2025-26
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Bagless Day Activity 1-8Open
आकलन एवं ब्लू प्रिंटOpen
शैक्षणिक सत्र 2025-26

शिक्षा सत्र 2025-26 में Edudepart द्वारा Customise पाठ्यक्रम निर्धारण

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शैक्षणिक सत्र 2025-26

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