Atishesh Shikshak – अतिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग प्रक्रिया
[ Atishesh Shikshak ]
अतिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग प्रक्रिया-2025
- अतिशेष शिक्षकों की पदस्थापना कॉउंसलिंग के माध्यम से होगी।
- अतिशेष शिक्षकों की पदस्थापना सर्वप्रथम शिक्षक विहिन विद्यालयों में की जायेगी इसके पश्चात् एकल शिक्षकीय विद्यालयों में पदस्थापना की जायेगी।
- शिक्षक विहिन विद्यालयों एवं एकल शिक्षकीय विद्यालयों में पदस्थापना के पश्चात् जिन शालाओं में दर्ज संख्या अधिक है, तो उनमें आवश्यकतानुसार पदस्थापना की जायेगी।
- पूर्व माध्यमिक विद्यालयों तथा हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी में पदस्थापना हेतु विषय का ध्यान रखा जायेगा।
- काउंसलिंग हेतु जितने शिक्षक अतिशेष है उतनी ही संख्या में शिक्षक विहीन, एकल शिक्षकीय एवं अधिक दर्ज संख्या वाले विद्यालयों को दर्शित किया जाये।
- किन्तु यहां यह ध्यान में रखा जायेगा कि, सभी शिक्षक विहीन विद्यालयों एवं इसके पश्चात् सभी एकल शिक्षकीय विद्यालयों को अनिवार्य रूप से दर्शित किया जाये।
- तद्नुपरांत आवश्यकतानुसार अधिक दर्ज संख्या वाले विद्यालयों को दर्शित किया जाये।
- अतिशेष शिक्षकों की गणना करते समय दिव्यांग कोटे के अन्तर्गत नियुक्त शिक्षक यदि कनिष्ठतम है तो उक्त दिव्यांग शिक्षक को छोड़कर अन्य कनिष्ठ शिक्षक की गणना अतिशेष के रूप में की जायेगी।
- जो शिक्षक परीविक्षा अवधि में हैं, उनकी गणना अतिशेष के रूप में नहीं की जायेगी क्योकि, परीविक्षा अवधि समाप्ति के पश्चात् ही उनकी संस्था में परिवर्तन संभव है।
- काउंसलिंग में रिक्त स्थानों का चयन करने के लिये अतिशेष शिक्षकों को वरीयता क्रम में नीचे दिये क्रम अनुसार काउंसलिंग हेतु आमंत्रित किया जायेः-
- ऐसे शिक्षक जिनकी सेवानिवृत्ति 02 वर्ष या उससे कम हो।
- महिला शिक्षिका। (वरिष्ठता सूची के आधार पर)
- शासन से मान्यता प्राप्त शिक्षक संगठन के पात्र पदाधिकारी।
- संकुल शैक्षिक समन्वयक । (वरिष्ठता सूची के आधार पर)
- अन्य शिक्षक। (वरिष्ठता सूची के आधार पर)
प्राथमिक शाला के लिये काउंसलिंग क्रम
- अतिशेष शिक्षकों की पदस्थापना सबसे पहले शिक्षक विहिन विद्यालयों में 2 शिक्षकों की होगी।
- क्योंकि प्राथमिक शाला में 60 तक की दर्ज संख्या पर 2 शिक्षक अनिवार्य हैं ।
- इसके पश्चात् 60 तक की दर्ज संख्या तक के एकल शिक्षकीय विद्यालयों में 1 शिक्षक की पदस्थापना होगी।
- इसके पश्चात जहाँ 60 से 90 तक की एकल शिक्षकीय विद्यालयों में 2 और शिक्षक की पदस्थापना होगी।
- इसके पश्चात जहाँ 60 से 90 तक की विद्यालयों में 2 शिक्षक हैं वहाँ 1 शिक्षक की पदस्थापना होगी।
- इसके पश्चात जहाँ 90 से 120 तक की एकल शिक्षकीय विद्यालयों में 3 शिक्षक की पदस्थापना होगी।
- इसके पश्चात जहाँ 90 से 120 तक की विद्यालयों में 2 शिक्षक हैं वहाँ 2 शिक्षक की पदस्थापना होगी।
- इसके पश्चात जहाँ 90 से 120 तक की विद्यालयों में 3 शिक्षक हैं वहाँ 1 शिक्षक की पदस्थापना होगी।
- इसी क्रम में दर्ज संख्या के अनुपात में शिक्षकों की पदस्थापना होगी।
पूर्व माध्यमिक शाला के लिये काउंसलिंग क्रम
- पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में पदस्थापना हेतु विषय का ध्यान रखा जायेगा।
- अतिशेष शिक्षकों की पदस्थापना सबसे पहले शिक्षक विहिन विद्यालयों में 4 शिक्षकों की होगी।
- क्योंकि पूर्व माध्यमिक शाला में 105 तक की दर्ज संख्या पर 4 शिक्षक अनिवार्य हैं ।
- इसके पश्चात् 105 तक की दर्ज संख्या तक के एकल शिक्षकीय विद्यालयों में 3 और शिक्षकों की पदस्थापना होगी।
- इसके पश्चात् 105 तक की दर्ज संख्या तक के विद्यालयों में कुल-4=>1HM(विषय)+3शिक्षक की पदस्थापना होगी।
- जहाँ कोई भी प्रधानपाठक पदस्थ नहीं है वहाँ 4 शिक्षक पदस्थ होंगे।
- इसके पश्चात् 140 तक की दर्ज संख्या पर कुल-5=>1HM(विषय)+4शिक्षक की पदस्थापना होगी।
- इसके पश्चात् 175 तक की दर्ज संख्या पर कुल-6=>1HM(विषय)+5शिक्षक की पदस्थापना होगी।
- इसके पश्चात् 210 तक की दर्ज संख्या पर कुल-7=>1HM(विषय)+6शिक्षक की पदस्थापना होगी।
- इसके पश्चात् 245 तक की दर्ज संख्या पर कुल-8=>1HM(विषय)+7शिक्षक की पदस्थापना होगी।
- इसके पश्चात् 280 तक की दर्ज संख्या पर कुल-9=>1HM(विषय)+8शिक्षक की पदस्थापना होगी।
- काउंसलिंग हेतु जितने शिक्षक अतिशेष है उतने विद्यालयों को दिखाया जायेगा।
- विषय की गणना करते समय विषय शिक्षकों (प्रधान पाठक सहित) का क्रम होगाः-
- अंग्रेजी
- गणित
- कला
- विज्ञान
- हिन्दी
- संस्कृत/उर्दू/वाणिज्य
हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी के लिये काउंसलिंग क्रम
- हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी में पदस्थापना हेतु विषय का ध्यान रखा जायेगा।
- काउंसलिंग हेतु जितने शिक्षक अतिशेष है उतने विद्यालयों को दर्शित किया जायेगा। जिसका क्रम-
- सबसे पहले शिक्षक विहीन विद्यालयों को दिखाया जायेगा।
- इसके पश्चात् सभी एकल शिक्षकीय विद्यालयों को दिखाया जायेगा।
- इसके पश्चात् अधिक दर्ज संख्या वाले विद्यालयों को दिखाया जायेगा।
- दिव्यांग कोटे के अन्तर्गत नियुक्त शिक्षक को अतिशेष शिक्षक के रूप में नहीं गिना जायेगी।
- दिव्यांग शिक्षक को छोडकर अन्य कनिष्ठ शिक्षक की गणना अतिशेष के रूप में की जायेगी।
- जो शिक्षक परीविक्षा अवधि में हैं, उनकी गणना अतिशेष के रूप में नहीं की जायेगी।
- परीविक्षा अवधि वाले शिक्षकों की परीविक्षा अवधि समाप्ति के पश्चात् ही उनकी संस्था में परिवर्तन संभव है।

समायोजन संबंधी अन्य निर्देश-
- अतिशेष शिक्षकों का निर्धारण
- शाला में वरीष्ठता निर्धारण
- शालाओं का युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया
- शिक्षकों व शालाओं का युक्तियुक्तकरण समय सारणी
- शालाओं के समायोजन हेतु निर्देश
Atishesh Shikshak, Atishesh Shikshak, Atishesh Shikshak,
प्राथमिक विद्यालयों में न्यूनतम किसी भी दर्ज पर 1 HM और 2 सहायक शिक्षक होने चाहिए। इससे संकुल में दीर्घ कालीन मातृत्व अवकाश, संतान पालन अवकाश, अर्जित, मेडिकल, अध्ययन संबंधित अवकाश उपभोग पर शिक्षा प्रभावित होगी और संकुल में पर्याप्त मात्रा में न होने और सीमित ही शिक्षक संसाधन हो तो शिक्षक व्यवस्था करना असंभव होगा । एक शिक्षक तो संकुल बैठक , प्रशिक्षण , विकास खंड मुख्यालय, अवकाश गमन जाने पर ,आने पर ऑफिस आदि के चक्कर लगता रहेगा तो एकल शिक्षक की हलात यदाकदा होना ही है
यदि परिविक्षा अवधि में कोई शिक्षक है और उसी विषय का कोई वरिष्ठ शिक्षक है तो वहाँ वरिष्ठ को अतिशेष करने का प्रक्रिया चल रहा है जो सर्वथा अनुचित है सर।
इसमें कृपया सुधार किया जावे।
परिविक्षा अवधि वाले को भी भेजा जा सकता है उसका कार्यकाल मिलाकर पूर्ण हो जायेगा।
लेकिन सेनियर को हटाना अन्याय है।
प्राथमिक विद्यालय में १ hm सहित ५ शिक्षक क़ी नियुक्ति क़ी जावे क्योंकि FLN ट्रेनिंग से प्राप्त ज्ञान और ज़रूरत के मुताबिक हर कक्षा के लिये एक शिक्षक को सुविधादाता क़ी भूमिका निभाते हुवे विभिन्न प्रकार के गतिविधि कराना हैं और वो भी बिना गायशिक्षकीय कार्य में लगाए तब, लेकिन आये दिन कभी भी शिक्षक को उसके मूल कर्तव्य से हटाकर गैर शिक्षकीय कार्य में झोंक दिया जाता हैं भले बच्चों के पढ़ाई भाड़ मेंजाय शासन प्रशासन को इससे कोई मतलब नहीं और जब बच्चों के रिजल्ट खुलता हैं तब बच्चों के रिजल्ट कम आने का सारा ठीकरा ऊपर बैठे यही शासन प्रशासन के लोग शिक्षक पर फोड़ते हैं जैसा कि विगत कांग्रेस के कार्यकाल में हुआ हैं तत्कालीन मुख्य सचिव आलोक शुक्ला ने तो शिक्षकों लेकर उलजुलूल बात किया था l
Prymari shala ka setup kum kar diya hai 3shikshk hona chahiy
सर यदि नियुक्ति दिव्यांग कोटे से नहीं हुआ है और वर्तमान में वह शिक्षक दिव्यांग है तो उसे स्थिति में उसे अतिशेष के रूप में गिना जाएगा या नहीं?
सबसे बाद में कार्यभार ग्रहण शिक्षक अतिशेष होता है वह परीविक्षा अवधि में हो ना हो और इनका अतिशेष समायोजन होता है पहले भी ऐसा हुआ परीविक्षा अवधि में स्थानांतरण नहीं होता है पहले कनिष्ठ मानते हुए समायोजन किया गया है