Charcha Patra 2025 : अक्टूबर माह के चर्चा पत्र में क्या है जानें

Charcha Patra 2025 : FLN व दक्षता विकाश संबंध में पढ़े विस्तार से….

Charcha Patra अक्टूबर – 2025Open
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एजेंडा एकः बारहखड़ी मात्रा चक्र : भाषा सीखने का पहला आधार !

  • बच्चे हिंदी भाषा की मूल ध्वनियों को आसानी से पहचान नहीं पाते हैं पर अक्षर और मात्राओं का मेल न बैठा पाने के कारण बच्चे शब्दों को पढ़ने और लिखने में अक्सर गलती कर बैठते हैं।
  • हिंदी भाषा को सरल और रोचक ढंग से सिखाने के लिए बारहखड़ी मात्रा चक्र तैयार किया जा सकता है।
  • यह एक गतिविधि आधारित पद्धति है, जिसमें बारहखड़ी को चक्र के रूप में प्रदर्शित किया जाता है।
  • बच्चे खुद आकर चक्र पर ध्वनि और मात्रा का मेल बैठाते हैं और फिर उससे बनने वाले शब्द बोलते हैं।
  • इस तरह वे बारहखड़ी केवल रटते नहीं, बल्कि समझते और अनुभव कर आसानी से सीख सकते हैं।

एजेंडा दोः पहला काम बच्चों का विश्वास अपने नाम

  • बच्चे अपने शिक्षक पर बहुत अधिक विश्वास करते हैं।
  • यही विश्वास उसे अपने शिक्षक से कुछ नया सीखने हेतु लालायित करता रहता है।
  • हम एक सफल शिक्षक तभी बन सकते हैं जब आपने अपने बच्चों के बीच यह विश्वास अर्जित कर लेते हों।
  • उसके बाद हमारा काम आसान होता चला जाता है।
  • अपनी कक्षा में अपने बच्चों का विश्वास-स्नेह पाने हेतु विभिन्न प्रयोग करके देखें सकते हैं।एक प्रयोग चर्चा पत्र में देखें।

एजेंडा तीनः इस माह स्कूलों में क्या कुछ होते हुए देखें ?

  1. सारे प्राथमिक स्कूलों में निपुण भारत का लोगो दीवार पर लग गया हो।
  2. संकुल में भाषा एवं गणित के मेंटर ने अपना सक्रिय समूह बना लिया गया हो।
  3. मुस्कान पुस्तकालय से प्रतिदिन बच्चों द्वारा पुस्तक का वाचन किया जाता हो।
  4. UPS स्तर पर बच्चों द्वारा विज्ञान के सरल प्रयोग प्रदर्शन किए जाते हो।
  5. PS-UPS-HS-HSS सभी स्कूलों में बच्चों द्वारा इतिहास लेखन किया गया हो।
  6. सभी स्कूलों में मासिक दीवार पत्रिका का प्रकाशन किया जा रहा हो।
  7. सभी प्राथमिक स्कूलों में जादुई पिटारे का नियमित उपयोग हो रहा हो।
  8. सभी स्कूलों में पोक्सो बाक्स का नियमित उपयोग हो रहा हो।
  9. सभी स्कूलों में सामाजिक अंकेक्षण के आयोजन हेतु टीम बन गया हो।
  10. सभी स्कूलों में विद्यार्थी विकास सूचकांक को अपडेट रखा गया हो।

एजेंडा चारः इस माह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 हेतु गतिविधिः

  • चर्चा पत्र में अब प्रतिमाह कुछ टास्क दिया होगा जिसे हम सबको मिलकर अपनी अपनी शाला में लागू करना होगा।
  • टास्क एकः छोटी कक्षाओं में स्वदेशी खेल-खिलौने, कहानियों, कठपुतलियों और गीतों का उपयोग कर सीखने-सिखाने को रोचक एवं प्रभावी बनाया जाये।
  • टास्क दोः आंगनवाड़ी-बालवाड़ी-प्राथमिक शालाओं में क्षेत्र के स्कूल जाने योग्य आयु वर्ग के सभी बच्चों को नियमित स्कूल भेजने हेतु समुदाय को प्रेरित किया जाये।
  • टास्क तीनः आँगनबाड़ी-बालवाड़ी-प्राथमिक शालाओं में बच्चों को उनकी स्थानीय भाषा में सीखने में सहयोग हेतु आवश्यक सामग्री विकसित की जाये।
  • टास्क चार: FLN के लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु प्रत्येक संकुल में एक भाषा एवं एक गणित के विशेषज्ञ शिक्षक की पहचान कर उन्हें मेंटर के रूप में अन्य शिक्षकों को सहयोग देने हेतु तैयार किया जाये।
  • टास्क पांचः प्रत्येक प्राथमिक शाला में कक्षा पहली के बच्चों के साथ शाला के लिए तैयारी School Readiness Program के अंतर्गत कार्य किया जाये।

एजेंडा पांचः प्रत्येक स्कूल- FLN मॉडल स्कूल

  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत मूलभूत भाषाई एवं गणितीय कौशल संबंधी लक्ष्यों प्राप्त करना है।
  • इसके लिए संकुल में अधिक से अधिक प्राथमिक स्कूलों को FLN के परिप्रेक्ष्य में आदर्श स्कूल के रूप में विकसित किया जाये।जहाँ –
    1. शाला में दर्ज सभी बच्चे नियमित रूप से शाला आते हों ।
    2. क्षेत्र में शाला त्यागी बच्चों की पहचान कर उन्हें शाला में प्रवेश दिलाने हेतु मिलकर सफल प्रयास किया जाता हो।
    3. शाला के प्रत्येक कक्षा में भाषा एवं गणित से संबंधित लर्निंग आउटकम का प्रदर्शन किया जाता हो।
    4. प्रत्येक बच्चे के पठन कौशल के विकास पर ध्यान दिया जाता हो ।
    5. बच्चों को गणित की अच्छी समझ हो और वे गणित के सवाल आसानी से हल कर सकते हों।
    6. शिक्षक बच्चों को उनके घर की भाषा में सीखने में सहयोग देने में सक्षम हों।
    7. बच्चों को नियमित अभ्यास पुस्तिकाओं कर कार्य करवाया जाता हो ।
    8. शिक्षक कक्षा में Toy Pedagogy का बेहतर उपयोग करने में दक्ष हों।
    9. बच्चों को जोड़ी बनाकर एक दूसरे से मिलकर सीखने के Peer Learning के पयप्ति अवसर मिलता हों।
    10. शिक्षक को कक्षा में अध्यापन के दौरान स्व-निर्मित जादुई पिटारे का उपयोग कर सिखाने में दक्षता हो।
    11. शिक्षक बच्चों को घर पर उपलब्ध सामग्री से सीखने हेतु माताओं/ पालकों का नियमित सहयोग लेते हों।

एजेंडा छहः प्रत्येक बच्चे में अभिव्यक्ति कौशल का विकास

  • ग्रामीण अंचल के बच्चे बहुत खुलकर निडर होकर अपनी बात रखने में सक्षम हैं ।
  • उनमें कोई झिझक या संकोच नहीं दिखाई देता वे आत्मविश्वास से परिपूर्ण दिखाई देते हैं बस हमें उन्हें प्रोत्साहित करना है ।
  • इससे वे अपनी बात को स्वतंत्र रूप से बिना झिझक बोलने में सक्षम हो पायेंगे ।
  • सभी स्कूलों में इस प्रकार से माहौल बनाकर बच्चों को सिखाया जा सकता है।

एजेंडा सातः शाला संकुल के माध्यम से संसाधनों का बेहतर उपयोग

  • शालाओं में उपलब्ध संसाधनों के बेहतर उपयोग एवं साझेदारी हेतु “स्पाइडर वेब मॉडल” का उपयोग कर शिक्षा गुणवत्ता में सुधार ला सकते हैं ।
  • शाला संकुल के भीतर की शालाओं को विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञ स्कूलों के रूप में विकसित कर सकते हैं ।
  • संकुल की एक शाला को भाषा में, एक को गणित में, एक को खेल में, एक को पुस्तकालय एक उपयोग में, एक को स्थानीय सामग्री विकसित कर उपयोग कर सकते हैं ।
  • एक को सहायक सामग्री बनाने में, एक को आकलन में सुधार लाए जाने की दिशा में कार्य कर सकते हैं ।

एजेंडा आठ: हर घर लर्निंग कॉर्नर प्रतियोगिता

  • बच्चों के सीखने में सुधार लाने संबंधी प्रयासों को अपने विभिन्न समूहों में प्रमाण के साथ साझा कर बेहतर परिणाम लाए जा सकते हैं ।
  • शाला के बच्चों को घर पर पढने हेतु समुचित संसाधन देते हुए उन्हें पढ़ने का कोना या
  • पालकों को बच्चों के माध्यम से प्रोत्साहित किया जा सकता है।
  • उन्हें सुझाव दे सकते हैं कि घर में टेबल, चौकी, चटाई, पुराना बक्सा, पुस्तक रखने की व्यवस्थित जगह, दीवार पर चार्ट, स्लोगन एवं नारे आदि से लर्निंग कार्नर बना सकते हैं ।

एजेंडा नौ: स्कूलों में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं

स्कूलों में गुणवत्ता लाने की दिशा में निम्न कार्य कर सकते हैं –

  • शाला में दर्ज सभी बच्चे नियमित शाला में आएं,
  • सभी गतिविधियों में शामिल हों,
  • उनको पढ़ना लिखना और गणितीय कौशल का बहुत अच्छा अभ्यास हो,
  • वे नियमित रूप से पुस्तकालय में उपलब्ध पुस्तकें पढ़ने में रुचि लेते हों,
  • शिक्षक समय पर स्कूल आए,
  • स्कूल में उपलब्ध एक एक मिनट का उपयोग बच्चों को सीखने में सक्रिय रखने एवं उनमें सीखने में रुचि लें
  • बच्चों का अधिकतम समय सक्रिय रहकर सीखने में लगें,
  • वे स्कूल अवधि में गैर-शिक्षकीय कार्यों एवं शाला से बाहर के कार्यों से अपने आपको दूर रखें,

एजेंडा दसः स्कूलों में सामजिक अंकेक्षण

  • सभी स्कूलों में सामाजिक अंकेक्षण का आयोजन किया जा रहा है ।
  • इस हेतु विभिन्न स्तरों से पूछे जाने हेतु 20 प्रश्नों का एक सेट तैयार किया गया है ।
  • सामाजिक अंकेक्षण हेतु निकट के स्कूल के प्रमुख को टीम लीडर के रूप में चिह्नित किया गया है।
  • इससे शाला व समुदाय के सहयोग से शिक्षा गुणवत्ता में सुधार होगा उस दिशा में कार्य कर सकते हैं।

Charcha Patra

चर्चा-पत्र Charcha Patra

शिक्षा सत्र 2025-26 में पाठ्यक्रम निर्धारण निर्देश

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शैक्षणिक कैलेण्डर Open
शैक्षणिक कैलेण्डर
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शैक्षणिक कैलेण्डर
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शैक्षणिक सत्र 2025-26

शिक्षा सत्र 2025-26 में Edudepart द्वारा Customise पाठ्यक्रम निर्धारण

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पाठ्यक्रम पूर्णता लक्ष्य
कक्षा 6-8वीं
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शैक्षणिक सत्र 2025-26

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