कक्षा 1ली व 2री-
पोला-
- शिक्षक, बच्चों से पोला के दिन उपयोग में लाएं मिट्टी के खिलौनों को मंगाएं और उन पर बातचीत करें |
- बच्चों को बताएँ कि यह प्रतिवर्ष भाद्रपद माह की अमावस्या को पोला मनाया जाता है।
- बच्चों को पोला के बारे में अपना अनुभव सुनाने के अवसर दें।
- बच्चों को मिट्टी से 1 विभिन्न प्रकार के फल एवं सब्जियाँ बनाना सिखाएँ तथा उन्हें विभिन्न रंगों से रंगने कहें। इस हेतु कुम्हार की मदद भी ले सकते है।
Activity बैल दौड़ प्रतियोगिता –
- सभी बच्चे अपने घरों से मिट्टी के बैल लेकर आएं।
- उन्हें अच्छे से सजाएं एवं बैल दौड़ाने के लिए रस्सी भी बांधे।
- अब सभी बच्चे मैदान में एक लाइन में खड़े होकर अपने-अपने बैल के साथ दौड़ लगाएँ।
- यदि बीच में किसी का बैल गिर जाता है तो वह खेल से बाहर हो जाएगा।
- जिसका बैल निश्चित दूरी पर पहुँचेगा वो विजेता होगा।
कक्षा 3री से 5वीं –
पोला त्योहार –
- पोला त्योहार प्रतिवर्ष भादो माह की अमावस्या को मनाया जाता है।
- इस त्योहार का नाम पोला नाम क्यों पड़ा इस संबंध में एक लघु कथा है।
- पोला की कथा – कृष्ण भगवान जब छोटे थे और वासुदेव-यशोदा के यहाँ रहते थे, तब कंस ने उन्हें मारने के लिए राक्षसों को भेजा था।
- एक बार कंस ने पोलासुर नामक राक्षस को भेजा था, उसे भी कृष्णजी ने मार दिया था।
- वह दिन भादों माह की अमावस्या का दिन था, इसी कारण इसे पोला कहा जाने लगा।
- पोला मुख्य रूप से छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र मेंमनाया जाता है।
- यह त्योहार भी खेती किसानी से जुड़ा हुआ है।
- इस दिन बैलों की पूजा की जाती है।
- घरों में मिट्टी की खिलौने और बैल लाकर पूजा की जाती है।
Activity –
- घर बनाना – दिए गए Video के आधार पर घर बनाओं।
- मिट्टी से खिलौने बनाना- गांव के किसी कुम्हार को शाला में आमंत्रित कर बच्चों को मिट्टी के खिलौने बनाना सिखाएं।
- पोला त्योहार कैसे मानतेहै?
- पोला त्योहार में किसकी पूजा की जाती है?
- इनकी पूजा क्यों की जातीहै?
- इस दिन कौन-कौन से पकवान बनाये जाते है?
- पोला के त्योहार पर तुम क्या करते हो?
- प्रदर्शन – सभी बच्चे कागज से बनाएं हुए घरों के सामने मिट्टी के खिलौनों को सजाकर रखें और उसका प्रदर्शन करें।
कक्षा 6वीं से 8वीं–
शाला सुरक्षा कार्यक्रम [School Safety Program]
चन्द्रप्रकाश नायक , जो कि वर्तमान में शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं . अभी आप Edu Depart में नि:शुल्क मुख्य संपादक के तौर पर अपनी सेवा दे रहे हैं .