अतिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग प्रक्रिया[Atishesh Shikshak-2024]

Atishesh Shikshak – अतिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग प्रक्रिया

[ Atishesh Shikshak ]

अतिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग प्रक्रिया-2024

युक्तियुक्तकरण
दिशा निर्देश
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Atishesh Shikshak
  • अतिशेष शिक्षकों की पदस्थापना कॉउंसलिंग के माध्यम से होगी।
  • अतिशेष शिक्षकों की पदस्थापना सबसे पहले शिक्षक विहिन विद्यालयों में 2 शिक्षकों की होगी।
  • क्योंकि प्राथमिक शाला में 60 तक की दर्ज संख्या पर 2 शिक्षक अनिवार्य हैं ।
  • इसके पश्चात् 60 तक की दर्ज संख्या तक के एकल शिक्षकीय विद्यालयों में 1 शिक्षक की पदस्थापना होगी।
  • इसके पश्चात जहाँ 60 से 90 तक की एकल शिक्षकीय विद्यालयों में 2 और शिक्षक की पदस्थापना होगी।
  • इसके पश्चात जहाँ 60 से 90 तक की विद्यालयों में 2 शिक्षक हैं वहाँ 1 शिक्षक की पदस्थापना होगी।
  • इसके पश्चात जहाँ 90 से 120 तक की एकल शिक्षकीय विद्यालयों में 3 शिक्षक की पदस्थापना होगी।
  • इसके पश्चात जहाँ 90 से 120 तक की विद्यालयों में 2 शिक्षक हैं वहाँ 2 शिक्षक की पदस्थापना होगी।
  • इसके पश्चात जहाँ 90 से 120 तक की विद्यालयों में 3 शिक्षक हैं वहाँ 1 शिक्षक की पदस्थापना होगी।
  • इसी क्रम में दर्ज संख्या के अनुपात में शिक्षकों की पदस्थापना होगी।
  • परीविक्षा अवधि वाले शिक्षकों की परीविक्षा अवधि समाप्ति के पश्चात् ही उनकी संस्था में परिवर्तन संभव है।
  • पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में पदस्थापना हेतु विषय का ध्यान रखा जायेगा।
  • अतिशेष शिक्षकों की पदस्थापना सबसे पहले शिक्षक विहिन विद्यालयों में 4 शिक्षकों की होगी।
  • क्योंकि पूर्व माध्यमिक शाला में 105 तक की दर्ज संख्या पर 4 शिक्षक अनिवार्य हैं ।
  • इसके पश्चात् 105 तक की दर्ज संख्या तक के एकल शिक्षकीय विद्यालयों में 3 और शिक्षकों की पदस्थापना होगी।
  • इसके पश्चात् 105 तक की दर्ज संख्या तक के विद्यालयों में कुल-4=>1HM+3शिक्षक की पदस्थापना होगी।
  • जहाँ कोई भी प्रधानपाठक पदस्थ नहीं है वहाँ 4 शिक्षक पदस्थ होंगे।
  • इसके पश्चात् 140 तक की दर्ज संख्या पर कुल-5=>1HM+4शिक्षक की पदस्थापना होगी।
  • इसके पश्चात् 175 तक की दर्ज संख्या पर कुल-6=>1HM+5शिक्षक की पदस्थापना होगी।
  • इसके पश्चात् 210 तक की दर्ज संख्या पर कुल-7=>1HM+6शिक्षक की पदस्थापना होगी।
  • इसके पश्चात् 245 तक की दर्ज संख्या पर कुल-8=>1HM+7शिक्षक की पदस्थापना होगी।
  • इसके पश्चात् 280 तक की दर्ज संख्या पर कुल-9=>1HM+8शिक्षक की पदस्थापना होगी।
  • काउंसलिंग हेतु जितने शिक्षक अतिशेष है उतने विद्यालयों को दिखाया जायेगा
  • परीविक्षा अवधि वाले शिक्षकों की परीविक्षा अवधि समाप्ति के पश्चात् ही उनकी संस्था में परिवर्तन संभव है।
  • हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी में पदस्थापना हेतु विषय का ध्यान रखा होगी।जायेगा।
  • काउंसलिंग हेतु जितने शिक्षक अतिशेष है उतने विद्यालयों को दर्शित किया जायेगा। जिसका क्रम-
    • सबसे पहले शिक्षक विहीन विद्यालयों को दिखाया जायेगा।
    • इसके पश्चात् सभी एकल शिक्षकीय विद्यालयों को दिखाया जायेगा।
    • इसके पश्चात् अधिक दर्ज संख्या वाले विद्यालयों को दिखाया जायेगा।
  • दिव्यांग कोटे के अन्तर्गत नियुक्त शिक्षक को अतिशेष शिक्षक के रूप में नहीं गिना जायेगी।
  • दिव्यांग शिक्षक को छोडकर अन्य कनिष्ठ शिक्षक की गणना अतिशेष के रूप में की जायेगी।
  • जो शिक्षक परीविक्षा अवधि में हैं, उनकी गणना अतिशेष के रूप में नहीं की जायेगी।
  • परीविक्षा अवधि वाले शिक्षकों की परीविक्षा अवधि समाप्ति के पश्चात् ही उनकी संस्था में परिवर्तन संभव है।
शिक्षक काउंसिलग प्रकिया Atishesh Shikshak
शिक्षक काउंसिलग प्रकिया Atishesh Shikshak

समायोजन संबंधी अन्य निर्देश-

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4 thoughts on “अतिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग प्रक्रिया[Atishesh Shikshak-2024]”

  1. प्राथमिक विद्यालय में १ hm सहित ५ शिक्षक क़ी नियुक्ति क़ी जावे क्योंकि FLN ट्रेनिंग से प्राप्त ज्ञान और ज़रूरत के मुताबिक हर कक्षा के लिये एक शिक्षक को सुविधादाता क़ी भूमिका निभाते हुवे विभिन्न प्रकार के गतिविधि कराना हैं और वो भी बिना गायशिक्षकीय कार्य में लगाए तब, लेकिन आये दिन कभी भी शिक्षक को उसके मूल कर्तव्य से हटाकर गैर शिक्षकीय कार्य में झोंक दिया जाता हैं भले बच्चों के पढ़ाई भाड़ मेंजाय शासन प्रशासन को इससे कोई मतलब नहीं और जब बच्चों के रिजल्ट खुलता हैं तब बच्चों के रिजल्ट कम आने का सारा ठीकरा ऊपर बैठे यही शासन प्रशासन के लोग शिक्षक पर फोड़ते हैं जैसा कि विगत कांग्रेस के कार्यकाल में हुआ हैं तत्कालीन मुख्य सचिव आलोक शुक्ला ने तो शिक्षकों लेकर उलजुलूल बात किया था l

  2. सर यदि नियुक्ति दिव्यांग कोटे से नहीं हुआ है और वर्तमान में वह शिक्षक दिव्यांग है तो उसे स्थिति में उसे अतिशेष के रूप में गिना जाएगा या नहीं?

  3. सबसे बाद में कार्यभार ग्रहण शिक्षक अतिशेष होता है वह परीविक्षा अवधि में हो ना हो और इनका अतिशेष समायोजन होता है पहले भी ऐसा हुआ परीविक्षा अवधि में स्थानांतरण नहीं होता है पहले कनिष्ठ मानते हुए समायोजन किया गया है

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