माता उन्मुखीकरण कार्यशाला [Mother Orientation]

Mother Orientation (माता उन्मुखीकरण कार्यक्रम):- माताओं को बच्चों से भावनात्मक लगाव कैसे बनाना है, इस बारे में जानकारी देता है. इस कार्यक्रम में माताओं को शाला के प्रति अपनी भूमिका और सहयोग के बारे में भी बताया जाता है. माता उन्मुखीकरण कार्यक्रम में बच्चों और माताओं के लिए अलग-अलग गतिविधियां आयोजित की जाती हैं |

माता उन्मुखीकरण कार्यशाला [Mother Orientation]

  • इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य 3 से 6 वर्ष के बच्चों की माताओं को स्वास्थ्य और सीखने की गति के प्रति जागरूक
  • अंगना में शिक्षा के उद्देश्य, माताओं की जिम्मेदारी होगी कि घर पर रहकर बच्चों को छोटी छोटी गतिविधियों को जोड़कर शिक्षा दे सके |
  • अपने घर में रहकर बच्चों के साथ इस प्रकार यदि हम माता, बालक और शिक्षक तीनों मिलकर मिलकर कार्य करें तो परिणाम भी बेहतर होगा।
  • हाथों की सफाई व हमेशा अपने स्वास्थ्य का ख्याल कैसे रख सकते हैं।
  • सभी माताओं के द्वारा अपने बच्चों को यह बताया गया कि हमें इस प्रकार की गतिविधि घर पर ही करनी है।
  • खेल-खेल में बच्चों को शिक्षा से कैसे जोड़े।
  • निरंतर हम घर में बच्चों को वही चीज को बार बार प्रैक्टिस करेंगे तो वह चीज उनको याद हो जाएगी।
  • घर में रखे अनाज,दालें, सब्जियों के द्वारा हम बच्चों को कैसे गिनती पहाडा , घटाना, गुणा, भाग अंकों को जोडना, अक्षर को जोडकर शब्द बनाना, शब्दों को जोडकर वाक्य बनाना एवं गणितीय आकृति को प्रकार से हम बता सकते हैं।
  • गीत, कविता, पहाड़ा, पुस्तक वाचन, गिनती, रंगोली, चित्रकारी 
  • रस्सी खींच, जलेबी दौड़, मटका फोड़, सुरीली कुर्सी
  • कार्यक्रम में बच्चों ने गीत, कविता, पहाड़ा, पुस्तक वाचन, गिनती, रंगोली, चित्रकारी प्रस्तुत किया।
  • मातायें रस्सी खींच, जलेबी दौड़, मटका फोड़ व सुरीली कुर्सी में भाग ले सक्ती हैं।
माता उन्मुखीकरण कार्यक्रम Mother Orientation
माता उन्मुखीकरण कार्यक्रम Mother Orientation

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