School Safety Program : त्योहारों में होने वाले स्वास्थ्य सम्बन्धित जोखिम की जानकारी दी गई, जिसमें संभावित खतरों की पहचान करना, उनसे बचाव के उपाय तय करना और नियमित शिक्षण प्रक्रिया में संस्कृति विकसित करना शामिल है।
School safety Program आपदा प्रबंधन : क्या करें तथा क्या ना करें
यह “सुरक्षित शनिवार” कार्यक्रम का हिस्सा है, बाल श्रम और बाल विवाह दोनों ही बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन हैं, जिन्हें रोकना महत्वपूर्ण है। बाल श्रम में बच्चों को खतरनाक काम में लगाना या उनके बचपन और शिक्षा को छीनना शामिल है, जबकि बाल विवाह में 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का विवाह कराना शामिल है, जो उनके शारीरिक, मानसिक और शैक्षिक विकास को बुरी तरह प्रभावित करता है। भारत में, बाल श्रम के लिए बाल श्रम (निषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 2016 और बाल विवाह के लिए बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 जैसे कानून हैं।
बाल श्रम
- क्या है: 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी प्रकार के रोज़गार में लगाना।
- कानूनी प्रावधान:
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 24 में 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को खतरनाक काम में लगाने पर प्रतिबंध है।
- बाल श्रम (निषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 2016 के तहत 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को सभी प्रकार के रोज़गार में लगाना प्रतिबंधित है।
- 14-18 वर्ष के किशोरों को खतरनाक व्यवसायों और प्रक्रियाओं में काम करने की अनुमति नहीं है।
- परिणाम: बच्चों के स्वास्थ्य और विकास पर बुरा असर, शिक्षा में बाधा, और उनकी कोमल अवस्था का दुरुपयोग।
बाल विवाह
- क्या है: 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, विशेषकर लड़कियों का विवाह।
- कानूनी प्रावधान:
- बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के अनुसार, लड़कियों की न्यूनतम आयु 18 वर्ष और लड़कों की न्यूनतम आयु 21 वर्ष है।
- इस अधिनियम के तहत बाल विवाह एक दंडनीय अपराध है।
- बाल विवाह से पैदा हुए बच्चों को वैध माना जाता है और उनके भरण-पोषण की व्यवस्था की जाती है।
- परिणाम: शिक्षा का अंत, पारिवारिक ज़िम्मेदारियों का बोझ, और शोषण की संभावना।
Source – open

🎒शनिवार Bagless Day Activities
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