School Safety Program : त्योहारों में होने वाले स्वास्थ्य सम्बन्धित जोखिम की जानकारी दी गई, जिसमें संभावित खतरों की पहचान करना, उनसे बचाव के उपाय तय करना और नियमित शिक्षण प्रक्रिया में संस्कृति विकसित करना शामिल है।
School safety Program आपदा प्रबंधन : क्या करें तथा क्या ना करें
यह “सुरक्षित शनिवार” कार्यक्रम का हिस्सा है, त्योहारों में स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों में प्रदूषण (पटाखों से वायु और ध्वनि), अत्यधिक मीठा और तला-भुना भोजन खाने से होने वाली बीमारियां (जैसे गैस्ट्राइटिस, कब्ज, उच्च कोलेस्ट्रॉल), और भीड़-भाड़ में संक्रमण फैलना शामिल हैं। इसके अलावा, कुछ खास त्योहारों से जुड़े जोखिमों में व्रत रखने के कारण निर्जलीकरण और कमजोरी या सड़क यातायात दुर्घटनाएं हो सकती हैं।
प्रदूषण से संबंधित जोखिम
- वायु प्रदूषण: पटाखों से निकलने वाले हानिकारक रसायन जैसे सल्फर डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और हृदय रोगों को गंभीर कर सकते हैं।
- ध्वनि प्रदूषण: तेज आवाज से तनाव, सुनने की क्षमता में कमी और नींद में बाधा आ सकती है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों में।
- श्वसन संबंधी समस्याएं: पटाखों का धुआं सांस की तकलीफ, खांसी और घरघराहट पैदा कर सकता है।
खान-पान से संबंधित जोखिम-
- अत्यधिक मीठा और तला-भुना भोजन: मिठाइयों और तले हुए व्यंजनों में अत्यधिक चीनी, घी, तेल और मैदे की मात्रा गैस्ट्राइटिस, एसिड रिफ्लक्स, कब्ज और उच्च कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याएं पैदा कर सकती है।
- मिलावटी खाद्य पदार्थ: त्योहारों पर बिकने वाली मिठाइयों और खाद्य पदार्थों में मिलावट का जोखिम होता है, जिससे स्वास्थ्य खराब हो सकता है।
अन्य स्वास्थ्य जोखिम-
- संक्रमण का खतरा: भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर सामाजिक दूरी बनाए रखना मुश्किल हो जाता है, जिससे श्वसन संबंधी संक्रमण और अन्य बीमारियाँ फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
- निर्जलीकरण और थकान: कुछ त्योहारों में उपवास या व्रत रखने के कारण निर्जलीकरण (dehydration), सिरदर्द और थकान हो सकती है।
- सड़क दुर्घटनाएं (RTAs): त्योहारों के दौरान यातायात बढ़ने के कारण सड़क दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ जाता है।
यह गतिविधि आपदा जोखिम न्यूनीकरण और प्रबंधन के बारे में बच्चों और विद्यालय समुदाय के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, जो उन्हें सुरक्षित रखने में मदद करती है।
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डेंगू और मलेरिया, दोनों ही मच्छर जनित बीमारियां हैं, जिनसे बचाव के लिए कुछ सामान्य उपाय किये जा सकते हैं। इनमें मच्छरों के प्रजनन को रोकना, खुद को मच्छरों से बचाना और बीमारी के लक्षणों पर ध्यान देना शामिल है।
School safety Program डेंगू और मलेरिया : क्या करें तथा क्या ना करें
रोकथाम और बचाव:
- मच्छरों के प्रजनन को रोकें:
- घरों और आसपास के क्षेत्रों में पानी जमा न होने दें।
- पानी के बर्तन, फूलदान, और अन्य कंटेनरों से पानी खाली करें।
- पुराने टायर, डिब्बे, और अन्य वस्तुओं को हटा दें जो पानी जमा कर सकते हैं।
- मच्छरों से खुद को बचाएं:
- ऐसे कपड़े पहनें जो शरीर को ढकें, जैसे कि लंबी बाजू की शर्ट और पैंट।
- मच्छर भगाने वाली क्रीम (जैसे DEET या picaridin युक्त) का प्रयोग करें।
- मच्छरदानी का उपयोग करें, खासकर सोते समय।
- घर में मच्छर भगाने वाले उपकरणों का उपयोग करें।
- बीमारी के लक्षणों पर ध्यान दें:
- डेंगू और मलेरिया के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, और थकान शामिल हैं।
- यदि आपको ये लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
डेंगू के बारे में अतिरिक्त जानकारी:
- डेंगू एक वायरल बीमारी है जो एडीज मच्छर के काटने से फैलती है।
- डेंगू के गंभीर मामलों में, रक्तस्राव और अंग विफलता हो सकती है।
- डेंगू के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है।
मलेरिया के बारे में अतिरिक्त जानकारी:
- मलेरिया एक परजीवी रोग है जो प्लास्मोडियम परजीवी के कारण होता है।
- मलेरिया के गंभीर मामलों में, मृत्यु हो सकती है, खासकर बच्चों और गर्भवती महिलाओं में।
- मलेरिया के लिए दवाइयां उपलब्ध हैं, और यदि आप मलेरिया प्रभावित क्षेत्र की यात्रा कर रहे हैं, तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
अन्य महत्वपूर्ण सुझाव:
- अपने घर और आसपास के क्षेत्रों को साफ रखें।
- पर्यावरण प्रबंधन उपायों को लागू करें, जैसे कि जल निकासी प्रणालियों में सुधार और अपशिष्ट प्रबंधन।
- स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करें।
- डेंगू और मलेरिया के बारे में जागरूकता बढ़ाएं।
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