Sankul Punargathan : संकुल व्यवस्था 1998 में जब लागू की गई और प्रत्येक संकुल के लिये संकुल समन्वयक का 1 पद स्वीकृत करके उन शालाओं में शिक्षकों का पदांकन किया गया था । संकुल समग्र शिक्षा अंतर्गत शाला संकुल व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण को ध्यान में रखते हुए बनाया गया था | जिसके लिये वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट भारत सरकार, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा सकुलों का पुर्नगठन कर संकुलों के गठन हेतु नियमावली जारी किया गया था।
पोस्ट विवरण
संकुल पुनर्गठन नियमावली
[Sankul Punargathan]
संकुल पुनर्गठन नियमावली | Open |
संकुल पुर्नगठन के संबंध में निर्देश-
- शाला संकुल व्यवस्था के अंतर्गत हायर सेकेण्डरी स्कूल के प्राचार्य को संकुल प्राचार्य घोषित करते हुए उस संकुल शाला की 7 किलोमीटर तक के दायरे में स्थित शालाएँ संकुल प्राचार्य के नियंत्रण में रहने संबंधी निर्देश जारी किये गये हैं |
- दुर्गम क्षेत्र में उच्चतर माध्यमिक विद्यालय न होने पर हाई स्कूल को भी संकुल शाला बनाये जाने का निर्देश है |
- शालाओं की दूरी का निर्धारण संकुल शाला को केन्द्र मानकर सड़क मार्ग से किये जाने का निर्देश है | |
- शाला संकुल के पुर्नगठन में यह ध्यान रखा खे जाने का निर्देश है कि मार्ग में प्राकृतिक एवं अन्य बाधाए ( पहाड़, पुल रहित नदी, राष्ट्रीय राज्यमार्ग, रेल्वे पटरी) का अवरोध न हो।
- पुर्नगठन में इस बात का ध्यान रखा जावे कि प्रत्येक संकुल में कम से कम 07 एवं अधिक से अधिक 10 शालायें ही हो सकती है।
- शाला संकुल का कार्य क्षेत्र विकासखण्ड के अंदर ही होगा।
- संकुल शाला का पहुंच मार्ग सुगम हो इसका भी ध्यान रखा जावे ।
- यदि किसी नवीन संकुल के पुर्नगठन में 02 हाई स्कूल अथवा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय शामिल हो रहे है, तब की स्थिति में पहले स्थापित शाला (पुरानी शाला) को संकुल शाला बनाया जावे।
- दुर्गम क्षेत्र में जहां हाई स्कूल अथवा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की संख्या कम है, उस स्थिति में एक संकुल शाला (हाई स्कूल अथवा हाई सेकेण्डरी) में 02 या 02 से अधिक संकुल सम्मिलित किए जा सकते है।
चन्द्रप्रकाश नायक , जो कि वर्तमान में शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं . अभी आप Edu Depart में नि:शुल्क मुख्य संपादक के तौर पर अपनी सेवा दे रहे हैं .