वेतन विसंगति क्यों और कैसे ?[Why and how pay discrepancy?]
- शिक्षाकर्मी संबंधी 1998 से लेकर अब तक नियुक्ति आदेश निर्देश को
- क्यों और कहाँ हुई है वेतन विसंगति
- शिक्षाकर्मी नाम परिवर्तन, पुनरीक्षित आदेश, समयमान आदेश सब एक ही पोस्ट में
- छठवाँ व सातवाँ वेतनमान के निर्धारण को
वेतन विसंगति क्यों और कैसे ?
शिक्षाकर्मी पद की नियुक्ति 1998 में मध्यप्रदेश राज्य के दौरान शुरू हुई थी जिसके लिये समय समय पर विभिन्न भर्ती नियम बने जिसमें से 5 मुख्य भर्ती नियम हैं…
1.छत्तीसगढ़ पंचायत शिक्षाकर्मी भर्ती नियम-1994 आदेश दिनाँक-30-07-1994👇
📑शिक्षाकर्मी भर्ती नियम-1994
2.छत्तीसगढ़ पंचायत शिक्षाकर्मी भर्ती नियम-1997 आदेश दिनाँक-01-01-1997👇
3.छत्तीसगढ़ पंचायत शिक्षाकर्मी भर्ती नियम-2007 आदेश दिनाँक-29-11-2007👇
4.छत्तीसगढ़ शिक्षक(पंचायत) भर्ती नियम-2012 आदेश दिनाँक-17-08-2012👇
5.छत्तीसगढ़ शिक्षक(पंचायत) संवर्ग भर्ती नियम-2018 आदेश दिनाँक-26-07-2018👇
6.छत्तीसगढ़ शिक्षक(पंचायत) संवर्ग भर्ती नियम-2018 आदेश दिनाँक-26-07-2018👇
📑शिक्षाकर्मी भर्ती नियम-2018(नगरीय निकाय)
2011 में शिक्षाकर्मी शब्द के जगह शिक्षक (पंचायत) करने का आदेश जारी हुआ आदेश दिनाँक–03-11-2011👇
📑शिक्षाकर्मी पदनाम परिवर्तन आदेश
शिक्षाकर्मी वर्ग-1 👉व्याख्याता(पंचायत)
शिक्षाकर्मी वर्ग-2 👉शिक्षक(पंचायत)
शिक्षाकर्मी वर्ग-3 👉सहायक शिक्षक(पंचायत)
शिक्षाकर्मियों के लिये 01-04-2007 से लागू वेतनमान:-
स.क्र. | शिक्षक (पंचायत) संवर्ग | वेतनमान | नियुक्ति कर्ता प्राधिकारी |
01. | व्याख्याता (पंचायत) | रु. 5300-150-8300 | जिला पंचायत की सामान्य सामान्य प्रशासन समिति |
02. | शिक्षक (पंचायत) | रु. 4500-125-7000 | जिला पंचायत की सामान्य सामान्य प्रशासन समिति |
03. | सहायक शिक्षक (पंचायत) | रु. 3800-100-5800 | जिला पंचायत की सामान्य सामान्य प्रशासन समिति |
पुनरीक्षित वेतनमान का निर्धारण-
वेतन विसंगति का मुख्य कारण वर्ष-2013 के शिक्षाकर्मियों के लिये समतुल्य वेतनमान के निर्धारण के समय से शुरु हुआ…
01.05.2013 को शिक्षाकर्मियों के लिये 8 वर्ष पुर्ण करने पर नियमित शिक्षकों के समान “समतुल्य वेतनमान” या “पुनरीक्षित वेतनमान” का निर्धारण किया गया जिसमें 6वाँ वेतनमान के समान वेतन भत्ते दिये गये । उस समय जब पुनरीक्षित वेतनमान का निर्धारण किया गया तो शिक्षाकर्मी भर्ती नियम-2007 के वेतनमान के मूल वेतन का 1.86 गुणांक पर निर्धारण हुआ । पुनरीक्षित वेतनमान का निर्धारण समय मान वेतनमान के आधार पर नहीं बल्कि शिक्षाकर्मी भर्ती नियम-2007 के मूल वेतन के आधार पर किया गया । अब चूँकि-2012 में समयमान वेतनमान देने का आदेश जारी हो चुका था जिसके तहत 7 वर्ष पुर्ण होने पर नया वेतनमान का प्रावधान था जिसका आदेश व वेतनमान नीचे दिये अनुसार है
समयमान वेतनमान आदेश दिनाँक-01-05-2012
स.क्र. | शिक्षक (पंचायत) संवर्ग | समयमान वेतनमान |
01. | व्याख्याता (पंचायत) | रु. 7000-200-30000+अध्यापन भत्ता 4500 |
02. | शिक्षक (पंचायत) | रु. 6000-175-25000+अध्यापन भत्ता 3500 |
03. | सहायक शिक्षक (पंचायत) | रु. 5000-150-20000+अध्यापन भत्ता 2500 |
पुनरीक्षित वेतनमान का निर्धारण समय मान वेतनमान के आधार पर नहीं बल्कि शिक्षाकर्मी भर्ती नियम-2007 के मूल वेतन के आधार पर किया गया ।
पुनरीक्षित वेतनमान के मुलवेतन का निर्धारण –
- वर्ग-3 का वेतनमान=3800-100-5800
- पुनरीक्षित वेतनमान में मूल निर्धारण=4000 पर
- 4000×1.86=7440
- जो कि पुनरीक्षित वेतनमान वर्ग-3 का मूल बना
- जिसको Pay Band 5200-20200 में रखा गया
- और ग्रेड पे 2400 निर्धारित किया गया
- वर्ग-2 का वेतनमान=4500-125-7000
- पुनरीक्षित वेतनमान में मूल निर्धारण=4500 पर
- 4500×1.86=9300
- जो कि पुनरीक्षित वेतनमान वर्ग-2 का मूल बना
- जिसको Pay Band 9300-34800 में रखा गया
- और ग्रेड पे 4200 निर्धारित किया गया
- वर्ग-1 का वेतनमान=5300-150-8300
- पुनरीक्षित वेतनमान में मूल निर्धारण=5500 पर
- 5500×1.86=10230
- जो कि पुनरीक्षित वेतनमान वर्ग-1 का मूल बना
- जिसको Pay Band 9300-34800 में रखा गया
- और ग्रेड पे 4300 निर्धारित किया गया
![वेतन विसंगति क्यों और कैसे ?[Why and how pay discrepancy?] 1 वेतन विसंगति क्यों और कैसे](https://edudepart.com/wp-content/uploads/2021/09/Screenshot_20210917-233942__01-1.jpg)

पे बैंड व ग्रेड पे के अनुसार 01-05-2013 को जारी पुनरीक्षित वेतनमान आदेश दिनाँक:-17-05-2013👇
स.क्र. | शिक्षक (पंचायत) संवर्ग | वर्तमान वेतनमान | पुनरीक्षित वेतनमान |
01. | व्याख्याता (पंचायत) | रु. 5300-150-8300 | रु. 9300-34800+4300 |
02. | शिक्षक (पंचायत) | रु. 4500-125-7000 | रु. 9300-34800+4200 |
03. | सहायक शिक्षक (पंचायत) | रु. 3800-100-5800 | रु. 5200-20200+2400 |
फिर 01 जुलाई 2018 से शिक्षक संवर्ग का संविलियन शिक्षा विभाग में करने का आदेश जारी हुआ जिसके तहत शिक्षक(पंचायत) संवर्ग को 1 जुलाई 2016 से लागू सातवाँ वेतनमान का लाभ संविलियन तिथी 1 जुलाई 2018 लाभ दिया गया, साथ ही शिक्षा विभाग में नया कैडर LB संवर्ग के अन्तर्गत रखा गया,
सातवें वेतनमान में 6वाँ वेतनमान के मूल वेतन व ग्रेड पे को मर्ज कर नया पे बैंड जारी किया गया जिसके तहत…
लेवल-1 से लेवल-7 तक 7वाँ वेतनमान में मूल वेतन का निर्धारण 6वाँ वेतनमान के मूल का 2.57 गुणांक के आधार पर किया गया।
जैसे:-
🎟️सहायक शिक्षक(LB) का मुलवेतन…
7440+2400=9840 ( पुनरीक्षित वेतनमान)
9840×2.57=25288
25288 का निकटतम पूर्ण संख्या सातवाँ वेतनमान का मुल वेतन=25300 हुआ
मौजुदा सहायक शिक्षक (LB) का वेतनमान लेवल-6 पर रखा गया है
️Level-6 (2400) {Pay Band-25300-80500}
और वेतन लेवल 8 से लेवल-11 तक 7वाँ वेतनमान का निर्धारण 6वाँ वेतनमान के मूल का 2.62 गुणांक के आधार पर किया गया।
जिससे शिक्षक(LB) का 7वाँ वेतनमान का मुल वेतन=35400 हुआ
जिससे व्याख्याता(LB) का 7वाँ वेतनमान का मुल वेतन=38100 हुआ
और यही कारण है कि सहायक शिक्षक(LB) का सातवाँ वेतनमान में मूल वेतन लेवल-6 के तहत होने के चलते लेवल-8 व लेवल-9 से कम है…साथ ही इनमें जुड़ने वाले DA एवं अन्य भत्तों के साथ अंतर और बढ़ जाता है।
![वेतन विसंगति क्यों और कैसे ?[Why and how pay discrepancy?] 2 वेतन विसंगति क्यों और कैसे...](https://edudepart.com/wp-content/uploads/2021/09/वेतन-विसंगति-क्यों-और-कैसे.jpg)
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क्या केवल सहायक शिक्षक के वेतन में विसंगति है? समयमान वेतन के आधार पर तीनों वर्गों का वेतन निर्धारित होगा, तीनो वर्गों में वेतन बदलेगा।
लेवल जरूर 6 से 7 हो सकता है। पर उससे 2400 की जगत 2800 ही होगा ग्रेड पे।
विसंगति तीनों वर्गों के वेतनमान में है क्योंकि समयमान के आधार पर तीनों का मूल मौजुदा निर्धारण से ज्यादा था पर वेतन बैंड के निर्धारण से इतना अन्तर आया है…2400, 4200 व 4300 में बहुत अन्तर है…