बहुभाषा शिक्षण हेतु शिक्षक- छात्र संवाद सहायिका
बहुभाषा शिक्षण हेतु शिक्षक- छात्र संवाद सहायिका
बहुभाषी का अर्थ ऐसे व्यक्ति से है जो दो या अधिक भाषाओं का प्रयोग करता है। विश्व में बहुभाषी लोगों की संख्या एकभाषियों की तुलना में बहुत अधिक है। विद्वानों का मत है कि द्विभाषिकता किसी भी व्यक्ति के ज्ञान एवं व्यक्तित्व के विकास के लिये बहुत उपयोगी है।

बहुभाषिकता के लाभ
- अधिक संवाद कौशल
- उच्च भाषाई बोध
- उत्कृष्ट प्रबंधकारी कार्य पद्धति
- अपने परिवेश के अनुरूप ढलना
- अधिक करियर अवसर
- अल्ज़ाइमर / स्मृतिलोप के आरंभ में देर होना
- कुशल बहुकार्यात्मकता
- स्मृति में सुधार
- अतिरिक्त भाषायें सीखने की बढ़ी हुई क्षमता
भारत के सन्दर्भ में बहुभाषिकता
भारत में बहुभाषिकता की स्थिति नयी नहीं है। अपने सांस्कृतिक, व्यापारिक एवं सामाजिक कारणों के फलस्वरूप यहाँ बहुभाषिकता बहुत पहले से मौजूद है। भारत की संस्कृति इतनी समृद्ध है कि लोग यहाँ कहते हैं, ‘‘कोस-कोस पर बदले पानी, चार कोस पर बदले बानी।’’ तकनीकी के प्रभाव के कारण शिक्षा की व्यापकता, महानगरों के उदय एवं संचार माध्यमों का विकास हो रहा है जिस कारण अधिकाधिक व्यक्ति द्विभाषी या बहुभाषी होने की स्थिति को प्राप्त कर रहे हैं। भारत इन सबसे अछूता नहीं है। बहुभाषा-भाषी राष्ट्र होने के कारण यहाँ यह स्थिति पहले से ही थी परन्तु इन सबने इसके इस स्थिति को और समृद्ध किया है।
शिक्षकों से अपेक्षा
शिक्षकों से यह अपेक्षा की जाती है कि उनमें अपनी बहुभाषी कक्षा के बच्चों के द्वारा बोली जाने वाली मातृभाषा के बारे में समझ और सम्मान की भावना का विकास हो, वे बच्चों द्वारा बोली जाने वाली उनकी अपनी भाषा को कक्षा में समानुभूति के साथ सीखने-सिखाने के लिए स्थान दें और अपनी कक्षा की विविधता को समझते हुए बच्चों के ज्ञान के विकास के लिए सहज और रचनात्मक वातावरण प्रदान करने का प्रयास करें।
छत्तीसगढ़ में बहुभाषा शिक्षण हेतु प्रयास
ये तो हम जानते हैं कि छत्तीसगढ़ में विविध बोलियाँ बोली जाती हैं और शुरूआत में कक्षा में छोटे बच्चों को हिंदी बोलने में बहुत दिक्कतें आती है . इसके साथ ही, छात्रों को अपने स्थानीय बोली को समझने और बोलने में आसानी होती है. अतः शिक्षण को बेहतर बनाने के लिए शिक्षकों को चाहिए कि वे अपना निर्देश स्थानीय बोली या भाषा का प्रयोग करें ताकि छोटे बच्चों को स्कूल में सीखने का अच्छा माहौल मिल सके.
इस ओर SCERT RAIPUR ने बेहतरीन कदम उठाये हैं और बहुभाषा शिक्षण पर शिक्षण संदर्शिका जारी किये हैं जिसके लिंक नीचे दिए जा रहे हैं :-
शिक्षक- छात्र संवाद सहायिका व्दिभाषिक हिन्दी -सरगुजिहा
शिक्षक- छात्र संवाद सहायिका व्दिभाषिक हिन्दी -उड़िया (संबलपुरी )
शिक्षक- छात्र संवाद सहायिका व्दिभाषिक हिन्दी -सादरी
शिक्षक- छात्र संवाद सहायिका व्दिभाषिक हिन्दी -उड़िया
शिक्षक- छात्र संवाद सहायिका व्दिभाषिक हिन्दी -कुडुख
शिक्षक- छात्र संवाद सहायिका व्दिभाषिक हिन्दी -कमारी
शिक्षक- छात्र संवाद सहायिका व्दिभाषिक हिन्दी -हल्बी
शिक्षक- छात्र संवाद सहायिका व्दिभाषिक हिन्दी -गोंडी
शिक्षक- छात्र संवाद सहायिका व्दिभाषिक हिन्दी -दोरली
शिक्षक- छात्र संवाद सहायिका व्दिभाषिक हिन्दी -धुरवा
शिक्षक- छात्र संवाद सहायिका व्दिभाषिक हिन्दी -छत्तीसगढ़ी (बिलासपुर/सरगुजा संभाग )
शिक्षक- छात्र संवाद सहायिका व्दिभाषिक हिन्दी -भुंजिया
शिक्षक- छात्र संवाद सहायिका व्दिभाषिक हिन्दी -भतरी
शिक्षक- छात्र संवाद सहायिका व्दिभाषिक हिन्दी -बैगानी
शिक्षक- छात्र संवाद सहायिका व्दिभाषिक हिन्दी -बघेली
शिक्षक- छात्र संवाद सहायिका व्दिभाषिक हिन्दी -बंगला
शिक्षक- छात्र संवाद सहायिका व्दिभाषिक हिन्दी -छत्तीसगढ़ी
शिक्षक- छात्र संवाद सहायिका व्दिभाषिक हिन्दी -गोंडी
शिक्षक- छात्र संवाद सहायिका व्दिभाषिक हिन्दी -माडिया
शिक्षक- छात्र संवाद सहायिका व्दिभाषिक हिन्दी -मराठी
शिक्षक- छात्र संवाद सहायिका व्दिभाषिक हिन्दी -तेलगु
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